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The Family Man 2 बनाने वालों की 4 गलतियां जो गले नहीं उतरती!

    • मुकेश कुमार गजेंद्र
    • Updated: 04 जून, 2021 11:06 PM
  • 04 जून, 2021 11:06 PM
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मनोज बाजपेयी (Manoj Bajpayee) और सामंथा अक्किनेनी (Samantha Akkineni) की वेब सीरीज 'द फैमिली मैन 2' (The Family Man 2) अपने पहले सीजन की तरह ही शानदार है, इसमें कोई दो राय नहीं है. लेकिन दूसरे सीजन में इसके मेकर्स राज एंड डीके ने ऐसी कई गलतियां कर दी हैं, जो दर्शकों के गले नहीं उतर रहीं.

अमेजन प्राइम वीडियो (Amazon Prime Video) पर वेब सीरीज 'द फैमिली मैन 2' (The Family Man 2) खूब देखी जा रही है. इसमें बॉलीवुड एक्टर मनोज बाजपेयी (Manoj Bajpai) और साउथ की सुपरस्टार समांथा अक्किनेनी (Samantha Akkineni) ने दमदार अभिनय किया है. सस्‍पेंस, ड्रामा, एक्‍शन और एडवेंचर से भरे इस वेब सीरीज को कृष्णा डीके और राज निदिमोरु (राज एंड डीके) के साथ सुपर्ण वर्मा ने निर्देशित किया है. इसमें मनोज और सामंथा के साथ ही प्रियामणि, शारिब हाशमी, सीमा बिस्वास, दर्शन कुमार, शरद केलकर, सनी हिंदुजा, श्रेया धनवंतरी, शहाब अली, वेदांत सिन्हा और महक ठाकुर ने अहम भूमिका निभाई है.

इसमें कोई दो राय नहीं है कि पहले सीजन की तरह ही 'द फैमिली मैन सीजन 2' भी एक शानदार वेब सीरीज है. लेकिन इस बार मेकर्स ने ऐसी कई गलतियां कर दी हैं, जो दर्शकों के गले नहीं उतर रही हैं. वेब सीरीज के निर्माता-निर्देशक कृष्णा डीके, राज निदिमोरु और सुपर्ण वर्मा के कमाल के काम के बावजूद इन कमियों को इग्नोर नहीं किया जा सकता है. आइए जानते हैं, वेब सीरीज द फैमिली मैन सीजन 2 की वो 4 गलतियां...

काउंलर के पास बैठे श्रीकांत तिवारी (मनोज बाजपेयी) और शुचि (प्रियमणि), जहां गाली का सीन है.

1. हिंदी वेब सीरीज में जबरन ठूसे गए तमिल-अंग्रेजी के संवाद

द फैमिली मैन सीजन 2 में इतनी सारी अच्छाईयों के बावजूद एक सबसे बड़ी कमी है, जो पहले से आखिरी एपिसोड तक खटकती है. पहले एपिसोड की शुरूआत के करीब 10 मिनट तक पूरी कहानी के बीच दिखाए गए संवाद तमिल में है. इतना ही नहीं इसके बाद भी शो को नेचुरल दिखाने के चक्कर में हर एपिसोड में लंबे-लंबे डायलॉग तमिल और अंग्रेजी में हैं, जो हिंदी भाषी दर्शकों के पल्ले ही नहीं पड़ते. इस वजह से कई सीन बहुत बोरिंग से लगने लगते हैं. शायद...

