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Sanjay Dutt Birthday: तमाम खामियों के बावजूद संजय दत्त इतने चहेते क्यों हैं...

    • मुकेश कुमार गजेंद्र
    • Updated: 29 जुलाई, 2021 05:50 PM
  • 29 जुलाई, 2021 05:50 PM
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बॉलीवुड एक्टर संजय दत्त की जिंदगी उनकी फिल्मों की तरह ही रही है. इसमें कई उतार-चढ़ाव देखने को मिलते हैं. ड्रग्स की लत से लेकर अंडरवर्ल्ड से कनेक्शन तक, उनके जीवन में कई विवाद आए, लेकिन हर बार वो अपने परिजनों के सहयोग से समस्याओं के इस दलदल से बाहर निकलने में सफल रहे हैं.

बॉलीवुड के दिग्गज कलाकार सुनील दत्त और नरगिस के बेटे संजय दत्त की जिंदगी किसी बिगड़े हुए रईसजादे से ठोकर खाकर संभले हुए शख्स और अनुभव के साथ सुलझे हुए सफल अभिनेता बनने तक की कहानी है. उनकी जिंदगी की इस दिलचस्प कहानी पर फिल्म संजू भी बन चुकी है, जो सुपर-डुपर हिट रही है. संजय दत्त का जन्म 29 जुलाई, 1959 को हुआ था. वो बचपन से ही अपने परिवार के लाडले थे. लेकिन उनकी जिंदगी में बड़ा बदलाव तब आया था जब उन्होंने अपनी मां नर्गिस को हमेशा के लिए खो दिया था. मां की मौत से पहले ड्रग्स के नशे में डूबे रहने वाले संजय उस वक्त सुर्खियों में आ गए, जब उनका मुंबई सीरियल बम धमाकों से जुड़ा. उस वक्त हुए दंगों के दौरान उन पर अवैध हथियार गैर-कानूनी ढंग से अपने घर में रखने का आरोप लगा. इसकी वजह से उनको जेल भी जाना पड़ा.

संजय दत्त ने साल 1972 में चाइल्ड एक्टर के रूप में फिल्म 'रेशमा और शेरा' से अपने फिल्मी कॅरियर की शुरुआत की थी. साल 1981 में रिलीज हुई 'रॉकी' उनकी डेब्यू फिल्म थी, जिसके जरिए सुनील दत्त ने अपने 'नालायक' बेटे को 'नायक' बनने का ख्वाब देखा था. हालांकि, इस फिल्म के बाद 'नाम' जैसी इक्की-दुक्की फिल्मों को छोड़कर संजय दत्त को कोई खास कामयाबी नहीं मिली, लेकिन साल 1993 में रिलीज हुई फिल्म 'खलनायक' सुपरहिट रही और यही वो समय था जब संजय दत्त बॉलीवुड के सुपरस्टार बन गए. इसके बाद साल 2003 में आई फिल्म 'मुन्नाभाई एमबीबीएस' ने सफलता के सारे रिकॉर्ड तोड़ डाले थे. इस फिल्म से संजू को एक नई छवि भी मिली थी. सबसे बड़ी बात संजय दत्त से हमेशा नाखुश और नाराज रहने वाले सुनील दत्त ने इसमें गेस्ट रोल किया था. पहली बार बेटे पर उनको गर्व हुआ था.

संजू के जन्मदिन पर उनकी अपकमिंग फिल्म KGF 2 का नया पोस्टर जारी हुआ है, जिसमें उनका लुक कहर बरपा रहा...

बॉलीवुड के दिग्गज कलाकार सुनील दत्त और नरगिस के बेटे संजय दत्त की जिंदगी किसी बिगड़े हुए रईसजादे से ठोकर खाकर संभले हुए शख्स और अनुभव के साथ सुलझे हुए सफल अभिनेता बनने तक की कहानी है. उनकी जिंदगी की इस दिलचस्प कहानी पर फिल्म संजू भी बन चुकी है, जो सुपर-डुपर हिट रही है. संजय दत्त का जन्म 29 जुलाई, 1959 को हुआ था. वो बचपन से ही अपने परिवार के लाडले थे. लेकिन उनकी जिंदगी में बड़ा बदलाव तब आया था जब उन्होंने अपनी मां नर्गिस को हमेशा के लिए खो दिया था. मां की मौत से पहले ड्रग्स के नशे में डूबे रहने वाले संजय उस वक्त सुर्खियों में आ गए, जब उनका मुंबई सीरियल बम धमाकों से जुड़ा. उस वक्त हुए दंगों के दौरान उन पर अवैध हथियार गैर-कानूनी ढंग से अपने घर में रखने का आरोप लगा. इसकी वजह से उनको जेल भी जाना पड़ा.

