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पेट्रोल-डीजल की कीमत में 'राहत' महीने भर में एक्सपायर होने वाली दवा है

    • अनुज मौर्या
    • Updated: 05 अक्टूबर, 2018 11:12 AM
  • 05 अक्टूबर, 2018 11:12 AM
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कच्चे तेल के दाम तेजी से बढ़ रहे हैं और उसकी वजह से डीजल-पेट्रोल तेजी से महंगा हो रहा है. अगर यही हालात रहे तो जेटली की तरफ से दी गई राहत महज चंद दिनों की समझिए, क्योंकि चंद दिनों में ही दाम दोबारा इसी स्तर पर पहुंच जाएंगे.

पिछले कुछ हफ्तों से डीजल-पेट्रोल की कीमतों में एक आग सी लगी हुई है. आज वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इस आग को बुझाने की कोशिश तो की, लेकिन ये कहना गलत नहीं होगा कि उन्होंने अभी इसका सिर्फ एक अस्थाई समाधान दिया है. कच्चे तेल के दाम तेजी से बढ़ रहे हैं और उसकी वजह से डीजल-पेट्रोल तेजी से महंगा हो रहा है. अगर यही हालात रहे तो जेटली की तरफ से दी गई राहत महज चंद दिनों की समझिए, क्योंकि चंद दिनों में ही दाम दोबारा इसी स्तर पर पहुंच जाएंगे. जहां तक कच्चे तेल की बात है तो अभी उसकी कीमतों में गिरावट आने के कोई संकेत नहीं दिख रहे हैं.

केंद्र सरकार ने उन्हें मिलने वाली एक्साइज ड्यूटी में 1.5 रुपए की कटौती की है.

कुल 5 रुपए तक सस्ता हुआ डीजल-पेट्रोल !

केंद्र सरकार ने उन्हें मिलने वाली एक्साइज ड्यूटी में 1.5 रुपए की कटौती की है. वहीं दूसरी ओर ऑयल मार्केटिंग कंपनियां भी 1 रुपए की कटौती करेंगी. इसके अलावा वित्त मंत्री अरुण जेटली ने राज्यों से भी 2.5 रुपए की कटौती करने की गुजारिश की है. इस तरह से ग्राहकों को डीजल-पेट्रोल की कीमतों पर कुल 5 रुपए की राहत मिलेगी.

सरकार को कितना होगा नुकसान?

अगर बात केंद्र सरकार की करें तो एक्साइज ड्यूटी में 1.5 रुपए की कटौती से केंद्र सरकार पर करीब 10.5 हजार करोड़ रुपए का बोझ पड़ेगा, जो फिस्कल डेफिसिट का 0.05 फीसदी है. जेटली ने कहा कि इसे सरकार आसानी से संभाल लेगी. वहीं राज्य सरकारों को इस कटौती से औसतन कोई नुकसान नहीं होगा, क्योंकि उन्हें फायदा काफी हो रहा है. जेटली ने कहा कि औसतन राज्यों का वैट 29 फीसदी है और इस तरह पहले की तुलना में उनकी काफी कमाई हुई है. ऐसे में अगर वह 2.5 रुपए कम भी कर देते हैं तो भी उनको कोई नुकसान नहीं होगा, बल्कि उनकी अतिरिक्त आय में से कुछ हिस्सा कम हो जाएगा.

महज 20...

पिछले कुछ हफ्तों से डीजल-पेट्रोल की कीमतों में एक आग सी लगी हुई है. आज वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इस आग को बुझाने की कोशिश तो की, लेकिन ये कहना गलत नहीं होगा कि उन्होंने अभी इसका सिर्फ एक अस्थाई समाधान दिया है. कच्चे तेल के दाम तेजी से बढ़ रहे हैं और उसकी वजह से डीजल-पेट्रोल तेजी से महंगा हो रहा है. अगर यही हालात रहे तो जेटली की तरफ से दी गई राहत महज चंद दिनों की समझिए, क्योंकि चंद दिनों में ही दाम दोबारा इसी स्तर पर पहुंच जाएंगे. जहां तक कच्चे तेल की बात है तो अभी उसकी कीमतों में गिरावट आने के कोई संकेत नहीं दिख रहे हैं.

केंद्र सरकार ने उन्हें मिलने वाली एक्साइज ड्यूटी में 1.5 रुपए की कटौती की है.

कुल 5 रुपए तक सस्ता हुआ डीजल-पेट्रोल !

केंद्र सरकार ने उन्हें मिलने वाली एक्साइज ड्यूटी में 1.5 रुपए की कटौती की है. वहीं दूसरी ओर ऑयल मार्केटिंग कंपनियां भी 1 रुपए की कटौती करेंगी. इसके अलावा वित्त मंत्री अरुण जेटली ने राज्यों से भी 2.5 रुपए की कटौती करने की गुजारिश की है. इस तरह से ग्राहकों को डीजल-पेट्रोल की कीमतों पर कुल 5 रुपए की राहत मिलेगी.

सरकार को कितना होगा नुकसान?

अगर बात केंद्र सरकार की करें तो एक्साइज ड्यूटी में 1.5 रुपए की कटौती से केंद्र सरकार पर करीब 10.5 हजार करोड़ रुपए का बोझ पड़ेगा, जो फिस्कल डेफिसिट का 0.05 फीसदी है. जेटली ने कहा कि इसे सरकार आसानी से संभाल लेगी. वहीं राज्य सरकारों को इस कटौती से औसतन कोई नुकसान नहीं होगा, क्योंकि उन्हें फायदा काफी हो रहा है. जेटली ने कहा कि औसतन राज्यों का वैट 29 फीसदी है और इस तरह पहले की तुलना में उनकी काफी कमाई हुई है. ऐसे में अगर वह 2.5 रुपए कम भी कर देते हैं तो भी उनको कोई नुकसान नहीं होगा, बल्कि उनकी अतिरिक्त आय में से कुछ हिस्सा कम हो जाएगा.

