• होम
  • सियासत
  • समाज
  • स्पोर्ट्स
  • सिनेमा
  • सोशल मीडिया
  • इकोनॉमी
  • ह्यूमर
  • टेक्नोलॉजी
  • वीडियो
होम
सिनेमा

सेक्‍स ए‍जुकेशन के बैकग्राउंड पर बनी छतरीवाली से चमक उठीं रकुल प्रीत सिंह

    • आईचौक
    • Updated: 29 जनवरी, 2023 08:33 PM
  • 29 जनवरी, 2023 08:33 PM
offline
रकुलप्रीत सिंह बॉलीवुड की होनहार अभिनेत्रियों में हैं लेकिन छतरीवाली से पहले ऐसी कोई फिल्म नहीं दिखती कि वे अकेले उसे अक्पने कंधों पर ढोती नजर आ रही हों. छतरीवाली के लिए रकुल की जिस तरह तारीफ़ हो रही है- यह उनके करियर में एक बड़ा ब्रेक थ्रू भी साबित हो सकता है.

भारतीय समाज में तमाम तरह की रूढियां दिखती हैं. सेक्स एजुकेशन पर तो मानों कोई खुलकर बता ही नहीं करना चाहता. दबी जुबान बात होती है. भारतीय सिनेमा में सेक्स एजुकेशन के विषय पर इधर कई फ़िल्में बनी हैं. और इन फिल्मों ने व्यापक रूप से लोगों का ध्यान खींचा है. इसी कड़ी में इन दिनों रकुलप्रीत सिंह की फिल्म "छतरीवाली" की खूब चर्चा है. अभी कुछ दिनों पहले ही छतरीवाली को सिनेमाघरों की बजाए जी5 के ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रिलीज किया गया था. समीक्षकों ने फिल्म की तारीफ़ की थी. असल में सोशल इशू को एड्रेस करने वाली यह फिल्म एक रोमांटिक कॉमेडी है और दर्शकों को पसंद आ रही है.

रिपोर्ट्स हैं कि यह फिल्म जी 5 के ओटीटी के प्लेटफॉर्म पर टॉप ट्रेंड कर रही है. यानी जी5 के प्लेटफॉर्म पर हफ्तेभर से खूब देखी जा रही है. वजह फिल्म का मनोरंजक कॉन्टेंट है. यह फिल्म भी मनोरंजक फ़िल्में बनाने के लिए मशहूर रोनी स्क्रूवाला के बैनर ने बनाया है. इसका निर्देशन किया है तेजस देवस्कर ने. फिल्म ने रकुलप्रीत सिंह, सुमीत व्यास, सतीश कौशिक और राजेश तैलंग ने मुख्य भूमिकाएं निभाई हैं. फिल्म की कहानी का विषय नया और दिलचस्प है. असल में फिल्म की कहानी एक किशोर लड़की की है जिसने कैमिस्ट्री में पढ़ाई की है. ट्यूशन करती है और उसे एक स्थायी नौकरी की तलाश है.

रकुलप्रीत सिंह.

कंडोम कंपनी में क्वालिटी हैड की कहानी लोगों को पसंद क्यों आ रही है?

तमाम कोशिशों के बाद उसे कंडोम बनाने वाली एक कंपनी में क्वालिटी हैड की नौकरी मिलती है. मगर सोशल टैबू की वजह से वह पहले नौकरी से मन कर देती है. और आखिरकार यह नौकरी करने को तैयार हो जाती है. मगर वह इसके बारे में किसी को बताती नहीं है. क्योंकि उसे मालूम है कि उसके घर परिवार और समाज में लोग इसे सहज नहीं ले पाएंगे. लड़की का प्रेम भी...

भारतीय समाज में तमाम तरह की रूढियां दिखती हैं. सेक्स एजुकेशन पर तो मानों कोई खुलकर बता ही नहीं करना चाहता. दबी जुबान बात होती है. भारतीय सिनेमा में सेक्स एजुकेशन के विषय पर इधर कई फ़िल्में बनी हैं. और इन फिल्मों ने व्यापक रूप से लोगों का ध्यान खींचा है. इसी कड़ी में इन दिनों रकुलप्रीत सिंह की फिल्म "छतरीवाली" की खूब चर्चा है. अभी कुछ दिनों पहले ही छतरीवाली को सिनेमाघरों की बजाए जी5 के ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रिलीज किया गया था. समीक्षकों ने फिल्म की तारीफ़ की थी. असल में सोशल इशू को एड्रेस करने वाली यह फिल्म एक रोमांटिक कॉमेडी है और दर्शकों को पसंद आ रही है.

