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संस्कृति

आप सोच भी नहीं सकते क्या-क्या खाते हैं भारतीय !

    • आईचौक
    • Updated: 10 नवम्बर, 2019 06:49 PM
  • 18 अक्टूबर, 2018 11:42 AM
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बात खाने की हो तो लोग अपने खाने में बहुत कुछ अनोखा भी खा लेते हैं जिनके बारे में आपने कभी सुना नहीं होगा. जानिए इन्क्रेडिबल इंडिया में लोग क्या-क्या हैरान करने वाली चीजें खाते हैं.

भारत में जगह-जगह बोली बदलती है तो जगह-जगह खानपान. और हर जगह के खाने में मसालों के साथ वहां की संस्कृति की भी खुशबू आती है. चाहे आप वेजिटेरियन हों या नॉनवेजिटेरियन हर किसी को अपने खाने पर फक्र होता है.

आप दूसरे राज्यों के खाने से तो अच्छी तरह परिचित होंगे, जैसे हैदराबाद की हैदराबादी बिरयानी, कश्मीर का कश्मीरी पुलाव, दक्षिण भारत का डोसा, बिहार की लिट्टी वगैरह...लेकिन खाने की ऐसी बहुत सी अजीब चीजें भी लोग खाते हैं जिनके बारे में आपने कभी सुना नहीं होगा. जानिए इन्क्रेडिबल इंडिया में लोग क्या-क्या हैरान करने वाली चीजें खाते हैं.

1. मोरी शे काल्वन (बेबी शार्क करी)-

बेबी शार्क करी बहुत महंगी डिश मानी जाती है

अगर आप गोवा जाएं, तो वहां मेहमान नवाजी में जो डिश सबसे ज्यादा अच्छी और प्रभावशाली मानी जाती है, वो है 'मोरी शे काल्वन' यानी बेबी शार्क करी. ये नॉनवेजिटेरियन डिश है जिसे गोवा की स्टार डिश कहा जाता है. क्योंकि ये काफी महंगी होती है. शार्क मछली के आक्रामक तेवर को सब अच्छी तरह जानते हैं. इसलिए शार्क से कोई पंगा नहीं लेता. लेकिन मछुआरे खासी मशक्कत के बाद बेबी शार्क को पकड़ते हैं, जो उनकी कीमत में साफ झलकती है.

2. इरी पोलू-

रेशम के कीड़ों की सब्जी

ये आसाम का बहुत ही प्रचलित खाना है. ये सिल्क वॉर्म यानी रेशम के कीड़े होते हैं. जिन्हें पकाकर बड़े चाव से खाया जाता है.

3. लाल चीटी की चटनी (चपरा)-

भारत में जगह-जगह बोली बदलती है तो जगह-जगह खानपान. और हर जगह के खाने में मसालों के साथ वहां की संस्कृति की भी खुशबू आती है. चाहे आप वेजिटेरियन हों या नॉनवेजिटेरियन हर किसी को अपने खाने पर फक्र होता है.

आप दूसरे राज्यों के खाने से तो अच्छी तरह परिचित होंगे, जैसे हैदराबाद की हैदराबादी बिरयानी, कश्मीर का कश्मीरी पुलाव, दक्षिण भारत का डोसा, बिहार की लिट्टी वगैरह...लेकिन खाने की ऐसी बहुत सी अजीब चीजें भी लोग खाते हैं जिनके बारे में आपने कभी सुना नहीं होगा. जानिए इन्क्रेडिबल इंडिया में लोग क्या-क्या हैरान करने वाली चीजें खाते हैं.

1. मोरी शे काल्वन (बेबी शार्क करी)-

बेबी शार्क करी बहुत महंगी डिश मानी जाती है

अगर आप गोवा जाएं, तो वहां मेहमान नवाजी में जो डिश सबसे ज्यादा अच्छी और प्रभावशाली मानी जाती है, वो है 'मोरी शे काल्वन' यानी बेबी शार्क करी. ये नॉनवेजिटेरियन डिश है जिसे गोवा की स्टार डिश कहा जाता है. क्योंकि ये काफी महंगी होती है. शार्क मछली के आक्रामक तेवर को सब अच्छी तरह जानते हैं. इसलिए शार्क से कोई पंगा नहीं लेता. लेकिन मछुआरे खासी मशक्कत के बाद बेबी शार्क को पकड़ते हैं, जो उनकी कीमत में साफ झलकती है.

2. इरी पोलू-

रेशम के कीड़ों की सब्जी

ये आसाम का बहुत ही प्रचलित खाना है. ये सिल्क वॉर्म यानी रेशम के कीड़े होते हैं. जिन्हें पकाकर बड़े चाव से खाया जाता है.

