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Suzhal- The Vortex Review: एक साधारण कहानी जो आपको स्तब्ध कर देगी!

    • मुकेश कुमार गजेंद्र
    • Updated: 26 जून, 2022 02:21 PM
  • 26 जून, 2022 02:21 PM
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Suzhal The Vortex Web series Review in Hindi: ओटीटी प्लेटफॉर्म अमेजन प्राइम वीडियो पर तमिल वेब सीरीज 'सुड़ल: द वॉर्टेक्स' स्ट्रीम हो रही है. इसे भारतीय भाषाओं के साथ दो दर्जन से ज्यादा विदेशी भाषाओं में स्ट्रीम किया गया है. किडनैपिंग की एक साधारण सी घटना पर आधारित ये वेब सीरीज कमाल कर रही है.

साउथ सिनेमा के मेकर्स हर बार कुछ नया करने की कोशिश करते हैं. फिल्म हो या चाहें वेब सीरीज साउथ की किसी फिल्म इंडस्ट्री ने यदि उसे पैन इंडिया या फिर वर्ल्डवाइड रिलीज किया है, तो यकीन कीजिए उसमें कुछ न कुछ नया जरूर होगा. इस बार एक तमिल वेब सीरीज पूरी दुनिया में तहलका मचा रही है. ओटीटी प्लेटफॉर्म अमेजन प्राइम वीडियो पर स्ट्रीम हो रही वेब सीरीज 'सुड़ल: द वॉर्टेक्स' को हिंदी, तमिल, तेलुगू, मलयालम और कन्नड के साथ अंग्रेजी, फ्रेंच, जर्मन, इटैलियन, जापानी, पोलिश, पुर्तगाली, कैस्टिलियन स्पेनिश, लैटिन स्पेनिश, अरबी और तुर्की जैसी विदेशी भाषाओं में रिलीज किया गया है. इतना ही नहीं इसे चाइनीज, चेक, डेनिश, डच, फिलिपिनो, फिनिश, ग्रीक, हिब्रू, हंगेरियन, इंडोनेशियाई, कोरियाई, मलय, नॉर्वेजियन बोकम, रोमानियाई, रूसी, स्वीडिश, थाई, यूक्रेनी और वियतनामी सहित कई विदेशी भाषाओं में सबटाइटल्स के साथ उपलब्ध कराया गया है.

एक रीजनल सिनेमा, जिसका ग्लोबल इम्पैक्ट आपको हैरान कर देने वाला है.

वेब सीरीज 'सुड़ल: द वॉर्टेक्स' का निर्देशन फिल्म 'विक्रम वेधा' की डायरेक्टर जोड़ी ब्रम्मा और अनुचरण एम ने किया है. इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि वेब सीरीज में रोमांच के साथ रहस्य का तड़का किस तरह से लगाया गया होगा. सीरीज में तमिल एक्टर कथिर, ऐश्वर्या राजेश, श्रिया रेड्डी और राधाकृष्णन पार्थिबनलीड लीड रोल में हैं. इस वेब सीरीज का टाइटल कई लोगों के समझ में नहीं आ रहा होगा. ऐसे में बता दें कि सुड़ल एक तमिल शब्द है. इसका मतलब है भंवर. यानी 'सुड़ल' एक ऐसा भंवर है जिसमें लोग फंसते ही चले जाते हैं. कहते हैं ना कि नाम जैसा काम. इस सीरीज के मेकर्स ने इसके टाइटल जैसा ही काम भी किया है. आठ एपिसोड की इस वेब सीरीज को देखने के दौरान मजाल क्या आप पलक भी झपका पाएं. इसमें रहस्य और रोमांच के साथ ऐसा ड्रामा पेश किया गया है, जो कि शायद ही किसी को पसंद न आए. एक बेहतरीन वेब सीरीज बनाई गई है.

साउथ सिनेमा के मेकर्स हर बार कुछ नया करने की कोशिश करते हैं. फिल्म हो या चाहें वेब सीरीज साउथ की किसी फिल्म इंडस्ट्री ने यदि उसे पैन इंडिया या फिर वर्ल्डवाइड रिलीज किया है, तो यकीन कीजिए उसमें कुछ न कुछ नया जरूर होगा. इस बार एक तमिल वेब सीरीज पूरी दुनिया में तहलका मचा रही है. ओटीटी प्लेटफॉर्म अमेजन प्राइम वीडियो पर स्ट्रीम हो रही वेब सीरीज 'सुड़ल: द वॉर्टेक्स' को हिंदी, तमिल, तेलुगू, मलयालम और कन्नड के साथ अंग्रेजी, फ्रेंच, जर्मन, इटैलियन, जापानी, पोलिश, पुर्तगाली, कैस्टिलियन स्पेनिश, लैटिन स्पेनिश, अरबी और तुर्की जैसी विदेशी भाषाओं में रिलीज किया गया है. इतना ही नहीं इसे चाइनीज, चेक, डेनिश, डच, फिलिपिनो, फिनिश, ग्रीक, हिब्रू, हंगेरियन, इंडोनेशियाई, कोरियाई, मलय, नॉर्वेजियन बोकम, रोमानियाई, रूसी, स्वीडिश, थाई, यूक्रेनी और वियतनामी सहित कई विदेशी भाषाओं में सबटाइटल्स के साथ उपलब्ध कराया गया है.

