• होम
  • सियासत
  • समाज
  • स्पोर्ट्स
  • सिनेमा
  • सोशल मीडिया
  • इकोनॉमी
  • ह्यूमर
  • टेक्नोलॉजी
  • वीडियो
होम
सिनेमा

Shikara Controversy : 'सच' से इतनी तकलीफ हुई कि फिल्म कोर्ट ले जाई गई!

    • बिलाल एम जाफ़री
    • Updated: 05 फरवरी, 2020 07:37 PM
  • 05 फरवरी, 2020 07:37 PM
offline
जम्मू कश्मीर घाटी (Jammu And Kashmir) से कश्मीरी पंडितों (Kashmiri Pandit) का विस्थापन दिखाने वाली निर्देशक विधु विनोद चोपड़ा (Vidhu Vinod Chopra) की फिल्म 'शिकारा: द अनटोल्ड स्टोरी ऑफ कश्मीरी पंडित' (Shikara: The Untold story) रिलीज से पहले ही जम्मू कश्मीर हाई कोर्ट (Jammu Kashmir High Court) पहुंच गई है.

90 के दशक में अलगाववादियों द्वारा कश्मीरी पंडितों (Kashmiri Pandits) को अपने ही घर से बेघर करना देश के इतिहास में एक काला धब्बा है. 90 के उस दौर में कश्मीरी मुस्लिम चरमपंथियों (Muslim Extremist) ने घाटी में रह रहे हिंदू परिवारों (Kashmiri Hindu) के साथ क्या सुलूक किया? कैसे मुश्किल हालात में जान बचाकर कश्मीरी हिंदुओं विशेषकर कश्मीरी पंडितों (Kashmiri Pandits) को अपना घर बार छोड़ना पड़ा अब तक ये चीजें हमने या तो सिर्फ सुनी हैं या केवल इन्हें किताबों के जरिये जाना गया है. चारों तरफ क़त्ल ओ गारत लिए हुए वो मंजर कितना खौफनाक होगा निर्देशक विधु विनोद चोपड़ा (Vidhu Vinod Chopra) की फिल्म शिकारा: द अनटोल्ड स्टोरी ऑफ कश्मीरी पंडित' (Shikara: The ntold story) उसकी एक बानगी भर है. करीब 13 साल बाद अपनी फिल्म शिकारा के जरिये बॉलीवुड में वापसी कर रहे डायरेक्टर विधु विनोद चोपड़ा की तरफ से परोसा गया सच लोगों को रास नहीं आ रहा है और फिल्म विवादों में आ गई है. फिल्म की रिलीज में कुछ ही घंटे बचे हैं ऐसे में एक वर्ग का जम्मू कश्मीर हाई कोर्ट (Jammu Kashmir High Court )आना और फिल्म की रिलीज पर रोक (Shikara release ban) लगाने की मांग करना इस बात की पुष्टि करता नजर आ रहा है कि यदि ये फिल्म बॉक्स ऑफिस पर भीड़ जुटाने में कामयाब हुई तो इसकी एक बड़ी वजह फिल्म से जुड़े विवाद भी होंगे.

विधु विनोद चोपड़ा की फिल्म शिकारा को लेकर यही माना जा रहा है कि इसने वो बज पैदा कर दिया है जो उम्मीद की जा रही थी

फिल्म समीक्षक तक इस बात को स्वीकार कर रहे हैं कि जो संदेश इस फिल्म के जरिये निर्देशक देना चाहते थे, उसे जनता तक पहुंचाने में वो कामयाब हुए हैं. पीवीआर जुहू में फिल्म की स्पेशल स्क्रीनिंग हुई है. फिल्म की स्पेशल स्क्रीनिंग के दौरान जैसा रवैया फिल्म के प्रति लोगों का...

