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Coronavirus outbreak: फलों के राजा पर भी किया है कोरोना ने हमला!

    • मशाहिद अब्बास
    • Updated: 02 मई, 2020 03:57 PM
  • 02 मई, 2020 03:57 PM
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मार्च (March) के महीने से ही आम, (Mango) बाजारों की रौनक बन जाता था लेकिन कोरोना वायरस (Coronavirus) के चलते आम की रफ्तार भी ठहर गई है. अन्य राजाओं की तरह फलों का राजा भी कोरोना वायरस और लॉकडाउन (Lockdown) की वजह से चिंतित है.

कोरोना वायरस (Coronavirus) ने दुनिया भर के बादशाहों की नींद उड़ा रखी है. हर देश का मुखिया कोरोना वायरस के सामने जूझता हुआ दिखाई पड़ रहा है. हालात बेहद चिंताजनक हैं. कोरोना वायरस का वार मनुष्यों पर ही नहीं बल्कि जानवरों और फलों पर भी खूब पड़ रहा है. हर तरह के कारोबार ठप पड़े हैं. कोरोना वायरस का असर कब तक रहेगा यह तो स्पष्ट नहीं कहा जा सकता है. मगर जो खबरें सामने आ रही हैं उससे मालूम चलता है कि हाल फिलहाल में इससे निजात नहीं मिलने वाली है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भी स्पष्ट किया है कि इसका समय लंबा हो सकता है. ऐसे में सोशल डिस्टेंस (Social Distancing) बना कर रखना ही एकमात्र विकल्प है. कोरोना वायरस ने आयात और निर्यात के कार्य को भी पूरी तरह से प्रभावित कर रखा है. चूंकि ये सीजन आम (Mango) का है इसलिए तमाम चीजों के अलावा आम और दीगर फलों का कारोबार भी इस वक्त ठप पड़ा है. हालांकि फुटकर में इनकी सप्लाई ज़रूर हो रही है लेकिन जिस तरह से फलों की सप्लाई देश के अन्य राज्यों एंव विदेशों में हुआ करती था वैसा माहौल अब नहीं है. 

कोरोना वायरस लॉक डाउन का सीधा असर आम के कारोबार पर हुआ है. फसल बागों में खड़ी है और किसानों को उसके लिए मजदूर नहीं मिल पा रहे हैं

ध्यान रहे कि विश्व के तकरीबन सभी देश कोरोना वायरस के चलते परेशान है. ऐसे में ज़रूरी सेवाओं को छोड़ कर तमाम तरह के अन्य कारोबार पर किसी का ध्यान भी नहीं जा रहा है. मार्च के महीने के बाद से ही भारत की तमाम मंडियों में फलों के राजा आम का दर्शन होने लगता है. इस वर्ष अप्रैल खत्म होने को है और आम अभी तक अपने बगीचे में ही ठहरा हुआ है. आम के व्यापारियों का कहना है कि लॅाकडाउन के चलते उन्हें मजदूर ही नहीं मिल रहे हैं. ऐसे में आम को तोड़ने से लेकर उनकी पैकिंग...

कोरोना वायरस (Coronavirus) ने दुनिया भर के बादशाहों की नींद उड़ा रखी है. हर देश का मुखिया कोरोना वायरस के सामने जूझता हुआ दिखाई पड़ रहा है. हालात बेहद चिंताजनक हैं. कोरोना वायरस का वार मनुष्यों पर ही नहीं बल्कि जानवरों और फलों पर भी खूब पड़ रहा है. हर तरह के कारोबार ठप पड़े हैं. कोरोना वायरस का असर कब तक रहेगा यह तो स्पष्ट नहीं कहा जा सकता है. मगर जो खबरें सामने आ रही हैं उससे मालूम चलता है कि हाल फिलहाल में इससे निजात नहीं मिलने वाली है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भी स्पष्ट किया है कि इसका समय लंबा हो सकता है. ऐसे में सोशल डिस्टेंस (Social Distancing) बना कर रखना ही एकमात्र विकल्प है. कोरोना वायरस ने आयात और निर्यात के कार्य को भी पूरी तरह से प्रभावित कर रखा है. चूंकि ये सीजन आम (Mango) का है इसलिए तमाम चीजों के अलावा आम और दीगर फलों का कारोबार भी इस वक्त ठप पड़ा है. हालांकि फुटकर में इनकी सप्लाई ज़रूर हो रही है लेकिन जिस तरह से फलों की सप्लाई देश के अन्य राज्यों एंव विदेशों में हुआ करती था वैसा माहौल अब नहीं है. 

कोरोना वायरस लॉक डाउन का सीधा असर आम के कारोबार पर हुआ है. फसल बागों में खड़ी है और किसानों को उसके लिए मजदूर नहीं मिल पा रहे हैं

ध्यान रहे कि विश्व के तकरीबन सभी देश कोरोना वायरस के चलते परेशान है. ऐसे में ज़रूरी सेवाओं को छोड़ कर तमाम तरह के अन्य कारोबार पर किसी का ध्यान भी नहीं जा रहा है. मार्च के महीने के बाद से ही भारत की तमाम मंडियों में फलों के राजा आम का दर्शन होने लगता है. इस वर्ष अप्रैल खत्म होने को है और आम अभी तक अपने बगीचे में ही ठहरा हुआ है. आम के व्यापारियों का कहना है कि लॅाकडाउन के चलते उन्हें मजदूर ही नहीं मिल रहे हैं. ऐसे में आम को तोड़ने से लेकर उनकी पैकिंग तक के काम में देरी हो रही है.

व्यापारी चिंता में भी डूबे हुए हैं कि अभी तक आर्डर नहीं लग पाए हैं उनके कारोबार को कोरोना वायरस कहीं लील न बैठे. उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र समेत कई राज्यों में आम का बड़ी संख्या में उत्पादन होता है. भारत से हर साल दुनिया के कई हिस्सों में आम का निर्यात होता है. इस साल विदेश से कोई भी आर्डर नहीं लग रहे हैं. विदेश तो छोड़िये देश के ही अन्य राज्यों में आम की बहुत मांग होती थी, सीजन के शुरूआत में तो इनके दाम अधिक होते थे फिर भी बड़ी मात्रा में इनकी मांग रहती थी, लेकिन इस सीजन का नजारा बदला बदला सा है.

सरकार 3 मई के बाद क्या फैसला करती है और इन कारोबारियों को कितनी राहत मिलती है यह तो वक्त ही बताएगा. मगर इस समय का हाल तो यही है कि कोरोना वायरस का शिकार इंसान ही नहीं हो रहे है अब यह वायरस फलों पर भी वार कर रहा है. अगर हालात यही रहे तो दुनिया के कई देश आम से महरूम रह जाएंगें, और इसका खामियाजा सीधे तौर पर भारत के कारोबारी ही भुगतेंगे.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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