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इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक के बारे में वो सब कुछ जो आपको पता होना चाहिए

    • अनुज मौर्या
    • Updated: 03 सितम्बर, 2018 05:21 PM
  • 03 सितम्बर, 2018 05:19 PM
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डाकिए के जरिए हर गांव और हर घर में डिजिटल बैंकिंग पहुंचाने की शुरुआत तो हो गई है, लेकिन इसे लेकर लोगों में तरह-तरह के कंफ्यूजन भी हैं. चलिए हम आपको बताते हैं इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक के बारे में सब कुछ.

हर घर तक बैंकिंग सेवा पहुंचाने के उद्देश्य से शनिवार को इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक (IPPB) की शुरुआत कर दी गई है. इसकी लॉन्चिंग खुद पीएम मोदी ने की है. फिलहाल IPPB की शुरुआत 650 डाकघरों और 3,250 एक्सेस प्वाइंट्स से की गई है. संचार मंत्रालय ने कहा है कि साल के अंत तक एक्सेस प्वाइंट की संख्या बढ़ाकर 1.55 लाख कर दी जाएगी, जिसमें से 1.30 लाख शाखाएं गांवों में होंगी. यानी एक बात तो साफ है, कि इस सुविधा से सरकार ग्रामीणों को बैंकिंग की सुविधा देना चाह रही है. लेकिन डाकिए के जरिए हर गांव और हर घर में डिजिटल बैंकिंग पहुंचाने के मकसद से शुरू किए गए IPPB को लेकर लोगों में तरह-तरह के कंफ्यूजन भी हैं. तो चलिए हम आपको बताते हैं इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक के बारे में सब कुछ.

फिलहाल IPPB की शुरुआत 650 डाकघरों और 3,250 एक्सेस प्वाइंट्स से की गई है.

कितने तरह के अकाउंट?

IPPB के तहत सेविंग अकाउंट और करंट अकाउंट खोला जा सकता है. करंट अकाउंट खुलवाने के लिए आपको डाकघर या एक्सेस प्वाइंट जाना होगा. सेविंग अकाउंट दो तरीकों से खुल सकता है. पहला तो डाकघर या एक्सेस प्वाइंट पर जाकर, जिसे रेगुलर सेविंग अकाउंट कहेंगे और दूसरा मोबाइल ऐप के जरिए, जो डिजिटल सेविंग अकाउंट के नाम से जाना जाता है. यहां ध्यान देने वाली बात ये है कि डिजिटल सेविंग अकाउंट को साल भर के अंदर रेगुलर सेविंग अकाउंट में बदलवाना होगा, वरना आपका खाता बंद हो जाएगा. सभी सेविंग खातों पर आपको 4 फीसदी की दर से ब्याज मिलेगा.

कैसे खोले जाएंगे अकाउंट?

IPPB के लिए सबसे जरूरी तो है आधार कार्ड. यानी अगर आपके पास आधार नहीं है तो आपको इस बैंक में अकाउंट खुलवाने में बहुत दिक्कत होगी. दरअसल, इस अकाउंट को खुलवाने में बायोमीट्रिक वेरिफिकेशन जरूरी है. डिजिटल सेविंग अकाउंट में सिर्फ आधार नंबर और ओटीपी...

हर घर तक बैंकिंग सेवा पहुंचाने के उद्देश्य से शनिवार को इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक (IPPB) की शुरुआत कर दी गई है. इसकी लॉन्चिंग खुद पीएम मोदी ने की है. फिलहाल IPPB की शुरुआत 650 डाकघरों और 3,250 एक्सेस प्वाइंट्स से की गई है. संचार मंत्रालय ने कहा है कि साल के अंत तक एक्सेस प्वाइंट की संख्या बढ़ाकर 1.55 लाख कर दी जाएगी, जिसमें से 1.30 लाख शाखाएं गांवों में होंगी. यानी एक बात तो साफ है, कि इस सुविधा से सरकार ग्रामीणों को बैंकिंग की सुविधा देना चाह रही है. लेकिन डाकिए के जरिए हर गांव और हर घर में डिजिटल बैंकिंग पहुंचाने के मकसद से शुरू किए गए IPPB को लेकर लोगों में तरह-तरह के कंफ्यूजन भी हैं. तो चलिए हम आपको बताते हैं इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक के बारे में सब कुछ.

फिलहाल IPPB की शुरुआत 650 डाकघरों और 3,250 एक्सेस प्वाइंट्स से की गई है.

कितने तरह के अकाउंट?

IPPB के तहत सेविंग अकाउंट और करंट अकाउंट खोला जा सकता है. करंट अकाउंट खुलवाने के लिए आपको डाकघर या एक्सेस प्वाइंट जाना होगा. सेविंग अकाउंट दो तरीकों से खुल सकता है. पहला तो डाकघर या एक्सेस प्वाइंट पर जाकर, जिसे रेगुलर सेविंग अकाउंट कहेंगे और दूसरा मोबाइल ऐप के जरिए, जो डिजिटल सेविंग अकाउंट के नाम से जाना जाता है. यहां ध्यान देने वाली बात ये है कि डिजिटल सेविंग अकाउंट को साल भर के अंदर रेगुलर सेविंग अकाउंट में बदलवाना होगा, वरना आपका खाता बंद हो जाएगा. सभी सेविंग खातों पर आपको 4 फीसदी की दर से ब्याज मिलेगा.

