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Selfiee Movie Review: ट्विटर पर फैंस की एक राय, अक्षय-इमरान की जोड़ी ने कमाल कर दिया है

    • बिलाल एम जाफ़री
    • Updated: 24 फरवरी, 2023 10:12 PM
  • 24 फरवरी, 2023 10:12 PM
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अक्षय कुमार-इमरान हाश्मी की मलयालम फिल्म ड्राइविंग लाइसेंस की हिंदी रीमेक सेल्फी आखिरकार रिलीज हो ही गयी. जैसी फिल्म है माना जा रहा है कि फिल्म के निर्देशक राज मेहता की जितनी तारीफ की जाए उतनी कम है. राज ने एक मलयालम स्क्रिप्ट में कुछ इस तरह के फेर बदल किये जो हिंदी पट्टी के दर्शकों को कहीं से भी असहज नहीं करते.

भले ही साउथ में प्रोड्यूसर्स और डायरेक्टर्स किसी नयी बनने वाली फिल्म से पहले, उसकी स्क्रिप्ट पर काम कर रहे हों, कास्ट एंड क्रू को लेकर उनकी माथापच्ची जारी हो. लेकिन बॉलीवुड को इससे कोई मतलब नहीं है. रीमेक का दौर है,इसलिए ज्यादा मेहनत नहीं की जा रही. दक्षिण से किसी भी हिट फिल्म को उठाकर उसे बॉलीवुडिया रंग देकर दर्शकों के सामने पेश किया जा रहा है. इस हफ्ते रिलीज हुई अक्षय कुमार और इमरान हाश्मी की सेल्फी एक ऐसी ही फिल्म है. मलयालम फिल्म ड्राइविंग लाइसेंस का हिंदी रीमेक सेल्फी, एक ऐसी फिल्म है जिसे लेकर इंटरनेट पर खूब बज है. फैंस इसे लेकर बात कर ही रहे थे. इसलिए बात जब इस फिल्म के रिव्यू की होगी तो हम अपनी तरफ से किसी तरह की कोई राय नहीं रखेंगे. हम फैंस का रुख करेंगे और उनकी प्रतिक्रियाओं से ये समझने की कोशिश करेंगे कि उन्हें इस फिल्म में अक्षय और इमरान की जुगलबंदी पसंद आई या नहीं?

सेल्फी के जरिये बॉलीवुड को लंबे समय बाद एक उम्दा रीमेक मिली है

सेल्फी का जिक्र होगा. अक्षय और इमरान की एक्टिंग पर भी बात होगी लेकिन उससे पहले ये बता देना बहुत जरूरी है कि फिल्म सेल्फी अपने ओरिजिनल यानी ड्राइविंग लायसेंस के सार को पकड़ने में बहुत हद तक कामयाब हुई है और काफी दिन के बाद बॉलीवुड ने हम दर्शकों के सामने एक ऐसा रीमेक पेश किया है जो हमें एंटरटेनमेंट का सही डोज देता है और जिसे देखते हुए कहीं से भी बोरियत का एहसास हमें नहीं होता.

फिल्म अच्छी है. और अगर वाक़ई इसका सेहरा किसी के सिर पर बांधना चाहिए. या फिर वो व्यक्ति जो तारीफ का असली हकदार है, वो और कोई न होकर फिल्म के डायरेक्टर राज मेहता हैं. राज ने एक मलयालम स्क्रिप्ट में कुछ इस तरह के फेर बदल किये जो हिंदी पट्टी के दर्शकों को कहीं से भी असहज नहीं करते.

