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Atrangi Re से पहले धनुष हिंदी फिल्मों में कब आए और नतीजा क्या हुआ?

    • आईचौक
    • Updated: 17 दिसम्बर, 2021 07:59 PM
  • 17 दिसम्बर, 2021 07:59 PM
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धनुष हिट देने के बाद भी आगे हिंदी फिल्मों में नहीं दिखें. उनकी तरह कई अभिनेता ब्लॉकबस्टर डेब्यू देने के बावजूद आगे हिंदी में नजर नहीं आए. ऐसा क्यों था. अब क्या चीज बदल रही है अतरंगी रे की रिलीज से पहले धनुष ने बताया है.

धनुष ने बिना हिंदी फ़िल्में किए ही बस एक गाने की वजह से समूचे देश में बड़ी और जादुई पहचान हासिल की थी. यह गाना 2011 के दौर में आया था. कोलावरी डी. साधारण अंग्रेजी में तमिल बातचीत शैली में आए गाने ने धनुष को युवाओं का चहेता बना दिया. इस गाने के कुछ दिनों बाद ही कुंदन शंकर के किरदार के लिए धनुष पर आनंद एल रॉय की नजर पड़ी थी. धनुष और आनंद का साथ करीब एक दशक का होने को है. लंबे वक्त बाद एक बार फिर दोनों लव ट्राएंगल अतरंगी रे की वजह से साथ आ रहे हैं. अतरंगी रे में धनुष के साथ अक्षय कुमार और सारा अली खान भी हैं. यह फिल्म सिनेमाघरों की बजाए डिजनी प्लस हॉटस्टार पर एक्सक्लूसिव ओटीटी रिलीज है.  24 दिसंबर के दिन से.

आगे बढ़ने से पहले अगर आप चाहें तो कोलावरी डी को नीचे सुन सकते हैं. अभी गाने में कितना जादू है कहा नहीं जा सकता मगर जब यह आया था तो इसने म्यूजिक चार्टबीट हिला दिए थे.

धनुष ने बतौर एक्टर अब तक दो हिंदी फ़िल्में की हैं. उनका हिंदी डेब्यू रांझणा के जरिए आनंद एल रॉय के साथ हुआ था. यह फिल्म साल 2013 में आई थीं जिसमें उन्होंने बनारस में ब्राह्मण तमिल युवा- कुंदन शंकर की भूमिका निभाई थी. कुंदन शंकर का परिवार कई पीढ़ियों से बनारस में ही रह रहा था और वह पड़ोस की मुस्लिम लड़की जोया से एकतरफा प्यार करने लगा था. जोया गठी उसके बचपन की दोस्त. सामजिक-आर्थिक हैसियत में जोया, कुंदन से कहीं आगे थी. जोया को मालूम भी नहीं था कुंदन उसके प्यार में पगलाया है.

आनंद एल रॉय की रांझणा की यूनिक रोमांटिक कहानी ने हर तरह के दर्शकों पास असर डाला था. एआर रहमान के म्यूजिक ने फिल्म में चार चांद लगा दिए थे. साधारण शक्ल-सूरत वाले धनुष ने अपने काम से रातोंरात हिंदी दर्शकों को चहेता बना लिया था. हालांकि हिंदी में बड़ी कामयाबी हासिल करने के बावजूद उनकी दूसरी फिल्म आने में दो साल का लंबा वक्त लगा. फिल्म थी शमिताभ. शमिताभ में अमिताभ बच्चन भी दूसरी मुख्य भूमिका में थे. इसे आर बाल्की ने बनाया था. फिल्म बॉक्स ऑफिस पर औसत साबित हुई, मगर बिग बी के साथ धनुष...

धनुष ने बिना हिंदी फ़िल्में किए ही बस एक गाने की वजह से समूचे देश में बड़ी और जादुई पहचान हासिल की थी. यह गाना 2011 के दौर में आया था. कोलावरी डी. साधारण अंग्रेजी में तमिल बातचीत शैली में आए गाने ने धनुष को युवाओं का चहेता बना दिया. इस गाने के कुछ दिनों बाद ही कुंदन शंकर के किरदार के लिए धनुष पर आनंद एल रॉय की नजर पड़ी थी. धनुष और आनंद का साथ करीब एक दशक का होने को है. लंबे वक्त बाद एक बार फिर दोनों लव ट्राएंगल अतरंगी रे की वजह से साथ आ रहे हैं. अतरंगी रे में धनुष के साथ अक्षय कुमार और सारा अली खान भी हैं. यह फिल्म सिनेमाघरों की बजाए डिजनी प्लस हॉटस्टार पर एक्सक्लूसिव ओटीटी रिलीज है.  24 दिसंबर के दिन से.

आगे बढ़ने से पहले अगर आप चाहें तो कोलावरी डी को नीचे सुन सकते हैं. अभी गाने में कितना जादू है कहा नहीं जा सकता मगर जब यह आया था तो इसने म्यूजिक चार्टबीट हिला दिए थे.

धनुष ने बतौर एक्टर अब तक दो हिंदी फ़िल्में की हैं. उनका हिंदी डेब्यू रांझणा के जरिए आनंद एल रॉय के साथ हुआ था. यह फिल्म साल 2013 में आई थीं जिसमें उन्होंने बनारस में ब्राह्मण तमिल युवा- कुंदन शंकर की भूमिका निभाई थी. कुंदन शंकर का परिवार कई पीढ़ियों से बनारस में ही रह रहा था और वह पड़ोस की मुस्लिम लड़की जोया से एकतरफा प्यार करने लगा था. जोया गठी उसके बचपन की दोस्त. सामजिक-आर्थिक हैसियत में जोया, कुंदन से कहीं आगे थी. जोया को मालूम भी नहीं था कुंदन उसके प्यार में पगलाया है.