कैसे खोले जाएंगे अकाउंट?

IPPB के लिए सबसे जरूरी तो है आधार कार्ड. यानी अगर आपके पास आधार नहीं है तो आपको इस बैंक में अकाउंट खुलवाने में बहुत दिक्कत होगी. दरअसल, इस अकाउंट को खुलवाने में बायोमीट्रिक वेरिफिकेशन जरूरी है. डिजिटल सेविंग अकाउंट में सिर्फ आधार नंबर और ओटीपी के जरिए ही खाता खुल तो जाएगा, लेकिन साल भर के अंदर-अंदर बायोमीट्रिक वेरिफिकेशन करवाना जरूरी है, वरना खाता बंद हो जाएगा. आधार के अलावा पैन कार्ड या फॉर्म 60 दिखाना जरूरी है.

ये हैं इस बैंक के फायदे

जैसा कि इस बैंक की शुरुआत लोगों को डिजिटल बैंकिंग से जोड़ने के लिए की गई है, तो इसमें आपको मोबाइल बैंकिंग और इंटरनेट बैंकिंग की सुविधा मिलेगी. आप बिलों के भुगतान कर सकते हैं. IMPS और अन्य माध्यमों के जरिए पैसे ट्रांसफर कर सकते हैं. इसके अलावा आप घर बैठे-बैठे बैंकिंग सुविधाएं ले सकते हैं, हालांकि इसके लिए आपको 15-25 रुपए तक की फीस चुकानी होगी. इस बैंक के खाते में आपको कोई मिनिमम बैलेंस रखने की जरूरत नहीं है यानी जीरो बैलेंस पर भी यह अकाउंट बंद नहीं होगा.

नुकसान पर भी डालिए एक नजर

इस बैंक में खोले गए खाते में आप अधिकतम 1 लाख रुपए ही जमा कर सकते हैं. इसके अलावा आप बैंक में दो खाते भी नहीं खोल सकते, ना ही कोई ज्वाइंट खाता खोल सकते हैं. इतना ही नहीं, इस बैंक का आपको कोई डेबिट कार्ड या एटीएम कार्ड भी नहीं मिलेगा. यानी पैसे निकालने के लिए आपको बैंक ही जाना पड़ेगा. इस बैंक से आपको न तो कोई क्रेडिट कार्ड दिया जाएगा, ना ही बैंक से आप कोई कर्ज ले सकते हैं. बैंक की एक बड़ी कमी ये है कि इसमें सेविंग अकाउंट वालों को चेक भी नहीं मिलेगा. चेक बुक सिर्फ करंट अकाउंट के खाताधारकों को दी जाएगी. इस बैंक में आपको डिमांड ड्राफ्ट भी जारी नहीं किया जाएगा. बैंक की तरफ से आपको एक क्यूआर कार्ड दिया जाएगा, जिससे आपके खाते की पहचान होगी.

ये क्यूआर कार्ड क्या है?

क्यूआर कार्ड आपके खाते की डिजिटल पहचान है, जिसमें क्यूआर कोड या बार कोड होगा. इस कार्ड का इस्तेमाल करके ही आप पोस्ट ऑफिस में कोई ट्रांजेक्शन कर पाएंगे. इसकी मदद से आप तेजी से पैसे ट्रांसफर कर सकते हैं, बिल का भुगतान कर सकते हैं और कैशलेस शॉपिंग कर सकते हैं. पहली बार तो आपको अपने खाते के साथ यह कार्ड मुफ्त में मिलेगा, लेकिन अगर ये खो जाता है तो नया कार्ड बनवाने के लिए आपको 25 रुपए का भुगतान करना होगा.

इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक के बहुत से फायदे भी हैं और नुकसान भी, लेकिन हर गांव तक बैंकिंग को पहुंचाने में यह काफी मददगार साबित होगा. अगर आपको किसी भी तरह की दिक्कत होती है, तो उसके लिए सरकार ने टोल फ्री नंबर (155299) भी जारी किया है. मोदी सरकार ने इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक की शुरुआत लोकसभा चुनावों से ठीक पहले की है. अब ये देखना दिलचस्प होगा कि चुनावों में इसका फायदा मिलता है या नहीं, क्योंकि नोटबंदी और डीजल-पेट्रोल की बढ़ती कीमतों ने लोगों के मन में काफी नाराजगी पैदा की है. ये बैंक लोगों के जख्मों पर मरहम का काम करता है या नहीं, ये लोकसभा चुनाव के नतीजे देखकर साफ हो जाएगा.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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