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Yeh Kaali Kaali Ankhein Public Review: सियासी पृष्ठभूमि पर बुनी गई प्रेम त्रिकोण की खौफनाक कहानी

    • मुकेश कुमार गजेंद्र
    • Updated: 16 जनवरी, 2022 06:40 PM
  • 16 जनवरी, 2022 06:40 PM
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Yeh Kaali Kaali Ankhein Web Series Review in Hindi: ओटीटी प्लेटफॉर्म पर नेटफ्लिक्स पर स्ट्रीम हो रही वेब सीरीज 'ये काली काली आंखें' में आंचल सिंह, श्वेता त्रिपाठी, ताहिर राज भसीन, बृजेंद्र काला, अनंत जोशी और सौरभ शुक्ला जैसे कलाकार अहम रोल में हैं. इसे सिद्धार्थ सेन गुप्ता ने निर्देशित किया है.

आजकल ओरिजनल कंटेंट पर जोर दे रही ओटीटी कंपनियों को अपनी कहानी पर इतना भरोसा रहता है कि टाइटल और स्टारकास्ट पर बहुत ज्यादा ध्यान नहीं देती हैं. पिछले कुछ सफलतम उदाहरण से उनको इस बात का यकीन भी हो चुका है कि यदि कहानी में दम है, तो कलाकार कोई भी हो, स्टार बन जाएगा. इसी तरह गानों के मशहूर मुखड़ों पर भी वेब सीरीज या फिल्म का नाम रख दिया जा रहा है. हालही में वूट सेलेक्ट पर स्ट्रीम हुई दिग्गज फिल्म मेकर महेश भट्ट की कथित लव स्टोरी पर आधारित वेब सीरीज 'रंजिश ही सही' का टाइटल भी अहमद फराज की गजल से लिया गया है. इसमें अभिनेता ताहिर राज भसीन लीड रोल में हैं. अब संयोग देखिए नेटफ्लिक्स पर रिलीज हुई उनकी ही नई वेब सीरीज 'ये काली काली आंखें' का टाइटल भी शाहरुख खान की फिल्म 'बाजीगर' के गाने से लिया गया है. लेकिन इस गाने की तरह वेब सीरीज रोमांटिक नहीं है, बल्कि सियासी पृष्ठभूमि पर बुनी गई प्रेम त्रिकोण की एक खौफनाक कहानी पर आधारित है.

वेब सीरीज 'ये काली काली आंखें' में आंचल सिंह, श्वेता त्रिपाठी और ताहिर राज भसीन लीड रोल में हैं.

ओटीटी प्लेटफॉर्म नेटफ्लिक्स पर स्ट्रीम हो रही वेब सीरीज 'ये काली काली आंखें' का निर्देशन सिद्धार्थ सेन गुप्ता ने किया है. इसमें आंचल सिंह, श्वेता त्रिपाठी, ताहिर राज भसीन, बृजेंद्र काला, अनंत जोशी और सौरभ शुक्ला जैसे कलाकार अहम किरदारों में नजर आ रहे हैं. आठ एपिसोड की ये वेब सीरीज विलियम शेक्सपियर के नाटक 'ओथेलो' से प्रेरित बताई जा रही है. इस पर कई फिल्म निर्माताओं ने पहले भी सिनेमा का निर्माण किया है, जैसे कि विशाल भारद्वाज ने इसी पर आधारित फिल्म 'ओमकारा' बनाई थी. मजे की बात ये है कि इस वेब सीरीज की कहानी जिस कस्बे के इर्द-गिर्द घूमती है, उसका नाम भी 'ओंकारा' होता है. इस कस्बे पर एक स्थानीय राजनेता अखिराज अवस्थी का राज...

आजकल ओरिजनल कंटेंट पर जोर दे रही ओटीटी कंपनियों को अपनी कहानी पर इतना भरोसा रहता है कि टाइटल और स्टारकास्ट पर बहुत ज्यादा ध्यान नहीं देती हैं. पिछले कुछ सफलतम उदाहरण से उनको इस बात का यकीन भी हो चुका है कि यदि कहानी में दम है, तो कलाकार कोई भी हो, स्टार बन जाएगा. इसी तरह गानों के मशहूर मुखड़ों पर भी वेब सीरीज या फिल्म का नाम रख दिया जा रहा है. हालही में वूट सेलेक्ट पर स्ट्रीम हुई दिग्गज फिल्म मेकर महेश भट्ट की कथित लव स्टोरी पर आधारित वेब सीरीज 'रंजिश ही सही' का टाइटल भी अहमद फराज की गजल से लिया गया है. इसमें अभिनेता ताहिर राज भसीन लीड रोल में हैं. अब संयोग देखिए नेटफ्लिक्स पर रिलीज हुई उनकी ही नई वेब सीरीज 'ये काली काली आंखें' का टाइटल भी शाहरुख खान की फिल्म 'बाजीगर' के गाने से लिया गया है. लेकिन इस गाने की तरह वेब सीरीज रोमांटिक नहीं है, बल्कि सियासी पृष्ठभूमि पर बुनी गई प्रेम त्रिकोण की एक खौफनाक कहानी पर आधारित है.

वेब सीरीज 'ये काली काली आंखें' में आंचल सिंह, श्वेता त्रिपाठी और ताहिर राज भसीन लीड रोल में हैं.