संजय दत्त ने साल 1972 में चाइल्ड एक्टर के रूप में फिल्म 'रेशमा और शेरा' से अपने फिल्मी कॅरियर की शुरुआत की थी. साल 1981 में रिलीज हुई 'रॉकी' उनकी डेब्यू फिल्म थी, जिसके जरिए सुनील दत्त ने अपने 'नालायक' बेटे को 'नायक' बनने का ख्वाब देखा था. हालांकि, इस फिल्म के बाद 'नाम' जैसी इक्की-दुक्की फिल्मों को छोड़कर संजय दत्त को कोई खास कामयाबी नहीं मिली, लेकिन साल 1993 में रिलीज हुई फिल्म 'खलनायक' सुपरहिट रही और यही वो समय था जब संजय दत्त बॉलीवुड के सुपरस्टार बन गए. इसके बाद साल 2003 में आई फिल्म 'मुन्नाभाई एमबीबीएस' ने सफलता के सारे रिकॉर्ड तोड़ डाले थे. इस फिल्म से संजू को एक नई छवि भी मिली थी. सबसे बड़ी बात संजय दत्त से हमेशा नाखुश और नाराज रहने वाले सुनील दत्त ने इसमें गेस्ट रोल किया था. पहली बार बेटे पर उनको गर्व हुआ था.

संजू के जन्मदिन पर उनकी अपकमिंग फिल्म KGF 2 का नया पोस्टर जारी हुआ है, जिसमें उनका लुक कहर बरपा रहा है.

बदनाम होकर भी बुरे वक्त में साथ नहीं छोड़ा

सुनील दत्त और नरगिस जितने बड़े फिल्मी सितारे थे, उनकी उतनी ही मजबूत सामाजिक और राजनीतिक छवि भी थी. बॉलीवुड के बेहतरीन कलाकार होने के साथ ही कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे सुनील दत्त का नाम जितना बड़ा था, संजय दत्त के विवादों की फेहरिस्त उससे कहीं ज्यादा बड़ी थी. जवानी की दहलीज पर कदम रखते ही वो ड्रग्स के आगोश में डूब गए. पिता ने किसी तरह से ड्रग्स की लत छुड़ाई, तो अंडरवर्ल्ड के साथ कथित रिश्तों की वजह से पूरे देश में बदनाम हो गए. पहले मुंबई ब्लास्ट में नाम आने और फिर घर से अवैध हथियार बरामद होने की वजह से बची खुची इज्जत भी दांव पर लग गई. लेकिन पिता और परिवार ने कभी साथ नहीं छोड़ा. कांग्रेस आलाकमान से लेकर बाल ठाकरे के दर तक मत्था टेकने को मजबूर सुनील दत्त ने कभी सपने में नहीं सोचा था कि बेटे की वजह से उनको ऐसे दिन देखने पड़ेंगे.

'दोस्तों के दोस्त', 'यारों के यार' हैं संजू बाबा

तमाम कमियों और खामियों के बावजूद संजय दत्त में पिता के सिखाए कुछ ऐसे संस्कार थे, जिन्होंने उनको इन सभी समस्याओं से बाहर निकलने में मदद की थी. 'यारों के यार' कहे जाने वाले बॉलीवुड के 'संजू बाबा' ने रिश्तों को हमेशा शिद्दत से निभाया. उनका एक बार जिससे रिश्ता बना उन्होंने कभी उसका साथ नहीं छोड़ा. कई बार दोस्ती के कुछ रिश्तों की वजह से ही वो अंधेरे कुएं में गिरे, लेकिन परिवार के कुछ रिश्तों की वजह से ही वो उनसे बाहर भी निकले. उनके एक दोस्त ने तो कभी उनका साथ नहीं छोड़ा. पिता सुनील दत्त की तरह वो उनकी हर समस्या में साए की तरह उनके साथ रहा. उसका नाम है परेश घेलानी, जिसको संजय दत्त की बायोपिक संजू में भी 'कमली' के किरदार में बड़े ही प्रमुखता से दिखाया गया है. परेश का अमेरिका में अपना बिजनेस है, वो लॉस एंजिलिस में रहते हैं. दोनों स्कूल के दिनों से साथ में हैं. फिल्म इंडस्ट्री में आज संजय दत्त की वही इज्जत है, जो कभी सुनील दत्त साहब की हुआ करती थी.

