• होम
  • सियासत
  • समाज
  • स्पोर्ट्स
  • सिनेमा
  • सोशल मीडिया
  • इकोनॉमी
  • ह्यूमर
  • टेक्नोलॉजी
  • वीडियो
होम
सिनेमा

कौन हैं Lock upp winner Munawar Farooqui जिन्हें आज भी रात को मां के साथ न सोने का अफसोस है

    • आईचौक
    • Updated: 09 मई, 2022 02:21 PM
  • 09 मई, 2022 02:21 PM
offline
कंगना रनौत के शो लॉक अप के विनर मुनव्वर फारुकी (Munawar Faruqui) ने जो झेला है ऐसा बचपन किसी दुश्मन को भी ना मिले. मां और उसकी मौत को यादकर मुनव्वर का दुख आज भी ताजा ही नजर आता है.

स्टैंडअप कॉमेडियन मुनव्वर फारुकी ने रियलिटी शो लॉक अप जीत लिया है. ऑल्ट बालाजी और एमएक्स प्लेयर पर स्ट्रीम होने वाले शो को बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत ने होस्ट किया. शनिवार देर रात फिनाले हुआ. अंजलि अरोड़ा, पायल रोहतगी, शिवम और मुनव्वर फ़िनाले तक पहुंचने वाले कंटेस्टेंट थे. कंगना ने विनर के रूप में मुनव्वर का नाम अनाउंस किया. अमित शाह पर कथित टिप्पणी के मामले में जेल जा चुके मुनव्वर विनर बनने के बाद सोशल मीडिया पर जबरदस्त चर्चा में हैं. हकीकत की जेल से लॉकअप के सेट तक युवा मुनव्वर का सफ़र बेहद शानदार रहा. आज उनके पास सबकुछ है. लेकिन मां को लेकर एक गिल्ट ने उनका पीछा नहीं छोड़ा है.  

वैसे स्टैंडअप कॉमेडी की वजह से मुनव्वर ने सुर्ख़ियां बहुत पहले ही बटोर ली थी. यूट्यूब पर उनके ढाई मिलियन से ज्यादा फॉलोअर हैं. मुनव्वर के वीडियोज पर व्यूज की संख्या करोड़ों है. हालांकि उनके वीडियोज पर विवाद भी खूब देखने को मिले हैं और आरोप लगाया जाता है कि वो धार्मिक रूप से बायस्ड हैं. जानबूझकर हिंदुओं और भाजपा पर विवादास्पद चुटकुले बनाते हैं. स्टैंडअप कॉमेडियन आरोपों को हमेशा खारिज करते हैं. उनका दावा है कि जोक्स का मकसद किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं है बल्कि हंसी मजाक भर है.

मुन्नवर फारुकी और कंगना रनौत. फोटो- लॉकअप से साभार.

मुनव्वर मूल रूप से गुजराती हैं. उनका जन्म साल 1992 में जूनागढ़ में हुआ था. स्टैंडअप कॉमेडियन ने 30 साल की उम्र तर्क जीवन में बहुत सारे उतार-चढ़ाव देखा है. लॉकअप में ही उन्होंने पहली बार अपनी जिंदगी के कई सियाह पहलुओं को भी रखा. इसे जानने के बाद पता चलता है कि जो स्टैंडअप कॉमेडियन लोगों को हंसाने की कोशिश करता है उसके जीवन का अपना निजी दर्द बहुत गहरा है. खेलने-कूदने की उम्र में ही उन्हें परेशानियों से...

स्टैंडअप कॉमेडियन मुनव्वर फारुकी ने रियलिटी शो लॉक अप जीत लिया है. ऑल्ट बालाजी और एमएक्स प्लेयर पर स्ट्रीम होने वाले शो को बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत ने होस्ट किया. शनिवार देर रात फिनाले हुआ. अंजलि अरोड़ा, पायल रोहतगी, शिवम और मुनव्वर फ़िनाले तक पहुंचने वाले कंटेस्टेंट थे. कंगना ने विनर के रूप में मुनव्वर का नाम अनाउंस किया. अमित शाह पर कथित टिप्पणी के मामले में जेल जा चुके मुनव्वर विनर बनने के बाद सोशल मीडिया पर जबरदस्त चर्चा में हैं. हकीकत की जेल से लॉकअप के सेट तक युवा मुनव्वर का सफ़र बेहद शानदार रहा. आज उनके पास सबकुछ है. लेकिन मां को लेकर एक गिल्ट ने उनका पीछा नहीं छोड़ा है.  

