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Kaali से The Kashmir Files तक, इस साल की 5 विवादित फिल्में जिन्हें लेकर खूब हंगामा हुआ!

    • आईचौक
    • Updated: 07 दिसम्बर, 2022 04:01 PM
  • 07 दिसम्बर, 2022 03:59 PM
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Most Controversial Movies of 2022: सिनेमा पर सियासत नई बात नहीं है, लेकिन फिल्मों को लेकर जब आम आदमी सड़क पर उतर जाए तो मामला गंभीर हो जाता है. हर साल बड़ी संख्या में फिल्मों पर विवाद होता है. इस साल भी कई फिल्मों को लेकर सड़क से सोशल मीडिया तक हंगामा हुआ है. आइए इन विवादों के बारे में जानते हैं...

फिल्मों के विषय, उसमें फिल्माए गए सीन, उसमें काम कर रहे कलाकारों की करतूत और फिल्म मेकर्स की नीयत को लेकर हमेशा विवाद होते रहे हैं. खासकर, इतिहास और धर्म से जुड़ी फिल्मों से लोगों की भावनाएं जल्दी आहत होती हैं. इसकी वजह से लोग सड़क से लेकर सोशल मीडिया तक, फिल्म के खिलाफ आंदोलन करते हैं. उसे बैन करने की मांग करते हैं. कई बार थाने में शिकायत और कोर्ट में केस भी हुआ है. ऐसी स्थिति में फिल्म के मेकर्स को नुकसान होने का डर होता है. हालांकि, अभी तक के अनुभव के आधार पर यही कहा जा सकता है कि इस साल रिलीज हुई कुछ फिल्मों को छोड़ दिया जाए तो ज्यादातर फिल्मों के लिए विवाद अच्छे रहे हैं.

वैसे भी फिल्म इंडस्ट्री में विवाद फिल्मों को पॉपुलर करने के लिए हथकंडे की तरह इस्तेमाल होने लगे हैं. कई बार तो जानबूझकर ऐसे विषय चुने जाते हैं, जिनका लोग विरोध करें. पूरे देश में जब विरोध प्रदर्शन होने लगता है. लोग नकारात्मक ही सही उस फिल्म के बारे में चर्चा करने लगते हैं, तब फिल्म के मेकर्स उसमें मामूली बदलाव करके रिलीज कर देते हैं. इस तरह फिल्म को उतनी पॉपुलैरिटी मिल चुकी होती है, जितनी की करोड़ों खर्च करने के बाद भी नहीं मिल सकती. इसका सबसे बड़ा उदाहरण संजय लीला भंसाली की कई फिल्में हैं. हालांकि, इस साल ऐसा विवाद और विरोध का नुकसान हुआ है. कई फिल्में इसकी वजह से बॉक्स ऑफिस पर डिजास्टर रही हैं.

आइए, बॉलीवुड की उन फिल्मों के बारे में जानते हैं, जिन्हें लेकर विवाद हुआ है...

1. ब्रह्मास्त्र

अयान मुखर्जी के निर्देशन में बनी रणबीर कपूर और आलिया भट्ट स्टारर फिल्म 'ब्रह्मास्त्र' इस साल सबसे ज्यादा सुर्खियों में रही है. फिल्म की रिलीज से पहले ही ज्यादातर लोग दो धड़ों में बंट गए थे. एक पक्ष फिल्म की जमकर तारीफ कर रहा था, तो दूसरा पक्ष उसके खिलाफ...

फिल्मों के विषय, उसमें फिल्माए गए सीन, उसमें काम कर रहे कलाकारों की करतूत और फिल्म मेकर्स की नीयत को लेकर हमेशा विवाद होते रहे हैं. खासकर, इतिहास और धर्म से जुड़ी फिल्मों से लोगों की भावनाएं जल्दी आहत होती हैं. इसकी वजह से लोग सड़क से लेकर सोशल मीडिया तक, फिल्म के खिलाफ आंदोलन करते हैं. उसे बैन करने की मांग करते हैं. कई बार थाने में शिकायत और कोर्ट में केस भी हुआ है. ऐसी स्थिति में फिल्म के मेकर्स को नुकसान होने का डर होता है. हालांकि, अभी तक के अनुभव के आधार पर यही कहा जा सकता है कि इस साल रिलीज हुई कुछ फिल्मों को छोड़ दिया जाए तो ज्यादातर फिल्मों के लिए विवाद अच्छे रहे हैं.