3. लाल चीटी की चटनी (चपरा)-

लाल चीटियों की चटनी

अगर लाला चींटी हमको काट लेती है तो गुस्से में हम उसे मसल देते हैं. लेकिन छत्तीसगढ़ के आदिवासी इलाकों में लोग वाकई में इन लाल चीटियों की चटनी बनाकर खाते हैं. पहले इन चीटिंयों को अंडों समेत सुखाया जाता है और फिर इन्हें नमक, शक्कर और मसालों के साथ पीसा जाता है. इनका मसाला बनाकर भी रखा जाता है और जब भी कुछ स्पाइसी खाने का मन करता है तो इसे छिड़क लिया जाता है. ये इतनी तीखी होती है कि लगता है जैसे जुबान पर आग रख ली हो. चीटियों में फॉर्मिक एसिड होता है जिसमें औषधीय गुण भी होते हैं.

4. मेंढक के पैर-

मेंढक के पैरों में होते हैं औषधीय गुण

सुनने में अजीब तो लगेगा, लेकिन सिक्किम और गोवा में इसे खाया जाता है. ये फ्रांसीसी खाना है. सिक्किम के लेपचा समाज का मानना है कि ये सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है. इसके औषधीय गुणों की वजह से पेट की कई समस्याओं से बचाव होता है. इसे कई तरह से बनाकर खाया जाता है. भारत में पाया जाने वाला बुल फ्रॉग गोवा में मॉनसून में खूब खाया जाता है. इसे jumping chicken भी कहा जाता है.

5. कुत्ते का मीट-

कुत्ते का मीट चिकन से भी महंगा होता है

नागालैंड और मिजोरम के आदिवासी समाज में कुत्ते का मीट काफी चाव से खाया जाता है. और ये खाने वालों की पसंद पर निर्भर होता है कि वो इसे किस तरह खाना पसंद करते हैं. ये मीट चिकन से महंगा होता है.

6. Phan Pyut (सड़े हुए आलू)-

इस डिश के लिए आलुओं को खासतौर पर सढ़ाया जाता है

आप सड़े हुए आलू की दुर्गंध बर्दाश्त नहीं कर सकते. लेकिन नॉर्थ ईस्ट के लोग इसे खाते हैं. बाकायदा आलुओं को ज्यादा पकने के लिए जमीन में ही दबाकर रखा जाता है. जब वो सड़ने लग जाते हैं तो उन्हें निकाल लिया जाता है. फिर खास मसालों के साथ उसे पकाया जाता है.

7. नहखम-

मछलियों को सुखाया जाता है

ये मेघालय के गारो आदिवासियों का खास भोजन है. ये एक तरह की फिश करी है. लेकिन ये मछलियां ताजी नहीं होतीं. मछलियों को नमक लगाकर सुखाया जाता है. जाहिर है मछलियां सड़ने के बाद सूख जाती हैं तो उनमें दुर्गंध आती है. इस डिश में भी खुशबू नहीं आती लेकिन ऐसे मसाले मिलाए जाते हैं जिससे इसकी दुर्गंध दब जाती है. इसे वहां बड़े चाव से खाया जाता है. 

कुछ मीठा हो जाए...

8. हल्दी का हलवा-

बहुत फायदेमंद है हल्दी का हलवा

हल्दी पावडर यूं तो हर सब्जी में डाला ही जाता है, पीले रंग के लिए नहीं बल्कि इसके औषधीय गुणों की वजह से. हल्दी का अचार भी लोग खाते हैं लेकिन हल्दी का हलवा शायद ही आपने खाया हो. इसे खासकर मकर संक्रांति के आस-पास बनाया जाता है. इससे सर्दी-खांसी से बचाव होता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है.

9. प्याज का हलवा-

प्याज का हलवा

सब्जी की ग्रेवी हो या फिर सलाद, प्याज हमेशा से ही हर घर की प्रिय रही है. लेकिन कुछ लोगों को प्याज इतनी पसंद है कि इसका हलवा तक बनाया जाता है. प्याज को मक्खन में भूरा होने तक फ्राई किया जाता है फिर दूध और शक्कर मिलाया जाता है. कहा जाता है कि इसका स्वाद कभी न भूलने वाला होता है. इसे स्वाद के साथ-साथ लू लगने और सर दर्द से निजात पाने के लिए भी खाया जाता है. 

10. बेनामी खीर (लहसुन की खीर)-

बेनामी खीर में लहसुन बेनाम रहता है

चावल की खीर तो सबने खाई होगी, लेकिन लहसुन की खीर के बारे में आपने सुना तक नहीं होगा. लेकिन लोग लहसुन की खीर भी खाते और बनाते हैं. लहसुन के गुण से तो हर कोई वाकिफ है, लेकिन कहा जाता है कि जोड़ों के दर्द के लिए इस खीर को खास तौर पर खाया जाता है. 

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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