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बिग बी अगर धाकड़ पर ट्वीट कर उसे डिलीट करते हैं तो बॉलीवुड के लिए कंगना की राय गलत नहीं!

    • आईचौक
    • Updated: 12 मई, 2022 10:55 PM
  • 12 मई, 2022 10:55 PM
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कंगना रनौत की धाकड़ अगले हफ्ते 20 मई को आने वाली है. इससे पहले फिल्म की तारीफ़ में किया गया अमिताभ का ट्वीट और फिर उसे डिलीट करने के पीछे की चीजों को कंगना ने एक इंटरव्यू में बताया है.

कंगना रनौत एक बार फिर सिनेमाघरों में "धाकड़" एंट्री के लिए तैयार हैं. उनकी एक्शन एंटरटेनर अगले हफ्ते 20 मई को रिलीज होगी. उससे पहले बॉलीवुड की पावर हाउस एक्टर अपनी फिल्म का जमकर प्रमोशन कर रही हैं. उन्होंने एक यूट्यूब चैनल को दिए इंटरव्यू में अमिताभ बच्चन के बहाने बॉलीवुड की दुखती रग पर एक बार फिर निशाना साधा और लगभग यह साबित कर दिया कि बॉलीवुड पर लगाए गए उनके  सभी आरोप बेबुनियाद तो नहीं कहे जा सकते. सितारों की सार्वजनिक गतिविधियों में कंगना के कई आरोपों की झलक दिखती है और उसके सबूत भी मिलते हैं.

असल में अमिताभ बच्चन ने हाल ही में कंगना की फिल्म धाकड़ का टीजर सोशल मीडिया पर साझा करते हुए तारीफ़ की थी. उन्होंने कई हैशटैग भी इस्तेमाल करते थे. कंगना को शुभकामनाएं भी दी थीं. बॉलीवुड में यह सामान्य बात है. सभी बड़े सितारे एक-दूसरे की फिल्म को अपने अपने सोशल पेजेज पर प्रमोट करते हैं और एक-दूसरे की हौसला अफजाई भी करते हैं. हैरान करने वाली बात यह रही कि अमिताभ ने तारीफ़ तो की, मगर जैसे उन्हें अपनी गलती का अहसास हुआ और किन्हीं वजहों से उन्होंने कुछ ही देर बाद उसे हटा दिया. कंगना ने अमिताभ की तरफ से पहले तारीफ़ और फिर डिलीट किए जाने के सवाल को एक इंटरव्यू में लिया और उसके पीछे की वजह बताई है.

कंगना रनौत अमिताभ बच्चन.

क्या बॉलीवुड में निजी असुरक्षाएं हैं जिससे डरते हैं बड़े-बड़े सितारे

कंगना ने कहा- यहां (बॉलीवुड में) व्यक्तिगत असुरक्षाएं हैं और लगभग सभी इस बात के पीछे छिपने की कोशिश कर रहे हैं कि ओह... इंडस्ट्री से हमें बहिष्कृत कर दिया जाएगा. भले ही यहां पसंद और नापसंद की बात है, मगर यह बेहद चौंकाने वाला है कि मिस्टर बच्चन ने ट्रेलर को लेकर ट्वीट किया और ठीक 5-10 मिनट बाद में डिलीट भी कर दिया. सोचने वाली बात...

कंगना रनौत एक बार फिर सिनेमाघरों में "धाकड़" एंट्री के लिए तैयार हैं. उनकी एक्शन एंटरटेनर अगले हफ्ते 20 मई को रिलीज होगी. उससे पहले बॉलीवुड की पावर हाउस एक्टर अपनी फिल्म का जमकर प्रमोशन कर रही हैं. उन्होंने एक यूट्यूब चैनल को दिए इंटरव्यू में अमिताभ बच्चन के बहाने बॉलीवुड की दुखती रग पर एक बार फिर निशाना साधा और लगभग यह साबित कर दिया कि बॉलीवुड पर लगाए गए उनके  सभी आरोप बेबुनियाद तो नहीं कहे जा सकते. सितारों की सार्वजनिक गतिविधियों में कंगना के कई आरोपों की झलक दिखती है और उसके सबूत भी मिलते हैं.

असल में अमिताभ बच्चन ने हाल ही में कंगना की फिल्म धाकड़ का टीजर सोशल मीडिया पर साझा करते हुए तारीफ़ की थी. उन्होंने कई हैशटैग भी इस्तेमाल करते थे. कंगना को शुभकामनाएं भी दी थीं. बॉलीवुड में यह सामान्य बात है. सभी बड़े सितारे एक-दूसरे की फिल्म को अपने अपने सोशल पेजेज पर प्रमोट करते हैं और एक-दूसरे की हौसला अफजाई भी करते हैं. हैरान करने वाली बात यह रही कि अमिताभ ने तारीफ़ तो की, मगर जैसे उन्हें अपनी गलती का अहसास हुआ और किन्हीं वजहों से उन्होंने कुछ ही देर बाद उसे हटा दिया. कंगना ने अमिताभ की तरफ से पहले तारीफ़ और फिर डिलीट किए जाने के सवाल को एक इंटरव्यू में लिया और उसके पीछे की वजह बताई है.

कंगना रनौत अमिताभ बच्चन.

