• होम
  • सियासत
  • समाज
  • स्पोर्ट्स
  • सिनेमा
  • सोशल मीडिया
  • इकोनॉमी
  • ह्यूमर
  • टेक्नोलॉजी
  • वीडियो
होम
सिनेमा

कोरोना 'मसीहा' सोनू सूद को बॉलीवुड के पार्टी एनिमल्स से जरूर कुछ कहना चाहिए...

    • मुकेश कुमार गजेंद्र
    • Updated: 15 दिसम्बर, 2021 10:11 PM
  • 15 दिसम्बर, 2021 10:11 PM
offline
बॉलीवुड की पार्टियां जितनी मशहूर हैं, उतने ही ज्यादा उसमें जाने वाले पार्टी एनिमल्स. करण जौहर (Karan Johar) से लेकर करीना कपूर (Kareena Kapoor) तक, ये फिल्मी सितारे पार्टी के लिए जाने जाते हैं. करण जौहर तो बॉलीवुड पार्टीज (Bollywood Parties) के एपिसेंटर माने जाते हैं. लेकिन Covid-19 के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के मद्देनजर पार्टियां घातक सिद्ध हो सकती हैं.

'Work hard, party harder' यानी 'कड़ी मेहनत करो, जमकर पार्टी करो'...बॉलीवुड के सितारे इसी मंत्र के साथ जीते हैं. खूब मेहनत करते हैं, लेकिन उससे ज्यादा जमकर पार्टी करते हैं. रैंडम गेट-टुगेदर हो, बर्थडे पार्टी हो, फिल्मों की सक्सेस पार्टी हो या अवॉर्ड नाइट्स, बॉलीवुड के पार्टी एनिमल्स की उपस्थिति जोरदार रहती है. 'पार्टी एनिमल्स' की बात की जाए तो करण जौहर से लेकर करीना कपूर खान तक, कई सितारों को ये तमगा मिला हुआ है. करण जौहर तो बॉलीवुड पार्टीज के एपिसेंटर माने जाते हैं. उनकी हाऊस पार्टी बहुत मशहूर है, जो इस वक्त सुर्खियों में भी है. क्योंकि हालही में उनके घर पर आयोजित पार्टी में शामिल चार सेलेब्स कोरोना वायरस के शिकार हुए हैं. इनमें एक्ट्रेस करीना कपूर, अमृता अरोड़ा, एक्टर संजय कपूर की पत्नी महीप कपूर और सलमान खान की भाभी सीमा खान का नाम शामिल है. कोरोना प्रोटोकाल को दरकिनार कर पार्टियां कर रहे इन 'पार्टी एनिमल्स' को सोनू सूद को जरूर टोकना चाहिए. जरूरत पड़ने पर डांट भी लगानी चाहिए.

कोरोना की तीसरी लहर की आहट के बीच सोनू सूद जैसे सोशल आइकन को जागरूकता फैलाने में मदद करनी चाहिए.

सोनू सूद ऐसा कर सकते हैं. उनके पास टोकने और डांटने का हक भी है. क्योंकि कोरोना महामारी के दौरान उन्होंने जिस तरह से खुद को दांव पर लगाकर लोगों की मदद की है, उसके बाद तो उनके पास इस मामले से संबंधित हर विषय पर बोलने का पूरा अधिकार है. वैसे भी सोनू फिल्म फर्टिनिटी से ही आते हैं. करण से लेकर करीना तक उनकी ही इंडस्ट्री के लोग है. उनको अपने लोगों से ये जरूर कहना चाहिए कि इस वक्त देश-दुनिया में कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन का खतरा मंडरा रहा है. तेजी से केस बढ़ रहे हैं. ऐसे में लोगों को जागरूक करने वाली बॉलीवुड की हस्तियां अपने जिम्मेदारी को समझें और कम से कम खुद तो ऐसी गलती न करें जिससे की फिल्म इंडस्ट्री और पूरा देश खतरे में पड़ जाए. ऐसे समय में पार्टी तो दूर की बात है, फिल्मों की शूटिंग भी पूरी तरह कोरोना के नियमों को ध्यान में रखकर ही की जानी चाहिए. वरना कोरोना की दूसरी लहर के दौरान...

