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Budget 2018 : आम आदमी के लिए सरकार का ये प्लान अच्छा है, मगर कहीं फिर धोखा न हो जाए

    • बिलाल एम जाफ़री
    • Updated: 07 जनवरी, 2018 12:34 PM
  • 07 जनवरी, 2018 12:34 PM
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सरकार टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए बजट में कुछ बड़ा फेरबदल करने वाली है. मगर जब इस बात को सरकार के पिछले वादों को ध्यान में रखकर देखें तो मिल रहा है कि आज कही ये बात कहीं सिर्फ चर्चा बनकर न रह जाए.

एक खबर लोगों के बीच चर्चा का केन्द्र बनी है. खबर के अनुसार अगले माह पेश होने वाले बजट में भारत सरकार एक ऐसा फैसला लेने वाली है जो इस देश के लोगों के लिए बड़ा फायदेमंद साबित होने वाला है. सरकार टूरिज्म इंडस्ट्री को बढ़ाबा देने और टूरिज्म की अपर संभावनाओं को ध्यान में रखकर होटल और फ्लाइट्स की टैक्स दरों में कटौती करने की प्लानिंग कर रही है.

बताया जा रहा है कि इन सब के लिए सरकार 210 अरब की प्रोत्साहन राशि रखने वाली है. जी हां बिल्कुल सही सुना आपने. बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी और लगातार गिर रही जीडीपी जैसी जैसे मुद्दों पर लगातार विपक्ष की आलोचना सह रही सरकार को महसूस हो रहा है कि यदि वो इस फैसले पर अमल करती है तो आने वाले समय में देश के लाखों युवाओं को रोजगार मिलेगा साथ ही इससे घरेलू पर्यटन में शानदार सफलता देखने को मिलेगी.

एक नागरिक के तौर पर हमें ये आशा है कि सरकार अपने इस फैसले को भविष्य में जरूर अमली जामा पहनाएगी

हो सकता है आप इसे एक आम खबर समझकर नकार दें मगर जब हम आपसे ये कहें कि ये खबर इस देश के अरबों मध्यम वर्गीय परिवारों को प्रभावित करेगी तो इस खबर का खास होना अपने आप में रोचक हो जाता है. जी हां बिल्कुल सही सुन रहे हैं आप. यदि सरकार अपने इस प्लान को सिर्फ फाइलों के कागज तक सीमित न रखे और अमली जामा पहनाए. तो इससे इस देश के ऐसे करोड़ों परिवार प्रभावित होंगे जो छुट्टी तो मनाना चाहते हैं, मगर जो होटल के बड़े बड़े बिलों और फ्लाइट्स के टिकेट के रेट सुनकर दांतों तले अंगुली दबा लेते हैं. सरकार का मानना है कि उसकी इस पहल से आम भारतीयों के रहने के तौर तरीकों और खर्च करने की आदतों पर फर्क पड़ेगा.

ज्ञात हो कि गत वर्ष सरकार ने कई फ्लाइटों के रूट बढ़ाए थे जिससे हवाई सेवाओं में बढ़ोतरी दर्ज की गई थी. समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक वित्त...

एक खबर लोगों के बीच चर्चा का केन्द्र बनी है. खबर के अनुसार अगले माह पेश होने वाले बजट में भारत सरकार एक ऐसा फैसला लेने वाली है जो इस देश के लोगों के लिए बड़ा फायदेमंद साबित होने वाला है. सरकार टूरिज्म इंडस्ट्री को बढ़ाबा देने और टूरिज्म की अपर संभावनाओं को ध्यान में रखकर होटल और फ्लाइट्स की टैक्स दरों में कटौती करने की प्लानिंग कर रही है.

बताया जा रहा है कि इन सब के लिए सरकार 210 अरब की प्रोत्साहन राशि रखने वाली है. जी हां बिल्कुल सही सुना आपने. बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी और लगातार गिर रही जीडीपी जैसी जैसे मुद्दों पर लगातार विपक्ष की आलोचना सह रही सरकार को महसूस हो रहा है कि यदि वो इस फैसले पर अमल करती है तो आने वाले समय में देश के लाखों युवाओं को रोजगार मिलेगा साथ ही इससे घरेलू पर्यटन में शानदार सफलता देखने को मिलेगी.

एक नागरिक के तौर पर हमें ये आशा है कि सरकार अपने इस फैसले को भविष्य में जरूर अमली जामा पहनाएगी

हो सकता है आप इसे एक आम खबर समझकर नकार दें मगर जब हम आपसे ये कहें कि ये खबर इस देश के अरबों मध्यम वर्गीय परिवारों को प्रभावित करेगी तो इस खबर का खास होना अपने आप में रोचक हो जाता है. जी हां बिल्कुल सही सुन रहे हैं आप. यदि सरकार अपने इस प्लान को सिर्फ फाइलों के कागज तक सीमित न रखे और अमली जामा पहनाए. तो इससे इस देश के ऐसे करोड़ों परिवार प्रभावित होंगे जो छुट्टी तो मनाना चाहते हैं, मगर जो होटल के बड़े बड़े बिलों और फ्लाइट्स के टिकेट के रेट सुनकर दांतों तले अंगुली दबा लेते हैं. सरकार का मानना है कि उसकी इस पहल से आम भारतीयों के रहने के तौर तरीकों और खर्च करने की आदतों पर फर्क पड़ेगा.

ज्ञात हो कि गत वर्ष सरकार ने कई फ्लाइटों के रूट बढ़ाए थे जिससे हवाई सेवाओं में बढ़ोतरी दर्ज की गई थी. समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक वित्त मंत्रालय होटल टैरिफ में 28 फीसदी टैक्स कटौती और प्रोत्साहन राशि देने के पक्ष मे हैं ताकि निजि निवेश में इजाफा हो. बात आगे बढ़ाने से पहले यहां ये बताना बेहद जरूरी है कि फिल्हाल ये सरकार का प्लान है और विचार पाईपलाइन में है. अतः एक नागरिक के तौर पर हमारे लिए ये देखना बेहद दिलचस्प रहेगा कि सरकार इसे अमली जामा पहनाती है या इसे एक ख्याली पुलाव मानकर सिरे से खारिज कर देती है.

गौरतलब है कि पूर्व में भी हमनें सरकार को कई ऐसी बातें करते देखा है जो आप तक पूरी नहीं हो पाई हैं. जिनको लेकर विपक्ष सरकार और उसकी नीतियों की लगातार आलोचना कर रहा है. ध्यान शायद आपको भी हो पूर्व में हम कई मौकों पर प्रधानमंत्री को विदेश में जमा काला धन, सबके खाते में 15 लाख और नोट बंदी के बाद खुशहाली जैसी बातें करते सुन चुकें हैं. वो बातें महज फसाना थी या हकीकत ये आज हमारे सामने हैं.

बहरहाल अभी ज्यादा कुछ कहना जल्दबाजी होगी. मगर हां जब इस खबर पर विचार कर रहे हैं तो महसूस हो रहा है कि न जाने क्यों लेकिन टूरिज्म इंडस्ट्री को बढ़ावा देने के लिए रेट कम करने का ये प्लान हमें वही कालेधन, खाते में 15 लाख, रोज़गार जैसी बातें और वादे याद कराता नजर आ रहा है.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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