मान्यता ने दिया जिंदगी को असली ठहराव

वैसे तो संजय दत्त की जिंदगी में तमाम लड़कियां आईं, लेकिन मान्यता ने उनकी जिंदगी को सही मायने में बदला है. मान्यता से पहले माधुरी दीक्षित, नादिया दुर्रानी, रेखा, टीना मुनीम, लीजा रे, रिया पिल्लई और रिचा शर्मा जैसी कई लड़कियां प्रेमिका या पत्नी के रूप में संजय के साथ आईं, लेकिन उसी तरह बाहर भी चली गईं. संजू की जिंदगी में असली ठहराव मान्यता के आने के बाद ही आया. शायद तबतक जिंदगी के थपेड़े खाने के बाद उनको रिश्तों की अहमियत भी समझ में आ गई थी. कहा जाता है कि, जब संजय दत, नादिया को डेट कर रहे थे, तभी उनकी मुलाकात जूनियर आर्टिस्ट मान्यता से हुई थी. वे मान्यता की नॉर्मल लाइफ को देखकर काफी इम्प्रेस हुए थे. मान्यता का सहज और विनम्र स्वभाव संजू को अपनी ओर अट्रैक्ट करने के लिए काफी था और इसी तरह धीरे-धीरे दोनों को एक-दूसरे से प्यार भी हो गया. 7 फरवरी 2008 को संजय दत्त और मान्यता ने शादी कर ली. इसके बाद उनको दो जुड़वा बच्चे भी हुए, जिनके नाम शाहरान और इकरा है.

संजय दत्त का करियर

संजय दत्त की विवादास्पद जिंदगी में तमाम उतार-चढ़ाव के बीच उनका फिल्मी करियर अपनी गति से आगे बढ़ता रहा. उन्होंने कभी अपने काम से समझौता नहीं किया. माता-पिता की वजह से प्राकृतिक रूप से शानदार लुक्स तो मिला ही था, उसे अपनी मेहनत से उन्होंने और ज्यादा आकर्षक बना दिया. जिम में पसीना बहाकर शानदार बॉडी बनाई, जो फिल्मों में उनके हर किरदार में चार चांद लगा देती है. उनकी जादूई बोलती आंखें दर्शकों का मन मोह लेती हैं. अभिनय तो इतना शानदार है कि हीरो से लेकर विलेन तक, हर किरदार में ऐसे उतरते हैं कि हरतरफ छा जाते हैं. चाहे फिल्म मुन्नाभाई एमबीबीएस का मुन्ना हो या खलनायक का बल्लू डाकू, हर रोल में लोगों ने उनको बहुत पसंद किया है. यही वजह है कि इतने विवादों के बावजूद उनके फिल्मी करियर पर कभी इसका नकारात्मक असर नहीं पड़ा है.

जेल ने बदला जीवन

संजय दत्त के मुताबिक, जेल जाने के बाद उनके जीवन में बहुत बड़ा बदलाव आया था. उन्होंने एक इंटरव्यू में बताया था, 'मेरे जेल के दिन किसी रोलर कोस्टर की सवारी से कम नहीं रहे. यदि इसके सकारात्मक पक्ष को देखें तो इसने मुझे बहुत कुछ सिखाया और मुझे एक बेहतर व्यक्ति बनाया. अपने परिवार और अपने चाहने वालों से अलग रहना एक चुनौती था. उन दिनों के दौरान मैंने अपने शरीर को अच्छे आकार में रखना सीखा. मैंने वजन और डंबल की जगह कचरे के डिब्बों और मिट्टी के घड़ों का प्रयोग किया. हम जेल के अंदर सांस्कृतिक समारोह किया करते थे, जहां मैंने उम्रकैद की सजा काट रहे लोगों को संवाद बोलना, गाना और नाचना सिखाया. उस मुश्किल दौर में वे लोग मेरा परिवार बन गए थे और जब मैं हार मान लेता था तो वे मुझे प्रोत्साहित करते थे. जेल में बिताए समय में मैंने बहुत कुछ सीखा. उसने मेरा अंहकार तोड़ दिया.' बताते चलें कि संजू के जन्मदिन पर उनकी अपकमिंग फिल्म KGF 2 का नया पोस्टर जारी हुआ है, जिसमें उनका लुक कहर बरपा रहा है.


इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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