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सम्राट पृथ्वीराज के लिए YRF का प्लान B, अब ऐसे हो सकती है कारोबारी नुकसान की भरपाई

    • आईचौक
    • Updated: 13 जून, 2022 08:04 PM
  • 13 जून, 2022 08:04 PM
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अक्षय कुमार की सम्राट पृथ्वीराज को सिनेमाघरों में दर्शकों ने खारिज कर दिया. लेकिन कारोबारी नुकसान से बचने के लिए यशराज के पास प्लान बी है. यह काफी हद तक कारोबारी नुकसान की भरपाई कर सकता है. फिल्म को लेकर जिस तरह चर्चा हुई है- दर्शकों की उसमें एक दिलचस्पी तो बनी ही है.

अक्षय कुमार की भूमिका और यशराज फिल्म्स की पीरियड ड्रामा 'सम्राट पृथ्वीराज' को लेकर सोशल मीडिया पर जिस तरह नकारात्मक कैम्पेन चल रहा था- पहले ही तय था कि फिल्म बॉक्स ऑफिस पर शायद ही बहुत बढ़िया कारोबार कर पाए. हुआ भी लगभग वैसे ही. कुछ राज्यों में टैक्स फ्री किए जाने के बावजूद टिकट खिड़की पर सम्राट पृथ्वीराज बिल्कुल भी जोर नहीं पकड़ पाई. देसी बॉक्स ऑफिस पर एक हफ्ते में फिल्म ने महज 55 करोड़ रुपये कमाए. यशराज कैम्प ने सम्राट पृथ्वीराज के रूप में पहली बार पीरियड ड्रामा बनाने का जोखिम मोल लिया था और जबरदस्त चपत लगी. फिल्म को करीब 200 करोड़ से ज्यादा बजट में बनाने की चर्चाएं हैं. लागत के मुकाबले फिल्म के बॉक्स ऑफिस से निर्माताओं को बहुत निराशा हुई है. हालांकि बैनर ने अब कारोबारी नुकसान से बचने के लिए प्लान बी पर अमल करना शुरू कर दिया है.

भारत में सम्राट पृथ्वीराज का लाइफ टाइम कलेक्शन 75 करोड़ से नीचे रहने का अनुमान है. देसी-विदेशी बॉक्स ऑफिस को मिलाकर ज्यादा से ज्यादा यह फिल्म 100 करोड़ तक का लाइफटाइम कलेक्शन निकाल सके. हालांकि अभी भी पूरी लागत निकालने की गुंजाइश बनी है. यह गुंजाइश फिल्म के ओटीटी, टीवी और डिजिटल राइट बेंचकर हासिल की जा सकती है. नुकसान से बचने का यशराज का प्लान बी असल में फिल्म को समय से पहले ही ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रिलीज करने का है. रिपोर्ट्स के मुताबिक़ सम्राट पृथ्वीराज को समय से पहले ही ओटीटी स्ट्रीम कर दिया जाएगा. इसके लिए नए सिरे से लॉकिंग पीरियड तय करने की तैयारी है.

सम्राट पृथ्वीराज.

समय से पहले क्यों रिलीज हो रही है फिल्म?

वैसे भी ओटीटी प्लेटफॉर्म बड़ी स्टारकास्ट और बैनर की को समय से पहले रिलीज करने के बदले निर्माताओं को ज्यादा पैसे मिलते हैं. कुछ दिन पहले चर्चाएं थीं कि ओटीटी प्लेटफॉर्म...

अक्षय कुमार की भूमिका और यशराज फिल्म्स की पीरियड ड्रामा 'सम्राट पृथ्वीराज' को लेकर सोशल मीडिया पर जिस तरह नकारात्मक कैम्पेन चल रहा था- पहले ही तय था कि फिल्म बॉक्स ऑफिस पर शायद ही बहुत बढ़िया कारोबार कर पाए. हुआ भी लगभग वैसे ही. कुछ राज्यों में टैक्स फ्री किए जाने के बावजूद टिकट खिड़की पर सम्राट पृथ्वीराज बिल्कुल भी जोर नहीं पकड़ पाई. देसी बॉक्स ऑफिस पर एक हफ्ते में फिल्म ने महज 55 करोड़ रुपये कमाए. यशराज कैम्प ने सम्राट पृथ्वीराज के रूप में पहली बार पीरियड ड्रामा बनाने का जोखिम मोल लिया था और जबरदस्त चपत लगी. फिल्म को करीब 200 करोड़ से ज्यादा बजट में बनाने की चर्चाएं हैं. लागत के मुकाबले फिल्म के बॉक्स ऑफिस से निर्माताओं को बहुत निराशा हुई है. हालांकि बैनर ने अब कारोबारी नुकसान से बचने के लिए प्लान बी पर अमल करना शुरू कर दिया है.

भारत में सम्राट पृथ्वीराज का लाइफ टाइम कलेक्शन 75 करोड़ से नीचे रहने का अनुमान है. देसी-विदेशी बॉक्स ऑफिस को मिलाकर ज्यादा से ज्यादा यह फिल्म 100 करोड़ तक का लाइफटाइम कलेक्शन निकाल सके. हालांकि अभी भी पूरी लागत निकालने की गुंजाइश बनी है. यह गुंजाइश फिल्म के ओटीटी, टीवी और डिजिटल राइट बेंचकर हासिल की जा सकती है. नुकसान से बचने का यशराज का प्लान बी असल में फिल्म को समय से पहले ही ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रिलीज करने का है. रिपोर्ट्स के मुताबिक़ सम्राट पृथ्वीराज को समय से पहले ही ओटीटी स्ट्रीम कर दिया जाएगा. इसके लिए नए सिरे से लॉकिंग पीरियड तय करने की तैयारी है.