रिपोर्ट्स हैं कि यह फिल्म जी 5 के ओटीटी के प्लेटफॉर्म पर टॉप ट्रेंड कर रही है. यानी जी5 के प्लेटफॉर्म पर हफ्तेभर से खूब देखी जा रही है. वजह फिल्म का मनोरंजक कॉन्टेंट है. यह फिल्म भी मनोरंजक फ़िल्में बनाने के लिए मशहूर रोनी स्क्रूवाला के बैनर ने बनाया है. इसका निर्देशन किया है तेजस देवस्कर ने. फिल्म ने रकुलप्रीत सिंह, सुमीत व्यास, सतीश कौशिक और राजेश तैलंग ने मुख्य भूमिकाएं निभाई हैं. फिल्म की कहानी का विषय नया और दिलचस्प है. असल में फिल्म की कहानी एक किशोर लड़की की है जिसने कैमिस्ट्री में पढ़ाई की है. ट्यूशन करती है और उसे एक स्थायी नौकरी की तलाश है.

रकुलप्रीत सिंह.

कंडोम कंपनी में क्वालिटी हैड की कहानी लोगों को पसंद क्यों आ रही है?

तमाम कोशिशों के बाद उसे कंडोम बनाने वाली एक कंपनी में क्वालिटी हैड की नौकरी मिलती है. मगर सोशल टैबू की वजह से वह पहले नौकरी से मन कर देती है. और आखिरकार यह नौकरी करने को तैयार हो जाती है. मगर वह इसके बारे में किसी को बताती नहीं है. क्योंकि उसे मालूम है कि उसके घर परिवार और समाज में लोग इसे सहज नहीं ले पाएंगे. लड़की का प्रेम भी है और शादी भी होती है. पर यह ऐसी बता तो है नहीं कि छिपी रह जाएगी. उसके पति और घरवालों को लड़की के काम के बारे में पता चलता है. इसके बाद तमाम चीजें निकलकर सामने आती हैं और इन्हीं चीजों के इर्द गिर्द कॉमेडी के मनोरंजक तड़के में फिल्म को परोसा गया है.

छतरीवाला रकुलप्रीत के करियर में टर्निंग पॉइंट मूवी है

फिल्म में ज्यादा बड़े चेहरे नहीं हैं. कम से कम स्टारडम वाले चेहरे तो नहीं हैं. बावजूद अगर छतरीवाला की तारीफ़ हो रही है, उसे देखा जा रहा है तो कहीं ना कहीं इसमें कॉन्टेंट की अहम भूमिका है. छतरीवाला की तारीफ़ से एक और चीज साफ़ हो जाती है. स्टारडम के मामले में फिल्म का सबसे बड़ा चेहरा वही हैं. अब तक के उनके करियर को देखें तो पहली बार है जब वो कोई फिल्म अकले अपने कंधे पर ढोते नजर आ रही हैं. वर्ना तो पहले वह सहयोगी और ग्लैमरस भूमिकाओं में ही दिखती हैं. एक एक्टर एक तौर पर यह फिल्म रकुल के लिए बड़ा टर्निंग पॉइंट है. और निश्चित ही उनके लिए छतरीवाला के बाद कई बंद दरवाजे खुल सकते हैं.

रकुल में बहुत संभावनाएं हैं. उन्होंने अपने छोटे करियर में इसे सिद्ध भी किया है. जो भी भूमिकाएं मिली हैं उन्होंने अपने दायरे में प्रभाव तो छोड़ा है. अब छतरीवाला से साबित होता दिख रहा कि रकुल बड़े किरदारों के लिए भी लगभग तैयार हैं. एक दो अच्छी फ़िल्में मिलीं तो वह भी बॉलीवुड की तमाम नई पीढ़ी की अभिनेत्रियों में अहम होंगी.

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

ये भी पढ़ें

Read more!

संबंधि‍त ख़बरें

  • offline
    सत्तर के दशक की जिंदगी का दस्‍तावेज़ है बासु चटर्जी की फिल्‍में
  • offline
    Angutho Review: राजस्थानी सिनेमा को अमीरस पिलाती 'अंगुठो'
  • offline
    Akshay Kumar के अच्छे दिन आ गए, ये तीन बातें तो शुभ संकेत ही हैं!
  • offline
    आजादी का ये सप्ताह भारतीय सिनेमा के इतिहास में दर्ज हो गया है!
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.

Read :

  • Facebook
  • Twitter

what is Ichowk :

  • About
  • Team
  • Contact
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.
▲