• होम
  • सियासत
  • समाज
  • स्पोर्ट्स
  • सिनेमा
  • सोशल मीडिया
  • इकोनॉमी
  • ह्यूमर
  • टेक्नोलॉजी
  • वीडियो
होम
सिनेमा

क्या शाहरुख़ और इम्तियाज़ अली कहेंगे जब वी हिट

    • नरेंद्र सैनी
    • Updated: 10 जून, 2017 03:27 PM
  • 10 जून, 2017 03:27 PM
offline
शाहरुख़ की दिलवाले की बात करें या फिर रईस की दोनों ही उनका पहले जैसा जलवा नहीं दिखा सकीं. अब उन्होंने एक बार फिर से रोमांस का हाथ थामा है और इसके लिए उन्होंने इम्तियाज़ अली का दामन पकड़ा है.

एक बार गेंदबाज़ अपनी लाइन और लेंथ खो बैठे तो उसका दोबारा लय में आना आसान नहीं होता. बल्लेबाज़ उसका वो हश्र करते हैं कि उसी हालत शेन वार्न जैसी हो जाती है जब सचिन तेंडुलकर ने उनकी गेंदबाज़ी के परखच्चे उड़ाए थे.

ऐसा ही कुछ शाहरुख़ खान और इम्तियाज़ अली के बारे में भी कहा जा सकता है. दोनों की ही पिछली फ़िल्में बॉक्स ऑफ़िस पर ठंडी रहीं और वे झुँझलाए गेंदबाज़ की तरह एक के बाद एक कुछ अटपटा कर रहे हैं.

जब हैरी मेट सेजल का टाइटल 80 के दशक की रोमांटिक फिल्म से मिलता जुलता है.शाहरुख़ की "दिलवाले" की बात करें या फिर "रईस" की दोनों ही उनका पहले जैसा जलवा नहीं दिखा सकीं. अब उन्होंने एक बार फिर से रोमांस का हाथ थामा है और इसके लिए उन्होंने इम्तियाज़ अली का दामन पकड़ा है. लेकिन इम्तियाज़ अली अपनी पिछली फ़िल्म "तमाशा" के ज़रिये अपना तमाशा बनवा चुके हैं. शायद वह अपनी फ़िल्मों के कामयाबी के स्वाद को न चख पीने की वजह से थोड़े परेशान होंगे और इसीलिए वे कुछ ऐसा करने लगे हैं जो उनकी फ़िल्मी फ़ितरत में नहीं है.

उनकी नई फ़िल्म "जब हैरी मेट सेजल" का पोस्टर रिलीज़ हुआ है. पहली बात यह कि टाइटल हॉलीवुड फ़िल्म व्हेन हैरी मेट सैली से प्रेरित है. हो सकता है इम्तियाज़ को लगता हो कि जब वी मेट उनकी हिट फ़िल्म रही थी, इस तरह वे एक बार फिर उसी तरह का टाइटल लेकर अपनी क़िस्मत चमका सकते हों. यह सब तो ठीक है क्योंकि हॉलीवुड पुराने समय से बॉलीवुड की प्रेरणा रहा है. लेकिन इम्तियाज़ और शाहरुख को यह बात ध्यान में रखनी चाहिए कि उनकी पिछली फ़िल्में कमज़ोर कहानी की वजह से नहीं चली थीं, और उन्हें कहानी पर फ़ोकस करना चाहिए. वैसे इम्तियाज़ फ़िल्म के टाइटल के लेकर काफ़ी पशोपेश में थे और गहन शोध चल रहा था. लेकिन आख़िर में खोदा पहाड़ और निकला चूहिया वाली बात ही सिद्ध हुई.

एक बार गेंदबाज़ अपनी लाइन और लेंथ खो बैठे तो उसका दोबारा लय में आना आसान नहीं होता. बल्लेबाज़ उसका वो हश्र करते हैं कि उसी हालत शेन वार्न जैसी हो जाती है जब सचिन तेंडुलकर ने उनकी गेंदबाज़ी के परखच्चे उड़ाए थे.

