• होम
  • सियासत
  • समाज
  • स्पोर्ट्स
  • सिनेमा
  • सोशल मीडिया
  • इकोनॉमी
  • ह्यूमर
  • टेक्नोलॉजी
  • वीडियो
होम
इकोनॉमी

रिलायंस Vs अमेजन: मुकेश अंबानी लाएंगे ईकॉमर्स वाली क्रांति?

    • श्रुति दीक्षित
    • Updated: 26 जनवरी, 2019 06:42 PM
  • 26 जनवरी, 2019 06:42 PM
offline
वाइब्रेंट गुजरात 2019 के मौके पर मुकेश अंबानी ने रिलायंस के ईकॉमर्स मार्केट में उतरने की बात कही. क्या मान लिया जाए कि आने वाले समय में अमेजन को टक्कर देने के लिए स्वदेशी वेबसाइट की तैयारी शुरू हो गई है?

भारतीय ईकॉमर्स बिजनेस कुछ ही दिनों में बदलने वाला है. बदलाव भी कुछ ऐसा वैसा नहीं बल्कि बड़े स्तर पर. ऐसा हो सकता है कि आने वाले समय में टेलिकॉम 4G जैसी कोई क्रांति ईकॉमर्स सेक्टर में भी हो जाए. ये मेरी भविष्यवाणी नहीं है बल्कि ये तो मुकेश अंबानी की अपनी सोच है. हाल ही में वाइब्रेंट गुजरात समारोह में रिलायंस चेयरमैन मुकेश अंबानी ने ये ऐलान किया कि वो जल्द ही ईकॉमर्स बिजनेस में आने वाले हैं.

उनका आइडिया बहुत आसान लग रहा है. रिलायंस ऑफलाइन स्टोर और रिलायंस जियो के ऑनलाइन यूजर बेस को मिला दिया जाए. शुरुआत ही बड़े से होगी यानी 12 लाख रिटेलर्स तो सिर्फ गुजरात में ही इसका हिस्सा बन सकेंगे.

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो इस ईकॉमर्स बिजनेस की शुरुआत इसी साल अप्रैल-मई से होगी. अगर इस बिजनेस के आंकड़ों की बात करें तो रिलायंस इंडस्ट्रीज की पहुंच वैसे भी बहुत से लोगों तक है. जियो का यूजर बेस 280 मिलियन सब्सक्राइबर है और रिलायंस के पास पहले से ही 10 हज़ार से ज्यादा अलग-अलग स्टोर्स हैं. इसी के साथ, कंपनी उन लाखों दुकानों का भी इस्तेमाल ऑर्डर पहुंचाने के लिए कर सकती है जो जियो कनेक्शन बेचती हैं. ऐसे में छोटे शहरों का काम चल सकता है. अगर सुविधाओं और बिजनेस की शुरुआत की बात करें तो रिलायंस के पास किसी चीज़ की कमी नहीं है. तो ये मुमकिन है कि रिलायंस कंपनी जियो की तरह ईकॉमर्स की शुरुआत भी धमाकेदार करे और यूजर्स को बहुत सारे ऑफर दे.

वाइब्रेंट गुजरात 2019 में रिलायंस चेयरमैन मुकेश अंबानी ने कहा कि रिलायंस ईकॉमर्स सेक्टर में आ सकता है.

पिछले कुछ महीनों से लगातार मीडिया रिपोर्ट्स इस बारे में बात कर रही हैं कि रिलायंस इंडस्ट्री अमेजन और फ्लिपकार्ट (वालमार्ट) से टक्कर लेने के लिए ईकॉमर्स बिजनेस में उतर सकती है. अब मुकेश अंबानी के बयान...

