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The Zoya Factor सोनम कपूर की नहीं दुलकर सलमान की फिल्म है

    • पारुल चंद्रा
    • Updated: 20 सितम्बर, 2019 03:01 PM
  • 20 सितम्बर, 2019 03:01 PM
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The Zoya Factor Film Review कहने को तो बहुत ही सिम्पल सी फिल्म है, जिसमें कॉमेडी भी है और मजा भी. लक और क्रिकेट को एक साथ जोड़कर इस फिल्म को और भी मनोरंजक बना दिया गया है. यूं समझिए कि फिल्म के पोस्टर पर नींबू-मिर्ची टांगना काम कर गया है.

देखिए अगर आप भारत में रहते हैं तो आपको थोड़ा बहुत धार्मिक, थोड़ा बहुत शक्की और थोड़ा बहुत अंधविश्वासी तो होना ही चाहिए. वो क्या है कि, यही तो संस्कृति है हमारी. आप कितने ही बड़े आदमी क्यों न हों लेकिन गणेश जी की आशीर्वाद लिए बिना कोई भी अच्छा काम नहीं करते. उसी तरह शगुन-अपशगुन मानना और शुभ-अशुभ जानना हमारी जड़ों में बसा है. आप कितना ही sophisticated हों लेकिन एस्टेरोलॉजी में तोड़ा बहुत विश्वास तो करते ही होंगे. उसपर से अगर आपको क्रिकेट भी पसंद है तो समझिए Sonam Kapoor की फिल्म The Zoya Factor आपको पसंद आएगी.

पहले ही बता दें, कि ये फिल्म शुभ-अशुभ पर ही आधारित है इसलिए इसमें बहुत सीरियस होने जैसा कुछ नहीं है. हल्की फुल्की कॉमेडी और क्रिकेट का फ्लेवर लिए ये फिल्म दर्शकों को पसंद आएगी. फिल्म में लीड रोल निभा रही हैं सोनम कपूर और दक्षिण भारतीय फिल्मों के सुपर स्टार ममूटी के बेटे Dulquer Salmaan. फिल्म के निर्देशक हैं अभिषेक शर्मा, जो इससे पहले 'तेरे बिन लादेन' और 'द शौकीन्स' और 'परमाणुः द स्टोरी ऑफ पोखरण' जैसी फिल्में बना चुके हैं.

आपको बता दें कि निर्देशक अभिषेक शर्मा ने अनुजा चौहान की किताब The zoya factor की कहानी को फिल्म का रूप दिया है. ये अनुजा की बेस्ट सेलिंग किताब थी जिसे बहुत पसंद किया गया था. इसलिए फिल्म की कहानी काफी इंटरटेनिंग है.

देखने लायक फिल्म है The zoya Factor

फिल्म 3 वजहों से देखने लायक है

1. Dulquer Salman- ये दुलकर की दूसरी फिल्म है. और इस फिल्म के जरिए हिंदी फिल्मों के दर्शकों ने इस दक्षिण भारतीय हीरो का खुले दिल से स्वागत किया है.

2. Cricket- क्रिकेट देखने के शौकीन वो फिल्में कभी नहीं छोड़ते जिसमें क्रिकेट होता है....

देखिए अगर आप भारत में रहते हैं तो आपको थोड़ा बहुत धार्मिक, थोड़ा बहुत शक्की और थोड़ा बहुत अंधविश्वासी तो होना ही चाहिए. वो क्या है कि, यही तो संस्कृति है हमारी. आप कितने ही बड़े आदमी क्यों न हों लेकिन गणेश जी की आशीर्वाद लिए बिना कोई भी अच्छा काम नहीं करते. उसी तरह शगुन-अपशगुन मानना और शुभ-अशुभ जानना हमारी जड़ों में बसा है. आप कितना ही sophisticated हों लेकिन एस्टेरोलॉजी में तोड़ा बहुत विश्वास तो करते ही होंगे. उसपर से अगर आपको क्रिकेट भी पसंद है तो समझिए Sonam Kapoor की फिल्म The Zoya Factor आपको पसंद आएगी.

पहले ही बता दें, कि ये फिल्म शुभ-अशुभ पर ही आधारित है इसलिए इसमें बहुत सीरियस होने जैसा कुछ नहीं है. हल्की फुल्की कॉमेडी और क्रिकेट का फ्लेवर लिए ये फिल्म दर्शकों को पसंद आएगी. फिल्म में लीड रोल निभा रही हैं सोनम कपूर और दक्षिण भारतीय फिल्मों के सुपर स्टार ममूटी के बेटे Dulquer Salmaan. फिल्म के निर्देशक हैं अभिषेक शर्मा, जो इससे पहले 'तेरे बिन लादेन' और 'द शौकीन्स' और 'परमाणुः द स्टोरी ऑफ पोखरण' जैसी फिल्में बना चुके हैं.

आपको बता दें कि निर्देशक अभिषेक शर्मा ने अनुजा चौहान की किताब The zoya factor की कहानी को फिल्म का रूप दिया है. ये अनुजा की बेस्ट सेलिंग किताब थी जिसे बहुत पसंद किया गया था. इसलिए फिल्म की कहानी काफी इंटरटेनिंग है.