अमेजन प्राइम वीडियो (Amazon Prime Video) पर वेब सीरीज 'द फैमिली मैन 2' (The Family Man 2) खूब देखी जा रही है. इसमें बॉलीवुड एक्टर मनोज बाजपेयी (Manoj Bajpai) और साउथ की सुपरस्टार समांथा अक्किनेनी (Samantha Akkineni) ने दमदार अभिनय किया है. सस्‍पेंस, ड्रामा, एक्‍शन और एडवेंचर से भरे इस वेब सीरीज को कृष्णा डीके और राज निदिमोरु (राज एंड डीके) के साथ सुपर्ण वर्मा ने निर्देशित किया है. इसमें मनोज और सामंथा के साथ ही प्रियामणि, शारिब हाशमी, सीमा बिस्वास, दर्शन कुमार, शरद केलकर, सनी हिंदुजा, श्रेया धनवंतरी, शहाब अली, वेदांत सिन्हा और महक ठाकुर ने अहम भूमिका निभाई है.

इसमें कोई दो राय नहीं है कि पहले सीजन की तरह ही 'द फैमिली मैन सीजन 2' भी एक शानदार वेब सीरीज है. लेकिन इस बार मेकर्स ने ऐसी कई गलतियां कर दी हैं, जो दर्शकों के गले नहीं उतर रही हैं. वेब सीरीज के निर्माता-निर्देशक कृष्णा डीके, राज निदिमोरु और सुपर्ण वर्मा के कमाल के काम के बावजूद इन कमियों को इग्नोर नहीं किया जा सकता है. आइए जानते हैं, वेब सीरीज द फैमिली मैन सीजन 2 की वो 4 गलतियां...

काउंलर के पास बैठे श्रीकांत तिवारी (मनोज बाजपेयी) और शुचि (प्रियमणि), जहां गाली का सीन है.

1. हिंदी वेब सीरीज में जबरन ठूसे गए तमिल-अंग्रेजी के संवाद

द फैमिली मैन सीजन 2 में इतनी सारी अच्छाईयों के बावजूद एक सबसे बड़ी कमी है, जो पहले से आखिरी एपिसोड तक खटकती है. पहले एपिसोड की शुरूआत के करीब 10 मिनट तक पूरी कहानी के बीच दिखाए गए संवाद तमिल में है. इतना ही नहीं इसके बाद भी शो को नेचुरल दिखाने के चक्कर में हर एपिसोड में लंबे-लंबे डायलॉग तमिल और अंग्रेजी में हैं, जो हिंदी भाषी दर्शकों के पल्ले ही नहीं पड़ते. इस वजह से कई सीन बहुत बोरिंग से लगने लगते हैं. शायद मेकर्स को तमिल और अंग्रेजी अच्छे से आती है, इसलिए वो इस पहलू पर ध्यान नहीं दे पाए. हालांकि, सबटाइटल्स हिंदी और अंग्रेजी में दिए गए हैं, लेकिन हिंदी पट्टी के लोगों के लिए मुश्किल ये है कि सबटाइटल्स समझने के चक्कर में सीन मिस हो जाता है. इससे अच्छा तो ये होता कि वेब सीरीज को हिंदी के अलावा तमिल और अंग्रेजी में डब कर देते जनाब.

2. बिना बात के गाली, वेब सीरीज की मजबूरी है क्या?

अभिव्यक्ति की आजादी और कहानी की जरूरत बताकर आजकल वेब सीरीज में गाली, सेक्स, फूहड़ता, अश्लीलता और विभत्सता जमकर दिखाई जाती है. द फैमिली मैन मेकर्स भी इससे परहेज नहीं कर पाए. वेब सीरीज का नाम तो फैमिली मैन रख दिया, लेकिन गालियां जमकर सुनाई हैं. एक सीन में श्रीकांत तिवारी (मनोज बाजपेयी) अपनी वाइफ शुचि (प्रियमणि) के साथ काउंसलर के पास जाता है. वहां काउंलर उसके सामने इंग्लिश में कोट बोलकर उन्हें इम्प्रेस करने की कोशिश करता है. इससे चिढकर श्रीकांत फिल्मों के डायलॉग बोलने लगता है. 'जो जीता वही सिंकदर' बोलने के बाद गाली देता है. इतना ही नहीं कई जगह खुलकर गालियां देता है.

