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RRR Vs Kashmir Files: बॉक्स ऑफिस पर कोई फिल्म हिट, सुपरहिट और सुपर-डुपर हिट कब मानी जाती है?

    • मुकेश कुमार गजेंद्र
    • Updated: 02 अप्रिल, 2022 04:55 PM
  • 02 अप्रिल, 2022 04:55 PM
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Box Office Parameter: कोई फिल्म फ्लॉप, हिट, सुपरहिट, सुपर-डुपर हिट या ब्लॉकबस्टर कब होती है? इसका पैरामीटर क्या होता है? यह सवाल हर दर्शक के मन में आता होगा, क्योंकि अमूमन हर कोई फिल्म को हिट या फ्लॉप की कैटेगरी में बांटते हुए नजर आ जाता है. आइए जानते हैं इस सवाल का जवाब...

साल 2022 की पहली तिमाही खत्म हो चुकी है. जनवरी से लेकर मार्च तक पहली तिमाही में कुल 15 फिल्में हिंदी में रिलीज हुई हैं. इनमें सात फिल्में ओटीटी प्लेटफॉर्म्स और आठ फिल्में सिनेमाघरों में रिलीज हुई हैं. यदि ओटीटी की कमाई अलग कर दी जाए, तो केवल आठ फिल्मों ने हिंदी बॉक्स ऑफिस पर करीब 650 करोड़ रुपए का कलेक्शन किया है. इनमें बॉलीवुड की फिल्म 'बधाई दो' ने 19.5 करोड़ रुपए, 'गंगूबाई काठियावाड़ी' ने 128.8 करोड़ रुपए, 'झुंड' ने 17.2 करोड़ रुपए, 'द कश्मीर फाइल्स' ने 236.28 करोड़ रुपए (1 अप्रैल तक) और 'बच्चन पांडे' ने 50.2 करोड़ रुपए का कलेक्शन किया है. इसके साथ ही साउथ सिनेमा की पैन इंडिया फिल्म 'वलीमै' ने 1.5 करोड़ रुपए, 'राधे श्याम' ने 19.2 करोड़ रुपए और 'आरआरआर' ने 120.5 करोड़ रुपए का कलेक्शन किया है. इसके अलावा हॉलीवुड की फिल्मों ने भी हिंदी वर्जन से अच्छी कमाई की है.

फिल्मों के बीच यह जानना दिलचस्प होता है कि कौन सी फिल्म फ्लॉप, हिट, सुपरहिट, सुपर-डुपर हिट या ब्लॉकबस्टर रही है? क्योंकि दर्शकों के बीच हिट या फ्लॉप फिल्म की चर्चा आए दिन होती रहती है, लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि आखिर फिल्मों को किस कसौटी पर कसकर उसे सफल या असफल घोषित किया जाता है. इस कसौटी को जानने से पहले यह जानना ज्यादा जरूरी होता है कि फिल्म का बिजनेस कैसे होता है, कोई फिल्म बनने से लेकर रिलीज होने तक किन-किन प्रक्रियाओं से गुजरती है, उनमें कहां-कहां उससे आर्थिक फायदा होता है? फिल्मों की कमाई का गणित जितना आसान दिखता है, उतना होता नहीं है. यह एक मकड़जाल की तरह होता है. इसमें प्रोड्यूसर, डायरेक्टर, डिस्ट्रीब्यूटर और एग्जीबिटर हिस्सा तय होता है. इससे पहले फिल्म मेकिंग के दौरान डिपार्टमेंट वाइज हर व्यक्ति की फीस तय की जाती है.

फिल्म बनने की प्रक्रिया के सबसे पहले फेज में प्रोड्यूसर आता है....

साल 2022 की पहली तिमाही खत्म हो चुकी है. जनवरी से लेकर मार्च तक पहली तिमाही में कुल 15 फिल्में हिंदी में रिलीज हुई हैं. इनमें सात फिल्में ओटीटी प्लेटफॉर्म्स और आठ फिल्में सिनेमाघरों में रिलीज हुई हैं. यदि ओटीटी की कमाई अलग कर दी जाए, तो केवल आठ फिल्मों ने हिंदी बॉक्स ऑफिस पर करीब 650 करोड़ रुपए का कलेक्शन किया है. इनमें बॉलीवुड की फिल्म 'बधाई दो' ने 19.5 करोड़ रुपए, 'गंगूबाई काठियावाड़ी' ने 128.8 करोड़ रुपए, 'झुंड' ने 17.2 करोड़ रुपए, 'द कश्मीर फाइल्स' ने 236.28 करोड़ रुपए (1 अप्रैल तक) और 'बच्चन पांडे' ने 50.2 करोड़ रुपए का कलेक्शन किया है. इसके साथ ही साउथ सिनेमा की पैन इंडिया फिल्म 'वलीमै' ने 1.5 करोड़ रुपए, 'राधे श्याम' ने 19.2 करोड़ रुपए और 'आरआरआर' ने 120.5 करोड़ रुपए का कलेक्शन किया है. इसके अलावा हॉलीवुड की फिल्मों ने भी हिंदी वर्जन से अच्छी कमाई की है.