वैसे स्टैंडअप कॉमेडी की वजह से मुनव्वर ने सुर्ख़ियां बहुत पहले ही बटोर ली थी. यूट्यूब पर उनके ढाई मिलियन से ज्यादा फॉलोअर हैं. मुनव्वर के वीडियोज पर व्यूज की संख्या करोड़ों है. हालांकि उनके वीडियोज पर विवाद भी खूब देखने को मिले हैं और आरोप लगाया जाता है कि वो धार्मिक रूप से बायस्ड हैं. जानबूझकर हिंदुओं और भाजपा पर विवादास्पद चुटकुले बनाते हैं. स्टैंडअप कॉमेडियन आरोपों को हमेशा खारिज करते हैं. उनका दावा है कि जोक्स का मकसद किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं है बल्कि हंसी मजाक भर है.

मुन्नवर फारुकी और कंगना रनौत. फोटो- लॉकअप से साभार.

मुनव्वर मूल रूप से गुजराती हैं. उनका जन्म साल 1992 में जूनागढ़ में हुआ था. स्टैंडअप कॉमेडियन ने 30 साल की उम्र तर्क जीवन में बहुत सारे उतार-चढ़ाव देखा है. लॉकअप में ही उन्होंने पहली बार अपनी जिंदगी के कई सियाह पहलुओं को भी रखा. इसे जानने के बाद पता चलता है कि जो स्टैंडअप कॉमेडियन लोगों को हंसाने की कोशिश करता है उसके जीवन का अपना निजी दर्द बहुत गहरा है. खेलने-कूदने की उम्र में ही उन्हें परेशानियों से रूबरू होना पड़ा. यहां तक कि मात्र छह साल की उम्र में अपने ही रिश्तेदार के जरिए यौन शोषण झेलना पड़ा. निश्चित ही इससे उनका बचपन प्रभावित हुआ होगा.

रिश्तेदार यौन शोषण करता रहा और मुन्नवर फारुकी चुप ही रहे

लॉकअप में उन्होंने बताया था कि यौन शोषण का सिलसिला करीब पांच सालों तक चला. चूंकि उनकी उम्र बहुत कम थी और ऐसा रिश्तेदार शोषण कर रहा था जिसे वह बता भी नहीं सकते थे इस वजह से उन्हें लंबे समय तक त्रासदी झेलनी पड़ी. जब चीजें हद से ज्यादा हो गईं तब उन्हें इस पीड़ा से मुक्ति मिली. मुनव्वर बताते हैं कि उनके पिता को भी इस बात की जानकारी हो गई थी और उन्हें फटकार भी मिली. बचपन में यौन शोषण के मुसीबत से मुक्ति जरूर मिली लेकिन साम्प्रदायिक दंगों ने एक बार फिर उनके और परिवार की जिंदगी पर असर डाला.

बचपन में मुनव्वर का परिवार जूनागढ़ ही रहता था, मगर 2002 में गोधरा हादसे की आंच समूचे गुजरात में फ़ैल गई. कॉमेडियन का दावा है कि दंगों की आंच में उनका घर भी जला. और इसी वजह से उनके परिवार को जूनागढ़ छोड़ने पर विवश होना पड़ा. उनका पूरा परिवार मुंबई के डोंगरी में चला आया. हालांकि डोंगरी आने के बाद भी उनके परिवार की मुसीबतें कम होने का नामा नहीं ले रही थीं. नए शहर में रहने-खाने रोजी-रोजगार का संकट खड़ा हो गया. कुछ रिपोर्ट्स में जानकारी दी गई है कि मुनव्वर को बचपन में बर्तन बेचने पड़े और ग्राफिक्स का भी काम करना पड़ा.

गुजरात दंगों में घर छूटा, कलह ने ले ली मां की जान

डोंगरी पहुंचने पर जिंदगी एक बार फिर संभल पाती उससे पहले ही उनकी मां का निधन हो गया. स्टैंडअप कॉमेडियन के लिए यह बहुत बड़ा झटका था. उनका परिवार अभी-अभी डोंगरी आया था. उनकी उम्र भी बहुत कम थी. लॉकअप में मां की तकलीफ को याद करते हुए मुन्नवर ने बताया था कि उन्होंने एसिड पीकर आत्महत्या की थी. आत्महत्या करने से पहले उनकी मां ने एक हफ्ते से कुछ खाया पिया भी नहीं था. मुनव्वर ने मां की तकलीफ को बहुत नजदीकी से देखा है. उनका पिता के साथ रिश्ता सामान्य नहीं है. दोनों में लगातार झगड़े होते थे. मुनव्वर ने मां को अक्सर पिटते ही देखा है. उन्होंने खुद बताया था कि परिवार में तमाम चीजों के लिए सिर्फ मां पर दोषारोपण किया जाता था.

जबकि घर चलाने के लिए उन्होंने ना जाने कितने संघर्ष किए. मां ने किसी तरह उनकी बहन और परिवार को पाला. घर में खाने तक का संकट था. बर्तन और घर के दूसरे सामान बेंचकर भी मां ने परिवार चलाने की भरसक कोशिशें कीं. लोगों से कर्ज तक लिए. मुन्नवर को लगता है कि जिस रात उनकी मां ने एसिड पिया- अगर वह उसके पास सोए होते तो शायद हादसा नहीं होता. मां को लेकर गिल्ट से स्टैंडअप कॉमेडियन आज भी परेशान नजर आते हैं. और शायद इसी वजह से अपने पिता के साथ उनके रिश्ते ठीक नहीं हैं.

