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The Conversion की लोकप्रियता के आगे पीछे छूटे 'द कश्मीर फाइल्स', 'RRR' और 'रनवे 34'

    • मुकेश कुमार गजेंद्र
    • Updated: 09 मई, 2022 05:11 PM
  • 09 मई, 2022 05:11 PM
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कश्मीरी पंडितों के पलायन और नरसंहार पर आधारित विवेक अग्निहोत्री की फिल्म 'द कश्मीर फाइल्स' के बाद लव जिहाद के मुद्दे पर बनी फिल्म 'द कन्वर्जन' चर्चा का विषय बनी हुई है. विनोद तिवारी के निर्देशन में बनी फिल्म 'द कन्वर्जन' में विन्ध्या तिवारी, प्रतीक शुक्ला और रवि भाटिया जैसे कलाकार मुख्य भूमिका में हैं.

किसी फिल्म या वेब सीरीज की सफलता, असफलता और लोकप्रियता को मापने का पैमाना IMDb rating को माना जाता है. उसके लिहाज से हालिया रिलीज फिल्म 'द कन्वर्जन' ने कई मेगा बजट फिल्मों जैसे कि 'आरआरआर', 'हीरोपंती 2', 'अटैक' और 'रनवे 34' को पीछे छोड़ दिया है. इतना ही नहीं 'द कश्मीर फाइल्स' जैसी मशहूर फिल्म की रेटिंग भी इससे कम है. इस फिल्म के आईएमडीबी रेटिंग के आंकड़े हैरान करने वाले हैं, क्योंकि लव जिहाद के मुद्दे पर बनी किसी फिल्म की रेटिंग इन तमाम बड़ी फिल्मों से अधिक होना इस बात की ओर इशारा करता है कि इस वक्त दर्शकों का फिल्म देखने का नजरिया पूरी तरह बदल चुका है.

फिल्म 'द कन्वर्जन' की आईएमडीबी रेटिंग इस वक्त 8.7/10 है. जो कि पिछले एक महीने में रिलीज हुईं तमाम बड़ी फिल्मों में ज्यादा है. 6 मई को सिनेमाघरों में रिलीज हुई इस फिल्म को कुल 1856 लोगों ने वोट किया है. इसमें सबसे ज्यादा दिलचस्प बात ये है कि 1742 लोगों ने 10 में से 10 रेटिंग दी है. यानी फिल्म देखने के बाद रेटिंग देने वाले दर्शकों को ये फिल्म बहुत ज्यादा पसंद आई है. वहीं, विवेक अग्निहोत्री की फिल्म 'द कश्मीर फाइल्स' आईएमडीबी रेटिंग 8.3/10 है. इस फिल्म को 5 लाख 44 हजार लोगों ने रेटिंग दी है. इसमें से 5 लाख 4 हजार लोगों ने 10 में से 10 रेटिंग दी है. लेकिन यहां एक हैरान करने देने वाला तथ्य भी दिख रहा है, वो ये कि करीब 27 हजार लोगों ने फिल्म को महज 1 रेटिंग दी है. ये आंकड़ा बताता है कि बड़ी संख्या में फिल्म को लोगों ने नापसंद भी किया है.

विनोद तिवारी के निर्देशन में बनी फिल्म 'द कन्वर्जन' में विन्ध्या तिवारी और प्रतीक शुक्ला लीड रोल में हैं.

वो अलग बात है कि पसंद करने वालों की तुलना में ये संख्या बहुत कम है, लेकिन इसे इग्नोर भी नहीं किया जा सकता है. इसी तरह एसएस...

किसी फिल्म या वेब सीरीज की सफलता, असफलता और लोकप्रियता को मापने का पैमाना IMDb rating को माना जाता है. उसके लिहाज से हालिया रिलीज फिल्म 'द कन्वर्जन' ने कई मेगा बजट फिल्मों जैसे कि 'आरआरआर', 'हीरोपंती 2', 'अटैक' और 'रनवे 34' को पीछे छोड़ दिया है. इतना ही नहीं 'द कश्मीर फाइल्स' जैसी मशहूर फिल्म की रेटिंग भी इससे कम है. इस फिल्म के आईएमडीबी रेटिंग के आंकड़े हैरान करने वाले हैं, क्योंकि लव जिहाद के मुद्दे पर बनी किसी फिल्म की रेटिंग इन तमाम बड़ी फिल्मों से अधिक होना इस बात की ओर इशारा करता है कि इस वक्त दर्शकों का फिल्म देखने का नजरिया पूरी तरह बदल चुका है.

फिल्म 'द कन्वर्जन' की आईएमडीबी रेटिंग इस वक्त 8.7/10 है. जो कि पिछले एक महीने में रिलीज हुईं तमाम बड़ी फिल्मों में ज्यादा है. 6 मई को सिनेमाघरों में रिलीज हुई इस फिल्म को कुल 1856 लोगों ने वोट किया है. इसमें सबसे ज्यादा दिलचस्प बात ये है कि 1742 लोगों ने 10 में से 10 रेटिंग दी है. यानी फिल्म देखने के बाद रेटिंग देने वाले दर्शकों को ये फिल्म बहुत ज्यादा पसंद आई है. वहीं, विवेक अग्निहोत्री की फिल्म 'द कश्मीर फाइल्स' आईएमडीबी रेटिंग 8.3/10 है. इस फिल्म को 5 लाख 44 हजार लोगों ने रेटिंग दी है. इसमें से 5 लाख 4 हजार लोगों ने 10 में से 10 रेटिंग दी है. लेकिन यहां एक हैरान करने देने वाला तथ्य भी दिख रहा है, वो ये कि करीब 27 हजार लोगों ने फिल्म को महज 1 रेटिंग दी है. ये आंकड़ा बताता है कि बड़ी संख्या में फिल्म को लोगों ने नापसंद भी किया है.

