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धोनी के नेतृत्व में वह जीत जिसने बदली भारतीय क्रिकेट की सूरत, अब वेबसीरीज में दिखेगी कहानी!

    • आईचौक
    • Updated: 20 नवम्बर, 2022 03:52 PM
  • 20 नवम्बर, 2022 03:52 PM
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2007 में टी 20 फ़ॉर्मेट में पहला विश्वकप हुआ था. तब महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में युवा टीम इंडिया ने फाइनल में पाकिस्तान को हराकर तहलका मचा दिया था. उस जीत के बाद देश में क्रिकेट के एक नए युग की शुरुआत हुई थी. अब जल्द ही भारतीय जीत की कहानी एक वेबसीरीज में दिखने वाली है.

साल 2007 में टी 20 फ़ॉर्मेट में पहला विश्वकप आयोजित हुआ था. यह विश्वकप कई मायनों में ऐतिहासिक रहा. इसने ना सिर्फ दुनियाभर में क्रिकेट के मायने उलट-पुलट कर रख दिए, बल्कि भारत के संदर्भ में तो क्रांतिकारी ही साबित हुआ. महेंद्र सिंह धोनी की अगुआई में भारत ने वह विश्वकप जीता था. एक रोमांचक फाइनल में भारत ने तब पाकिस्तान को हराकर पहला खिताब अपने नाम किया था. उस जीत का असर आज भी साफ़ महसूस किया जा सकता है. 2007 की जीत का असर भारतीय क्रिकेट में लगभग वैसे ही है, जैसे साल 1983 में कपिल देव की अगुआई में देश एकदिवसीय विश्वकप का चैम्पियन बना था. याद ही होगा कि पिछले साल इसी जीत की कहानी पर क्रिसमस के मौके पर बॉलीवुड फिल्म आई थी- 83.

रणवीर सिंह स्टारर फिल्म को लेकर बात दूसरी है कि तमाम वजहों से इसे दर्शकों ने वाजिब प्यार नहीं दिया और यह फिल्म टिकट खिड़की पर कारोबारी लिहाज से नाकाम साबित हुई. लेकिन अब धोनी के नेतृत्व में 2007 विश्वकप की क्रांतिकारी जीत को लेकर जल्द ही एक वेबसीरीज आने वाली है. वेबसीरीज का बहुत सारा हिस्सा शूट भी हो चुका है और इसे अगले साल 2023 में स्ट्रीम करने की तैयारी है. हालांकि वेबसीरीज का टाइटल अभी तय नहीं हुआ है.

महेंद्र सिंह धोनी. फोटो- गेट्टी/इंडिया टुडे.

तरण आदर्श ने वेब सीरीज को लेकर क्या-क्या बताया?

तरण आदर्श ने एक ट्वीट में बताया कि सिक्स वन नेटवर्क्स के लिए 'डेल्ही हाइट्स' और 'जिला गाजियाबाद' बना चुके आनंद कुमार इसका निर्देशन करेंगे. यह भी बताया कि सीरीज में 15 क्रिकेटर्स की भूमिका में ए लिस्टर अभिनेता ही नजर आने वाले हैं. टी20 जीत पर तरण ने बहुत सारी जानकारियां तो साझा कर दीं, लेकिन यह साफ़ नहीं हो पाया कि आखिर इसमें कौन-कौन से अभिनेता किन-किन क्रिकेटर्स के किरदारों में नजर आने वाले...

साल 2007 में टी 20 फ़ॉर्मेट में पहला विश्वकप आयोजित हुआ था. यह विश्वकप कई मायनों में ऐतिहासिक रहा. इसने ना सिर्फ दुनियाभर में क्रिकेट के मायने उलट-पुलट कर रख दिए, बल्कि भारत के संदर्भ में तो क्रांतिकारी ही साबित हुआ. महेंद्र सिंह धोनी की अगुआई में भारत ने वह विश्वकप जीता था. एक रोमांचक फाइनल में भारत ने तब पाकिस्तान को हराकर पहला खिताब अपने नाम किया था. उस जीत का असर आज भी साफ़ महसूस किया जा सकता है. 2007 की जीत का असर भारतीय क्रिकेट में लगभग वैसे ही है, जैसे साल 1983 में कपिल देव की अगुआई में देश एकदिवसीय विश्वकप का चैम्पियन बना था. याद ही होगा कि पिछले साल इसी जीत की कहानी पर क्रिसमस के मौके पर बॉलीवुड फिल्म आई थी- 83.

रणवीर सिंह स्टारर फिल्म को लेकर बात दूसरी है कि तमाम वजहों से इसे दर्शकों ने वाजिब प्यार नहीं दिया और यह फिल्म टिकट खिड़की पर कारोबारी लिहाज से नाकाम साबित हुई. लेकिन अब धोनी के नेतृत्व में 2007 विश्वकप की क्रांतिकारी जीत को लेकर जल्द ही एक वेबसीरीज आने वाली है. वेबसीरीज का बहुत सारा हिस्सा शूट भी हो चुका है और इसे अगले साल 2023 में स्ट्रीम करने की तैयारी है. हालांकि वेबसीरीज का टाइटल अभी तय नहीं हुआ है.

