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Thappad Trailer Review: बस एक थप्पड़ जो कभी मारा नहीं जा सकता

    • बिलाल एम जाफ़री
    • Updated: 31 जनवरी, 2020 10:31 PM
  • 31 जनवरी, 2020 10:31 PM
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अनुभव सिन्हा (Anubhav Sinha) की आने वाली फिल्म थप्पड़ (Thappad) के ट्रेलर (Thappad Trailer) से साफ़ है कि ये तापसी पन्नू (Tapsi Pannu)के रूप में एक ऐसी महिला की कहानी है जो तमाम तिरस्कार सह रही है और एक पल वो भी आता है जब उसे थप्पड़ मार दिया जाता है. फिल्म का ट्रेलर बता रहा है कि फिल्म एक महिला के सम्मान को ध्यान में रखकर बनाई गई है.

Thappad trailer review: हम जिस देश में रह रहे हैं वहां महिला (Woman) और पुरुष (Man) की समानता (Equality) के दावे किये जाते हैं. कहा जाता है कि जो अधिकार एक महिला के हैं. वही अधिकार एक पुरुष को मिले हैं. सुनने में सब अच्छा-अच्छा है. मगर जब हम धरातल पर आते हैं तो नजारा अलग है. यहां हकीकत एवं फ़साने में साफ़ अंतर हमें नजर आता है. पुरुष ने हमेशा ही अपने को सुपीरियर समझा है. वहीं एक महिला तमाम अहम मौकों पर हमें हालात के साथ समझौता करती हुई नजर आई है. आम तौर पर महिलाओं के प्रति हमारे अपने घरों का रवैया क्या है? ये भी किसी से छुपा नहीं है. जैसी सुविधा, जैसी सुचिता होती है हम वैसा ट्रीटमेंट उनके साथ कर देते हैं. चूंकि विषय हमारा ईगो है. तो हम उन्हें नीचा दिखाने वाले, उन्हें कमजोर बताने वाले भद्दे जोक तो मारते ही रहते हैं और एक आध बार अगर कभी नौबत हाथ छोड़ने की आई, तो हमें उसपर भी कोई गुरेज नहीं है. क्योंकि सॉरी के रूप में एक बड़ा हथियार हमारे पास है इसलिए इसका इस्तेमाल करते हुए बिगड़ा मामला सुलटा लेने की काला भी हममें खूब है. ये तमाम बातें इसलिए क्योंकि अनुभव सिन्हा (Anubhav Sinha) की आने वाली फिल्म 'थप्पड़' (Thappad) कुछ कुछ इन्हीं मुद्दों को उठाती हुई नजर आती है. फिल्म का ट्रेलर (Thappad Trailer) रिलीज हुआ है और ट्रेलर देख के इस बात का अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है कि लगातार अपना तिरस्कार सहती और चीजों के साथ एडजस्ट करती महिला को उस वक़्त क्या अनुभूति होती है जब उसके साथ हो रहा तिरस्कार शारीरिक हिंसा में तब्दील हो जाए और नौबत मारपीट की आ जाए.

फिल्म थप्पड़ के ट्रेलर से साफ़ है कि इसमें हमारे समाज की एक बहुत बुरी कुरीति को परदे पर उकेरा गया है

तापसी पन्नू (Taapsee Pannu) स्टारर अनुभव सिन्हा (Anubhav Sinha) की आने वाली फिल्म 'थप्पड़...

Thappad trailer review: हम जिस देश में रह रहे हैं वहां महिला (Woman) और पुरुष (Man) की समानता (Equality) के दावे किये जाते हैं. कहा जाता है कि जो अधिकार एक महिला के हैं. वही अधिकार एक पुरुष को मिले हैं. सुनने में सब अच्छा-अच्छा है. मगर जब हम धरातल पर आते हैं तो नजारा अलग है. यहां हकीकत एवं फ़साने में साफ़ अंतर हमें नजर आता है. पुरुष ने हमेशा ही अपने को सुपीरियर समझा है. वहीं एक महिला तमाम अहम मौकों पर हमें हालात के साथ समझौता करती हुई नजर आई है. आम तौर पर महिलाओं के प्रति हमारे अपने घरों का रवैया क्या है? ये भी किसी से छुपा नहीं है. जैसी सुविधा, जैसी सुचिता होती है हम वैसा ट्रीटमेंट उनके साथ कर देते हैं. चूंकि विषय हमारा ईगो है. तो हम उन्हें नीचा दिखाने वाले, उन्हें कमजोर बताने वाले भद्दे जोक तो मारते ही रहते हैं और एक आध बार अगर कभी नौबत हाथ छोड़ने की आई, तो हमें उसपर भी कोई गुरेज नहीं है. क्योंकि सॉरी के रूप में एक बड़ा हथियार हमारे पास है इसलिए इसका इस्तेमाल करते हुए बिगड़ा मामला सुलटा लेने की काला भी हममें खूब है. ये तमाम बातें इसलिए क्योंकि अनुभव सिन्हा (Anubhav Sinha) की आने वाली फिल्म 'थप्पड़' (Thappad) कुछ कुछ इन्हीं मुद्दों को उठाती हुई नजर आती है. फिल्म का ट्रेलर (Thappad Trailer) रिलीज हुआ है और ट्रेलर देख के इस बात का अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है कि लगातार अपना तिरस्कार सहती और चीजों के साथ एडजस्ट करती महिला को उस वक़्त क्या अनुभूति होती है जब उसके साथ हो रहा तिरस्कार शारीरिक हिंसा में तब्दील हो जाए और नौबत मारपीट की आ जाए.