'Work hard, party harder' यानी 'कड़ी मेहनत करो, जमकर पार्टी करो'...बॉलीवुड के सितारे इसी मंत्र के साथ जीते हैं. खूब मेहनत करते हैं, लेकिन उससे ज्यादा जमकर पार्टी करते हैं. रैंडम गेट-टुगेदर हो, बर्थडे पार्टी हो, फिल्मों की सक्सेस पार्टी हो या अवॉर्ड नाइट्स, बॉलीवुड के पार्टी एनिमल्स की उपस्थिति जोरदार रहती है. 'पार्टी एनिमल्स' की बात की जाए तो करण जौहर से लेकर करीना कपूर खान तक, कई सितारों को ये तमगा मिला हुआ है. करण जौहर तो बॉलीवुड पार्टीज के एपिसेंटर माने जाते हैं. उनकी हाऊस पार्टी बहुत मशहूर है, जो इस वक्त सुर्खियों में भी है. क्योंकि हालही में उनके घर पर आयोजित पार्टी में शामिल चार सेलेब्स कोरोना वायरस के शिकार हुए हैं. इनमें एक्ट्रेस करीना कपूर, अमृता अरोड़ा, एक्टर संजय कपूर की पत्नी महीप कपूर और सलमान खान की भाभी सीमा खान का नाम शामिल है. कोरोना प्रोटोकाल को दरकिनार कर पार्टियां कर रहे इन 'पार्टी एनिमल्स' को सोनू सूद को जरूर टोकना चाहिए. जरूरत पड़ने पर डांट भी लगानी चाहिए.

कोरोना की तीसरी लहर की आहट के बीच सोनू सूद जैसे सोशल आइकन को जागरूकता फैलाने में मदद करनी चाहिए.

सोनू सूद ऐसा कर सकते हैं. उनके पास टोकने और डांटने का हक भी है. क्योंकि कोरोना महामारी के दौरान उन्होंने जिस तरह से खुद को दांव पर लगाकर लोगों की मदद की है, उसके बाद तो उनके पास इस मामले से संबंधित हर विषय पर बोलने का पूरा अधिकार है. वैसे भी सोनू फिल्म फर्टिनिटी से ही आते हैं. करण से लेकर करीना तक उनकी ही इंडस्ट्री के लोग है. उनको अपने लोगों से ये जरूर कहना चाहिए कि इस वक्त देश-दुनिया में कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन का खतरा मंडरा रहा है. तेजी से केस बढ़ रहे हैं. ऐसे में लोगों को जागरूक करने वाली बॉलीवुड की हस्तियां अपने जिम्मेदारी को समझें और कम से कम खुद तो ऐसी गलती न करें जिससे की फिल्म इंडस्ट्री और पूरा देश खतरे में पड़ जाए. ऐसे समय में पार्टी तो दूर की बात है, फिल्मों की शूटिंग भी पूरी तरह कोरोना के नियमों को ध्यान में रखकर ही की जानी चाहिए. वरना कोरोना की दूसरी लहर के दौरान हुई त्रासदी के बीते ज्यादा दिन नहीं हुए. उसे एक बार याद करके तीसरी लहर के बारे में सोचना चाहिए.

इस वक्त हर तरफ आम से लेकर खास तक, लोगों को यही लग रहा है कि देश से कोरोना खत्म हो गया है. इसलिए लापरवाही चरम पर है. सेनिटाइजेशन तो छोड़िए लोग अब मास्क तक लगाना भूल चुके हैं. राजनीतिक दल रैलियां कर रहे हैं, सरकारें सभाएं कर रही हैं और सितारे पार्टियां कर रहे हैं. ऐसे में सोनू सूद जैसे 'मसीहा' को एक बार आगे आना चाहिए. इस बार किसी मदद के लिए नहीं बल्कि महामारी को न्योता देने वाले लोगों को नसीहत देने के लिए. सबसे पहले उनको अपनी ही इंडस्ट्री के लोगों समझाना चाहिए. उन्हें कोरोना प्रोटोकाल का पूरा पालन करने के लिए कहना चाहिए. उनको देश में तबाही लाने से पहले सचेत होने जाने के लिए आगाह करना चाहिए. वरना यही लोग महामारी के समय उंगलियां उठाने वालों की कतार में सबसे आगे रहेंगे. अपनी गलतियां भूलाकर दूसरों को दोष देते हुए दिखाई देंगे. लेकिन इसकी सजा वो भुगतेगा जो इस महामारी की चपेट में आ जाएगा. उसका तो पूरा परिवार बर्बाद हो जाएगा. जैसे कि दूसरी लहर के दौरान देखने को मिला था.

अभिनेता सोनू सूद से ही गुजारिश क्यों?