महेंद्र सिंह धोनी. फोटो- गेट्टी/इंडिया टुडे.

तरण आदर्श ने वेब सीरीज को लेकर क्या-क्या बताया?

तरण आदर्श ने एक ट्वीट में बताया कि सिक्स वन नेटवर्क्स के लिए 'डेल्ही हाइट्स' और 'जिला गाजियाबाद' बना चुके आनंद कुमार इसका निर्देशन करेंगे. यह भी बताया कि सीरीज में 15 क्रिकेटर्स की भूमिका में ए लिस्टर अभिनेता ही नजर आने वाले हैं. टी20 जीत पर तरण ने बहुत सारी जानकारियां तो साझा कर दीं, लेकिन यह साफ़ नहीं हो पाया कि आखिर इसमें कौन-कौन से अभिनेता किन-किन क्रिकेटर्स के किरदारों में नजर आने वाले हैं. रहस्य इसलिए भी कि सभी कलाकारों को ए लिस्टर बताया जा रहा, पर वह कौन हैं और अबतक वेबसीरीज के बारे में लोगों को ज्यादा जानकारी नहीं है. हो सकता है कि वक्त के साथ मेकर्स कास्टिंग या तमाम चीजों को साफ़ करें.

वैसे- तब भारत की 15 सदस्यीय टीम में धोनी (कप्तान),  युवराज सिंह (उप कप्तान), अजित आगरकर, गौतम गंभीर, हरभजन सिंह, जोगिंदर शर्मा, दिनेश कार्तिक, युसूफ पठान, इरफान पठान, वीरेंद्र सहवाग, रोहित शर्मा, पीयूष चावला, आरपी सिंह, श्रीसंत और रोबिन उथप्पा थे. टीम इंडिया में शामिल सभी खिलाड़ी 30 साल से कम उम्र के थे. सबसे कम उम्र के खिलाड़ी पीयूष चावला (18 साल 239 दिन) और सबसे ज्यादा उम्र के आगरकर (29 साल 247 दिन) थे. विश्वकप में लगभग सभी खिलाड़ियों का टीम एफर्ट देखने को मिला. लेकिन भारत की तरफ से गौतम गंभीर ने सबसे ज्यादा रन बनाए थे और आरपी सिंह ने सर्वाधिक विकेट लिए थे.

क्यों 2007 का विश्वकप भारत के लिहाज से क्रांतिकारी साबित हुआ?

2007 में भारतीय जीत किसी भी तरह से साधारण नहीं है. पहली बार एक युवा टीम के गठन की कोशिशें हुईं और उसने नतीजे दिए. वह भविष्य के लिहाज से एक क्रांतिकारी बदलाव था. टीम में सभी खिलाड़ी 30 से कम उम्र के थे. धोनी के रूप में एक युवा को टीम की कमान दी गई थी. ज्यादातर खिलाड़ी ऑल राउंडर थे. दो तीन खिलाड़ियों को छोड़ दिया जाए तो सबके सब साधारण पृष्ठभूमि से आए खिलाड़ी थे. टीम में युवा जोश था. उसने सामूहिक प्रयास से कारनामा करके दिखाया. और इतिहास रच दिया. भारतीय क्रिकेट में कई सितारों का जन्म हुआ. आरपी सिंह रायबरेली जैसे एक छोटे शहर के तेज गेंदबाज के रूप में थे. जोगिंदर शर्मा, रोहित शर्मा और पीयूष चावला के रूप में नए सितारों का जन्म हुआ. धोनी के रूप में भारतीय क्रिकेट इतिहास में सबसे बेहतर नतीजे देने वाले कप्तान का उदय हुआ.

मजेदार यह भी है कि क्रिकेट के उस फ़ॉर्मेट ने भारत में क्रिकेट और उसके आसपास की चीजों को भी एक नया नजरिया दिया. भारत ने संभावनाएं देखीं और आईपीएल के रूप में क्रिकेट का घरेलू फ़ॉर्मेट भी आगे शुरू हुआ. बताने की जरूरत नहीं है कि क्रिकेट में उसका योगदान क्या है. भारत के गली कूचे और छोटे शहरों कस्बों की क्रिकेट प्रतिभाओं को कुछ करने और कामयाब होने का मकसद और जबरदस्त भरोसा मिला. भारत में क्रिकेट का 'इलिटिज्म' उसी जीत से ख़त्म हुआ था. बड़े शहरों का दबदबा भी. टीम इंडिया के चयन की कसौटी बदल गई. क्रिकेट ज्यादा पेशेवर हुआ. इसका असर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी दिखा. युवा जोश ने भारत को एक आक्रामक टीम के रूप में बदल दिया. एक ऐसी टीम जो किसी भी हालत में जीत के लिए खेलने लगी. दुनिया के क्रिकेट में भारत का महत्व और बढ़ा.

निश्चित ही 2007 विश्वकप की जीत क्रिकेट इतिहास में एक बड़े पड़ाव की तरह है. वेबसीरीज देखना जरूर बेहतरीन अनुभव होगा.

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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