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Shark Tank India का दूसरा सीजन शुरू होने जा रहा है, इन चार वजहों से जरूर देखें!

    • मुकेश कुमार गजेंद्र
    • Updated: 01 मई, 2022 05:04 PM
  • 01 मई, 2022 04:57 PM
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Shark Tank India Season 2 के लिए रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. इसमें हिस्सा लेने के लिए सोनी टीवी की वेबसाइट पर जाकर अपने बिजनेस आइडिया को रजिस्टर किया जा सकता है. भारत के इस पहले बिजनेस टीवी रियलिटी शो के पहले सीजन को बहुत पसंद किया गया था. आइए इसे देखने की वजहों पर चर्चा करते हैं.

भारत के पहले बिजनेस रियलिटी टीवी शो 'शार्क टैंक इंडिया' का दूसरा सीजन बहुत जल्द शुरू होने जा रहा है. इसमें प्रतियोगियों के हिस्सा लेने के लिए रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. हिंदुस्तान में रहने वाला कोई और किसी भी उम्र का उद्यमी यदि स्टार्ट अप बिजनेस करता है, इस रियलिटी शो में हिस्सा लेकर अपने बिजनेस मॉडल के बारे में पूरी दुनिया को बता सकता है. इसके साथ ही शो में शामिल जजों से अपने बिजनेस के ग्रोथ के लिए फंड हासिल कर सकता है. सोनी टीवी की वेबसाइट और सोनी लिव एप के जरिए रजिस्ट्रेशन किया जा सकता है. इस शो का पहला सीजन सोनी टीवी पर 20 दिसंबर 2021 से 4 फरवरी 2022 के बीच प्रसारित हुआ था. टेलीविजन प्रसारण के समय शो की लोकप्रियता उतनी ज्यादा नहीं थी, जितनी की शो खत्म होने के बाद इंटरनेट के जरिए हुई. लोगों ने फेसबुक और यूट्यूब पर सर्च करके इसके एपिसोड खूब देखे. इसके अनोखे कॉन्सेप्ट की वजह से लोगों को ये शो बहुत ज्यादा पसंद आया. यही वजह है कि इसके दूसरे सीजन की डिमांड होने लगी थी. मेकर्स ने सही मौका देखकर दूसरे सीजन का ऐलान कर दिया है.

'शार्क टैंक इंडिया' अमेरिकी टेलीविजन शो 'शार्क टैंक' की भारतीय फ्रेंचाइजी है. इसे अमेरिका और भारत सहित 40 देशों में प्रसारित किया गया है. इस रियलिटी शो के कॉन्सेप्ट के साथ ही इसके जज भी लोगों को खूब लुभा रहे हैं. पैनल में शामिल हर जज अपने-अपने क्षेत्र का लीडर है. इस शो के पैनल के जजों में भारत पे के को-फाउंडर रह चुके अशनीर ग्रोवर, शादी डॉट कॉम और पीपल ग्रुप के संस्थापक अनुपम मित्तल, शुगर कॉस्मेटिक्स की सह-संस्थापक और सीईओ विनीता सिंह, बोएट के सह-संस्थापक और सीएमओ अमन गुप्ता, लेंसकार्ट के सह-संस्थापक और सीईओ पीयूष बंसल, एमक्योर फार्मास्युटिकल्स की कार्यकारी निदेशक नमिता थापर और मामाअर्थ की सह-संस्थापक गजल अलघ का नाम शामिल है. इन सभी जजों ने अपने-अपने स्टार्टअप बिजनेस के जरिए अपना नाम स्थापित तो किया ही है, इस शो में इनका बेबाक अंदाज लोगों को बहुत पसंद आया है. सही मायने में बिजनेस आइकन होते हुए भी इन जजों ने टीवी के किसी बेहतरीन एंकर से बेहतर अपना प्रदर्शन दिखाया है. इनके बातचीत का अंदाज और प्रतियोगियों के साथ व्यवहार शो में जान डाल देता है.

