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शाहरुख खान के बेटे आर्यन का सबसे ताकतवर बचाव बन गया 'विक्टिम कार्ड'

    • आईचौक
    • Updated: 24 अक्टूबर, 2021 11:17 AM
  • 04 अक्टूबर, 2021 02:13 PM
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क्या शाहरुख खान (Shahrukh Khan) के बेटे आर्यन (Aryan Khan) को सिर्फ इसलिए गिरफ्तार किया गया कि लखीमपुर खीरी (Lakhimpur Khiri) की घटना और उपचुनाव में ममता बनर्जी की जीत को दबाया जा सके. ट्विटर (Twitter) पर शाहरुख के सपोर्ट में चल रहा ट्रेंड गंभीर है.

मुंबई क्रूज शिप ड्रग केस में शाहरुख खान के बेटे का गिरफ्तार होना एक ऐसी घटना है जो कई सवाल खड़े करती है. एनसीबी पिछले डेढ़ साल से ड्रग रैकेट के खिलाफ कार्रवाइयां कर रही है. कई पैडलर्स पकड़े गए हैं. तमाम बड़े लोगों से पूछताछ हुई. कुछ को जेल भी जाना पड़ा. मगर क्या जमीन पर एनसीबी की कार्रवाइयों का कोई डर दिख रहा है? शायद नहीं. कुछ लोगों के लिए कानून का होना ना होना मायने ही नहीं रखता. मुंबई क्रूज शिप ड्रग केस इसका जीता जागता उदाहरण है जिसपर चिंता करने के साथ ज्यादा से ज्यादा बात होनी चाहिए थी. पैसे वालों ने क़ानून को आंख दिखाते हुए ड्रग पार्टी का एक नया मॉडल ही ईजाद कर लिया है. पैसा है तो अय्याशी करने की जगहें कम थोड़ी हैं. समुद्र के अंदर शिप पर भला कौन खलल डालने आता? दुर्भाग्य से हो गया इससे उलट, जिसे शायद अब बताने की जरूरत नहीं है. आर्यन खान दूसरे आरोपियों संग कस्टडी में हैं.

एनसीबी की हनक के बावजूद प्रतिबंधित दवाओं का रैकेट निर्बाध चल रहा है. और यह इसलिए निर्बाध है क्योंकि ज्यादातर सफ़ेदपोश लोग इसमें शामिल नजर आ रहे हैं. अबतक तो हाई प्रोफाइल नाम ही सामने आए हैं. आम लोगों के लिए ड्रग कंज्यूम करना वैसे भी आसान बात नहीं. राशन-सब्जी-तेल की कीमत से परेशान जनता की हैसियत ही नहीं है. जिनकी हैसियत है वो कर रहे हैं. पर हैरान करने वाली बात ये नहीं, बल्कि परेशान करने वाली बात यह है कि एक गंभीर मसले पर लोगों का दिमागी दिवालियापन नजर आ रहा है. बेतुका तर्कों के जरिए आर्यन की गिरफ्तारी को डिफेंड किया जा रहा है. किसी एजेंसी को सरकार का टट्टू बताकर आरोपी को बचाने का तर्क देना कितना आसान बन गया है. सोशल मीडिया पर आर्यन के सपोर्ट में शाहरुख खान के लिए ट्रेंड चलाया जा रहा है. हां, ये सच है कि आर्यन पर जो आरोप लगे हैं उनका साबित होना अभी बाकी है. दोष सिद्ध होने से पहले उन्हें अपराधी कहना जायज नहीं. और इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता कि आर्यन की वजह से शाहरुख और उनके परिवार पर बिना वजह निशाना साधा जा रहा है.

आर्यन बेक़सूर भी हो सकते हैं. मगर फिलहाल...

