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राजमौली की RRR कैंसल होने से लगे सदमे को ये 4 भव्य फिल्में देखकर दूर कर सकते हैं

    • आईचौक
    • Updated: 02 जनवरी, 2022 11:08 PM
  • 02 जनवरी, 2022 11:08 PM
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तेलुगु में कई बेहतरीन फ़िल्में बनी हैं. यहां तक कि बाहुबली और RRR से पहले राजमौली ने मगधीरा बनाई थी जिसने तेलुगु बॉक्स ऑफिस पर तहलका मचा दिया था.

तेलुगु सिनेमा भव्य फिल्मों के लिए भी जाना जाता है. तेलुगु मेकर्स ने अब तक कई उल्लेखनीय फ़िल्में बनाई हैं जिन्होंने ना सिर्फ बॉक्स ऑफिस पर कमाई की बल्कि दर्शकों का खूब मनोरंजन भी किया. एसएस राजमौली इसी इंडस्ट्री के हैं. वे मूलत: तेलुगु में ही फ़िल्में बनाते हैं जिन्हें हिंदी समेत अन्य भारतीय भाषाओं में भी डब/रिकॉर्ड करके रिलीज किया जाता है. दो भागों में आई बाहुबली ऐसी ही फिल्म थी जिसने समूचे देश में तहलका मचा दिया था. राजमौली इसी हफ्ते 7 जनवरी को पीरियड ड्रामा RRR को रिलीज करने वाले थे. कोरोना महामारी की तीसरी लहर की आशंका में फिल्म की रिलीज टाल दी गई है.

यह दूसरा मौका है जब जूनियर एनटीआर और रामचरण तेजा स्टारर मूवी RRR की रिलीज टली है. इससे पहले दशहरा पर भी फिल्म लाने की तैयारी थी, तब सिनेमाघरों की खराब हालत की वजह से रिलीज को आगे खिसका दिया गया था. RRR का दर्शक शिद्दत से इंतज़ार कर रहे हैं. यह उन दर्शकों के लिए निराशाजनक खबर है जो पीरियड ड्रामा देखना चाह रहे थे. भले ही RRR की रिलीज टल गई मगर तेलुगु इंडस्ट्री में कई शानदार पीरियड ड्रामा हैं जिन्हें देखा जा सकता है. आइए चार फिल्मों पर नजर डालते हैं.

#1. मगधीरा

मगधीरा साल 2009 में आई थी. इसका निर्देशन भी एसएस राजमौली ने किया था. फिल्म की कहानी उनके पिता केवी विजयेंद्र प्रसाद ने लिखी थी जिसमें एक ऐतिहासिक प्रेम कहानी को पुनर्जन्म और इतिहास के कांसेप्ट में बहुत ही भव्य तरीके से दिखाया गया है. राम चरण तेजा ने भैरव नाम के पराक्रमी योद्धा की मुख्य भूमिका निभाई थी. उनके अपोजिट काजल अग्रवाल हैं जो एक राजकुमारी की बेटी हैं. हालांकि भैरव और राजकुमारी की प्रेम कहानी सफल नहीं हो पाई थी. मुगलिया दौर में भैरव मुगलों के सैकड़ों लड़ाकों से अकेले संघर्ष करते हुए वीरगति प्राप्त करता है.

मगधीरा...

तेलुगु सिनेमा भव्य फिल्मों के लिए भी जाना जाता है. तेलुगु मेकर्स ने अब तक कई उल्लेखनीय फ़िल्में बनाई हैं जिन्होंने ना सिर्फ बॉक्स ऑफिस पर कमाई की बल्कि दर्शकों का खूब मनोरंजन भी किया. एसएस राजमौली इसी इंडस्ट्री के हैं. वे मूलत: तेलुगु में ही फ़िल्में बनाते हैं जिन्हें हिंदी समेत अन्य भारतीय भाषाओं में भी डब/रिकॉर्ड करके रिलीज किया जाता है. दो भागों में आई बाहुबली ऐसी ही फिल्म थी जिसने समूचे देश में तहलका मचा दिया था. राजमौली इसी हफ्ते 7 जनवरी को पीरियड ड्रामा RRR को रिलीज करने वाले थे. कोरोना महामारी की तीसरी लहर की आशंका में फिल्म की रिलीज टाल दी गई है.

