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Coronavirus Lockdown: सरकार से लेकर शराबियों तक सब लगे हैं शराबखाने खोलने की कोशिश में

    • बिलाल एम जाफ़री
    • Updated: 28 अप्रिल, 2020 06:48 PM
  • 28 अप्रिल, 2020 06:48 PM
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लॉक डाउन (Lockdown ) के इस दौर में लोगों और पंजाब (Punjab) और कर्नाटक (Karnataka) सरकारों के सामने सबसे बड़ी चुनौती शराब (Liquor) है लोग इसी बात को लेकर परेशान हैं कि आखिर कब शराब की दुकान खुलेगी और कब वो अपनी प्यास बुझा पाएंगे.

कोरोना वायरस (Coronavirus) के चलते देश भर में लॉकडाउन (Lockdown) है. बीमारी को जल्द से जल्द करारी शिकस्त दे दी जाए इसके लिए जनता अपने अपने घरों में रहने को मजबूर है. यूं तो देश की जनता के सामने चुनौतियों का पहाड़ है मगर वो लोग ज्यादा परेशान हैं जिनकी हर शाम जाम से शुरू होती है. जी हां इस लॉक डाउन ने उन लोगों को खासा विचलित किया है जो शराब (Liquor) का शौक रखते थे मदिरा के शौकीन लोग यही मना रहे हैं कुछ खुले न खुले शराब की दुकानें जल्द से जल्द खुल जाएं ताकि वो बेधड़क अपना गला तर कर सकें. शराब के शौकीन लोग इस लॉक डाउन से कितने आहत हैं इसका अंदाजा सोशल मीडिया पर वायरल हुई उस तस्वीर (Viral Photo) को देखकर लगाया जा सकता है जिसमें पीएम मोदी से कहा गया है कि देश में हर व्यक्ति चाय नहीं पीता इसलिए शराब की दुकान खोली जाएं.

लॉक डाउन के इस दौर में लोग इसी बात को लेकर आहत हैं कि शराब की दुकान क्यों नहीं खुल रही?

इंटरनेट पर वायरल हो रही इस तस्वीर और इस तस्वीर पर आ रही प्रतिक्रियाओं से इतना तो साफ है कि फिलहाल शराब के शौकीनों या ये कहें कि शराबियों को इस बात की कोई परवाह नहीं हैं कि देश दुनिया में क्या हो रहा है या फिर कोरोना वायरस की भयावता क्या होगी? उन्हें बस शराब से मतलब है. ऐसे लोग बस यही चाहते हैं कि पीएम मोदी उनकी अरदास सुनें और उन्हें ठेकों और मॉडल शॉप्स से शराब खरीदने की अनुमति दें.

वायरल हो रही इस तस्वीर को यदि ध्यान से देखें तो मिलता है कि इसमें एक शराब की दुकान के शटर के ऊपर लिखा है 'खोल दे मोदी सब चाय नहीं पीते.' ध्यान रहे कि 3 मई तक देश में लॉक डाउन है और जैसे हालात हैं माना यही...

कोरोना वायरस (Coronavirus) के चलते देश भर में लॉकडाउन (Lockdown) है. बीमारी को जल्द से जल्द करारी शिकस्त दे दी जाए इसके लिए जनता अपने अपने घरों में रहने को मजबूर है. यूं तो देश की जनता के सामने चुनौतियों का पहाड़ है मगर वो लोग ज्यादा परेशान हैं जिनकी हर शाम जाम से शुरू होती है. जी हां इस लॉक डाउन ने उन लोगों को खासा विचलित किया है जो शराब (Liquor) का शौक रखते थे मदिरा के शौकीन लोग यही मना रहे हैं कुछ खुले न खुले शराब की दुकानें जल्द से जल्द खुल जाएं ताकि वो बेधड़क अपना गला तर कर सकें. शराब के शौकीन लोग इस लॉक डाउन से कितने आहत हैं इसका अंदाजा सोशल मीडिया पर वायरल हुई उस तस्वीर (Viral Photo) को देखकर लगाया जा सकता है जिसमें पीएम मोदी से कहा गया है कि देश में हर व्यक्ति चाय नहीं पीता इसलिए शराब की दुकान खोली जाएं.

लॉक डाउन के इस दौर में लोग इसी बात को लेकर आहत हैं कि शराब की दुकान क्यों नहीं खुल रही?

इंटरनेट पर वायरल हो रही इस तस्वीर और इस तस्वीर पर आ रही प्रतिक्रियाओं से इतना तो साफ है कि फिलहाल शराब के शौकीनों या ये कहें कि शराबियों को इस बात की कोई परवाह नहीं हैं कि देश दुनिया में क्या हो रहा है या फिर कोरोना वायरस की भयावता क्या होगी? उन्हें बस शराब से मतलब है. ऐसे लोग बस यही चाहते हैं कि पीएम मोदी उनकी अरदास सुनें और उन्हें ठेकों और मॉडल शॉप्स से शराब खरीदने की अनुमति दें.