इस पर मनोज बाजपेयी का कहना है कि इस सीन की शूटिंग के वक्त जब वो डायलॉग बोल रहे थे, अचानक उनके मुंह से गाली निकल गई. इसे बाद में वेब सीरीज के मेकर्स ने बिना एडिट यूज कर लिया. मनोज बताते हैं, 'मैंने राज और डीके से इस बारे में बात की तो उन्होंने कहा कि नहीं यह तो बढ़िया लग रहा है. मैंने उनसे कई बार यह गाली हटाने के लिए कहा लेकिन वह गाली हटाने के लिए तैयार नहीं हुए. मैंने अपनी जिंदगी में उस शब्द का इस्तेमाल नहीं किया है और मैं इसे दोबारा कभी नहीं बोलूंगा क्योंकि सोशल मीडिया एक ऐसा प्लेटफॉर्म है कि उसके जरिए मुझपर बार-बार हमला किया जाएगा. हालांकि, गालियों पर मनोज का विचार पहले कुछ और ही था. एक इंटरव्यू के दौरान मनोज बाजपेयी ने अपने साथी कलाकार विजय राज से बात करते हुए गालियों को क्रिएटिविटी का हिस्सा बताया था. उनका कहना था कि गालियां तो हमारी सभ्यता का हिस्सा हैं. 

3. इस बेडरूम (इंटीमेट) सीन की क्या जरूरत थी?

द फैमिली मैन सीजन 2 के पहले ही एपिसोड में एक सीन है. श्रीलंका की निर्वासित सरकार के प्रधानमंत्री भास्करन के छोटे भाई सुब्बु को पुलिस गिरफ्तार करने एक लॉज में जाती है. वहां उसके साथियों को गोली मारने के बाद उसे हिरासत में लेकर थ्रेट एनालिसिस एंड सर्विलांस सेल (TASC) के अफसर जेके कॉल करती है. इसी बीच सुब्बु दो पुलिसवालो को गोली मारकर अपने कमरे से भागता है. लॉज के एक दूसरे कमरे में घुस जाता है. वहां एक अधेड़ सा आदमी एक लड़की के साथ इंटीमेट होता है. सुब्बु उनको गन प्वाइंट पर लेकर पुलिस से निगोशिएट करता है. अब सवाल उठता है कि एक बदमाश को गन प्वाइंट पर लेने के लिए वो कपल ही मिला था.

अमेजन प्राइम वीडियो पर वेब सीरीज 'द फैमिली मैन 2' धूम मचा रही है.

4. ऐसे विभत्स और हास्यास्पद दृश्य की कल्पना नहीं थी?

'द फैमिली मैन' केवल अपने टाइटल से 'फैमिली' वेब सीरीज लगती है, लेकिन है दूसरे सीरीजों की तरह ही. इसमें कई विभत्स दृश्यों के बीच कुछ हास्यास्पद सीन भी हैं, जो खटकते हैं. इतने मैच्योर वेब सीरीज में ऐसे सीन तो बिल्कुल भी नही जमते हैं. एक सीन है, जिसमें राजी (सामंथा अक्किनेनी) अपने साथ शारीरिक संबंध बनाने पर तूले अपने बॉस की हत्या करने के बाद धारदार हथियार से कई टुकड़े कर देती है. उसकी डेड बॉडी को कई टुकड़ों में काटने के बाद अलग-अलग थैलियों में रखती है. अब इस दृश्य को इतनी विभत्सता से दिखाने की क्या जरूरत थी. केवल हत्या दिखाने भर से काम चल जाता. इस दृश्य को देखकर तो आंखें बंद हो जाती हैं.

इसी तरह एक सीन है, जिसमें TASC के एक अफसर को गोली लग जाती है. उसे जिंदा करने के लिए श्रीकांत उसके सीने पर जोर-जोर से पंप करता है. अब सीने में गोली लगे इंसान की सांसें लौटाने के लिए क्या कोई एनआईए का अफसर किसी के सीने को पंप करेगा? देखने में यह बहुत हास्यास्पद लगता है.



इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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