भारतीय ईकॉमर्स बिजनेस कुछ ही दिनों में बदलने वाला है. बदलाव भी कुछ ऐसा वैसा नहीं बल्कि बड़े स्तर पर. ऐसा हो सकता है कि आने वाले समय में टेलिकॉम 4G जैसी कोई क्रांति ईकॉमर्स सेक्टर में भी हो जाए. ये मेरी भविष्यवाणी नहीं है बल्कि ये तो मुकेश अंबानी की अपनी सोच है. हाल ही में वाइब्रेंट गुजरात समारोह में रिलायंस चेयरमैन मुकेश अंबानी ने ये ऐलान किया कि वो जल्द ही ईकॉमर्स बिजनेस में आने वाले हैं.

उनका आइडिया बहुत आसान लग रहा है. रिलायंस ऑफलाइन स्टोर और रिलायंस जियो के ऑनलाइन यूजर बेस को मिला दिया जाए. शुरुआत ही बड़े से होगी यानी 12 लाख रिटेलर्स तो सिर्फ गुजरात में ही इसका हिस्सा बन सकेंगे.

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो इस ईकॉमर्स बिजनेस की शुरुआत इसी साल अप्रैल-मई से होगी. अगर इस बिजनेस के आंकड़ों की बात करें तो रिलायंस इंडस्ट्रीज की पहुंच वैसे भी बहुत से लोगों तक है. जियो का यूजर बेस 280 मिलियन सब्सक्राइबर है और रिलायंस के पास पहले से ही 10 हज़ार से ज्यादा अलग-अलग स्टोर्स हैं. इसी के साथ, कंपनी उन लाखों दुकानों का भी इस्तेमाल ऑर्डर पहुंचाने के लिए कर सकती है जो जियो कनेक्शन बेचती हैं. ऐसे में छोटे शहरों का काम चल सकता है. अगर सुविधाओं और बिजनेस की शुरुआत की बात करें तो रिलायंस के पास किसी चीज़ की कमी नहीं है. तो ये मुमकिन है कि रिलायंस कंपनी जियो की तरह ईकॉमर्स की शुरुआत भी धमाकेदार करे और यूजर्स को बहुत सारे ऑफर दे.

वाइब्रेंट गुजरात 2019 में रिलायंस चेयरमैन मुकेश अंबानी ने कहा कि रिलायंस ईकॉमर्स सेक्टर में आ सकता है.

पिछले कुछ महीनों से लगातार मीडिया रिपोर्ट्स इस बारे में बात कर रही हैं कि रिलायंस इंडस्ट्री अमेजन और फ्लिपकार्ट (वालमार्ट) से टक्कर लेने के लिए ईकॉमर्स बिजनेस में उतर सकती है. अब मुकेश अंबानी के बयान के बाद ये तय हो गया है.

क्यों इसे बेहतर कदम माना जा सकता है?

- पिछले कुछ समय से सरकार ने कई स्कीम बदली हैं जिससे भारतीय ईकॉमर्स प्लेटफॉर्म विदेशियों के हाथ में जाने से बचे.- अगर ईकॉमर्स प्लेटफॉर्म भारतीय होगा तो डेटा चोरी की जो बहस चल रही है वो बंद हो सकती है. - भारतीय ईकॉर्मस प्लेटफॉर्म में डिस्काउंट और सेल के साथ-साथ सबसे कम दाम वाला सिस्टम भी चल सकता है. ये उसी तरह की बात होगी जैसे जियो के साथ टेलिकॉम सेक्टर में हुई थी. इससे ग्राहकों को फायदा होगा.

पर, क्या जियो की तरह क्रांति आ सकती है?

रिलायंस इस बिजनेस में कितना सफल हो पाता है ये तो नहीं कहा जा सकता, लेकिन इसका असर अमेजन और फ्लिपकार्ट जैसी वेबसाइट्स पर जरूर पड़ेगा. प्रोडक्ट डिस्काउंट, बेचने का तरीका, विज्ञापन और वेराइटी सभी बातों पर टक्कर देने वाला एक बड़ा प्लेयर ईकॉमर्स मार्केट में हिस्सा ले लेगा. मुकेश अंबानी खुद भी कह चुके हैं कि रिलायंस ईकॉमर्स की टक्कर सीधे तौर पर अमेजन और फ्लिपकार्ट से ही होगी. जहां तक भारतीय ईकॉमर्स सेक्टर का सवाल है तो यहां Snapdeal, shopclues, Infibeam, chroma, Jabong जैसे ईरिटेलर्स साइडलाइन ही हैं और ज्यादा बड़ा बिजनेस अमेजन और फ्लिपकार्ट का है.