वैसे भी फिल्म इंडस्ट्री में विवाद फिल्मों को पॉपुलर करने के लिए हथकंडे की तरह इस्तेमाल होने लगे हैं. कई बार तो जानबूझकर ऐसे विषय चुने जाते हैं, जिनका लोग विरोध करें. पूरे देश में जब विरोध प्रदर्शन होने लगता है. लोग नकारात्मक ही सही उस फिल्म के बारे में चर्चा करने लगते हैं, तब फिल्म के मेकर्स उसमें मामूली बदलाव करके रिलीज कर देते हैं. इस तरह फिल्म को उतनी पॉपुलैरिटी मिल चुकी होती है, जितनी की करोड़ों खर्च करने के बाद भी नहीं मिल सकती. इसका सबसे बड़ा उदाहरण संजय लीला भंसाली की कई फिल्में हैं. हालांकि, इस साल ऐसा विवाद और विरोध का नुकसान हुआ है. कई फिल्में इसकी वजह से बॉक्स ऑफिस पर डिजास्टर रही हैं.

आइए, बॉलीवुड की उन फिल्मों के बारे में जानते हैं, जिन्हें लेकर विवाद हुआ है...

1. ब्रह्मास्त्र

अयान मुखर्जी के निर्देशन में बनी रणबीर कपूर और आलिया भट्ट स्टारर फिल्म 'ब्रह्मास्त्र' इस साल सबसे ज्यादा सुर्खियों में रही है. फिल्म की रिलीज से पहले ही ज्यादातर लोग दो धड़ों में बंट गए थे. एक पक्ष फिल्म की जमकर तारीफ कर रहा था, तो दूसरा पक्ष उसके खिलाफ नकारात्मक माहौल बना रहा था. फिल्म के ट्रेलर रिलीज के बाद तो कुछ लोगों ने हिंदूओं के धार्मिक भावनाओं को आहत करने का आरोप भी लगा दिया. उनका कहना था कि अभिनेता रणबीर कपूर के हिंदू धर्म की आस्था के प्रतीक मंदिर में जूते पहन कर घंटा बजाया है, जो कि धार्मिक नियमों के खिलाफ है. इसे लेकर उत्तर प्रदेश के वाराणसी कोर्ट में परिवाद दाखिल किया गया. रणबीर कपूर को तलब कर दंडित किए जाने का अनुरोध किया गया. इसके साथ पूर्व में रणबीर कपूर के बीफ खाने को लेकर दिए गए एक बयान की वजह से भी बवाल हुआ. इस वजह से रणबीर और आलिया को उज्जैन के महाकाल मंदिर में पूजा करने से रोक दिया गया. वहां बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने फिल्म की पूरी टीम को काले झंडे दिखाए. उनके खिलाफ नारेबाजी की गई. फिल्म को बैन करने की मांग की गई.

2. थैक गॉड

बॉलीवुड अभिनेता अजय देवगन और सिद्धार्थ मल्होत्रा स्टारर फिल्म 'थैंक गॉड' के ट्रेलर रिलीज के बाद से ही विरोध शुरू हो गया था. फिल्म में अजय देवगन ने कायस्थ समाज के भगवान माने जाने वाले चित्रगुप्त का किरदार निभा रहे हैं. इस किरदार में वो लड़कियों के साथ डांस करते हुए भी दिख रहे हैं. कायस्थ समाज के लोगों का कहना था कि उनके भगवान को ऐसे दिखाकर उनका अपमान किया जा रहा है. कायस्थ महासभा के राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष संजीव श्रीवास्तव का कहना है कि फिल्म के ट्रेलर में हमारे समाज के भगवान श्री चित्रगुप्त जी को आधुनिक वेशभूषा में दिखाया गया है. वह 'अर्ध-नग्न महिलाओं' से घिरे हुए हैं. ऐसे करके उनका अपमान किया जा रहा है. इससे हमारी धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं. इसे लेकर उत्तर प्रदेश के जौनपुर और राजस्थान के धौलपुर में केस दर्ज कराया गया था. फिल्म के खिलाफ जनविरोध और कानूनी कार्रवाही के डर से मेकर्स ने बड़ा बदलाव किया. इसके तहत फिल्म में चित्रगुप्तजी के नाम को बदल कर 'सीजी' और यमदूत के नाम को बदल कर 'वाईडी' कर दिया गया. इसके बाद लोगों का गुस्सा शांत हुआ था.

