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कुत्ते के अवतार में चूहे का मिलना भी अकेलापन दूर करता है!

    • बिलाल एम जाफ़री
    • Updated: 19 जनवरी, 2021 04:29 PM
  • 19 जनवरी, 2021 04:29 PM
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धोखाधड़ी का क्या है? क्या भारत क्या कोई और मुल्क कहीं भी हो सकती है. China को ही ले लीजिये. चीन में एक व्यक्ति ने अकेलापन दूर करने के लिए सस्ते में कुत्ता (Dog) ख़रीदा. लेकिन जैसे जैसे दिन बीते इस कुत्तेनुमा चीज ने ऐसा बहुत कुछ कर दिया जिससे व्यक्ति के होश फाख्ता हो गए. दरअसल, जिसे वो व्यक्ति कुत्ता समझ रहा था वो कुत्ता नहीं बल्कि कुछ और था.

कहावत है महंगा रोए एक बार सस्ता रोए बार बार... सस्ती डील किसे नहीं पसंद? हम हिंदुस्तानी तो सस्ते के इस हद तक दीवाने हैं कि सस्ता मिलने भर की देर है, भले ही सामान घर में भरा हो या फिर उसे रखने का ठिकाना न हो. मगर क्योंकि भविष्य में चार पैसे बच जाएंगे इसलिए सस्ते के शौकीन हमलोग बाजार से सामान उठाकर घर आते हैं. सस्ते समान / चीजें लेने की दीवानगी केवल हिंदुस्तान में नहीं है. दुनिया के तमाम मुल्क जहां जहां मिडिल क्लास आदमी है, वहां वहां लोग सस्ते सामान खरीदने का शौक रखते हैं. मगर इस शौक़ के चलते आदमी को कैसे मुंह की खानी पड़ती है गर जो इसे समझना हो तो हमें चीन का रुख करना चाहिए. चीन का एक व्यक्ति बहुत अकेला था. अपना अकेलापन दूर करने के लिए उसे Pet की तलाश थी. एक दिन उसे अच्छी डील मिली, वो डीलर के पास गया और सस्ते दामों पर एक Puppy उठाकर ले आया. एक आत दिन तो ठीक था. मगर उस व्यक्ति ने नोटिस किया कि जो Puppy वो लाया है उसकी आदतें भले ही कैसी भी रही हों लेकिन उनमें कुत्तों वाला कुछ नहीं था. जैसे ही व्यक्ति अपने 'कुत्ते' और उसकी हरकतों को देखता असहज हो जाता. इसी पशोपेश में उसने इंटरनेट की मदद ली और जो जवाब मिले उसने उसके होश उड़ा दिए.

चीन में व्यक्ति सस्ते में कुत्ता लेने गया था जिसे कुत्ते के नाम पर चूहा पकड़ा दिया गया

मालूम दिया था कि जिसे वो कुत्ते का पिल्ला समझ रहा था असल में वो एक खास किस्म का चूहा है. जिसका नाम बैंबू रैट है. अकेलेकन के नाम पर कुत्ते को विश लिस्ट में रखकर चूहा घर लाने का मामला अपने आप में दिलचस्प है. व्यक्ति जो कि एक ऑफिस वर्कर है, उसने बताया कि वो 'सिंगल' है. दफ्तर से घर आने के बाद अकेलापन उसे काटता था इसलिए उसने सस्ते में कोई छोटा सा पेट घर लाने की सोची. व्यक्ति की ये तलाश पूरी हुई. एक...

कहावत है महंगा रोए एक बार सस्ता रोए बार बार... सस्ती डील किसे नहीं पसंद? हम हिंदुस्तानी तो सस्ते के इस हद तक दीवाने हैं कि सस्ता मिलने भर की देर है, भले ही सामान घर में भरा हो या फिर उसे रखने का ठिकाना न हो. मगर क्योंकि भविष्य में चार पैसे बच जाएंगे इसलिए सस्ते के शौकीन हमलोग बाजार से सामान उठाकर घर आते हैं. सस्ते समान / चीजें लेने की दीवानगी केवल हिंदुस्तान में नहीं है. दुनिया के तमाम मुल्क जहां जहां मिडिल क्लास आदमी है, वहां वहां लोग सस्ते सामान खरीदने का शौक रखते हैं. मगर इस शौक़ के चलते आदमी को कैसे मुंह की खानी पड़ती है गर जो इसे समझना हो तो हमें चीन का रुख करना चाहिए. चीन का एक व्यक्ति बहुत अकेला था. अपना अकेलापन दूर करने के लिए उसे Pet की तलाश थी. एक दिन उसे अच्छी डील मिली, वो डीलर के पास गया और सस्ते दामों पर एक Puppy उठाकर ले आया. एक आत दिन तो ठीक था. मगर उस व्यक्ति ने नोटिस किया कि जो Puppy वो लाया है उसकी आदतें भले ही कैसी भी रही हों लेकिन उनमें कुत्तों वाला कुछ नहीं था. जैसे ही व्यक्ति अपने 'कुत्ते' और उसकी हरकतों को देखता असहज हो जाता. इसी पशोपेश में उसने इंटरनेट की मदद ली और जो जवाब मिले उसने उसके होश उड़ा दिए.