90 के दशक में अलगाववादियों द्वारा कश्मीरी पंडितों (Kashmiri Pandits) को अपने ही घर से बेघर करना देश के इतिहास में एक काला धब्बा है. 90 के उस दौर में कश्मीरी मुस्लिम चरमपंथियों (Muslim Extremist) ने घाटी में रह रहे हिंदू परिवारों (Kashmiri Hindu) के साथ क्या सुलूक किया? कैसे मुश्किल हालात में जान बचाकर कश्मीरी हिंदुओं विशेषकर कश्मीरी पंडितों (Kashmiri Pandits) को अपना घर बार छोड़ना पड़ा अब तक ये चीजें हमने या तो सिर्फ सुनी हैं या केवल इन्हें किताबों के जरिये जाना गया है. चारों तरफ क़त्ल ओ गारत लिए हुए वो मंजर कितना खौफनाक होगा निर्देशक विधु विनोद चोपड़ा (Vidhu Vinod Chopra) की फिल्म शिकारा: द अनटोल्ड स्टोरी ऑफ कश्मीरी पंडित' (Shikara: The ntold story) उसकी एक बानगी भर है. करीब 13 साल बाद अपनी फिल्म शिकारा के जरिये बॉलीवुड में वापसी कर रहे डायरेक्टर विधु विनोद चोपड़ा की तरफ से परोसा गया सच लोगों को रास नहीं आ रहा है और फिल्म विवादों में आ गई है. फिल्म की रिलीज में कुछ ही घंटे बचे हैं ऐसे में एक वर्ग का जम्मू कश्मीर हाई कोर्ट (Jammu Kashmir High Court )आना और फिल्म की रिलीज पर रोक (Shikara release ban) लगाने की मांग करना इस बात की पुष्टि करता नजर आ रहा है कि यदि ये फिल्म बॉक्स ऑफिस पर भीड़ जुटाने में कामयाब हुई तो इसकी एक बड़ी वजह फिल्म से जुड़े विवाद भी होंगे.

विधु विनोद चोपड़ा की फिल्म शिकारा को लेकर यही माना जा रहा है कि इसने वो बज पैदा कर दिया है जो उम्मीद की जा रही थी

फिल्म समीक्षक तक इस बात को स्वीकार कर रहे हैं कि जो संदेश इस फिल्म के जरिये निर्देशक देना चाहते थे, उसे जनता तक पहुंचाने में वो कामयाब हुए हैं. पीवीआर जुहू में फिल्म की स्पेशल स्क्रीनिंग हुई है. फिल्म की स्पेशल स्क्रीनिंग के दौरान जैसा रवैया फिल्म के प्रति लोगों का रहा, विधु के काम की जमकर तारीफ हुई है और थियेटर में उपस्थित लोगों ने खड़े होकर इस फिल्म के लिए विधु का आभार प्रकट किया है.

ज्ञात हो की अभी बीते दिनों ही फिल्म का टीजर लांच हुआ था. फिल्म का टीजर जारी करते हुए विधु ने बताया था कि 90 के दशक में कानून का मखौल उड़ाते हुए न सिर्फ कश्मीरी हिंदुओं की हत्या और उनके बलात्कार हुए बल्कि 4 लाख परिवार ऐसे भी थे जिन्होंने अपना घर छोड़ा.

अपनी रिलीज से पहले ही फिल्म विवादों में है और अब मामला अदालत की क्षरण में है. कश्मीर के एक्टिविस्टों में शामिल माजिद हैदरी, इफ्तिखार मिसगर और हाफिज लोन जैसे लोग फिल्म में दिखाई गई सच्चाई और बर्बरता को पचा पाने में नाकाम हैं और इन्होंने फिल्म को लेकर याचिका डाली है. जम्मू और कश्मीर हाई कोर्ट में डाली गई याचिका में फिल्म को बन करने की बात कही गई है.

जम्मू कश्मीर हाई कोर्ट में दाखिल याचिका का अवलोकन किया जाए तो मिलता है इसमें 90 के दौरान घाटी में हुए उस नरसंहार का जिक्र करते हुए माजिद हैदरी, इफ्तिखार मिसगर और हाफिज लोन जैसे लोगों ने घटना पर अपना दुःख प्रकट किया है. याचिका में कहा गया है कि 1990 में हथियारों से लैस कुछ बागियों ने भारत सरकार के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की जिसके परिणाम स्वरुप बहुत कुछ ऐसा भी देखने को मिला जो नहीं होना चाहिए था. याचिका में कश्मीर में कश्मीरी हिंदुओं के साथ हुए नरसंहार और उनके पलायन की बात स्वीकारी गई है और ये भी कहा गया है कि कश्मीरी पंडितों का पलायन क्यों नहीं रोका गया इसके तब अपने कारण थे.

याचिका में ये भी जिक्र हुआ है कि तब कश्मीरी मुसलमानों और सिखों द्वारा कश्मीरी पंडितों के पलायन पर रोक लगाने के प्रयास हुए मगर तब के हालात ऐसे थे कि ज्यादातर मामलों में वो प्रयास नाकाम साबित हुए.