क्या बॉलीवुड में निजी असुरक्षाएं हैं जिससे डरते हैं बड़े-बड़े सितारे

कंगना ने कहा- यहां (बॉलीवुड में) व्यक्तिगत असुरक्षाएं हैं और लगभग सभी इस बात के पीछे छिपने की कोशिश कर रहे हैं कि ओह... इंडस्ट्री से हमें बहिष्कृत कर दिया जाएगा. भले ही यहां पसंद और नापसंद की बात है, मगर यह बेहद चौंकाने वाला है कि मिस्टर बच्चन ने ट्रेलर को लेकर ट्वीट किया और ठीक 5-10 मिनट बाद में डिलीट भी कर दिया. सोचने वाली बात है कि कोई उनके जैसे ओहदे पर है, भला उस पर किसका दबाव होगा. मुझे नहीं पता. यह बात मुझे थोड़ी अजीब लगती है. इसी इंटरव्यू में कंगना ने बताया कि वे हमेशा द कश्मीर फाइल्स और आरआरआर जैसी अच्छी फिल्मों को सबसे पहले प्रमोट करती हैं. यहां तक कि उन्होंने पिछले साल कृति सेनन की मिमी और सिद्धार्थ मल्होत्रा की शेरशाह (करण जौहर के बैनर की फिल्म) की भी तारीफ़ की थी.

कंगना ने अमिताभ पर कोई तीखी टिप्पणी तो नहीं की, बावजूद यह सोचने वाली बात है कि आखिर उन्होंने ऐसा क्यों किया? एक तो अगर ट्वीट डिलीट ही करना था तो वे उसे साझा ही नहीं करते तो ज्यादा ठीक था. और जब साझा कर ही लिया तो क्या सच में उन्हें किसी दबाव या उसकी आशंका में डिलीट करना पड़ा. क्या सच में बॉलीवुड में ऐसे दो चार लोग हैं जो बॉलीवुड को अपनी मर्जी से हांकने में लगे हैं और उन्हें अमिताभ की तरफ से कंगना की फिल्म को प्रमोट करना नागवार लगा. आखिर कंगना सरेआम कई लोगों के नाम ले-लेकर आरोप लगाती रहती हैं. क्यों ना मान लिया जाए कि कंगना के आरोप सही हैं जिसमें वह खेमेबाजी का उदाहरण देती हैं. जबकि बॉलीवुड में बड़े सितारों के बीच का यह सामान्य शिष्टाचार है एक-दूसरे को मदद पहुंचाने का. अमिताभ की तरफ से कंगना की तारीफ़ किसको बुरी लगी?

धाकड़ में कंगना के अलावा ऐसा क्या था जिससे अमिताभ बच्चन को भी बचना पड़ा?

धाकड़ कोई वैचारिक फिल्म भी नहीं जिससे यह मान लिया जाए कि इंडस्ट्री में किसी की भावनाओं को आहत करने से बचने के लिए महानायक ने डिलीट के जरिए अपनी गलती सुधार ली. हां यह कंगना की फिल्म जरूर है. धाकड़ पर अमिताभ का कदम तो हैरान करने वाला है और यह कई आरोपों को खुद ब खुद पुष्ट कर देता है. बॉलीवुड को लेकर कंगना का रुख पिछले कई सालों से हमलावर रहा है. भाई-भतीजावाद, मठवाद का आरोप लगाते रहती हैं. ना जाने कितनी मर्तबा एक्ट्रेस ने कहा है कि यहां हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में गैंग चीजों को कंट्रोल करता है. किसे फिल्म मिलेगी, किसका रोल छोटा बड़ा करना है आदि-आदि.  

एक बार बॉलीवुड के गैंग को समझाते हुए उन्होंने यह भी कहा था कि बॉलीवुड में सितारे अपने ही लोगों की फ़िल्में प्रमोट करते हैं भले ही वह कचरा हो. लेकिन जो कलाकार उनकी गैंग का नहीं होता उसकी फिल्मों की तारीफ़ नहीं करते. यहां अपनों को बढ़ावा दिया जाता है और जो गैंग का नहीं होता उसे नुकसान पहुंचाया जाता है. कंगना यह भी कह चुकी हैं कि बॉलीवुड में कुछ गिने चुने लोग हैं जो चीजें तय करते हैं. बायकॉट कर दिए जाने के डर से कोई इनका विरोध नहीं करता.

धाकड़ एक्शन थ्रिलर है. रजनीश घई इसी फिल्म के जरिए बॉलीवुड में बतौर निर्देशक डेब्यू करने जा रहे हैं. फिल्म की मेन लीड कंगना हैं. इसमें उनके अलावा अर्जुन रामपाल, दिव्या दत्ता, शरीब हाशमी और शास्वत चटर्जी अहम भूमिकाओं में नजर आएंगी. धाकड़ से पहले भी कंगना ने फीमेल लीड फिल्मों थलाइवी, मणिकर्णिका: द क्वीन ऑफ़ झांसी, क्वीन, तनु वेड्स मनु और पंगा जैसी फ़िल्में की हैं. इन फिल्मों ने ही उन्हें बॉक्स ऑफिस पर मेल आर्टिस्ट की तरह बिकाऊ स्टार का रुतबा दिया है.

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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