वायरल हो रही इस तस्वीर को यदि ध्यान से देखें तो मिलता है कि इसमें एक शराब की दुकान के शटर के ऊपर लिखा है 'खोल दे मोदी सब चाय नहीं पीते.' ध्यान रहे कि 3 मई तक देश में लॉक डाउन है और जैसे हालात हैं माना यही जा रहा है कि भलाई इसी में है कि सरकार लॉक डाउन को और बढ़ाए.एक बहुत बड़े वर्ग द्वारा ये मांग इसलिए भी हो रही है क्यों कि भारत में बीमारों की संख्या और मौत के ग्राफ में बड़ी तेजी से इजाफा हुआ है.

बात शराब और सरकार द्वारा उसपर लगाई गई पाबंदियों की हुई है तो हमारे लिए कर्नाटक के जिक्र करना भी बहुत ज़रूरी हो जाता है.

अन्य राज्यों की तरह कर्नाटक में भी शराब के विक्रय पर पाबंदी लगी हुई है इसलिए राज्य के आबकारी मंत्री एच नागेश ने राज्य के मुख्यमंत्री बी एस येद्दियुरप्पा को सुझाव दिया है कि राज्य में 3 मई के बाद लॉक डाउन के नियमों में छूट दी जाए और शराब की दुकान खोलने की अनुमति दी जाए. आबकारी मंत्री एच नागेश का मानना है कि यदि ऐसा होता है तो इससे राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी और वो पटरी पर आएगी.

वहीं इस मामले पर राज्य के मुख्यमंत्री बी एस येद्दियुरप्पा ने आबकारी मंत्री को भरोसा दिलाया है कि वो अवश्य ही उनकी बातों पर गौर करेंगे. एच नागेश के अनुसार मुख्यमंत्री ने उनके द्वारा कही बातों पर इंटरेस्ट लिया है जो ये साबित करता है कि जल्दी ही इस दिशा में कुछ किया जाएगा.

बता दें कि राज्य के आबकारी मंत्री बार बार इस बात को दोहरा रहे हैं कि उन्हें अपने कर्मचारियों को सैलरी देनी है और राज्य का खजाना खाली हो गया है.

मामले में दिलचस्प बात ये भी है कि अभी बीते दिनों जब अलग- अलग राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने जब वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के जरिये प्रधानमंत्री के साथ बैठक की तो उस बैठक में भी कर्नाटक सरकार की तरफ से शराब के विक्रय का मुद्दा उठाया गया. माना जा रहा है कि कर्नाटक सरकार के आबकारी विभाग को इस लॉक डाउन से अब तक 1800 करोड़ का नुकसान हुआ है.

बात शराब की चल रही है तो शराब की सबसे ज्यादा खपत वाले राज्य पंजाब के जिक्र के बिना सारी बातें अधूरी रह जाती हैं. कर्नाटक जैसा ही मिलता जुलता हाल पंजाब का भी है.

गौरतलब है कि लॉकडाउन के दौरान पंजाब सरकार ने केंद्र सरकार से शराब की दुकान खोलने का अनुरोध किया है. जिसे केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बिना किसी लाग लपेट के सिरे से खारिज कर दिया है.इससे पहले गृह मंत्रालय ने संशोधित दिशा निर्देशों में स्पष्ट रूप से कहा था कि देश में कहीं पर भी शराब की दुकान खोलने की अनुमति नहीं दी जाएगी. गृह मंत्रालय से पंजाब सरकार ने शराब की दुकान खोलने का अनुरोध किया था लेकिन मंत्रालय ने उसे खारिज कर दिया. मंत्रालय द्वारा 15 अप्रैल को जारी दिशा निर्देशों के अनुसार लॉकडाउन के दौरान शराब, गुटखा, तंबाकू आदि की बिक्री पर कड़ा प्रतिबंध है.

पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पंजाब के गिरते राजस्‍व का हवाला देते हुए केंद्रीय गृह मंत्री से मांग की थी कि उन्हें शराब की दुकान खोलने की इजाजत दे दी जाए. गृहमंत्री अमित शाह को लिखे पत्र उन्‍होंने अपने पत्र में लिखा था कि शराब के ठेके खुलने से राजस्व जुटाया जा सकेगा. इससे राज्य सरकार को रोजाना के खर्च पूरा करने में राहत मिलेगी.

बहरहाल जिस तरह लॉक डाउन के इस दौर में पूरे देश शराबी शराब को लेकर बेक़रार है उससे इतना तो साफ़ हो गया है कि लोगों को इस मुश्किल समय में इस जानलेवा बीमारी की नहीं बल्कि अपने शौक की पड़ी है. और इस बात की तस्दीख उन तस्वीरों ने तस्वीरों ने कर दी है जो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं और जिनमें जनता सरकार से यही मांग कर रही है कि कैसे भी करके शराब की दुकानें खोल दी जाएं ताकि लोग दो घूंट लगाकर अपनी प्यास बुझा सकें.  

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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