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बिटक्वाइन पर इतना कड़ा एलान पहले क्‍यों न हुआ !

    • अनुज मौर्या
    • Updated: 02 फरवरी, 2018 03:18 PM
  • 02 फरवरी, 2018 03:18 PM
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बिटक्वाइन कभी अपनी तेजी से बढ़ती कीमतों के लिए चर्चा का विषय रहा, तो कभी रातों-रात धड़ाम हो जाने के लिए. अरुण जेटली ने इस बजट में बिटक्वाइन को गैरकानूनी करार दिया, जिसकी वजह से महज 1 एक दिन में इसकी कीमत करीब 1 लाख रुपए गिर गई है.

पिछले कुछ महीनों में बिटक्वाइन की लोकप्रियता इतनी बढ़ चुकी है कि लगातार इसमें निवेश न करने की सलाह देने के बाद अब अरुण जेटली को बजट में भी इसे जगह देनी पड़ी. बिटक्वाइन कभी अपनी तेजी से बढ़ती कीमतों के लिए चर्चा का विषय रहा, तो कभी रातों-रात धड़ाम हो जाने के लिए. अरुण जेटली ने इस बजट में बिटक्वाइन को गैरकानूनी करार दिया, जिसकी वजह से महज 1 एक दिन में इसकी कीमत करीब 1 लाख रुपए गिर गई है.

बिटक्वाइन में निवेश न करने की सलाह तो सरकार और RBI काफी पहले से दे रहे थे, लेकिन सवाल ये है कि आखिर उसे गैर कानूनी करार देने के लिए बजट तक का इंतजार क्यों किया? और इस एलान से भी बदल क्‍या जाएगा ? बिटक्वाइन की बढ़ती कीमतों में अपना फायदा तलाशते हुए बहुत से लोगों ने इसमें निवेश किया. कुछ लोगों ने इससे पैसे भी कमा लिया, लेकिन बहुत से लोगों के पैसे डूब गए. क्या लोगों को हुए इस नुकसान के लिए सरकार जिम्मेदार नहीं है? जब सरकार बिटक्वाइन में निवेश न करने की सलाह दे रही थी तो इसे गैर कानूनी करार देने के लिए बजट का इंतजार करने की क्या जरूरत थी? क्या बजट में देने के लिए कुछ नहीं था इसलिए बिटक्वाइन को गैर कानूनी करार देने के फैसले को भी बजट तक के लिए संभाल कर रखा था?

बिटक्वाइन में हर 10 निवेशकों में एक भारतीय

एक रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया भर में बिटक्वाइन में होने वाली हर 10 में से एक ट्रांजेक्शन भारत में होती है. यानी इसमें निवेश करने वालों में हर 10 में से एक व्यक्ति भारतीय है. खुद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने भी 30 नवंबर 2017 को बिटक्वाइन की तुलना पॉन्जी स्कीम से की थी और यह सलाह भी दी थी कि ऐसी किसी भी स्कीम में...

पिछले कुछ महीनों में बिटक्वाइन की लोकप्रियता इतनी बढ़ चुकी है कि लगातार इसमें निवेश न करने की सलाह देने के बाद अब अरुण जेटली को बजट में भी इसे जगह देनी पड़ी. बिटक्वाइन कभी अपनी तेजी से बढ़ती कीमतों के लिए चर्चा का विषय रहा, तो कभी रातों-रात धड़ाम हो जाने के लिए. अरुण जेटली ने इस बजट में बिटक्वाइन को गैरकानूनी करार दिया, जिसकी वजह से महज 1 एक दिन में इसकी कीमत करीब 1 लाख रुपए गिर गई है.

बिटक्वाइन में निवेश न करने की सलाह तो सरकार और RBI काफी पहले से दे रहे थे, लेकिन सवाल ये है कि आखिर उसे गैर कानूनी करार देने के लिए बजट तक का इंतजार क्यों किया? और इस एलान से भी बदल क्‍या जाएगा ? बिटक्वाइन की बढ़ती कीमतों में अपना फायदा तलाशते हुए बहुत से लोगों ने इसमें निवेश किया. कुछ लोगों ने इससे पैसे भी कमा लिया, लेकिन बहुत से लोगों के पैसे डूब गए. क्या लोगों को हुए इस नुकसान के लिए सरकार जिम्मेदार नहीं है? जब सरकार बिटक्वाइन में निवेश न करने की सलाह दे रही थी तो इसे गैर कानूनी करार देने के लिए बजट का इंतजार करने की क्या जरूरत थी? क्या बजट में देने के लिए कुछ नहीं था इसलिए बिटक्वाइन को गैर कानूनी करार देने के फैसले को भी बजट तक के लिए संभाल कर रखा था?