भले ही साउथ में प्रोड्यूसर्स और डायरेक्टर्स किसी नयी बनने वाली फिल्म से पहले, उसकी स्क्रिप्ट पर काम कर रहे हों, कास्ट एंड क्रू को लेकर उनकी माथापच्ची जारी हो. लेकिन बॉलीवुड को इससे कोई मतलब नहीं है. रीमेक का दौर है,इसलिए ज्यादा मेहनत नहीं की जा रही. दक्षिण से किसी भी हिट फिल्म को उठाकर उसे बॉलीवुडिया रंग देकर दर्शकों के सामने पेश किया जा रहा है. इस हफ्ते रिलीज हुई अक्षय कुमार और इमरान हाश्मी की सेल्फी एक ऐसी ही फिल्म है. मलयालम फिल्म ड्राइविंग लाइसेंस का हिंदी रीमेक सेल्फी, एक ऐसी फिल्म है जिसे लेकर इंटरनेट पर खूब बज है. फैंस इसे लेकर बात कर ही रहे थे. इसलिए बात जब इस फिल्म के रिव्यू की होगी तो हम अपनी तरफ से किसी तरह की कोई राय नहीं रखेंगे. हम फैंस का रुख करेंगे और उनकी प्रतिक्रियाओं से ये समझने की कोशिश करेंगे कि उन्हें इस फिल्म में अक्षय और इमरान की जुगलबंदी पसंद आई या नहीं?

सेल्फी के जरिये बॉलीवुड को लंबे समय बाद एक उम्दा रीमेक मिली है

सेल्फी का जिक्र होगा. अक्षय और इमरान की एक्टिंग पर भी बात होगी लेकिन उससे पहले ये बता देना बहुत जरूरी है कि फिल्म सेल्फी अपने ओरिजिनल यानी ड्राइविंग लायसेंस के सार को पकड़ने में बहुत हद तक कामयाब हुई है और काफी दिन के बाद बॉलीवुड ने हम दर्शकों के सामने एक ऐसा रीमेक पेश किया है जो हमें एंटरटेनमेंट का सही डोज देता है और जिसे देखते हुए कहीं से भी बोरियत का एहसास हमें नहीं होता.

फिल्म अच्छी है. और अगर वाक़ई इसका सेहरा किसी के सिर पर बांधना चाहिए. या फिर वो व्यक्ति जो तारीफ का असली हकदार है, वो और कोई न होकर फिल्म के डायरेक्टर राज मेहता हैं. राज ने एक मलयालम स्क्रिप्ट में कुछ इस तरह के फेर बदल किये जो हिंदी पट्टी के दर्शकों को कहीं से भी असहज नहीं करते.

फिल्म की अच्छी बात ये रही कि इसे देखते हुए आपको कहीं से भी इस बात का एहसास नहीं होगा कि आप परदे पर जो कुछ भी देख रहे हैं वो हवाहवाई या फिर कोरी गप है. राज अक्षय के साथ पूर्व में गुड न्यूज़ में काम कर चुके हैं इसलिए उन्हें पता था कि उन्हें अपनी फिल्म में अक्षय को किस तरह कास्ट करना है. वहीं बात जब हम इमरान हाश्मी की करते हैं तो बतौर एक्टर जिस तरह से इमरान ने अपने को फिल्म में पेश किया है वो हैरान करने वाला है. फिल्म में इमरान अक्षय के सामने कहीं भी फीके नहीं पड़े हैं.

फिल्म में एक्टर डायना पेंटी को लेकर भी खूब बज था. ऐसे में जब हम फिल्म में डायना की एक्टिंग को देखते हैं तो वो जिम्मेदारी जो उन्हें फिल्म में डायरेक्टर राज मेहता ने दी वो उसे बाखूबी निभाने में कामयाब हुई हैं.

ऐसा भी नहीं है कि फिल्म सुपर डुपर हिट है या सभी को पसंद आई है. सोशल मीडिया पर तमाम फैंस ऐसे भी हैं जिन्होंने निर्देशक को नसीयत की है और कहा है कि जब भी वो किसी फिल्म का हिंदी रीमेक करते हैं या फिर जब बाहर की स्क्रिप्ट पर बॉलीवुडिया रंग चढ़ाया जाता है तो निर्देशक की जिम्मेदारी दोगुनी होती है.

बहरहाल, सेल्फी की रिलीज के बाद सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाओं का तांता लगा है और दर्शकों का रुख मिला जुला है. एक समूह है जिसे फिल्म अच्छी और पैसा वसूल लग रही है. जबकि एक वर्ग वो भी है जिसका मानना है कि फिल्म अगर फिल्म के नाम पर खाना पूर्ति बनी है तो इसका कारण बस इतना है कि फिल्म में हीरो के रूप में हम अक्षय कुमार और इमरान हाश्मी को परदे पर देख रहे हैं.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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