मुंबई क्रूज शिप ड्रग केस में शाहरुख खान के बेटे का गिरफ्तार होना एक ऐसी घटना है जो कई सवाल खड़े करती है. एनसीबी पिछले डेढ़ साल से ड्रग रैकेट के खिलाफ कार्रवाइयां कर रही है. कई पैडलर्स पकड़े गए हैं. तमाम बड़े लोगों से पूछताछ हुई. कुछ को जेल भी जाना पड़ा. मगर क्या जमीन पर एनसीबी की कार्रवाइयों का कोई डर दिख रहा है? शायद नहीं. कुछ लोगों के लिए कानून का होना ना होना मायने ही नहीं रखता. मुंबई क्रूज शिप ड्रग केस इसका जीता जागता उदाहरण है जिसपर चिंता करने के साथ ज्यादा से ज्यादा बात होनी चाहिए थी. पैसे वालों ने क़ानून को आंख दिखाते हुए ड्रग पार्टी का एक नया मॉडल ही ईजाद कर लिया है. पैसा है तो अय्याशी करने की जगहें कम थोड़ी हैं. समुद्र के अंदर शिप पर भला कौन खलल डालने आता? दुर्भाग्य से हो गया इससे उलट, जिसे शायद अब बताने की जरूरत नहीं है. आर्यन खान दूसरे आरोपियों संग कस्टडी में हैं.

एनसीबी की हनक के बावजूद प्रतिबंधित दवाओं का रैकेट निर्बाध चल रहा है. और यह इसलिए निर्बाध है क्योंकि ज्यादातर सफ़ेदपोश लोग इसमें शामिल नजर आ रहे हैं. अबतक तो हाई प्रोफाइल नाम ही सामने आए हैं. आम लोगों के लिए ड्रग कंज्यूम करना वैसे भी आसान बात नहीं. राशन-सब्जी-तेल की कीमत से परेशान जनता की हैसियत ही नहीं है. जिनकी हैसियत है वो कर रहे हैं. पर हैरान करने वाली बात ये नहीं, बल्कि परेशान करने वाली बात यह है कि एक गंभीर मसले पर लोगों का दिमागी दिवालियापन नजर आ रहा है. बेतुका तर्कों के जरिए आर्यन की गिरफ्तारी को डिफेंड किया जा रहा है. किसी एजेंसी को सरकार का टट्टू बताकर आरोपी को बचाने का तर्क देना कितना आसान बन गया है. सोशल मीडिया पर आर्यन के सपोर्ट में शाहरुख खान के लिए ट्रेंड चलाया जा रहा है. हां, ये सच है कि आर्यन पर जो आरोप लगे हैं उनका साबित होना अभी बाकी है. दोष सिद्ध होने से पहले उन्हें अपराधी कहना जायज नहीं. और इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता कि आर्यन की वजह से शाहरुख और उनके परिवार पर बिना वजह निशाना साधा जा रहा है.

आर्यन बेक़सूर भी हो सकते हैं. मगर फिलहाल वो जिन हालात में पकड़े गए हैं वो उनके खिलाफ ही जाता है. दुर्भाग्यपूर्ण है कि ड्रग केस में आर्यन पर हुई कार्रवाई को भेदभावपूर्ण कार्रवाई की शक्ल देने की कोशिशें हो रही हैं. हिन्दू-मुस्लिम एंगल भी निकाला जा रहा है. यह भी कि दुर्भावनावश सरकार के इशारे पर शाहरुख के बेटे के खिलाफ एक्शन लिया गया. ऐसे लोगों की भी कमी नहीं जो भवानीपुर उपचुनाव में ममता बनर्जी की जीत, लखीमपुर खीरी में किसानों की मौत को दबाने के लिए आर्यन केस को तूल देने का आरोप लगाते दिख रहे हैं. आरोप जब ट्रोल्स लगाए तो समझ में आता है. लेकिन ये क्या- जवाबदार लोग भी हमाम में नंगे दिख रहे हैं.