पर रिलायंस किस मामले में फायदे में रहेगा?

सबसे बड़ा फायदा जो रिलायंस को होगा वो ये कि उसपर FDI के नियम लागू नहीं होंगे. उदाहरण के तौर पर फ्लिपकार्ट सिंगापुर स्थित कंपनी थी जिसे अब वॉलमार्ट ने खरीद लिया है, अमेजन भी विदेशी कंपनी ही है. FDI के नियम कहते हैं कि नॉन इंडियन कंपनी अपनी पेरेंट कंपनी पर अपने प्रोडक्ट्स सीधे नहीं बेच सकती है. यानी ऐसा कोई भी प्रोडक्ट जिसमें अमेजन और फ्लिपकार्ट का इक्विटी शेयर हो वो इन दोनों कंपनियों के प्लेटफॉर्म पर बेचा नहीं जा सकता. उन्हें सामान आउटसोर्स करके ही बेचना होगा जो भारतीय व्यापारियों द्वारा आया हो. साथ ही, वो किसी प्रोडक्ट्स पर भारी डिस्काउंट के साथ विज्ञापन भी नहीं दिखा सकती है. पहले जहां किसी बड़ी सेल के विज्ञापन में कई प्रोडक्ट्स दिखते थे अब वहां सिर्फ सेल का नाम दिखता है.

ये नियम रिलायंस पर लागू नहीं होते हैं. ये कारण है कि रिलायंस अपने कपड़ों के ब्रांड Ajio और रिलायंस ट्रेंड्स, रिलायंस फ्रेश के प्रोडक्ट्स, रिलायंस स्टोर के प्रोडक्ट्स आदि सब कुछ अपने ईकॉमर्स प्लेटफॉर्म पर बेच पाएगी. यहां न सिर्फ कंपनी को फायदा होगा बल्कि यूजर्स को भी फायदा होगा क्योंकि इससे काफी बड़ी वेराइटी मिलेगी.

रिलायंस कंपनी 12 लाख सेलर्स गुजरात से और लगभग 3 करोड़ सेलर्स पूरे हिंदुस्तान से एक साथ लेकर आएगी और खुद की कंपनी के प्रोडक्ट्स भी बेचेगी. आईटी सेक्‍टर की कंपनी infosys technologies के पूर्व मुख्य वित्त अधिकारी मोहन पई के मुताबिक ऑनलाइन मार्केट में रिलायंस इंडस्ट्रीज के कदम रखने से लागत घटेगी और उपभोक्ताओं को बड़ा लाभ होगा.

पर रिलायंस के लिए करिश्मा कर पाना उतना आसान भी नहीं-

भले ही नियम और माहौल दोनों रिलायंस के साथ हों, लेकिन फिर भी इसके पहले रिलायंस इकॉमर्स मार्केट में उतर चुकी है, लेकिन कुछ खास रिस्पॉनस नहीं मिला. रिलायंस ब्रांड Ajio के कपड़े भी रिलायंस ट्रेंड स्टोर में मिलते हैं, लेकिन फिर भी इसे लेकर कुछ खास कमाल रिलायंस कंपनी दिखा नहीं पाई है. Ajio के प्रतिद्वंद्वी जैसे Myntra ज्यादा बेहतर बिजनेस करते हैं.

जहां तक ऑफलाइन स्टोर का हाल है तो रिलायंस फ्रेश और रिलायंस ट्रेंड जैसे स्टोर्स भी अपने बड़े प्रतिद्वंद्वी जैसे बिग बाजार, शॉपर्स स्टॉप, पैंटालून्स, लाइफस्टाइल के आगे थोड़े फीके पड़ जाते हैं. ऐसे में ये कह देना कि ये बिजनेस रिलायंस के लिए एकदम आसान होगा ये सही नहीं है. हां, मुनाफा जरूर होगा, लेकिन किस लेवल तक प्रतिद्वंद्वियों को हरा पाते हैं ये सोचने वाली बात होगी.