बिटक्वाइन में हर 10 निवेशकों में एक भारतीय

एक रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया भर में बिटक्वाइन में होने वाली हर 10 में से एक ट्रांजेक्शन भारत में होती है. यानी इसमें निवेश करने वालों में हर 10 में से एक व्यक्ति भारतीय है. खुद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने भी 30 नवंबर 2017 को बिटक्वाइन की तुलना पॉन्जी स्कीम से की थी और यह सलाह भी दी थी कि ऐसी किसी भी स्कीम में निवेश करने से बचें. अरुण जेटली ने बिटक्वाइन में निवेश न करने को लेकर पूरे देश को चेता तो दिया, लेकिन उसे गैर कानूनी करार देने के लिए बजट का इंतजार किया. अब बिटक्वाइन में निवेश करने वाले लोगों को भारी नुकसान हुआ है, लेकिन इसका जिम्मेदार किसे ठहराया जाए?

रातों-रात 1 लाख डूबे

बजट वाले दिन यानी 1 फरवरी को एक बिटक्वाइन की कीमत 6,44,042 रुपए थी, जो अगले ही दिन यानी आज दोपहर 12 बजे तक करीब 1 लाख रुपए गिरकर 5,42,482 रुपए के स्तर पर आ चुकी है. बिटक्वाइन की कीमत में इस बड़ी गिरावट के दो कारण हैं. पहला तो ये कि अरुण जेटली ने बजट में बिटक्वाइन को गैरकानूनी करार दिया है, यानी अब भारत में अगर कोई इसमें निवेश करता है तो वह गैर कानूनी होगा. वहीं इस गिरावट का दूसरा कारण फेसबुक भी है. फेसबुक ने क्रिप्टोकरंसी के विज्ञापनों पर बैन लगा दिया है, जिसके चलते भी इसमें गिरावट दर्ज की गई है.

सरकार के सजग होते-होते मामला हाथ से निकल चुका था

सरकार के प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो ने 29 दिसंबर को एक प्रेस रिलीज जारी की थी, जिसमें यह साफ किया था कि वर्चुअल करंसी में निवेश करना नुकसानदायक है. प्रेस रिलीज में यह भी कहा गया था कि वर्चुअल करंसी पॉन्जी स्कीम की तरह हैं. यहां भी सरकार ने इसे गैर कानूनी नहीं करार दिया, बल्कि सिर्फ लोगों को इसमें निवेश करने के लिए चेताया. सवाल ये भी है कि सरकार जब तक सजग हुई और लोगों को चेताने के लिए प्रेस रिलीज जारी की, तब तक तो मामला हाथ से निकल चुका था. अगर पिछले तीन महीनों का चार्ज देखें तो 5 नवंबर बिटक्वाइन 4,79,859 रुपए के स्तर पर था, जो अगले कुछ दिनों में मामूली गिरा और फिर तेजी से लगातार बढ़ता चला गया. बढ़ते-बढ़ते यह लोगों को ललचाने वाले 12 लाख के स्तर को भी पार कर गया. लेकिन सरकार ने इसे लेकर लोगों को 29 दिसंबर को चेताया, जब बिटक्वाइन में गिरावट का दौर शुरू हो चुका था. हालांकि, उसके बाद से बिटक्वाइन की कीमत लगातार गिर रही है, जो अब पिछले दो महीने के न्यूनतम स्तर पर आ चुकी है.

महीने भर में 7 लाख का नुकसान

अगर पिछले एक महीने का बिटक्वाइन का चार्ट देखें तो यह साफ होता है कि इसमें करीब 6 लाख रुपए तक की गिरावट आ चुकी है. 5 जनवरी को एक बिटक्वाइन की कीमत 11,60,864 रुपए थी, जो 2 फरवरी दोपहर 12 बजे तक 6,18,382 रुपए गिरकर 5,42,482 रुपए के स्तर पर पहुंच चुकी है. पिछले दो महीनों में यह बिटक्वाइन का सबसे निचला स्तर है. 16 दिसंबर 2017 को तो इसकी कीमत 12,59,942 तक जा पहुंची थी. अगर सरकार ने दिसंबर में या फिर नए साल के शुरू में भी इसे गैरकानूनी करार दिया होता और इसमें निवेश पर रोक लगा दी होती, तो शायद बहुत से लोगों के पैसे बच जाते.

छोटे और बड़े सभी तरह के लोगों ने बिटक्वाइन में निवेश कर रहे थे. लगातार मिल रही चेतावनी के बावजूद बॉलीवुड अभिनेता अमिताभ बच्चन मे भी बिटक्वाइन में निवेश किया और 110 गुना तक मुनाफा भी कमाया. यूं तो बिटक्वाइन से किसी को हुए मुनाफे पर उसे सरकार को कानूनी तौर पर टैक्स देना जरूरी था, लेकिन किसी ने टैक्स दिया या नहीं, इसका अभी कुछ पता नहीं. और अब तो निवेश की गैर कानूनी करार दिया गया है.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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