फिल्मों के बीच यह जानना दिलचस्प होता है कि कौन सी फिल्म फ्लॉप, हिट, सुपरहिट, सुपर-डुपर हिट या ब्लॉकबस्टर रही है? क्योंकि दर्शकों के बीच हिट या फ्लॉप फिल्म की चर्चा आए दिन होती रहती है, लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि आखिर फिल्मों को किस कसौटी पर कसकर उसे सफल या असफल घोषित किया जाता है. इस कसौटी को जानने से पहले यह जानना ज्यादा जरूरी होता है कि फिल्म का बिजनेस कैसे होता है, कोई फिल्म बनने से लेकर रिलीज होने तक किन-किन प्रक्रियाओं से गुजरती है, उनमें कहां-कहां उससे आर्थिक फायदा होता है? फिल्मों की कमाई का गणित जितना आसान दिखता है, उतना होता नहीं है. यह एक मकड़जाल की तरह होता है. इसमें प्रोड्यूसर, डायरेक्टर, डिस्ट्रीब्यूटर और एग्जीबिटर हिस्सा तय होता है. इससे पहले फिल्म मेकिंग के दौरान डिपार्टमेंट वाइज हर व्यक्ति की फीस तय की जाती है.

फिल्म बनने की प्रक्रिया के सबसे पहले फेज में प्रोड्यूसर आता है. पहले फिल्मों में एक प्रोड्यूसर हुआ करता था, लेकिन अब एक साथ कई कंपनियां या लोग मिलकर फिल्मों को प्रोड्यूस करते हैं. उदाहरण के लिए धर्मा प्रोडक्शन के लिए करण जौहर, टी-सीरिज के लिए भूषण कुमार, यशराज फिल्म्स के लिए आदित्य चोपड़ा फिल्मों को प्रोड्यूस करते हैं. प्रोड्यूसर फिल्म के लिए जरूरी डायरेक्टर, स्क्रिप्ट राइटर, एक्टर, टेक्निकल टीम को साइन करता है. इन सभी की फीस तय की जाती है. नए दौर में डायरेक्टर और एक्टर फिल्म के प्रॉफिट में भी अपना हिस्सा मांगते हैं. जैसे कि फिल्म 'आरआरआर' के डायरेक्टर फीस लेने की बजाए इसकी प्रॉफिट का 30 फीसदी हिस्सा लेने वाले हैं. इसी तरह अभिनेता अक्षय कुमार अपनी फिल्मों में फीस के साथ प्रॉफिट शेयरिंग भी करते हैं. फिल्म बनकर तैयार हो जाने के बाद इसका अगला फेज शुरू होता है.

इस फेज में प्रोड्यूसर फिल्म को डिस्ट्रीब्यूटर्स को बेचने का फैसला करता है. इस दौर में तो अब फिल्में सीधे ओटीटी प्लेटफॉर्म्स को बेच दी जा रही हैं. फिल्म को बेचते वक्त प्रोड्यूसर बजट के मुकाबले अपना प्रॉफिट पहले ही रख लेता है. यदि फिल्म बॉक्स ऑफिस पर रिलीज के लिए जानी है, तो इसे डिस्ट्रीब्यूटर्स के हवाले करना ही पड़ता है. इस दौरान भी प्रोड्यूसर प्रोडक्शन कास्ट से अधिक पैसे में ही फिल्म को डिस्ट्रीब्यूटर्स को देता है. जैसे कि प्रोड्यूसर साजिद नाडियावाला ने सलमान खान की फिल्म 'किक' को यूटीवी मोशन पिक्चर्स को, तो फरहान अख्तर की एक्सल एंटरटेनमेंट ने फिल्म 'डॉन 2' को रिलायंस एंटरटेनमेंट को बेचा था. यहां यूटीवी मोशन पिक्चर्स और रिलायंस एंटरटेनमेंट डिस्ट्रीब्यूटर्स हैं. कई बार कुछ फिल्में बनती तो बहुत कम लागत में हैं, लेकिन डिस्ट्रीब्यूटर्स को महंगे में बेंच दी जाती है, ऐसी फिल्में बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप हो जाती हैं.

डिस्ट्रीब्यूटर्स के पास फिल्म आने के बाद प्रमोशन में भी पैसा खर्च होता है, जो फिल्म की कास्ट में इजाफा करता है. इसके बाद फिल्म सिनेमाघरों में रिलीज कर दी जाती है. टिकट विंडो से होने वाली कमाई को बॉक्स ऑफिस कलेक्शन कहा जाता है. इसके अलावा फिल्म के सैटेलाइट, डिजिटल, म्युजिक आदि राइट्स बेचने से होने वाले फायदे भी फिल्म के प्रॉफिट में जोड़े जाते हैं. इस तरह कोई फिल्म यदि अपनी लागत से दोगुना कमा लेती है, तो उसे हिट फिल्म कहा जाता है. यदि कोई फिल्म अपनी लागत और उसके बाद होने वाले खर्च के कुल जोड़ से भी कम कमाई करती है, तो उसे फ्लॉप फिल्म की संज्ञा दी जाती है. यदि कोई फिल्म अपनी कुल लागत से दोगुना और 50 फीसदी अतिरिक्त कमाई करती है, तो उसे सुपरहिट फिल्म माना जाता है. इसके साथ ही यदि कोई फिल्म अपनी लागत से 200 फीसदी अधिक कमाई के साथ 100 करोड़ से अधिक का अतिरिक्त कलेक्शन करती है, तो उस फिल्म को सुपर-डुपर हिट या ब्लॉकबस्टर फिल्म कहा जाता है. इस वक्त विवेक अग्निहोत्री की फिल्म 'द कश्मीर फाइल्स' ब्लॉकबस्टर की श्रेणी में आ चुकी है.

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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