एक रीजनल सिनेमा, जिसका ग्लोबल इम्पैक्ट आपको हैरान कर देने वाला है.

वेब सीरीज 'सुड़ल: द वॉर्टेक्स' का निर्देशन फिल्म 'विक्रम वेधा' की डायरेक्टर जोड़ी ब्रम्मा और अनुचरण एम ने किया है. इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि वेब सीरीज में रोमांच के साथ रहस्य का तड़का किस तरह से लगाया गया होगा. सीरीज में तमिल एक्टर कथिर, ऐश्वर्या राजेश, श्रिया रेड्डी और राधाकृष्णन पार्थिबनलीड लीड रोल में हैं. इस वेब सीरीज का टाइटल कई लोगों के समझ में नहीं आ रहा होगा. ऐसे में बता दें कि सुड़ल एक तमिल शब्द है. इसका मतलब है भंवर. यानी 'सुड़ल' एक ऐसा भंवर है जिसमें लोग फंसते ही चले जाते हैं. कहते हैं ना कि नाम जैसा काम. इस सीरीज के मेकर्स ने इसके टाइटल जैसा ही काम भी किया है. आठ एपिसोड की इस वेब सीरीज को देखने के दौरान मजाल क्या आप पलक भी झपका पाएं. इसमें रहस्य और रोमांच के साथ ऐसा ड्रामा पेश किया गया है, जो कि शायद ही किसी को पसंद न आए. एक बेहतरीन वेब सीरीज बनाई गई है.

'सुड़ल: द वॉर्टेक्स' वेब सीरीज की कहानी तमिलनाडु के एक कस्बे समलुर में स्थापित है. वहां एक फैक्ट्री है. उसमें काम करने वाले लोगों ने उसी के आसपास अपना घर भी बसा रखा है. सबकुछ ठीक चल रहा होता है, लेकिन कुछ दिनों बाद फैक्ट्री में समस्या शुरू हो जाती है. मालिक और मजदूरों के बीच झगड़ा शुरू हो जाता है. कामगार समगुम का अपने ही मालिक त्रिलोक के साथ विवाद शुरू हो जाता है. इसी बीच एक रात फैक्ट्री में आग लग जाती है. उसी रात समगुम की बेटी नीला गायब हो जाती है. कमाल की बात ये है कि वो लड़की गायब होने से पहले खुद किसी के मर्डर की प्लानिंग कर रही होती है.

बताया जाता है कि फैक्ट्री जब शुरू हुई थी, तो उस वक्त भी एक लड़की गायब हुई थी, लेकिन उसका आजतक पता नहीं चला. नीला की तलाश में उसके परिजनों के साथ स्थानीय पुलिस भी लग जाती है. उस वक्त कस्बे में मय्यनाकोल्लई त्योहार मनाया जा रहा होता है, जिसमें मां देवी अंगेलमन की 10 दिनों तक पूजा की जाती है. कहा जाता है कि मां दुष्टों का संहार करके लोगों के साथ न्याय करती हैं. लेकिन पूजारी कहता है कि इस बार देवी बहुत नाराज हैं. इधर पुलिस के साथ समगुम और उसकी बेटी नंदनी नीला की तलाश में भटकते रहते हैं. कई बार लगता है कि उसका पता चल जाएगा, लेकिन वो भ्रम साबित होता है. आखिर नीला कहां गई? उसे कौन किडनैप करके ले गया? फैक्ट्री के साथ लड़कियों के गायब होने का सच क्या है? इन सारे सवालों के जवाब सीरीज देखने के साथ मिलेंगे.

एक गायब हुई लड़की की तलाश के साथ शुरू होने वाली ये सीरीज जैसे-जैसे आगे बढ़ती है अपने साथ दर्शकों को जोड़ती जाती है. दर्शकों के दिलों में अपनी जगह बनाती जाती है. एक वक्त ऐसा आता है कि पूरी सीरीज एक ऐसे थ्रिलर में बदल जाती है, जिसके हर मोड़ पर एक हैरान कर देने वाला सच सामने आता है. कहानी का हर किरदार अपने आप में एक रहस्य लिए हुए होता है. सीरीज के कुछ किरदार उस कस्बे और उसके सामाजिक ताने-बाने को तोड़ने की कोशिश में लगे रहते हैं. एक सलाना सांस्कृतिक समारोह के बैकग्राउंड में तैयार यह सीरीज कई छिपे हुए एजेंडे और जज्बातों के साथ कई किरदारों के झूठ और छल के इर्द-गिर्द घूमती रहती है. यही रोमांच दर्शकों को आखिरी एपिसोड तक बांधे रखने में सफल साबित होता है.

इसमें सभी कलाकारों ने अद्भुत अभिनय प्रदर्शन किया है. चूंकि कलाकार हिंदी भाषी दर्शकों के लिहाज से परिचित नहीं है, लेकिन कहानी ऐसी है कि उनके हर किरदार धीरे-धीरे आत्मसाथ होते जाते हैं. सही मायने में कहें तो ये एक ऐसा रीजनल सिनेमा है, जिसमें ग्लोबल होने का पूरा मादा रखता है. यही वजह है कि मेकर्स ने ग्लोबली स्ट्रीम किया है. इसे देखने पर पूजा मजा मिलेगा. कुल मिलाकार, इसे संडे को देखने के लिए ये एक बेहतरीन वेब सारीज है.

iChowk.in रेटिंग: 5 में 4 स्टार


इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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