3. द कश्मीर फाइल्स

विवेक अग्निहोत्री की फिल्म 'द कश्मीर फाइल्स' इस साल की सबसे ज्यादा विवादित फिल्म रही है. इस फिल्म की रिलीज के साथ ही विवादों का दौर शुरू हो गया था. इसकी सबसे बड़ी वजह फिल्म का विषय है. ये फिल्म कश्मीर घाटी से पंडितों के पलायन और हिंदू के नरसंहार की सच्ची दास्तान पर आधारित है. इसमें सारी घटनाएं लंबे रिसर्च के बाद हूबहू पेश कर दी गई है. यही वजह है कि लेफ्ट विंग को ये फिल्म पसंद नहीं आई और उन्होंने इसका विरोध शुरू कर दिया. हालांकि, राइट विंग की तरफ से फिल्म को जबरदस्त समर्थन मिला, जिसकी वजह से इसने बॉक्स ऑफिस कलेक्शन के मामले में रिकॉर्ड कायम कर दिया. सोशल मीडिया पर लंबे समय तक फिल्म को लेकर बहस होती रही. हालही में एक बार फिर इसे लेकर विवाद शुरू हो गया. दरअसल, 53वें इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया गोवा में ज्यूरी हेड इजराइली फिल्म मेकर नादव लैपिड ने 'द कश्मीर फाइल्स' को अश्लील और प्रोपेगेंडा फिल्म बताकर हंगाम खड़ा कर दिया. इसके बाद फिल्म के अभिनेता अनुपम खेर और निर्देशक विवेक अग्निहोत्री ने लैपिड के खिलाफ हल्ला बोल दिया.

4. सम्राट पृथ्वीराज

हिंदुस्तान के अंतिम हिंदू सम्राट पृथ्वीराज चौहान की जिंदगी पर आधारित फिल्म 'सम्राट पृथ्वीराज' रिलीज से पहले विवादों में फंस गई थी. इस फिल्म का टाइटल पहले 'पृथ्वीराज' था, इसलिए राजपूतों के संगठन करणी सेना ने फिल्म का विरोध करना शुरू कर दिया. उनका कहना था कि सम्राट पृथ्वीराज चौहान उनके समाज के महान व्यक्ति थे. इसलिए उनके नाम को सम्मान के साथ लिया जाए. इसलिए मेकर्स से फिल्म का टाइटल बदलने की मांग होने लगी. इससे पहले गुर्जर महासभा ने भी दावा किया था कि पृथ्वीराज चौहान राजपूत नहीं गुर्जर राजा थे. अखिल भारतीय वीर गुर्जर महासभा का कहना था कि यदि पृथ्वीराज चौहान के लिए 'राजपूत' शब्द इस्तेमाल किया जाता रहेगा तो वे फिल्म रिलीज नहीं होने देंगे. फिल्म के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के देखते हुए मेकर्स ने टाइटल बदलकर 'पृथ्वीराज' से 'सम्राट पृथ्वीराज' कर दिया. इसके बाद फिल्म के निर्देशक डॉ. चंद्रप्रकाश द्विवेदी ने कहा था कि पृथ्वीराज चौहान राजस्थान के वीर शासक थे और उनकी वीर कथा को कभी पर्दे पर उकेरा नहीं गया है. ऐसे में इतिहास से बिना छेड़छाड़ किए इसे बनाया गया है.

5. राम सेतु

अक्षय कुमार की फिल्म 'राम सेतु' की रिलीज से पहले बीजेपी नेता और पूर्व राज्यसभा सांसद डॉ सुब्रमण्यम स्वामी ने मोर्चा खोल दिया था. उनका कहना था कि इस फिल्म में राम सेतु को लेकर गलत तथ्य दिखाए जा रहे हैं. उस वक्त स्वामी ने ट्वीट किया था, ''मुआवजे के मुकदमे को मेरे सहयोगी एडवोकेट सत्या सभ्रवाल द्वारा अंतिम रूप दिया गया है. मैं अभिनेता अक्षय कुमार और कर्मा मीडिया पर उनकी फिल्म में राम सेतु मुद्दे के गलत चित्रण के कारण हुए नुकसान के चलते मुकदमा दर्ज कर रहा हूं.'' इसके बाद उन्होंने अपने वकील सत्य सभरवाल के जरिए इंटलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स की जानकारी के लिए अक्षय कुमार समेत फिल्म से जुड़े 8 लोगों को लीगल नोटिस भेजा था. फिल्म की टीम ने इस नोटिस का जवाब भी दिया, लेकिन स्वामी को पसंद नहीं आया. उनका कहना था, ''हम इस जवाब से बिल्कुल संतुष्ट नहीं हैं. उनका जवाब बड़ा ही अस्पष्ट है. राम सेतु को बचाने के लिए कोर्ट प्रोसीडिंग एक अहम हिस्सा है, जिससे 2007 से मेरे क्लाइंट सुब्रमण्यम स्वामी जुड़े हैं. यदि फिल्ममेकर्स इस हिस्से को दिखा रहे हैं तो किस बेस पर उन्होंने ये फैसला लिया है.''

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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