सोनू सूद देश की एक मात्र ऐसी उम्मीद हैं, जिन पर लोग केंद्र और राज्य की सरकारों से ज्यादा भगवान की तरह भरोसा किया है. ऐसा हो भी क्यों न, कोरोना महामारी के दौरान जिस तरह एक सुपरहीरो की तरह उन्होंने हजारों लोगों की मदद की, वो कल्पना से परे हैं. लॉकडाउन में भूख-प्यास से मर रहे हजारों लोगों को उन्होंने उनके घर पहुंचाया. उन्हें खाना खिलाया. बीमारों का इलाज कराया. कई बेटियों की शादियां कराई. कई अनाथ बच्चों की पढ़ाई का खर्च उठा रहे हैं. तभी तो वो उन लोगों के के लिए 'धरती के भगवान' बन गए हैं. उनसे मदद पाए लोग मंदिर में उनकी मूर्ति की स्थापना कर रहे हैं. अपने नवजात बच्चे का नाम सोनू रखकर उनके प्रति आभार प्रकट कर रहे हैं. कई लोग तो हजारों किमी साइकिल चलाकर सोनू से महज एक मुलाकात के लिए मुंबई आ रहे हैं. उनके घर के बाहर लगी लोगों की भीड़ इस बात की तस्दीक करती है कि लोगों को अब उनसे बहुत ज्यादा उम्मीदें हैं. ऐसे में हमें भी उम्मीद है कि सोनू इस बार तीसरी लहर आने से पहले ही उसे रोकने की दिशा में काम करेंगे. उसके लिए जरूरी जागरूकता फैलाने का काम करेंगे. उन्हें सबसे पहले शुरूआत अपने घर यानी बॉलीवुड से करनी होगी. पार्टी एनिमल्स को सचेंत करना होगा.

करण की पार्टी में कैसे फूटा कोरोना बम?

दरअसल, दिग्गज फिल्म मेकर करण जौहर ने फिल्म 'कभी खुशी कभी गम' के 20 साल पूरे होने की खुशी में अपने घर पर पार्टी रखी थी. सात दिसंबर को हुई इस पार्टी में फिल्म की लीड एक्ट्रेस करीना कपूर को न्योता दिया था. उनके साथ उनके 'गर्ल गैंग' मेंबर अमृता अरोड़ा, महीप कपूर, सीमा खान और करिश्मा कपूर भी शामिल हुई थीं. इसके साथ ही अर्जुन कपूर और आलिया भट्ट भी मौजूद थे. कहा जा रहा है कि पार्टी में सीमा खान की तबियत खराब दिख रही थी. वो लगातार खांस भी रही थी. लेकिन पार्टी में मौजूद लोगों को लगा कि सीजन चेंज की वजह से उनके साथ ऐसा हो रहा है. इसलिए सभी ने नजरअंदाज कर दिया. इसके बाद अनिल कपूर की बेटी रिया कपूर के घर प्री क्रिसमस बैश हुआ था, जिसमें करीना कपूर, अमृता अरोड़ के साथ करिश्मा कपूर, मलाइका अरोड़ा, अर्जुन कपूर, मसाबा गुप्ता भी मौजूद थे. इसी बीच लक्षण दिखने पर करीना और अमृता ने कोविड टेस्ट कराया, जिसमें पॉजिटिव पाए गए. इसके बाद से ही महीप कपूर और सीमा खान की रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई.

महामारी में मसीहा कैसे बने सोनू सूद?

लॉकडाउन के दौर में शुरू हुई सोनू सूद की मदद की मुहिम आज भी जारी है. किसी का इलाज करवाना हो, किसी के स्‍कूल की फीस भरनी हो, किसी को रोजगार दिलवाना हो या फिर किसी को सिर पर छत की जरूरत हो. सोनू सूद आज भी मदद के लिए एक पैर पर खड़े दिखते हैं. लॉकडाउन पीरियड में करीब 1.5 लाख से अध‍िक प्रवासियों को उनके घर पहुंचाने का काम किया है. बस, ट्रेन से लेकर हवाई जहाज तक का इस्तेमाल करके उन्होंने बेहाल लोगों को उनकी मंजिल तक पहुंचाया है. महामारी के वक्त मचे हाहाकार के समय एक शख्स किसी सरकार या संस्था से बढ़कर सुनियोजित तरीके से लोगों की मदद कर पाएगा, ऐसा किसी ने कभी सपने में भी नहीं सोचा था, लेकिन सोनू सूद ने कर दिखाया. इस पर सोनू कहते हैं, 'उस वक्त मेरे घर के बाहर 2500 लोग लाइन में खड़े रहते थे. मैं अभी तक 1.5 लाख से अधिक लोगों को उनके घर भेज पाया हूं. जबकि विदेशों में फंसे 6700 लोगों को हम अपने देश लेकर आए हैं. मदद का ये सिलसिला ऐसे ही आगे भी जारी रहेगा.'

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

ये भी पढ़ें

Read more!

संबंधि‍त ख़बरें

  • offline
    सत्तर के दशक की जिंदगी का दस्‍तावेज़ है बासु चटर्जी की फिल्‍में
  • offline
    Angutho Review: राजस्थानी सिनेमा को अमीरस पिलाती 'अंगुठो'
  • offline
    Akshay Kumar के अच्छे दिन आ गए, ये तीन बातें तो शुभ संकेत ही हैं!
  • offline
    आजादी का ये सप्ताह भारतीय सिनेमा के इतिहास में दर्ज हो गया है!
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.

Read :

  • Facebook
  • Twitter

what is Ichowk :

  • About
  • Team
  • Contact
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.
▲