भारत के पहले बिजनेस रियलिटी टीवी शो 'शार्क टैंक इंडिया' का दूसरा सीजन बहुत जल्द शुरू होने जा रहा है. इसमें प्रतियोगियों के हिस्सा लेने के लिए रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. हिंदुस्तान में रहने वाला कोई और किसी भी उम्र का उद्यमी यदि स्टार्ट अप बिजनेस करता है, इस रियलिटी शो में हिस्सा लेकर अपने बिजनेस मॉडल के बारे में पूरी दुनिया को बता सकता है. इसके साथ ही शो में शामिल जजों से अपने बिजनेस के ग्रोथ के लिए फंड हासिल कर सकता है. सोनी टीवी की वेबसाइट और सोनी लिव एप के जरिए रजिस्ट्रेशन किया जा सकता है. इस शो का पहला सीजन सोनी टीवी पर 20 दिसंबर 2021 से 4 फरवरी 2022 के बीच प्रसारित हुआ था. टेलीविजन प्रसारण के समय शो की लोकप्रियता उतनी ज्यादा नहीं थी, जितनी की शो खत्म होने के बाद इंटरनेट के जरिए हुई. लोगों ने फेसबुक और यूट्यूब पर सर्च करके इसके एपिसोड खूब देखे. इसके अनोखे कॉन्सेप्ट की वजह से लोगों को ये शो बहुत ज्यादा पसंद आया. यही वजह है कि इसके दूसरे सीजन की डिमांड होने लगी थी. मेकर्स ने सही मौका देखकर दूसरे सीजन का ऐलान कर दिया है.

'शार्क टैंक इंडिया' अमेरिकी टेलीविजन शो 'शार्क टैंक' की भारतीय फ्रेंचाइजी है. इसे अमेरिका और भारत सहित 40 देशों में प्रसारित किया गया है. इस रियलिटी शो के कॉन्सेप्ट के साथ ही इसके जज भी लोगों को खूब लुभा रहे हैं. पैनल में शामिल हर जज अपने-अपने क्षेत्र का लीडर है. इस शो के पैनल के जजों में भारत पे के को-फाउंडर रह चुके अशनीर ग्रोवर, शादी डॉट कॉम और पीपल ग्रुप के संस्थापक अनुपम मित्तल, शुगर कॉस्मेटिक्स की सह-संस्थापक और सीईओ विनीता सिंह, बोएट के सह-संस्थापक और सीएमओ अमन गुप्ता, लेंसकार्ट के सह-संस्थापक और सीईओ पीयूष बंसल, एमक्योर फार्मास्युटिकल्स की कार्यकारी निदेशक नमिता थापर और मामाअर्थ की सह-संस्थापक गजल अलघ का नाम शामिल है. इन सभी जजों ने अपने-अपने स्टार्टअप बिजनेस के जरिए अपना नाम स्थापित तो किया ही है, इस शो में इनका बेबाक अंदाज लोगों को बहुत पसंद आया है. सही मायने में बिजनेस आइकन होते हुए भी इन जजों ने टीवी के किसी बेहतरीन एंकर से बेहतर अपना प्रदर्शन दिखाया है. इनके बातचीत का अंदाज और प्रतियोगियों के साथ व्यवहार शो में जान डाल देता है.

बताया जा रहा है कि 'शार्क टैंक इंडिया' के पहले सीजन में 85 हजार एप्लीकेशन आए थे. इसमें कुल 198 आइडियाज को शो में शामिल किया गया था, जिसमें 67 आंत्रप्रेन्योर्स अपने लिए फंड जुटाने में कामयाब रहे हैं. इस सीजन में जजों ने 42 करोड़ रुपए का निवेश किया था. इस बिजनेस रियलिटी शो की सबसे बड़ी खासियत ही यही है कि आंत्रप्रेन्योरशिप के प्रति युवाओं को आकर्षित करता है. इसमें अपने स्टार्ट-अप को आगे बढ़ाने के इच्छुक उद्यमी अपने बिजनेस मॉडल को पैनल के सामने पेश करते हैं. उन्हें अपने बिजनेस आइडिया में पैसा लगाने के लिए राजी करते हैं. पैनल में बैठे जज प्रतियोगियों से सवाल-जवाब करते हैं. उनमें से यदि किसी को बिजनेस आइडिया पसंद आता है, तो वो उसमें अपना पैसा निवेश करते हैं. इस तरह दोनों को ही फायदा होता है. एक तरफ उद्यमी को अपना बिजनेस बढ़ाने के लिए पैसा मिल जाता है, तो दूसरी तरफ जजों को उनके फायदे में हिस्सा मिलता है.

इन चार वजहों से आपको 'शार्क टैंक इंडिया' का दूसरा सीजन जरूर देखना चाहिए...