सम्राट पृथ्वीराज.

समय से पहले क्यों रिलीज हो रही है फिल्म?

वैसे भी ओटीटी प्लेटफॉर्म बड़ी स्टारकास्ट और बैनर की को समय से पहले रिलीज करने के बदले निर्माताओं को ज्यादा पैसे मिलते हैं. कुछ दिन पहले चर्चाएं थीं कि ओटीटी प्लेटफॉर्म अमेजन प्राइम वीडियो- यशराज से कुछ फिल्मों के ओटीटी राइट के लिए डील कर रहा है. सम्राट पृथ्वीराज को अमेजन पर रिलीज किया जाएगा. सिनेमाघर में रिलीज के लगभग एक महीने के अंदर. यानी फिल्म 4 हफ्ते के बाद किसी दिन प्राइम पर स्ट्रीम हो सकती है. जो निर्माता सिनेमाघरों में फिल्मों को रिलीज करते हैं- वे उनके ओटीटी राइट को चार या आठ हफ़्तों के अंतराल पर ओटीटी पार्टनर को बेंचते हैं. आठ हफ्ते के अंतराल पर जो फ़िल्में बेंची जाती हैं उसके बदले निर्माताओं को कम भुगतान किया जाता है.

लेकिन सिनेमाघरों में फ्लॉप होने वाली फ़िल्में जो 4 हफ्ते के लॉकिंग पीरियड में ओटीटी पर आ जाती हैं उनके लिए बढ़िया भुगतान होता है. ओटीटी पर एक्सक्लूसिव रिलिज के बदले तो सबसे ज्यादा भुगतान किया ही जाता है. जिस तरह ओटीटी और सिनेमाघरों के बीच एक लॉकिंग पीरियड का ध्यान रखा जाता है- कमोबेश वैसा ही अंतराल ओटीटी और टीवी प्रीमियर के बीच भी रखने की कोशिश होती है. यानी सम्राट पृथ्वीराज के प्राइम पर समय से पहले आने का एक मतलब यह भी हो सकता है कि टीवी प्रीमियर भी जल्दी हो. जाहिर है कि टीवी राइट के बदले भी निर्माताओं को पहले की तुलना में ठीकठाक पैसे मिलें. भले ही फिल्म सिनेमाघरों में फ्लॉप हो चुकी है- मगर बॉक्स ऑफिस कलेक्शन और डिजिटल राइट के बदले बहुत हद तक लागत निकालने में कामयाब हो सकती है.

हालांकि सम्राट पृथ्वीराज के ओटीटी और टीवी राइट के बदले यशराज को कितना भुगतान हो रहा है- अभी आंकड़े सामने नहीं आ पाए हैं. बावजूद यह रकम 50 से 75 करोड़ या उससे ज्यादा ही रहने की संभावना है.

ओटीटी पर फायदे का धंधा क्यों हो सकती है फिल्म?

असल में ओटीटी का दर्शक वर्ग अलग तरह का है. ओटीटी सब्सक्राइबर आमतौर पर फ्रेश कंटेंट तलाशते रहते हैं. चूंकी सम्राट पृथ्वीराज लगभग नई फिल्म है- उपलब्धता में दर्शक इसे जरूर देखना पसंद करेंगे. सम्राट पृथ्वीराज के लिए अच्छी बात यह भी है कि इसे हिंदी के अलावा तमिल और तेलुगु में भी डाब किया गया है. स्वाभाविक है कि इसे हिंदी के अलावा भी दूसरी भाषाओं के व्यापक दर्शक मिलें. सम्राट पृथ्वीराज भले सिनेमाघरों में फ्लॉप हो चुकी है मगर ओटीटी व्यूअरशिप के लिहाज यह एक मजबूत फिल्म के रूप में उभर सकते एही और इसके कारण हैं.

पहली बात तो यही कि फिल्म में अक्षय कुमार, सोनू सूद और संजय दत्त जैसी स्टारकास्ट है जो दर्शकों को फिल्म देखने के के लिए प्रेरित कर सकती है. मगर सबसे बड़ी बात फिल्म की कहानी है जो सम्राट पृथ्वीराज के जीवन पर आधारित है. भारतीय बौद्धिक समाज में पहली बार इस फिल्म की वजह से सम्राट पृथ्वीराज के ऊपर लगभग सभी भारतीय भाषाओं में खूब लिखा पढ़ा गया. और इसकी वजह सम्राट पृथ्वीराज का राजनीतिक बहसों के केंद्र में आना है. पक्ष विपक्ष सभी ने जिस तरह से बहस किया, दर्शकों में फिल्म को लेकर एक आकर्षण अभी भी बना हुआ है. मौजूदा राजनीतिक ध्रुवीकरण भी इस बात की संभावना को बढ़ा देता है कि दर्शक कम से कम ओटीटी पर सम्राट पृथ्वीराज को देखना जरूर पसंद करें. 

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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