वरिष्ठ लेखक पत्रकार मृणाल पांडे की नजर में आर्यन एपिसोड, मीडिया में ममता की जीत को दबाने का टूल है. उन्होंने एक ट्वीट में लिखा- "संतो, आज शाम छोटे पर्दे पर देखें नौटंकी, #AryanKhan उर्फ़ आपदा में अवसर उर्फ़ मिल जाना दीदी की जीत पर बौखलाए गोदी मीडिया को शाम के पैनलों की दैनिक बमचख़ के लिए इक ओट का" इसी तरह एक टीवी पत्रकार शोहित मिश्रा ने आर्यन मामले को लखीमपुर खीरी केस दबाने वाला माना. शोहित ने लिखा- "किसानों की मौत हुई है, उनके ऊपर से गाड़ी चलाई गई है, लेकिन एक बार फिर सुर्खियों में मुंबई है. पिछली बार जब मजदूर सड़कों पर थे, तब भी मुंबई के ड्रग कार्टेल की बात की जा रही थी, एक बार फिर वही किया जा रहा है. ज़रूर मुंबई में जो हुआ वो गंभीर है, लेकिन किसान मर रहे हैं... सोचिए!!"

 

ट्विटर पर एक ट्रेंड ही चल रहा है- #WeStandWithSRK. ट्रेंड पर हजारों की संख्या में ट्वीट हो रहे हैं. ट्रेंड का लब्बोलुआब यही है कि आर्यन खान पूरी तरह से निर्दोष हैं और उन्हें जानबूझकर फंसाया गया है. ट्रेंड साफतौर पर पीआर प्रैक्टिस है. कई सारे ट्वीट्स में बेगुनाही के दावे हैं. एक ट्वीट में लिखा है- "कोई ड्रग बरामद नहीं हुआ, ड्रग का सेवन नहीं किया गया, मोबाइल में कोई लीड नहीं मिला. सिद्ध होता है कि आर्यन खान निर्दोष है." शाहरुख के कई फैन पेज से आर्यन के बचाव में तर्क रखे जा रहे हैं.  जहां तक बात ड्रग केस के बहाने मीडिया से दूसरी जरूरी चीजों को दबाने का आरोप लगाया जा रहा है वो पूरी तरह से निराधार है. हां, कुछ चीजें कम या ज्यादा हो सकती हैं. ये एक अलग मसला है. जहां तक बात लखीमपुर खीरी की घटना की है, प्रमुख चैनलों पर लगातार नजर आ रहा है. फॉलोअप भी है. कई जगह पैनल डिस्कसन भी हुए हैं. ममता बनर्जी के उपचुनाव को भी प्रमुखता से लाइव कवरेज मिला. ड्रग केस में आर्यन का गिरफ्तार होना भी कोई मामूली बात नहीं. अबतक केस में आया सबसे बड़ा नाम है. स्वाभाविक है कि शाहरुख की वजह से ही ऐसा है.

 

आर्यन मामले में सोशल मीडिया ट्रेंड्स को देखकर दो चीजें साफ़ हैं. पहला ये कि मुंबई क्रूज शिप ड्रग केस में आर्यन का नाम आने की वजह से सीधे शाहरुख की ब्रांड वैल्यू को धक्का पहुंचा है. उनके खिलाफ व्यापक रूप से हेट ट्वीट दिख भी रहे हैं. इसका असर शाहरुख खान के अपकमिंग प्रोजेक्ट्स पर भी पड़ने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता. आर्यन के बहाने शाहरुख को एक फेल पिता बताया जा रहा है. कभी मीडिया को खरीदने और पत्रकार को नौकर बनाकर रखने की बात कह चुके शाहरुख की कथित "बिगडैल छवि" को लेकर सोशल मीडिया का एक तबका उन्हें टार्गेट पर रखता आया है. दूसरी बात- शाहरुख और आर्यन के सपोर्ट में जो ट्रेंड दिख रहे हैं उनके जरिए सोशल मीडिया पर मामले को संभालने की कोशिश की जा रही है. ताकि इस पूरे मामले का असर शाहरुख के अपकमिंग प्रोजेक्ट्स पर ना पड़े. भविष्य के लिए आर्यन खान की एक छवि बेहतर गढ़ी जा सके.

आर्यन को भी बॉलीवुड में लॉन्च होना है और शाहरुख उनके पीछे  कोई भूत जिंदा नहीं छोड़ना चाहते.

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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