महज 20 दिनों की है ये राहत!

जिस रफ्तार से पेट्रोल की कीमतें बढ़ रही हैं, अगर आगे भी वही रफ्तार बनी रही तो पेट्रोल के दाम महज 20 दिनों में ही वापस इसी स्तर पर पहुंच जाएंगे. आज दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 84 रुपए है और अगर 2.5 रुपए की राहत को इसमें से घटा दें तो कीमत आती है 81.50 रुपए. आपको बता दें कि 20 दिन पहले 14 सितंबर को पेट्रोल की कीमत 81.28 रुपए थी. हालांकि, अगर सभी राज्य भी 2.5 रुपए की कटौती कर देते हैं तो कुल कटौती 5 रुपए की हो जाएगी. इस तरह दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 79 रुपए हो जाएगी. आपको बता दें कि करीब 32 दिन पहले 2 सितंबर को दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 78.84 रुपए प्रति लीटर थी.

डीजल पर 24 दिनों की राहत

अगर यही कैल्कुलेशन डीजल के संदर्भ में की जाए तो आज दिल्ली में डीजल की कीमत 75.45 रुपए है, जो अब 72.95 रुपए हो जाएगी. डीजल की यह कीमत करीब 24 दिन पहले 10 सितंबर को थी. 10 सितंबर को डीजल की कीमत 72.83 रुपए प्रति लीटर थी. वहीं दूसरी ओर अगर सभी राज्य 2.5 रुपए की कटौती कर देते हैं तो 5 रुपए की कुल कटौती के साथ दिल्ली में डीजल की कीमत 70.45 रुपए के स्तर पर आ जाएगी. बता दें कि 33 दिन पहले 1 सितंबर को दिल्ली में डीजल की कीमत करीब 70.45 रुपए प्रति लीटर ही था.

इन राज्यों ने घटा दिया वैट

वित्त मंत्री अरुण जेटली की गुजारिश के बाद महाराष्ट्र, हरियाणा, झारखंड, मध्य प्रदेश, असम, उत्तर प्रदेश, त्रिपुरा, छत्तीसगढ़ और गुजरात की सरकार ने डीजल-पेट्रोल की कीमतों में 2.5 रुपए की कटौती कर दी है. अब यहां ग्राहकों को डीजल-पेट्रोल पर कुल 5 रुपए की राहत मिलेगी. आइए जानते हैं शाम 7 बजे तक आपके शहर में डीजल-पेट्रोल की क्या निर्धारित हुई कीमत.

 शहर  पेट्रोल डीजल  
 आगरा  77.95  70.17
 अहमदाबाद  75.5  73.32
 अलीगढ़  77.23  70.42
 इलाहाबाद  78.25  70.48
 अंबाला  79.05  70.92
 औरंगाबाद  83.43  71.31
 बरेली  78.29  70.51
 भोपाल  84.69  74.33
 फरीदाबाद  79.75  72.2
 गाजियाबाद  78.21  70.42
 गुरुग्राम  79.49  71.32
 गुवाहाटी  81.41  73.76
 इंदौर  84.73  74.4
 जबलपुर  84.79  74.45
 जामनगर  77.44  73.26
 जमशेदपुर  77.32  74.45
 कानपुर  77.99  70.22
 करनाल  79.22  71.05
 कोटा  78.97  72.27
 लखनऊ  78.21  70.44
 मेरठ  77.99  70.21
 मुंबई  83.76  72.45
 नागपुर  83.6  71.1
 नासिक  84.11  71.56
 नोएडा  78.35  70.55
 पुणे  83.53  71
 रायपुर  76.72  73.77
 राजकोट  75.32  73.15
 रांची  77.38  74.54
 रतलाम  84.65  74.31
 सोलापुर  84.35  73.08
 सूरत  75.51  73.35
 ठाणे  83.84  72.53
 वदोदरा  75.23  73.05
 वाराणसी  78.83  71.01
 बेंगलुरु  82.08  73.20
 भुवनेश्वर  80.22  78.32
 चंडीगढ़  78.27  70.72
 चेन्नई  84.74  77.14
 देहरादून  81.22  73.73
 दिल्ली  81.42  72.81
 हैदराबाद  86.46  79.42
 जयपुर  81.85  76.95
 जम्मू  83  73.98
 जोधपुर  81.76  75.05
 कन्नूर  83.66  77.04
 करुर  85.08  77.49
 कोलकाता  83.22  74.66
 लुधियाना  87.21  72.89
 पटना  87.56  78.49
 शिमला  81.63  72.44
 श्रीनगर  85.79  76.29
 त्रिवेंद्रम  82.41  78.09
 उदयपुर  82.41  75.66

पहले तो जेटली ने केंद्र सरकार की ओर से 1.5 रुपए की कटौती की बात कही और फिर ऑयल मार्केटिंग कंपनियों की ओर से भी 1 रुपए की कटौती. राज्यों से भी 2.5 रुपए की कटौती की गुजारिश की और बहुत से राज्यों ने कटौती कर भी दी. इस तरह डीजल-पेट्रोल तो सस्ता हो गया, लेकिन कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों और तेजी से गिरते रुपया इस राहत को ज्यादा दिन नहीं रहने देगा. कुछ ही सप्ताह या अधिक से अधिक महीने भर में कीमतें दोबारा इसी स्तर पर पहुंच जाएंगी और जनता को फिर से महंगा डीजल-पेट्रोल खरीदना होगा.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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