क्या जीता जा सकता है अमेजन और फ्लिपकार्ट का किला?

हां, बिलकुल. रिलायंस कंपनी जरूर भारतीय ईकॉमर्स बिजनेस में भूचाल ला सकती है. टाटा और फ्यूचरग्रुप जैसी कंपनियां पहले ही इस खेल में काफी आगे निकल चुकी हैं, लेकिन फिर भी अगर देखा जाए तो रिलायंस के पास इन ग्रुप्स से बेहद ज्यादा बड़ा कस्टमर बेस है. साथ ही, मुकेश अंबानी की बिजनेस समझ की बात करें तो ये यकीनन कम नहीं है. हो सकता है कि रिलायंस कंपनी ने अभी तक अपना प्रॉफिट मेकिंग मॉडल तैयार कर लिया हो.

रिलायंस के पास इतने सोर्स हैं कि आसानी से ईकॉमर्स सेक्टर में आगे बढ़ सकती है कंपनी

रिलायंस जब भी कुछ नया लॉन्च करता है तो वो ऐसा होता है जो आम मिडिल क्लास ग्राहकों के लिए आसानी से उपलब्ध और किफायती हो. ऐसे में ईकॉमर्स मार्केट जो अभी भी बहुत डाइनैमिक है उसमें रिलायंस का आना कहीं न कहीं जियो वाली प्राइज वॉर की झलक दे सकता है. रिलायंस के पास फंड्स हैं और वो डिस्काउंट भी दे सकता है और बहुत बड़ी वेराइटी भी दे सकता है, लेकिन क्या अहम है फिलहाल ईकॉमर्स में?

सबसे बड़ी कमी जिसे रिलायंस पूरा कर सकता है...

ईकॉमर्स सेक्टर में अभी सबसे बड़ी कमी है फास्ट डिलिवरी की. फ्लिपकार्ट, अमेजन से ऑर्डर किया हुआ सामान 4-5 दिन बाद आता है. ऐसे में अगर रिलायंस सिंगल डे डिलिवरी वाला कारनामा कर देता है तो यकीनन ये कहना गलत नहीं होगा कि वो ईकॉमर्स इंडस्ट्री में भी जियो वाली क्रांति ला सकता है.

रिलायंस फ्रेश, रिलायंस ट्रेंड, रिलायंस डिजिटल, जियो आउटलेट्स मिलाकर लाखों रिटेल स्टोर्स हैं जो गोदाम का काम कर सकते हैं और बड़े से लेकर छोटे शहरों तक सभी जगह ऑर्डर करने के एक दिन के अंदर ही सामान आ सकता है.

वैसे तो अभी रिलायंस ईकॉमर्स की सिर्फ बात हुई है, जब ये आएगा तो यकीनन बहुत कुछ होगा इसके पास देने के लिए.

ये भी पढ़ें-

कुछ वेबसाइटों को ब्‍लॉक करके जियो बना 'संस्‍कारी'

Jio पर पोर्न बैन के बाद पता चला कि यूजर्स पर शक गलत था


इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

ये भी पढ़ें

Read more!

संबंधि‍त ख़बरें

  • offline
    Union Budget 2024: बजट में रक्षा क्षेत्र के साथ हुआ न्याय
  • offline
    Online Gaming Industry: सब धान बाईस पसेरी समझकर 28% GST लगा दिया!
  • offline
    कॉफी से अच्छी तो चाय निकली, जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वॉर्मिंग दोनों से एडजस्ट कर लिया!
  • offline
    राहुल का 51 मिनट का भाषण, 51 घंटे से पहले ही अडानी ने लगाई छलांग; 1 दिन में मस्क से दोगुना कमाया
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.

Read :

  • Facebook
  • Twitter

what is Ichowk :

  • About
  • Team
  • Contact
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.
▲