यह दूसरा मौका है जब जूनियर एनटीआर और रामचरण तेजा स्टारर मूवी RRR की रिलीज टली है. इससे पहले दशहरा पर भी फिल्म लाने की तैयारी थी, तब सिनेमाघरों की खराब हालत की वजह से रिलीज को आगे खिसका दिया गया था. RRR का दर्शक शिद्दत से इंतज़ार कर रहे हैं. यह उन दर्शकों के लिए निराशाजनक खबर है जो पीरियड ड्रामा देखना चाह रहे थे. भले ही RRR की रिलीज टल गई मगर तेलुगु इंडस्ट्री में कई शानदार पीरियड ड्रामा हैं जिन्हें देखा जा सकता है. आइए चार फिल्मों पर नजर डालते हैं.

#1. मगधीरा

मगधीरा साल 2009 में आई थी. इसका निर्देशन भी एसएस राजमौली ने किया था. फिल्म की कहानी उनके पिता केवी विजयेंद्र प्रसाद ने लिखी थी जिसमें एक ऐतिहासिक प्रेम कहानी को पुनर्जन्म और इतिहास के कांसेप्ट में बहुत ही भव्य तरीके से दिखाया गया है. राम चरण तेजा ने भैरव नाम के पराक्रमी योद्धा की मुख्य भूमिका निभाई थी. उनके अपोजिट काजल अग्रवाल हैं जो एक राजकुमारी की बेटी हैं. हालांकि भैरव और राजकुमारी की प्रेम कहानी सफल नहीं हो पाई थी. मुगलिया दौर में भैरव मुगलों के सैकड़ों लड़ाकों से अकेले संघर्ष करते हुए वीरगति प्राप्त करता है.

मगधीरा

400 साल बाद भैरव राजकुमारी और दूसरे चरित्रों का फिर से पुनर्जन्म होता है. कहानी फिर उन्हीं मोड़ों से होकर गुजरने लगती है जहां 400 साल पहले थी. असल में मगधीरा का मतलब ही महान योद्धा के रूप में होता है. फिल्म में रामचरण तेजा ने कमाल का अभिनय किया है. एक्शन और भव्यता राजमौली की बाहुबली से किसी मायने में कम नहीं है. मगधीरा तेलुगु की ब्लॉकबस्टर में शुमार है. फिल्म को हिंदी में डब करके टीवी प्रीमियर किया जा चुका है जिसे रिकॉर्ड देखा गया है. RRR का इंतज़ार कर रहे दर्शकों के लिए मगधीरा एक बहुत बेहतर विकल्प है.

#2. साए रा नरसिम्हा रेड्डी

साल 2019 में यह फिल्म आई थी जो असल में भारतीय स्वतंत्रता संग्राम से प्रेरित है मगर इसकी कहानी में फिक्शन का खूब सहारा लिया गया. फिल्म का निर्देशन सुरेन्द्र रेड्डी ने किया है. जबकि चिरंजीवी कुमार ने नरसिम्हा की मुख्य भूमिका निभाई है. उनके साथ नयनतारा, तमन्ना, सुदीप और विजय सेतुपति अहम भूमिकाओं में है. फिल्म की कहानी 1857 से विद्रोह से पहले की है. झांसी की तर्ज पर आन्ध्र की एक रियासत में भी अंग्रेजों के खिलाफ चिंगारी भड़क रही है. अंग्रेजों के बढ़ते उत्पीडन से चिंगारी को शोला बनते देर नहीं लगती. हालात ऐसे बनते हैं कि नरसिम्हा के नेतृत्व में विद्रोही अंग्रेजों की छावनी पर हमला करते हैं और उन्हें नुकसान पहुंचाते हैं. संघर्ष में कई अंग्रेज मारे जाते हैं.

