• होम
  • सियासत
  • समाज
  • स्पोर्ट्स
  • सिनेमा
  • सोशल मीडिया
  • इकोनॉमी
  • ह्यूमर
  • टेक्नोलॉजी
  • वीडियो
होम
ह्यूमर

NCERT: इतिहास की बिगड़ी बिरियानी में डले 'खड़े मसाले' हैं मुग़ल!

    • बिलाल एम जाफ़री
    • Updated: 15 जनवरी, 2021 12:22 PM
  • 15 जनवरी, 2021 12:22 PM
offline
जिस तरह NCERT ने एक RTI का जवाब दिया है उसके बाद मुगलों को लेकर सारी बहस पर विराम लग जाता है. जैसे हालात हैं यदि History पका पकाया खाना है तो उसमें तेज पत्ता, काली मिर्च, बड़ी इलायची और दाल चीनी हैं Akbar, Babur, Jahangir और Aurangzeb जैसे मुग़ल.

लिखने पढ़ने के अलावा जो समय मेरे पास बचता है उसका इस्तेमाल मैं खाने के साथ प्रयोग के लिए करता हूं. अब ख़ुद की तारीफ़ क्या ही करना लेकिन मेरी जो मित्र मंडली है उसे मेरा बनाया हुआ खाना विशेषकर नॉन वेज खासा पसंद हैं. नॉन वेज खाना बिना तेज पत्ते और काली मिर्च के नहीं बनता. मैं भी इनका प्रचुर मात्रा में इस्तेमाल करता हूं लेकिन मेरी एक समस्या है मैं जब भी बाहर खाना खाने जाता हूं अगर मेरी थाली या वो आइटम जिसमें तेज पत्ता और कालीमिर्च आ जाए मुझे फूटी आंख नहीं भाता. भाने का क्या है? मुग़ल भी देश को नहीं भाते. इन दिनों जैसे देश के हालात हैं मुझे लगता है इतिहास अगर मसालेदार करी है तो बाबर, अकबर, जहांगीर औरंगज़ेब ये सब उसमें पड़ी काली मिर्च, बड़ी इलायची, दालचीनी और तेज पत्ता हैं. इन्होंने क्या किया क्या नहीं किया इसपर जैसी जिसकी पॉलिटिकल इडियोलॉजी होगी वैसे तर्क होंगे. चाहे अच्छी रही हों या बुरी अब मुग़ल सल्तनत की उपलब्धियों पर किसी तरह का तर्क करने का इसलिए भी फायदा नहीं है क्योंकि एक RTI में पूछे गए सवालों का जवाब देकर NCERT ने तमाम तरह की बहस पर पूर्ण विराम लगा दिया है. अब आदमी मुग़ल बादशाओं की तारीफ़ करे तो अच्छा न करे तो और भी अच्छा.

NCERT ने एक RTI का जवाब देकर मुगलों से जुड़ी सारी बहस पर विराम लगा दिया है

इस मुग़लों वाले मैटर पर बात करने के लिए हमारे पास ढेर सारा मैटर है लेकिन पहले असली मैटर समझ लीजिए. NCERT की 12 वीं क्लास की हिस्ट्री बुक में एक चैप्टर है थीम्स ऑफ इंडियन हिस्ट्री इसके पार्ट 2 के पेज नंबर 234 के दूसरे पैरा में कुछ बताया गया है जो थोड़ा विवादास्पद है. इसमें मुगल शासकों द्वारा युद्ध के दौरान मंदिर को ढहाए जाने और बाद में मरम्मत कराने की बात लिखी गई है. बस इसी को लेकर शिवांक वर्मा नाम के व्यक्ति ने RTI डालकर इसका सोर्स...

लिखने पढ़ने के अलावा जो समय मेरे पास बचता है उसका इस्तेमाल मैं खाने के साथ प्रयोग के लिए करता हूं. अब ख़ुद की तारीफ़ क्या ही करना लेकिन मेरी जो मित्र मंडली है उसे मेरा बनाया हुआ खाना विशेषकर नॉन वेज खासा पसंद हैं. नॉन वेज खाना बिना तेज पत्ते और काली मिर्च के नहीं बनता. मैं भी इनका प्रचुर मात्रा में इस्तेमाल करता हूं लेकिन मेरी एक समस्या है मैं जब भी बाहर खाना खाने जाता हूं अगर मेरी थाली या वो आइटम जिसमें तेज पत्ता और कालीमिर्च आ जाए मुझे फूटी आंख नहीं भाता. भाने का क्या है? मुग़ल भी देश को नहीं भाते. इन दिनों जैसे देश के हालात हैं मुझे लगता है इतिहास अगर मसालेदार करी है तो बाबर, अकबर, जहांगीर औरंगज़ेब ये सब उसमें पड़ी काली मिर्च, बड़ी इलायची, दालचीनी और तेज पत्ता हैं. इन्होंने क्या किया क्या नहीं किया इसपर जैसी जिसकी पॉलिटिकल इडियोलॉजी होगी वैसे तर्क होंगे. चाहे अच्छी रही हों या बुरी अब मुग़ल सल्तनत की उपलब्धियों पर किसी तरह का तर्क करने का इसलिए भी फायदा नहीं है क्योंकि एक RTI में पूछे गए सवालों का जवाब देकर NCERT ने तमाम तरह की बहस पर पूर्ण विराम लगा दिया है. अब आदमी मुग़ल बादशाओं की तारीफ़ करे तो अच्छा न करे तो और भी अच्छा.