आनंद एल रॉय की रांझणा की यूनिक रोमांटिक कहानी ने हर तरह के दर्शकों पास असर डाला था. एआर रहमान के म्यूजिक ने फिल्म में चार चांद लगा दिए थे. साधारण शक्ल-सूरत वाले धनुष ने अपने काम से रातोंरात हिंदी दर्शकों को चहेता बना लिया था. हालांकि हिंदी में बड़ी कामयाबी हासिल करने के बावजूद उनकी दूसरी फिल्म आने में दो साल का लंबा वक्त लगा. फिल्म थी शमिताभ. शमिताभ में अमिताभ बच्चन भी दूसरी मुख्य भूमिका में थे. इसे आर बाल्की ने बनाया था. फिल्म बॉक्स ऑफिस पर औसत साबित हुई, मगर बिग बी के साथ धनुष के कम की तारीफ़ हुई. छह साल बाद अतरंगी रे- हिंदी में धनुष की तीसरी फिल्म है.

शमिताभ को छोड़ दिया जाए तो बात जहां तक रांझणा और अतरंगी रे की है- उसमें धनुष की गुंजाइश उनके नैटिव की वजह से भी है. दरअसल, दोनों फिल्मों में धनुष का किरदार तमिल युवा का है. और वे शायद इसके लिए सबसे सटीक नजर आते हैं. इकॉनोमिक टाइम्स से एक इंटरव्यू में धनुष ने बताया कि किस तरह आनंद ने उन्हें खोज लिया था. वह भी 'अधुकलम' में उनका एक गाना देखकर. आनंद चाहते थे कि धनुष जैसा ही कोई लड़का उनकी फिल्म (रांझणा) में कुंदन शंकर का रोल करे. आनंद को धनुष पर भरोसा था और उन्होंने उसे साबित भी किया.

अतरंगी रे में धनुष और सारा.

लेकिन धनुष हों या दक्षिण के दूसरे स्टार, हिंदी फिल्मों में ना जाने कितने आए. काम किया. कामयाब भी हुए मगर कभी ऐसा नहीं दिखा कि हिंदी सिनेमा में करियर को आगे बढाने के इच्छुक भी हैं. रजनीकांत और कमल हासन जरूर दो ऐसे अभिनेता हैं जिनका दखल तमिल के साथ-साथ हिंदी सिनेमा में बराबर दिखता है. बाकी के सितारे आए वाले सिलसिले में दिखते हैं. प्रतिबंध, आज का गुंडाराज और जेंटलमैन जैसी फ़िल्में करने वाले तेलुगु सुपरस्टार चिरंजीवी या अनाड़ी और तकदीरवाला जैसी ब्लॉकबस्टर देने वाले वेंकटेश जैसे कई सितारों ने भी हिंदी में सफलता हासिल की, मगर उस सिलसिले को कभी आगे नहीं बढ़ाया.

कमल हासन लगातार हिंदी के बाजार को ध्यान में रखते हुए फ़िल्में करते रहे हैं. 80 के दशक में तो कमल हासन खूब हिंदी फ़िल्में कर रहे थे और हिट भी थे. बाद में कुछ गैप भी दिखा, लेकिन समय-समय पर उनकी हिंदी फ़िल्में आती रही हैं. इसमें शुद्ध हिंदी फिल्मों के अलावा हे राम, अभय और मुंबई एक्सप्रेस जैसी बाई लिंगुअल फ़िल्में भी हैं जो हिंदी के अलावा तमिल में भी बनी थीं. रजनीकांत भी इसी तरह बाई लिंगुअल फ़िल्में कर रहे हैं. एसएस राजमौली ने तो बाहुबली के बाद एक ट्रेंड ही शुरू कर दिया है जिसमें साउथ की अलग-अलग भाषाओं की पैन इंडिया फ़िल्में ना सिर्फ हिंदी में बन रही हैं बल्कि कामयाबी के झंडे भी गाड़ रही हैं. हालांकि पैन इंडिया फिल्म में काम करना और शुद्ध हिंदी फिल्म में काम करते रहना दो अलग चीजें हैं.

पैन इंडिया कंटेंट की बात छोड़ दी जाए तो चिरंजीवी, वेंकटेश या धनुष जैसे सितारे कामयाबी के बावजूद हिंदी फिल्मों में लगातार नहीं दिखते. क्यों नहीं दिखें? ईटी से ही इंटरव्यू में धनुष ने बताया कि जब रांझणा बनी थी तब साउथ इंडियन एक्टर्स का नॉर्थ इंडिया में (फिल्म उद्योग) काम करना लगभग असंभव टास्क था. अब चीजें बदल गई हैं. एंटरटेनमेंट हर कहीं और हर किसी के लिए उपलब्ध हैं. आज की तारीख में सभी भाषाओं के क्वालिटी कंटेंट को दर्शक देख रहा है. इस चीज ने हमें (उत्तर और दक्षिण को) बहुत करीब लाया. यह एक बढ़िया और ख़ूबसूरत क्रमागत पड़ाव है. आने वाला समय रोमांचक है और मैं उत्सुकता से भविष्य की प्रतीक्षा कर रहा हूं.

धनुष का सपना अमिताभ बच्चन की शराबी का रीमेक बनाना है.


इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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