चीन में व्यक्ति सस्ते में कुत्ता लेने गया था जिसे कुत्ते के नाम पर चूहा पकड़ा दिया गया

मालूम दिया था कि जिसे वो कुत्ते का पिल्ला समझ रहा था असल में वो एक खास किस्म का चूहा है. जिसका नाम बैंबू रैट है. अकेलेकन के नाम पर कुत्ते को विश लिस्ट में रखकर चूहा घर लाने का मामला अपने आप में दिलचस्प है. व्यक्ति जो कि एक ऑफिस वर्कर है, उसने बताया कि वो 'सिंगल' है. दफ्तर से घर आने के बाद अकेलापन उसे काटता था इसलिए उसने सस्ते में कोई छोटा सा पेट घर लाने की सोची. व्यक्ति की ये तलाश पूरी हुई. एक स्थानीय डीलर ने ठीक उसके बजट में एक कुत्ता उसे थमा दिया जिसे वो अपने घर ले आया.

शुरुआत में किसी भी अन्य पेट लवर की तरह इस व्यक्ति को भी अपना कुत्ता बड़ा प्यारा और बहुत क्यूट लगा लेकिन जैसे जैसे वो बड़ा हो रहा था व्यक्ति को उसमें कुछ गड़बड़ नजर आ रही थी. जीव न तो कुत्ते की तरह दौड़ता न ही उसकी कोई हरकत कुत्तों के स्वभाव से मिळतो जुलती थी.

व्यक्ति को शक हुआ तो उसने अपने 'कुत्ते' की असलीयत पता लगाने के लिए इंटरनेट की मदद ली. उसने अपने उस कुत्ते की तस्वीरों को इंटरनेट पर डाला और जानकारी जुटानी चाही. इंटरनेट से जो जानकारी हाथ लगी वो चौंकाने वाली थी. वो जीव जिसकी कुत्ते के नाम पर खूब सेवा की जा रही थी दरअसल वो 'Bamboo Rat' था.

बताते चलें कि ये विशालकाय चूहे चीन के अलावा म्यंमार और वियतनाम में भरपूर पाए जाते हैं. वहीं चीन के कुछ हिस्से ऐसे हैं जहां इस चूहे का इस्तेमाल बतौर वीवीआईपी डिश होता है. कुत्ते के नाम पर चूहा मिलने से व्यक्ति बहुत आहत है उसने ये कहकर चूहे से मुक्ति पा ली है कि वो बैंबू रैट की देखभाल नहीं कर सकता.

भले ही पूरा विश्व चीनियों को होशियार मानता है मगर हमारी आपकी तरह ठगी इनके साथ भी खूब हुई है. पूर्व में ऐसे भी मामले आए हैं जहां दक्षिण पश्चिमी प्रोविंस युन्नान में जानवरों के शौकीन महिला को कुत्ते के नाम पर भालू बेचा गया है. महिला ने दो साल तक जिस कुत्ते को 'Tibetian Mastiff समझ कर पाला दरअसल वो एशियाई काला भालू था. इसी तरह बीते साल जून में खबर आई थी कि उत्तर पूर्वी Liaoning में एक व्यक्ति ने लोकल मार्केट से पोमेरेनियन खरीदा जो कि कुत्ता न होकर रैकून था.

बहरहाल इस मामले में व्यक्ति को कुत्ते के नामपर चूहा मिला था. जो बात सोच और कल्पना के परे है. वो ये कि, जब व्यक्ति कुत्ता खरीद रहा था तो उसे कुत्ते और चूहे में फर्क कैसे और क्यों नहीं दिखा? बात एकदम सीधी और साफ़ है. कुत्ता अपने लुक और फीचर के हिसाब से कुत्ता होता है और चूहा, चूहा. इतना समझना बेसिक साइंस है.

खैर इस मामले में कुत्ता इसलिए खरीदा जा रहा था ताकि अकेलापन दूर हो तो कुत्ते के अवतार में सस्ते में चूहे का मिलना अकेलापन इसलिए भी दूर करता है क्योंकि व्यक्ति ने भरपूर रिसर्च की. लोगों से इंटरैक्ट किया। हमें यकीन है उसने जितना भी समय दिया होगा सब अच्छा तो कटा ही होगा साथ ही उसे ज्ञान भी प्रचुर मात्रा में मिला होगा.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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