NCERT ने एक RTI का जवाब देकर मुगलों से जुड़ी सारी बहस पर विराम लगा दिया है

इस मुग़लों वाले मैटर पर बात करने के लिए हमारे पास ढेर सारा मैटर है लेकिन पहले असली मैटर समझ लीजिए. NCERT की 12 वीं क्लास की हिस्ट्री बुक में एक चैप्टर है थीम्स ऑफ इंडियन हिस्ट्री इसके पार्ट 2 के पेज नंबर 234 के दूसरे पैरा में कुछ बताया गया है जो थोड़ा विवादास्पद है. इसमें मुगल शासकों द्वारा युद्ध के दौरान मंदिर को ढहाए जाने और बाद में मरम्मत कराने की बात लिखी गई है. बस इसी को लेकर शिवांक वर्मा नाम के व्यक्ति ने RTI डालकर इसका सोर्स पूछा था.

बात और सवाल दोनों अहम हैं तो NCERT का फर्ज बनता था कि वो भी पूछे गए इस अहम सवाल की सही जानकारी दे मगर जो जवाब आया वो हैरत में डालने वाला था. विभाग ने दो टूक कह दिया कि भइया हमें नहीं पता जानकारी के संबंध में फाइल में कोई सूचना उपलब्ध नहीं है.

ऐसे में सवाल ये है कि उठता है कि क्या जो इतिहास हम लोगों ने पढ़ा वो फर्जी था? यदि ऐसा है तो फिर अपनी स्टूडेंट लाइफ में हिस्ट्री का एग्जाम होने पर जो लंबे लंबे उत्तर हमने रटे थे उन उत्तरों के लिए भगवान कभी इन NCERT वालों को माफ नहीं करेगा.

वहीं शिवांक ने अपनी RTI में एक सवाल और किया था. शिवांक ने पूछा था कि औरंगजेब और शाहजहां ने कितने मंदिरों की मरम्मत कराई थी? इस सवाल पर भी एनसीईआरटी का वही जवाब था जो उसने पहले सवाल के जवाब में दिया. 18 नवंबर 2020 को जारी पत्र के अनुसार कहा गया कि मांगी गई सूचना विभाग की फाइलों में उपलब्ध नहीं है. लेटर पर हेड ऑफ डिपार्टमेंट एंड पब्लिक इंफोर्मेशन ऑफिसर प्रो. गौरी श्रीवास्तव के साइन हैं.

मुग़लों को कभी इस देश ने हल्के में नहीं लिया. इस बार भी नहीं लिया गया. मामला ट्विटर पर आना था तो आ ही गया. जैसी प्रतिक्रिया लोग दे रहे हैं उनका इतिहास से कोई लेना देना नहीं है. मामला 24 कैरेट पॉलिटिकल है.

विषय पर लोगों के अधकचरे तर्कों को चाहे वो पक्ष में हों या विपक्ष में बस हंसी आती है कि इतना ही समझ में आता है कि अब वो वक़्त आ गया है जब हिंदुस्तान के इतिहास से मुग़लों को निकाल कर उस स्थान पर फिट कर दिया जाए जो न सिर्फ लोगों का मनोरंजन करें बल्कि उनके चेहरे पर विजय मुस्कान लाए.

इन तमाम बातों जे बाद अगर बात अगर हुमायूं, अकबर बाबर, अकबर, औरंगजेब, जहांगीर की हो तो ये वो खड़े मसाले हैं जो खाने को भले ही फ्लेवर दे दें मगर जिनकी खाना बनने के बाद कोई ज़रूरत नहीं होती और बस उन्हें प्लेट से निकाल कर डस्ट बिन में फेंक दिया जाता है.

एक ऐसे समय में जब एक देश के रूप में भारत और हम भारतीय मुग़ल शासकों को खड़े मसाले से भी ज्यादा बदतर मान चुके हों. हम बस इतना कहकर अपनी बातों को विराम देंगे कि. हमारे देश यानी भारत में मुग़लों का योगदान बस यही है कि उन बेचारों ने हम भारतीयों को बतकही और ट्विटर पर ट्रेंडिंग टॉपिक चलाने के लिए अपने रूप में फ़ोकट का एक टॉपिक दिया है. जायका लेते रहिये और जब मन भर जाए तो उठाकर फ़ेंक दीजिये.

ये भी पढ़ें -

Qatra Released: करिश्मा के वीडियो ने Patriarchy को चुनौती तो दी लेकिन झोल के साथ!

गुजरात: संक्रांति पर छतों की निगरानी का फैसला कटी पतंग जैसा

Ranbir Kapoor, क्या हर आशिक आशावादी होता है, जिसे Get Lost में भी उम्मीद दिखती है!

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

ये भी पढ़ें

Read more!

संबंधि‍त ख़बरें

  • offline
    टमाटर को गायब कर छुट्टी पर भेज देना बर्गर किंग का ग्राहकों को धोखा है!
  • offline
    फेसबुक और PubG से न घर बसा और न ज़िंदगी गुलज़ार हुई, दोष हमारा है
  • offline
    टमाटर को हमेशा हल्के में लिया, अब जो है सामने वो बेवफाओं से उसका इंतकाम है!
  • offline
    अंबानी ने दोस्त को 1500 करोड़ का घर दे दिया, अपने साथी पहनने को शर्ट तक नहीं देते
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.

Read :

  • Facebook
  • Twitter

what is Ichowk :

  • About
  • Team
  • Contact
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.
▲