• होम
  • सियासत
  • समाज
  • स्पोर्ट्स
  • सिनेमा
  • सोशल मीडिया
  • इकोनॉमी
  • ह्यूमर
  • टेक्नोलॉजी
  • वीडियो
होम
सिनेमा

Shamshera का फ्लॉप होना पैन इंडिया बॉलीवुड फिल्मों के लिए खतरे की घंटी

    • मुकेश कुमार गजेंद्र
    • Updated: 29 जुलाई, 2022 12:49 PM
  • 29 जुलाई, 2022 12:49 PM
offline
रणबीर कपूर की फिल्म 'शमशेरा' बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप होने की ओर है. पैन इंडिया रिलीज हुई इस फिल्म ने साउथ में बहुत खराब प्रदर्शन किया है. यही वजह है कि साउथ के प्रोड्यूसर अब हिंदी फिल्मों को तमिल, तेलुगू, कन्नड़ और मलयालम में डब करने पर पुनर्विचार कर रहे हैं. ऐसा हिंदी फिल्म पर खर्च कम करने के लिए किया जा रहा है.

यशराज फिल्म्स के बैनर तले बनी रणबीर कपूर, संजय दत्त और वाणी कपूर की फिल्म 'शमशेरा' बॉक्स ऑफिस पर ढेर होने वाली है. 22 अगस्त को रिलीज हुई इस फिल्म ने पांच दिनों में महज 39 करोड़ रुपए का कलेक्शन किया है. इस फिल्म को पैन इंडिया तमिल और तेलुगू में भी रिलीज किया गया था. लेकिन जब फिल्म के हिंदी वर्जन का ये हाल है तो साउथ में क्या होगा, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है. इस फिल्म ने अभी तक तमिल वर्जन से 21 लाख रुपए और तेलुगू वर्जन से 16 लाख रुपए की कमाई है. इतनी कमाई तो साउथ की फिल्में हिंदी बॉक्स ऑफिस पर पहले दिन के पहले घंटे में कर लेती हैं. फिल्म की इस असफलता का साउथ सिनेमा के प्रोड्यूसर पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ा है.

रणबीर कपूर-वाणी कपूर की फिल्म 'शमशेरा' बॉक्स ऑफिस पर पहले ही हफ्ते ढेर हो चुकी है.

फिल्म 'शमशेरा' को तमिल और तेलुगू में डब करके साउथ के बॉक्स ऑफिस पर रिलीज करने वाले प्रोड्यूसर बहुत निराश हो गए हैं. बताया जा रहा है कि साउथ के प्रोड्यूसर अब इस बात पर विचार करने लगे हैं कि हिंदी फिल्मों को डब नहीं करना चाहिए. हिंदी फिल्में तमिल, तेलुगू, कन्नड़ या मलयालम में डब होने के बाद जब सिनेमाघरों में जाती हैं, तो उम्मीद के मुताबिक कलेक्शन नहीं हो पाता है.

यहां तक कि कई बार शर्मसार कर देने वाले कमाई के आंकड़े सामने आते हैं, जैसे कि शमेशरा के आए हैं. ऐसी स्थिति में फिल्म की डबिंग का खर्च तक नहीं निकल पाता है. ऐसी हालत में हिंदी फिल्मों को साउथ लैंग्वेज के सबटाइटल्स के साथ दिखाने जाने की योजना पर विचार किया जा रहा है. इससे फिल्म की डबिंग का खर्च बचाया जा सकता है.

यदि ऐसा हुआ तो बॉलीवुड की पैन इंडिया रिलीज होने वाली फिल्मों के लिए खतरे की घंटी है. क्योंकि केवल एक लैंग्वेज में फिल्म को रिलीज करके कमाई...

यशराज फिल्म्स के बैनर तले बनी रणबीर कपूर, संजय दत्त और वाणी कपूर की फिल्म 'शमशेरा' बॉक्स ऑफिस पर ढेर होने वाली है. 22 अगस्त को रिलीज हुई इस फिल्म ने पांच दिनों में महज 39 करोड़ रुपए का कलेक्शन किया है. इस फिल्म को पैन इंडिया तमिल और तेलुगू में भी रिलीज किया गया था. लेकिन जब फिल्म के हिंदी वर्जन का ये हाल है तो साउथ में क्या होगा, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है. इस फिल्म ने अभी तक तमिल वर्जन से 21 लाख रुपए और तेलुगू वर्जन से 16 लाख रुपए की कमाई है. इतनी कमाई तो साउथ की फिल्में हिंदी बॉक्स ऑफिस पर पहले दिन के पहले घंटे में कर लेती हैं. फिल्म की इस असफलता का साउथ सिनेमा के प्रोड्यूसर पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ा है.

रणबीर कपूर-वाणी कपूर की फिल्म 'शमशेरा' बॉक्स ऑफिस पर पहले ही हफ्ते ढेर हो चुकी है.

फिल्म 'शमशेरा' को तमिल और तेलुगू में डब करके साउथ के बॉक्स ऑफिस पर रिलीज करने वाले प्रोड्यूसर बहुत निराश हो गए हैं. बताया जा रहा है कि साउथ के प्रोड्यूसर अब इस बात पर विचार करने लगे हैं कि हिंदी फिल्मों को डब नहीं करना चाहिए. हिंदी फिल्में तमिल, तेलुगू, कन्नड़ या मलयालम में डब होने के बाद जब सिनेमाघरों में जाती हैं, तो उम्मीद के मुताबिक कलेक्शन नहीं हो पाता है.