1. लोगों को बिजनेस के लिए प्रेरित करता है

भारत में बड़ी संख्या में लोग बेरोजगार हैं. इसमें पढ़े-लिखे युवाओं की संख्या भी बहुत ज्यादा है. ऐसे लोगों के लिए स्टार्ट अप एक बेहतरीन मौका हो सकता है. इसके लिए बस एक अनोखे आइडिया की जरूरत है. ऐसा आइडिया जो लोगों की समस्याओं कम करके उन्हें सहुलियत दे सके. ऐसे आइडिया के जरिए बिजनेस करके लाखों-करोड़ों रुपए का बिजनेस किया जा सकता है. 'शार्क टैंक इंडिया' एक ऐसा शो है, जो लोगों को स्टार्ट अप बिजनेस करने के लिए प्रेरित करता है. इस शो में शामिल होने वाले प्रतियोगियों की कहानियां सुनकर और उनकी सफलता के लिए किए गए संघर्ष के बारे में जानकर लोग प्रेरित होते हैं. इस शो को देखने के बाद यह भी समझ में आता है कि बिजनेस के लिए न तो उम्र का कोई बंधन है, न ही जाति, वर्ग या लिंग का कोई भेद हैं. आप कोई भी हैं, यदि आपमें टैलेंट है, तो मौका और पैसा दोनों उपलब्ध हो सकता है.

'शार्क टैंक इंडिया' के पहले सीजन में बड़ी संख्या में फीमेल आंत्रप्रेन्योर्स ने हिस्सा लिया है. उनके बिजनेस आइडिया भी दूसरों के मुकाबले बहुत शानदार रहे हैं. जैसे कि पीरियड्स कॉमिक बुक में स्ट्रुपीडिया कॉमिक की फाउंडर अदिति गुप्ता, स्किन केयर ब्रांड औली लाइफस्टाइल की फाउंडर ऐश्वर्या विश्वास, नटजॉब की को-फाउंडर्स अनन्या मालू और अनुश्री मालू, इकोफ्रेंडली कटलरी प्रोडक्ट कैराग्रीन की को-फाउंडर्स सुरभि शाह और चेतना शाह, लाइफस्टाइल ब्रैंड हर्ट अप माय सलीव्स की फाउंडर रिया खट्टर के आइडियाज न केवल जजों को पसंद आए, बल्कि दर्शकों को भी उनसे बहुत कुछ सीखने को मिला. सही मायने में कहें तो इस शो में हिस्सा लेने वाली महिला कंटेस्टेंट्स से लेकर पैनल में शामिल महिला जज तक कि कहानी लाखों महिलाओं के लिए प्रेरणादाई है. पूरा शो बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक को बिजनेस करने के लिए प्रेरित करता है.

2. नए और इनोवेटिव आइडिया शेयर करता है

'शार्क टैंक इंडिया' में नए और इनोवेटिव आइडिया का खजाना देखने को मिलता है. यहां पूरे देश से चुनकर ऐसे बिजनेस आइडिया दिखाए जाते हैं, जो लोगों को प्रेरित करते हैं. कुछ आइडियाज पर तो यकीन करना भी मुश्किल लगता है. लेकिन लोग सोचते कैसे हैं, किसी बिजनेस के बारे में कोई आइडिया कैसे आता है, उस पर कैसे काम किया जाता है, बिजनेस को कैसे स्थापित किया जाता है, कैसे उसका विस्तार किया जाता है, इन सभी बातों को जानने समझने के लिए ये एक बेहतर शो है. उदाहरण के लिए इंजीनियरिंग के छात्र निहाल सिंह ने महसूस किया कि कोरोना के दौरान डॉक्टरों को पीपीई किट पहनकर मरीजों का इलाज करना होता है, लेकिन इससे उन्हें बहुत गर्मी बर्दाश्त करनी पड़ती है. अब गर्मियों में स्थिति और खराब होगी. इस समस्या को देखते हुए उन्होंने पीपीई किट में एक छोटा सा पंखा लगाया, जो सूट को अंदर से ठंडा कर सकता है.

इसी तरह गुजरात के एक गांव के रहने वाले जुगाडू कमलेश ने अपने पिता को देखा कि खेतों में किटनाशक का छिड़काव करने में उनको बहुत ज्यादा समस्या होती है. इसे देखकर घर पुराने सामान का इस्तेमाल करके उन्होंने एक बहुउद्देश्यीय साइकिल बनाई है, जो कीटनाशक छिड़काव, बीज बोने और सामान ढोने का काम करती है. इस साइकिल से किसान का काफी समय बचता है. इसके माध्यम से किसान कम समय में अधिक खेती कर सकता है. कमलेश ने केजीएग्रोटेक नाम से एक कंपनी भी बना ली है, जो इसी तरह के उपकरणों पर काम कर रही है. कमलेश का ये आइडिया जजों को बहुत पसंद आया. यही वजह है कि लेंसकार्ट के सह-संस्थापक और सीईओ पीयूष बंसल ने उनकी कंपनी में निवेश किया है.