विनोद तिवारी के निर्देशन में बनी फिल्म 'द कन्वर्जन' में विन्ध्या तिवारी और प्रतीक शुक्ला लीड रोल में हैं.

वो अलग बात है कि पसंद करने वालों की तुलना में ये संख्या बहुत कम है, लेकिन इसे इग्नोर भी नहीं किया जा सकता है. इसी तरह एसएस राजामौली के निर्देशन में बनी रामचरण और एनटीआर जूनियर की फिल्म आरआरआर को 8.4/10 आईएमडीबी रेटिंग मिली है. इस फिल्म को 62 हजार 472 लोगों ने रेटिंग दी है, जिसमें से 42 हजार लोगों ने 10 में से 10 रेटिंग दी है. यानी रेटिंग देने वाले दर्शकों में से 67 फीसदी लोगों को ये फिल्म बहुत ज्यादा पसंद आई है. 29 अप्रैल को रिलीज हुई अजय देवगन और अमिताभ बच्चन की फिल्म 'रनवे 34' को 8.1/10 रेटिंग मिली है. इस फिल्म को 15 हजार लोगों ने रेट किया है, जिसमें से 7 हजार लोगों ने 10 में से 10, तो 1700 लोगों ने 10 में से 1 रेटिंग दी है. इस तरह फिल्म देखने के बाद रेटिंग देने वाले दर्शकों में से 48 फीसदी लोगों को ही फिल्म ज्यादा पसंद आई है.

इन फिल्म को ही तरह टाइगर श्रॉफ की बहुप्रतीक्षित फिल्म 'हीरोपंती 2' को 5.7/10 और जॉन अब्राहम की फिल्म 'अटैक' को 7.7/10 आईएमडीबी रेटिंग मिली है. 'हीरोपंती 2' अजय देवगन की 'रनवे 34' के साथ ही सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी. इसे 21 हजार लोगों ने वोट किया है, लेकिन 7800 लोगों ने ही 10 में से 10 रेटिंग दी है, जबकि 8400 लोगों ने 10 में से 1 रेटिंग दी है. इस फिल्म को महज 38 फीसदी लोगों ने ही पसंद किया है. इससे साफ पता चलता है कि टाइगर श्रॉफ इस फिल्म के जरिए दर्शकों का दिल जीतने में नाकाम रहे हैं. वहीं, जॉन अब्राहम की फिल्म 'अटैक' को 8794 लोगों ने रेट किया है, जिसमें से 3949 ने 10 में से 10 रेटिंग दी है. 1300 लोगों ने फिल्म को 10 में से 1 रेटिंग दी है. इस तरह फिल्म को रेटिंग देने वालों में 45 फीसदी लोगों को अटैक बहुत ज्यादा पसंद आई है.

फिल्म 'द कन्वर्जन' को देखने के बाद आईएमडीबी की वेब साइट पर रेटिंग देने वाले कुल दर्शकों में 93 फीसदी लोगों ने 10 में से 10 रेटिंग देकर ये बता दिया है कि उनको ये फिल्म बहुत ज्यादा पसंद आई है. ऐसे में सवाल उठता है कि 'द कश्मीर फाइल्स' जैसे छोटे बजट बनने वाली इस फिल्म में ऐसा क्या है, जो लोगों को बहुत ज्यादा पसंद आ रहा है? इस सवाल का जवाब भी विवेक अग्निहोत्र की फिल्म की सफलता में ही छिपा है. सभी जानते हैं कि समाज, सिनेमा और सियात एक-दूसरे को प्रभावित करते हैं. जैसा समाज, वैसी सियासत होती है. उसी तरह जैसा समाज उसी तरह का सिनेमा भी पसंद किया जाता है. इस वक्त हिंदुस्तान में हिंदुत्व का स्वर प्रखर है. सत्ता में हिंदुत्ववादी सरकारे हैं. ऐसे में हिंदू विचारधारा से जुड़ा सिनेमा सफल हो रहा है. फिल्म 'द कन्वर्जन' को लोकप्रियता उसका ज्वलंत प्रमाण है.

इस फिल्म को जिसने नहीं देखा उसके मन में कौतूहल होगा कि आखिर फिल्म 'द कन्वर्जन' की कहानी में ऐसा क्या है, जो इसकी इतनी ज्यादा चर्चा हो रही है. ऐसे में बता दें कि ये फिल्म लव जिहाद जैसे संवेदनशील मुद्दे पर आधारित है. इस फिल्म को बनारस में शूट किया गया है. फिल्म की कहानी एक हिंदू लड़की के इर्द-गिर्द घूमती है. काशी के एक ब्राह्मण के घर में पैदा हुई वो लड़की कॉलेज में एक लड़के से प्यार करने लगती है. लड़का खुद को हिंदू बताता है, जरूरत पड़ने पर संस्कृत के श्लोक भी बोलता है. लड़की को नहीं पता कि उसके साथ किसी तरह की साजिश की गई है. लड़की के पिता को इसके प्यार के बारे में पता चलता है, तो वो उसको रोकते हैं. लेकिन लड़की उस लड़के की बातों में आकर शादी कर लेती है. इसके बाद उसके साथ प्रताड़ना का दौर शुरू होता है. उसे जबरन मुस्लिम बनाया जाता है, लेकिन वो नहीं मानती और वहां से भाग जाती है. उसे एहसास हो चुका होता है कि उसने अपने परिवार और समाज के साथ गलत किया है. इसके बाद वो बदला लेने के लिए कई तरह के कदम उठाती है.


इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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