यहां तक कि कई बार शर्मसार कर देने वाले कमाई के आंकड़े सामने आते हैं, जैसे कि शमेशरा के आए हैं. ऐसी स्थिति में फिल्म की डबिंग का खर्च तक नहीं निकल पाता है. ऐसी हालत में हिंदी फिल्मों को साउथ लैंग्वेज के सबटाइटल्स के साथ दिखाने जाने की योजना पर विचार किया जा रहा है. इससे फिल्म की डबिंग का खर्च बचाया जा सकता है.

यदि ऐसा हुआ तो बॉलीवुड की पैन इंडिया रिलीज होने वाली फिल्मों के लिए खतरे की घंटी है. क्योंकि केवल एक लैंग्वेज में फिल्म को रिलीज करके कमाई तो की जा सकती है, लेकिन 'आरआरआर' और 'केजीएफ' जैसा कलेक्शन का रिकॉर्ड नहीं बनाया जा सकता है. पैन इंडिया कई लैंग्वेज में कई बॉक्स ऑफिस पर फिल्मों को रिलीज करने से कमाई में इजाफा होता है. उदाहरण के लिए तेलुगू फिल्म इंडस्ट्री की 'आरआरआर' ने वर्ल्डवाइड 1100 करोड़ की कमाई थी. इंडियन बॉक्स ऑफिस पर फिल्म का कलेक्शन 700 करोड़ रुपए था, जिसमें बसे ज्यादा कमाई हिंदी वर्जन से हुई थी.

इस फिल्म के हिंदी वर्जन से 300 करोड़ रुपए का कारोबार हुआ था. वहीं, कन्नड़ फिल्म इंडस्ट्री की 'केजीएफ' ने वर्ल्डवाइड 1200 करोड़ रुपए की कमाई की थी. इंडियन बॉक्स ऑफिस पर फिल्म का कलेक्शन 860 करोड़ रुपए था, जिसमें हिंदी वर्जन से फिल्म की कमाई करीब 450 करोड़ रुपए थी.

साउथ की फिल्मों की जबरदस्त कमाई की सबसे बड़ी वजह उनका पैन इंडिया कई भाषाओं में रिलीज होना है. यही वजह है कि बॉलीवुड ने देर ही सही कुछ हिंदी फिल्मों को पैन इंडिया रिलीज करने का साहस किया, लेकिन दुर्भाग्य से अभी तक सफलता नहीं मिल पाई है. इस फेहरिस्त में रणबीर कपूर की 'शमशेरा' के साथ अक्षय कुमार की फिल्म 'सम्राट पृथ्वीराज' का नाम प्रमुखता से लिया जाता है. 250 करोड़ रुपए के बजट में बनी इस हिंदी फिल्म को तमिल और तेलुगू में भी रिलीज किया गया था. इसका वर्ल्डवाइड कलेक्शन 85 करोड़ रुपए और इंडियन बॉक्स ऑफिस कलेक्शन 66 करोड़ रुपए था.

इसमें फिल्म ने हिंदी वर्जन से 65 करोड़ 89 लाख, तमिल वर्जन से 6 लाख और तेलुगू वर्जन से 5 लाख रुपए का कलेक्शन किया था. इन आंकड़ों से अंदाजा लगाया जा सकता है कि बॉलीवुड फिल्मों का साउथ में क्या हाल है. वहां के लोग बॉलीवुड फिल्मों को देखन पसंद नहीं करते हैं.

यदि आने वाले समय में रिलीज होने वाली बॉलीवुड की पैन इंडिया फिल्मों की बात करें तो इसमें आमिर खान की फिल्म 'लाल सिंह चड्ढा' और रणबीर कपूर की फिल्म 'ब्रह्मास्त्र' का नाम सबसे प्रमुख है. दोनों ही फिल्मों को तमिल और तेलुगू में रिलीज किया जा रहा है. इसमें आमिर की 'लाल सिंह चड्ढा' की स्थिति कमजोर नजर आ रही है. 180 करोड़ के बजट में बनी ये फिल्म हॉलीवुड फिल्म फॉरेस्ट गंप का हिंदी रीमेक है. इस ट्रेलर को भी बहुत बेहतर रिस्पांस नहीं मिला है. ऐसे में इसी साउथ में छोड़िए हिंदी पट्टी में कमाई पर संशय है. इसके विपरीत फिल्म 'ब्रह्मास्त्र' मजबूत स्थिति में नजर आ रहा है.

पौराणिक कथाओं पर आधारित इस फिल्म की कहानी ईश्वरीय शक्तियों और त्रिदेव से प्रेरित है. फिल्म को अयान मुखर्जी ने निर्देशित किया है. साउथ में इस फिल्म का प्रजेंटेटर बाहुबली फेम फिल्म मेकर एसएस राजमौली को बनाया गया है. इसका प्रमोशन भी बेहतर रणनीति के साथ हो रहा है. ऐसे में कहा जा रहा है कि ये फिल्म बॉलीवुड के लकी साबित होगी. इसका साउथ के बॉक्स ऑफिस पर होने वाला कारोबार हिंदी फिल्म इंडस्ट्री की दशा और दिशा तय करेगा.


इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

ये भी पढ़ें

Read more!

संबंधि‍त ख़बरें

  • offline
    सत्तर के दशक की जिंदगी का दस्‍तावेज़ है बासु चटर्जी की फिल्‍में
  • offline
    Angutho Review: राजस्थानी सिनेमा को अमीरस पिलाती 'अंगुठो'
  • offline
    Akshay Kumar के अच्छे दिन आ गए, ये तीन बातें तो शुभ संकेत ही हैं!
  • offline
    आजादी का ये सप्ताह भारतीय सिनेमा के इतिहास में दर्ज हो गया है!
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.

Read :

  • Facebook
  • Twitter

what is Ichowk :

  • About
  • Team
  • Contact
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.
▲