ऐसा ही कुछ शाहरुख़ खान और इम्तियाज़ अली के बारे में भी कहा जा सकता है. दोनों की ही पिछली फ़िल्में बॉक्स ऑफ़िस पर ठंडी रहीं और वे झुँझलाए गेंदबाज़ की तरह एक के बाद एक कुछ अटपटा कर रहे हैं.

जब हैरी मेट सेजल का टाइटल 80 के दशक की रोमांटिक फिल्म से मिलता जुलता है.शाहरुख़ की "दिलवाले" की बात करें या फिर "रईस" की दोनों ही उनका पहले जैसा जलवा नहीं दिखा सकीं. अब उन्होंने एक बार फिर से रोमांस का हाथ थामा है और इसके लिए उन्होंने इम्तियाज़ अली का दामन पकड़ा है. लेकिन इम्तियाज़ अली अपनी पिछली फ़िल्म "तमाशा" के ज़रिये अपना तमाशा बनवा चुके हैं. शायद वह अपनी फ़िल्मों के कामयाबी के स्वाद को न चख पीने की वजह से थोड़े परेशान होंगे और इसीलिए वे कुछ ऐसा करने लगे हैं जो उनकी फ़िल्मी फ़ितरत में नहीं है.

उनकी नई फ़िल्म "जब हैरी मेट सेजल" का पोस्टर रिलीज़ हुआ है. पहली बात यह कि टाइटल हॉलीवुड फ़िल्म व्हेन हैरी मेट सैली से प्रेरित है. हो सकता है इम्तियाज़ को लगता हो कि जब वी मेट उनकी हिट फ़िल्म रही थी, इस तरह वे एक बार फिर उसी तरह का टाइटल लेकर अपनी क़िस्मत चमका सकते हों. यह सब तो ठीक है क्योंकि हॉलीवुड पुराने समय से बॉलीवुड की प्रेरणा रहा है. लेकिन इम्तियाज़ और शाहरुख को यह बात ध्यान में रखनी चाहिए कि उनकी पिछली फ़िल्में कमज़ोर कहानी की वजह से नहीं चली थीं, और उन्हें कहानी पर फ़ोकस करना चाहिए. वैसे इम्तियाज़ फ़िल्म के टाइटल के लेकर काफ़ी पशोपेश में थे और गहन शोध चल रहा था. लेकिन आख़िर में खोदा पहाड़ और निकला चूहिया वाली बात ही सिद्ध हुई.

उम्मीद करते हैं कहानी में कुछ नया होगा क्योंकि जहाँ तक पहली झलक के रूप में पोस्टर का आना है तो कहानी के भी कहीं से उठाए होने की संभावना ज़्यादा लग रही है. अगर ऐसा हुआ तो वह दिन दूर नहीं जब इम्तियाज़ और शाहरुख़ कहें कि जब वी हिट...

ये भी पढ़ें-

जानिए सलमान और शाहरुख जैसे सितारों की चमक के पीछे कौन है

बॉलीवुड के 'शहंशाह' इंकलाब श्रीवास्तव और 'किंग खान' अब्दुल रहमान हैं. चेक कर लीजिए फैक्ट!

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

ये भी पढ़ें

Read more!

संबंधि‍त ख़बरें

  • offline
    सत्तर के दशक की जिंदगी का दस्‍तावेज़ है बासु चटर्जी की फिल्‍में
  • offline
    Angutho Review: राजस्थानी सिनेमा को अमीरस पिलाती 'अंगुठो'
  • offline
    Akshay Kumar के अच्छे दिन आ गए, ये तीन बातें तो शुभ संकेत ही हैं!
  • offline
    आजादी का ये सप्ताह भारतीय सिनेमा के इतिहास में दर्ज हो गया है!
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.

Read :

  • Facebook
  • Twitter

what is Ichowk :

  • About
  • Team
  • Contact
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.
▲