चिरंजीवी.

अंग्रेजों से आमने-सामने की जंग के बाद नरसिम्हा को छिपना पड़ता है. मगर अंग्रेज नरसिम्हा के परिवार को बंधक बना लेते हैं. नरसिम्हा परिवार को बचाने की कोशिश करते हुए किसान-मजदूरों को एकजुट कर संघर्ष करते रहते हैं. इस बीच मुखबीरी की वजह से अंग्रेजों उनतक पहुंचते हैं और नरसिम्हा शहीद हो जाते हैं. रिलीज के वक्त साए रा नरसिम्हा रेड्डी पर खूब चर्चा हुई थी.

#3. रुद्रम देवी

साल 2015 में आई रुद्रम देवी असल में तेलुगु में बनी थ्री डी बायोग्राफिकल मूवी है. फिल्म की कहानी रुद्रम देवी पर आधारित है. अनुष्का शेट्टी ने मुख्य भूमिका निभाई थी. उनके साथ अल्लू अर्जुन, राणा दग्गुबती और प्रकाश राज जैसे सितारे अहम भूमिकाओं में थे. फिल्म की कहानी एक रियासत में सत्ता के दांवपेच और संघर्ष को दिखाती है. कहानी कुछ यूं है कि एक राज्य में राजा के उत्तराधिकार पर उसके आसपास के लोगों की बुरी नजर है. राजा की पत्नी प्रेग्नेंट है. राजा समेत उसके हमदर्द चाहते हैं कि बेटा पैदा हो जो उत्तराधिकार पर दावा कर सके. लेकिन प्रमुख पुजारी कहता है कि राजा के घर बेटी जन्म लेगी और वही आगे चलकर सेवियर बनेगी.

राजा के घर बेटी ही जन्म लेती है और फिर वह सत्ता पर बुरी नजर लगाए लोगों से जूझती है. युद्धों का सामना करती है और तमाम उतार-चढ़ाव से गुजरकर सत्ता के शीर्ष पर पहुंचती है. रुद्रम देवी दक्षिण भारत के इतिहास में पहली महारानी का दर्जा हासिल करती हैं. फिल्म के युद्ध सीन लाजवाब है. तेलुगु बॉक्स ऑफिस पर फिल्म ने काफी बेहतर परफॉर्म किया था.

अनुष्का शेट्टी

#4. राजन्ना

तेलुगु की यह पीरियड ड्रामा साल 2011 में आई थी. फिल्म का निर्देशन और कहानी कहानी केवी विजयेन्द्र प्रसाद ने लिखी थी जो रजाकर आंदोलन और स्वतंत्रता सेनानी सुद्दला हनमंतु के जीवन से प्रेरित है. फिल्म की कहानी निजाम के रियासत में आने वाले एक गांव के क्रांतिकारी गायक राजन्ना की है. राजन्ना नवाब और अंग्रेजों के खिलाफ लोगों को एकजुट करता है और उनके उत्पीडन को आवाज देता है. राजन्ना संघर्ष के लिए कुछ साथियों के साथ एक दस्ता बनाता है और गुरिल्ला लड़ाई संघर्ष करता है. उसके हाथों कई अंग्रेज मारे जाते हैं. लेकिन आखिर में संघर्ष करते करते वह भी हुए शहीद हो जाता है.

ब्रिटिश इंडिया के दौर में गांव और स्वतंत्रता संग्राम की एक भावुक कहानी को लेकर बनाई राजन्ना प्रभावित करती है. रिलीज के बाद समीक्षकों ने फिल्म की खूब तारीफ़ की थी. नागार्जुन ने राजन्ना की मुख्य भूमिका निभाई थी.

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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