ओटीटी प्लेटफॉर्म नेटफ्लिक्स पर स्ट्रीम हो रही वेब सीरीज 'ये काली काली आंखें' का निर्देशन सिद्धार्थ सेन गुप्ता ने किया है. इसमें आंचल सिंह, श्वेता त्रिपाठी, ताहिर राज भसीन, बृजेंद्र काला, अनंत जोशी और सौरभ शुक्ला जैसे कलाकार अहम किरदारों में नजर आ रहे हैं. आठ एपिसोड की ये वेब सीरीज विलियम शेक्सपियर के नाटक 'ओथेलो' से प्रेरित बताई जा रही है. इस पर कई फिल्म निर्माताओं ने पहले भी सिनेमा का निर्माण किया है, जैसे कि विशाल भारद्वाज ने इसी पर आधारित फिल्म 'ओमकारा' बनाई थी. मजे की बात ये है कि इस वेब सीरीज की कहानी जिस कस्बे के इर्द-गिर्द घूमती है, उसका नाम भी 'ओंकारा' होता है. इस कस्बे पर एक स्थानीय राजनेता अखिराज अवस्थी का राज होता है. वो चाहता है, वो सब करता है. ठेके पाने के लिए सरकारी अफसरों की बेरहमी से हत्या से लेकर सियासी कद हासिल के लिए खूनी खेल तक, अवस्थी परिवार सत्ता और शक्ति की खातिर तांडव के लिए कुख्यात है. उनके विरोधियों का हर बार बुरा हश्र होता है.

Yeh Kaali Kaali Ankhein की कहानी

प्रेम त्रिकोण पर आधारित इस वेब सीरीज की कहानी के केंद्र में विक्रांत (ताहिर राज भसीन) है. विक्रांत और शिखा अग्रवाल (श्वेता त्रिपाठी) एक-दूसरे को बेपनाह प्यार करते हैं. लेकिन अखिराज अवस्थी (सौरभ शुक्ला) की बेटी पूर्वा (आंचल सिंह) विक्रांत को बचपन से एकतरफा प्यार करती है. अखेराज के यहां विक्रांत के पिता श्रीकांत (बृजेन्द्र काला) बतौर अकाउंटेंट नौकरी करते हैं. उनको भगवान की तरह मानते हैं. उनकी वफादारी से खुश होकर अखिराज भी उनकी हर संभव मदद करते रहते हैं. यही वजह है कि विक्रांत का एडमिशन भी उन्होंने अपनी बेटी पूर्वा के स्कूल में ही करा दिया. इधर एक साथ पढ़ते हुए पूर्वा विक्रांत के नजदीक चली आती है, लेकिन उसके इंकार के बाद वो आगे की पढ़ाई के लिए दूसरे शहर चली जाती है.

वहीं विक्रांत स्कूल के बाद कस्बे के कॉलेज में ही पढ़ने लगता है. वहीं उसकी मुलाकात शिखा से होती है. दोनों में प्रेम हो जाता है. पढ़ाई पूरी करके नौकरी हासिल करने के बाद शादी करने का दोनों सपना देखने लगते हैं. उसी वक्त पूर्वा वापस लौट आती है. किसी भी तरह विक्रांत को पाना चाहती हैं. पूर्वा की इच्छा जानने के बाद उसका पिता अखिराज अवस्थी भी उसकी मदद करते हैं. उसके लिए पहले विक्रांत को समझाते है और नहीं मानने पर जान से मारने की कोशिश भी करते हैं. ऐसे में ये जानना दिलचस्प है कि क्या पूर्वा विक्रांत को हासिल कर पाती है? क्या शिखा और विक्रांत का प्यार अंजाम तक पहुंच पाता है? क्या विक्रांत अपने साथ हुए जुल्मों का बदला लेकर अपने प्रेम को पा लेता है? इन सभी सवालों के जवाब जानने के लिए एक वेब सीरीज देखनी होगी.

Yeh Kaali Kaali Ankhein पब्लिक रिव्यू

वेब सीरीज 'ये काली काली आंखें' के बारे में सोशल मीडिया पर लोगों की मिलीजुली प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है. हालांकि, ज्यादातर लोग इसे बेहतरीन वेब सीरीज बताते हुए एक बार जरूर देखने की सलाह दे रहे हैं. एक यूजर ऐश्वर्या लिखती हैं, ''मैंने अपनी लाइफ अभी तक जितनी वेब सीरीज देखी हैं, उसमें अबतक की सबसे बेहतरीन सीरीज है. अभिनेता ताहिर राज भसीन ने इतना गजब का परफॉर्मेंस दिया है, जिसको लिखा नहीं जा सकता. आंचल सिंह और श्वेता त्रिपाठी ने भी बेहतरीन काम किया है. इसमें एक्शन, सस्पेंस, थ्रिल और रोमांस जैसे सारे तत्व मौजूद हैं. इसे एक बार जरूर देखें.'' वहीं, दिव्यांशु त्रिवेदी लिखते हैं, ''ट्विस्ट, ट्विस्ट, ट्विस्ट और उसके बाद एक क्लिफहैंगर अंत. वेब सीरीज का कॉन्सेप्ट अच्छा है. प्यार में कोई किस हद जा सकता है, इसे बखूबी दिखाया गया है. स्क्रीनप्ले धीमा और उबाऊ है. इसमें कई चीजें बहुत बढ़ा-चढ़ाकर पेश की गई हैं. लेकिन बैकग्राउंड म्यूजिक बहुत अच्छा है. मुख्य कलाकारों से अच्छा सहायक कलाकारों का प्रदर्शन है.''

ट्विटर पर वेब सीरीज के बारे में लोगों ने क्या लिखा है, आइए इसे जानते हैं...

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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