याचिकाकर्ताओं ने इस बात पर जोर दिया है कि फिल्म में फैक्ट और लॉजिक के ससाथ छेड़छाड़ हुई है और साथ ही इससे आम कश्मीरी आवाम की ये बर्बर तस्वीर दुनिया के सामने पेश की जा रही है जो घाटी के लोगों के लिए सही नहीं होगी इसलिए फिल्म की रिलीज पर रोक लगाई जाए.

कोर्ट में दाखिल की गई इस याचिका का विधु विनोद चोपड़ा ने भी संज्ञान लिया है. विधु विनोद चोपड़ा फिल्म्स की तरफ से ट्वीट किया गया हुई कि उन्हें कुछ मीडिया सूत्रों के हवाले से खबर मिली है कि फिल्म शिकारा द अनटोल्ड स्टोरी ऑफ कश्मीरी पंडित'  की रिलीज के खिलाफ जम्मू और कश्मीर हाई कोर्ट में अर्जी डाली गई है. हमारे पास इस मामले की कोई अन्य जानकारी नहीं है और हमारे वकील हरीश साल्वे अदालत में अपना पक्ष रखेंगे.

ध्यान रहे कि विधु विनोद चोपड़ा एक ऐसे वक़्त में अपनी फिल्म लेकर सामने आ रहे हैं जब जहां एक तरफ घाटी से धारा 370 और 35 ए हटाने जाने को लेकर सरकार विपक्ष की तीखी आलोचना झेल रही है तो वहीं नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के खिलाफ भी लोग सड़कों पर हैं और प्रदर्शन कर रहे हैं. सीएए समर्थकों का ये तक मानना है कि जो आज नागरिकता की बात को लेकर सड़कों पर हैं ये लोग तब कहां थे जब कश्मीर में कश्मीरी हिंदुओं को अपने ही घर से निकाला जा रहा था और उनकी निर्मम हत्याएं की जा रही थीं.

गौरतलब है कि ये कोई पहली बार नहीं है जब फिल्म ने सुर्खी बटोरी है. चर्चाओं का दौर तो उसी दिन से शुरू हो गया है जब इस फिल्म का पहला ट्रेलर आया था.

तब उस समय खुद फिल्म के स्क्रिप्ट राइटर राहुल पंडिता ने फिल्म द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर के, को-प्रोडूसर अशोक पंडित से इसे जाहिर किया था कि मैं खुद एक कश्मीरी पंडित हूं जिसने अपना सब कुछ 1990 में गंवा दिया था. पता नहीं तब आप बॉम्बे में क्या कर रहे थे मैं शिकारा की कहानी लिख रहा था. और मैं किसी को भी पंडितों की कहानी पर समझौता नहीं करने दूंगा. मैं उन लोगों की याददाश्त को धोखा नहीं दूंगा जो कट्टरपंथी इस्लामवादियों की गोलियों से छलनी हुए.

बहरहाल, अब जबकि फिल्म रिलीज होने में कुछ ही घंटे बाकी हैं. मामल पर कोर्ट क्या फैसला देता है? फिल्म टिकट विंडो पर भीड़ जुटा पाएगी या नहीं ? फिल्म हित होगी या फ्लॉप इन सभी सवालों के जवाब वक़्त की गर्त में छुपे हैं. फिल्म का वर्तमान और फिल्म से पहले के विवाद ने हमें इस बात का एहसास करा दिया है कि विंधु विनोद चोपड़ा शानदार वापसी करेंगे और उनकी ये फिल्म एक नए इतिहास का निर्माण करेगी.   

ये भी पढ़ें -

30 साल बाद ही सही, बॉलीवुड ने कश्मीरी पंडितों को पीड़ित-प्रवासी माना तो...

श्रीनगर फिल्‍म भले न हिट हों, वसीम रिजवी का आइडिया तो हिट है!

Tanhaji से Panga लेने में नाकाम साबित हुईं कंगना रनौत!


इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

ये भी पढ़ें

Read more!

संबंधि‍त ख़बरें

  • offline
    सत्तर के दशक की जिंदगी का दस्‍तावेज़ है बासु चटर्जी की फिल्‍में
  • offline
    Angutho Review: राजस्थानी सिनेमा को अमीरस पिलाती 'अंगुठो'
  • offline
    Akshay Kumar के अच्छे दिन आ गए, ये तीन बातें तो शुभ संकेत ही हैं!
  • offline
    आजादी का ये सप्ताह भारतीय सिनेमा के इतिहास में दर्ज हो गया है!
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.

Read :

  • Facebook
  • Twitter

what is Ichowk :

  • About
  • Team
  • Contact
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.
▲