देखने लायक फिल्म है The zoya Factor

फिल्म 3 वजहों से देखने लायक है

1. Dulquer Salman- ये दुलकर की दूसरी फिल्म है. और इस फिल्म के जरिए हिंदी फिल्मों के दर्शकों ने इस दक्षिण भारतीय हीरो का खुले दिल से स्वागत किया है.

2. Cricket- क्रिकेट देखने के शौकीन वो फिल्में कभी नहीं छोड़ते जिसमें क्रिकेट होता है. क्रिकेट हर रूप में थ्रिल पैदा करता है चाहे मैदान में हो या पर्दे पर.

3. विश्वास- कांच के टूटने पर, छींक आ जाने पर, या बिल्ली के रस्ता काट जाने पर मुंह बना लेते हैं तो ये फिल्म आपके लिए ही है.

क्रिकेट के लिए न सही, दुलकर के लिए फिल्म देख आइए

कहानी अनरियल है लेकिन इंटरटेनिंग है

The zoya factor टाइटल कहनी की मुख्य पात्र जोया सोलंकी पर आधारित है जिसका किरदार निभा रही हैं सोनम कपूर. जिस दिन जोया का जन्म होता है, उसी दिन भारत 1983 क्रिकेट वर्ल्ड कप जीत जाता है. उस दिन से ही जोया अपने पापा (संजय कपूर) के लिए लकी हो जाती है. इस जोया का दुख सिर्फ इतना है कि ये हर किसी के लिए तो लकी है लेकिन खुद के लिए नहीं. उसके काम बिगड़ना, डांट पड़ना, बॉयफ्रेंड से ब्रेकअप वगैरह उसके अनलकी होनी की कहानी कहते हैं. अपने assignment पर वो भारतीय क्रिकेट टीम से मिलती है, जो हार से जूझ रही होती है. क्रिकेट टीम के कप्तान हैं निखिल खोड़ा (दुलकर सलमान). लेकिन जैसे ही जोया टीम के साथ ब्रेकफास्ट करती है टीम इंडिया जीत जाती है. टीम जोया को अपना लकी चार्म मानने लगते हैं, जबकि निखिल किस्मत पर नहीं कर्म में यकीन रखता. दोनों इसी बात पर टकराते हैं.

विश्वास का अंधविश्वास हो जाना भी फिल्म में खूब दिखाई देगा

The Zoya Factor Film Review कहने को तो बहुत ही सिम्पल सी फिल्म है, जिसमें कॉमेडी भी है और मजा भी. लेकिन लक और क्रिकेट को एक साथ जोड़कर इस फिल्म को और भी मनोरंजक बना दिया गया है. खासकर जब भारतीयों को पता है कि भारतीय क्रिकेटर्स भी लकी और अनलकी पर विश्वास करते हैं. जैसे तेंदुल्कर का अपने पुराने बैट से ही खेलना, कोहली का हाथ में कड़ा होना. साथ ही ड्रेसिंग रूम की कई बातें दर्शकों को पसंद आने वाली हैं. साथ ही क्रिकेट मैच चाहे असली हो या फिर फिल्मी थ्रिलिंग तो होता ही है. फिल्म की कहानी आपको अनरियल लग सकती है. जो स्वाभाविक है वैसे भी कहानियां तो कल्पनाएं ही होती हैं.

सोनम से ज्यादा दुलकर की तारीफ

The Zoya Factor के रिलीज होने के पहले ये फिल्म सोनम कपूर की थी. यानी चर्चा उनकी हो रही थी. लेकिन फिल्म के रिलीज होने के बाद ये फिल्म दुलकर सलमान खान ही हो गई है. यानी फिल्म में दुलकर का काम बहुत पसंद किया जा रहा है. सोनम फिल्म में वैसी ही लगी हैं जैसे वो अपनी बाकी फिल्मों में लगती हैं. उनका एक ही जैसा स्टाइल है जो उन्होंने इस फिल्म में भी कैरी किया है. लेकिन दुलकर के लिए ये फिल्म काफी लकी साबित होने वाली है. वो इसलिए क्योंकि उन्होंने इसमें खुद को साबित किया है.

फिल्म देखकर आए लोगों ने तो ये तक कहा है कि बॉलीवुड के हीरोज को दुलकर से डरने की जरूरत है. दुलकर 2012 से दक्षिण भारतीय फिल्मों में सक्रिय हैं. पिछले साल आई फिल्म कारवां से उन्होंने बॉलीवुड में एंट्री की थी. लेकिन हिंदी पर उनकी अच्छी पकड़ उन्हें बाहरी साबित नहीं करती.

The Zoya Factor Film Review को अगर स्टार्स की दृष्टि से देखा जाए तो क्रिटिक्स ने फिल्म को 3 से 3.5 स्टार दिए हैं. यानी फिल्म एंटरटेनिंग है, देखने लायक है. आपको फिल्म देखकर ठगा हुआ महसूस नहीं होगा. फिल्म के पोस्टर पर नींबू-मिर्ची टांगना काम कर गया है.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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