फिल्म थप्पड़ के ट्रेलर से साफ़ है कि इसमें हमारे समाज की एक बहुत बुरी कुरीति को परदे पर उकेरा गया है

तापसी पन्नू (Taapsee Pannu) स्टारर अनुभव सिन्हा (Anubhav Sinha) की आने वाली फिल्म 'थप्पड़ (Thappad) का ट्रेलर (Thappad Trailer) रिलीज हो गया है. ट्रेलर से साफ़ है कि फिल्म में तापसी को एक मजबूत भूमिका में रखा गया है. साथ ही जिस तरह एक शादीशुदा महिला बनी तापसी ने एक्टिंग की है और अपने दर्द को परदे पर दिखाया है कहा जा सकता है कि एक बहुत ही संवेदनशील टॉपिक के साथ उन्होंने पूरा इंसाफ किया है.

ट्रेलर में हैप्पिली मैरिड कपल के बीच का प्यार तो है ही मगर कलेश और ईगो को प्रमुखता दी गई. जो निर्देशक अनुभव सिन्हा की इस फिल्म का सेंटर पॉइंट है. ट्रेलर से ये भी साफ़ हो गया है कि पिंक और मुल्क के बाद ये दूसरी बार है जब अपनी अदाकारी से तापसी ने उन पहलुओं को छुआ है जिन्हें हमारा समाज या तो देखता नहीं है या फिर उन्हें देखकर नकार देता है.

फिल्म का ट्रेलर एक बातचीत से शुरू होता है जिसमें एक वकील एक हाउस वाइफ बनी तापसी से पूछती हैं कि क्या उनका (फिल्म में तापसी के पति) कोई अफेयर था या आपका कोई अफेयर था. जब एक्ट्रेस ने मना किया तो उनसे पूछा गया कि उन्हें थप्पड़ क्यों मारा गया है. इसपर तापसी पन्नू ने जवाब दिया कि केवल एक थप्पड़ था, लेकिन नहीं मार सकता.

इसके बाद ट्रेलर में दिखाया गया है कि तापसी और उनके पति खुशहाल जिंदगी जीते नजर आ रहे हैं. ट्रेलर में एक पार्टी का सीन भी डाला गया है जिसमें सब कुछ अच्छा चलता है. मगर तभी फिल्म के हीरो की उसी पार्टी में कुछ लोगों से बहस होती है और वो गुस्सा निकालने के लिए अपनी बीवी यानी तापसी को ढाल बनाता है और उसे थप्पड़ जड़ देता है.

ट्रेलर के हिसाब से इस सीन को ही फिल्म का टर्निंग पॉइंट माना जा सकता है. इस सीन के बाद के सींस में दिखाया गया है कि कैसे एक महिला के रूप में तापसी को इस बात का गहरा आघात लगता है और वो अपने साथ हुए इस तिरस्कार को इतना दिल से लगा लेती है कि अपने पति को तलाक देने का फैसला करती है. फिल्म उन चुनौतियों को भी दर्शाती नजर आ रही है जिनका सामना एक तलाक के लिए आगे आई महिला को करना पड़ता है.

फिल्म बता रही है कि कैसे तलाक या ये कहें कि सेपरेशन को आज भी हमारा समाज अच्छी निगाह से नहीं देखता. ध्यान रहे कि इतना प्रोग्रेसिव होने के बावजूद हमारा समाज आज भी इसी बात को दिल से लगाकर बैठा है कि जब किसी भी कपल के लिए तलाक की नौबत आती है. तो वो केवल और केवल एक लड़की ही होती है जिसे न सिर्फ तमाम तरह की पीड़ा का सामना करना पड़ता है. बल्कि जिसे हमारा समाज भी अच्छी नजरों से नहीं देखता.

होने को तो फिल्म का ट्रेलर 2 मिनट 54 सेकंड का है मगर जिस हिसाब से इसे बनाया गया है और जैसी केमिस्ट्री और रिश्तों का मकड़जाल हमें दिखाई दे रहा है उससे ये खुद-ब-खुद साफ़ हो गया है कि चाहे वो फिल्म के डायरेक्टर अनुभव सिन्हा हों या फिर प्रोडूसर भूषण कुमार और एक्टर तापसी पन्नू सभी ने अपने अपने करेक्टर के साथ इंसाफ किया है.

फिल्म 28 फरवरी को रिलीज हो रही है और जितना क्रिस्प फिल्म का ट्रेलर है उसके बाद ये अंदाजा  लगाया जा सकता है कि फिल्म बॉक्स ऑफिस पर दर्शकों का ध्यान खींचने में कामयाब होगी और अच्छा कलेक्शन करेगी.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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