मुन्नवर ने सोचा नहीं था कभी कॉमेडियन बनेंगे, यूं ही मिल गया मौका

खैर, समझा जा सकता है कि जिस तरह की परिस्थितियों से होकर उनका बचपन गुजर रहा था उसमें मुन्नवर की जिंदगी में किसी ठोस मकसद का होना असंभव था. कम से कम उन्हें यह पता नहीं था कि एक दिन स्टैंडअप कॉमेडी की दुनिया में बड़ा नाम कमाएंगे. कॉमेडियन बनने को लेकर द प्रिंट में मुन्नवर के दोस्त और द हेरिटेज के फाउंडर बलराज सिंह घई ने कहा था कि अचानक मिले मौके ने उन्हें कॉमेडी की दुनिया में पहुंचा दिया. असल में हुआ यह था कि मुनव्वर एक ऐसे सेट पर थे जहां स्टैंडअपकॉमेडी को शूट किया जा रहा था. इसी दौरान एक स्टैंडअप कॉमेडियन की जरूरत पड़ी जो कुछ लाइनें मंच पर बोल सके. दुर्भाग्य से कोई ऐसा था नहीं.

मुन्नवर से कहा गया और उन्होंने रैंडमली कर दिया. यह लोगों को खूब पसंद आया और मुन्नवर को जीवन का नया और बड़ा मकसद मिल गया. फिर तो स्टैंडअप कॉमेडी की दुनिया में मुन्नवर का नाम चलने लगा. उनका यूट्यूब चैनल बहुत लोकप्रिय है- ऊपर जानकारी दी गई है. इस चैनल पर जोक्स के साथ और भी बहुत कुछ है. स्टैंडअप कॉमेडियन रैप भी गाते हैं. यूट्यूब पर इसे सुना जा सकता है. मुन्नवर के जोक्स राजनीतिक और धार्मिक भी होते हैं. देवी देवताओं और हिंदू धर्म को लेकर बने उनके कुछ जोक्स पर बवाल देखने को मिला है. लेकिन सबसे बड़ा विवाद तो तब खड़ा हुआ जब उन्होंने एक वीडियो में देवी देवताओं के साथ केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को भी लपेटे में ले लिया. मामला साल 2021 की शुरुआत का है.

इस मामले में मध्यप्रदेश के इंदौर में शिकायत हुई. मुनव्वर को गिरफ्तार किया गया और करीब एक महीने जेल में रहना पड़ा. इसके बाद फरवरी 2021 में सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिली. जेल में जाने की घटना ने मुन्नवर को रातोंरात लोकप्रियता की बुलंदी पर पहुंचा दिया. विपक्षी राजनीति ने उनके पक्ष में लामबंदी की. स्प्शल मीडिया पर भी उन्हें एक धड़े ने खूब सपोर्ट किया और कार्रवाई को दुर्भावना से प्रेरित बताया. स्टैंडअप कॉमेडियन ने भी खुद पर कार्रवाई को सियासी नतीजा माना था. उन्होंने दावा किया कि घटना के बाद उनके 15 शोज रद्द हुए. कुल मिलाकर जेल जाने के बाद मुन्नवर अक्सर चर्चों में ही हैं.

कुछ समय बाद उन्हें लॉकअप में कंटेस्टेंट के रूप में शामिल किया गया. शो के दौरान खुलासों ने उनकी शोहरत (जैसी भी है) को आसमान पर पहुंचाया और और नतीजे उनका विनर बनने के रूप में सामने हैं. मुन्नवर की शादी हो चुकी है. शो में ही उन्होंने इस बात को कन्फर्म किया था. हालांकि प्राइवेसी का हवाला देकर बहुत डिटेल में नहीं गए. पर इतना जरूर बताया कि पत्नी डेढ़ साल से अलग रह रही है. कुछ चीजें कोर्ट में हैं.

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

ये भी पढ़ें

Read more!

संबंधि‍त ख़बरें

  • offline
    सत्तर के दशक की जिंदगी का दस्‍तावेज़ है बासु चटर्जी की फिल्‍में
  • offline
    Angutho Review: राजस्थानी सिनेमा को अमीरस पिलाती 'अंगुठो'
  • offline
    Akshay Kumar के अच्छे दिन आ गए, ये तीन बातें तो शुभ संकेत ही हैं!
  • offline
    आजादी का ये सप्ताह भारतीय सिनेमा के इतिहास में दर्ज हो गया है!
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.

Read :

  • Facebook
  • Twitter

what is Ichowk :

  • About
  • Team
  • Contact
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.
▲