3. हिंदुस्तान के गुमनाम हीरोज से मिलवाता है

टैलेंट कई तरह का होता है. अक्सर टेलीविजन पर डांस, सिंगिंग, क्विज और कॉमेडी रियलिटी शो के जरिए नए टैलेंट एक बड़ा मंच दिया जाता है. उन रियलिटी शो के जरिए दुनिया उस टैलेंट के बारे में जान पाती है. इसी तरह 'शार्क टैंक इंडिया' एक बिजनेस शो है, जहां पर नए और अनोखे आइडियाज के साथ अपना बिजनेस शुरू करने वाले लोगों के बारे में जानकारी मिलती है. इन लोगों के संघर्ष और सफलता की कहानी सुनकर प्रेरणा भी मिलती है. अपने करियर में निराश और हताश हो चुके लोग इन गुमनाम हीरोज के बारे में जानने के बाद प्रोत्साहित होते हैं. अपने देश में बिजनेस की समझ रखने वाले लोगों की संख्या बड़ी है, जो किसी खास पढ़ाई की मोहताज नहीं है, ये शो देखने के बाद समझ में आता है. उदाहरण के लिए बिहार के भागलपुर के रहने वाले निक्की कुमार झा आईआईटी में पढ़ाई करना चाहते थे, लेकिन परीक्षा पास नहीं कर पाए, तो टूट गए.

निक्की के पिता ने उनको समझाया और प्राइवेट कॉलेज से बीटेक करा दिया. इसके बाद निक्की ने देखा कि फल और सब्जी घर में रखने के बाद बहुत जल्दी खराब हो जाते हैं. उन्होंने थोड़ा रिसर्च किया तो पाया कि देश में कुल उत्पादन का 40 फीसदी फल-सब्जी की बर्बादी होती है. इससे देश को सालाना 2 लाख करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान होता है. इसके बाद उन्होंने एक उपकरण बनाया 'सब्जी कोठी' ताकि किसानों की सब्जियां, फल सुरक्षित रह सकें. यह उपकरण सब्जियों-फलों को 30 दिनों तक सुरक्षित रखता है. निक्की के इस आडिया को बहुत पसंद किया गया. इसी तरह शो में एक लड़की राखी पाल भी आई, जिन्होंने कम उम्र में ही बिजनेस करना शुरू कर दिया. इसकी वजह से उनके घरवालों ने उन्हें घर से बाहर कर दिया, लेकिन वो हार नहीं मानी. अपने दो दोस्तों सौरभ मंगरुलकर और वेंकटेश प्रसाद के साथ एडटेक स्टार्टअप इवेंटबीप चला रही हैं, जो कि छोटे शहरों के कॉलेजों में स्टूडेंट्स को कम्यूनिटी बिल्ड करने में मदद करता है. शो के जजों को तीनों का आइडिया बहुत पसंद आया था और 30 लाख रुपए निवेश का ऑफर मिला.

4. युवाओं को करियर की नई राह दिखाता है

बिजनेस रियलिटी टीवी शो 'शार्क टैंक इंडिया' युवाओं को आंत्रप्रेन्योरशिप की राह दिखाता है. कम उम्र में ही अपना बिजनेस खड़ा करके आत्मनिर्भर बनने की प्रेरणा देता है. इसे देखने के बाद समझ में आता है कि केवल डिग्रियां हासिल करके नौकरी करने का लक्ष्य रखने की बजाए बिजनेस की दिशा में भी युवाओं को सोचना चाहिए. स्टार्ट अप के जरिए युवा अपना भविष्य बेहतर बनाने के साथ ही बड़ी संख्या में रोजगार पैदा कर सकते हैं. सबसे दिलचस्प बात ये है कि शो में फंड पाने में कामयाब हुई नई स्टार्ट-अप कंपनियों में से 67 फीसदी ऐसी रहीं, जिनके को-फाउंडर की उम्र 25 साल से कम है. इनमें से 59 कंपनियों के फाउंडर्स के पास आईआईटी या आईआईएम जैसे संस्थानों की डिग्री भी नहीं है. यहां तक कि फंड जुटाने वाली कंपनियों में से 40 को तो इससे पहले फंडिंग मिली ही नहीं थी. वो अपने दम पर अभी तक सर्वाइव कर रही थी. इनमें 29 कंपनियां ऐसी भी हैं, जिनमें कम-से-कम एक महिला को-फाउंडर शामिल हैं. इस शो में कामयाबी की कहानी लिखने वाली पाने वाली 20 स्टार्टअप कंपनियां छोटे शहरों या ग्रामीण इलाकों की हैं. ये आंकड़े प्रभावी हैं.

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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