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राजामौली की RRR हिंदुस्तान से निकल कर दुनियाभर में छाने को बेताब है!

    • आईचौक
    • Updated: 14 दिसम्बर, 2022 06:21 PM
  • 14 दिसम्बर, 2022 06:21 PM
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'बाहुबली' फेम फिल्म मेकर एसएस राजामौली की लोकप्रियता पैन इंडिया की जगह अब पैन वर्ल्ड हो चुकी है. उनकी फिल्म 'आरआरआर' ग्लोबल लेवल पर धूम मचा रही है. एक के बाद एक इंटरनेशनल अवॉर्ड अपनी झोली में डालते जा रही है. इसी कड़ी में फिल्म का गोल्डन ग्लोब अवॉर्ड में नॉमिनेशन भी हो गया है, जो कि हिंदुस्तान के लिए गर्व की बात है.

'बाहुबली' जैसी कालजयी फिल्म बनाकर भारतीय सिनेमा की दशा और दिशा बदल देने वाले दिग्गज फिल्म मेकर एसएस राजामौली की फिल्म 'आरआरआर' पूरी दुनिया में धूम मचा रही है. 'आरआरआर' इस की बेहतरीन फिल्मों में से एक है, जिसने बॉक्स ऑफिस पर कमाई के कई नए रिकॉर्ड बना डाले. इस फिल्म को देखने के बाद लोगों को भरोसा हुआ कि भारत में भी वर्ल्ड क्लास की फिल्मों का निर्माण हो सकता है. वरना बॉलीवुड रोमांटिक फिल्मों से आगे बढ़ ही नहीं पा रहा था. लोग रीमेक और बायोपिक देख-देख कर बोर हो चुके थे. ऐसे में राजामौली लोगों के लिए एक नई उम्मीद बनकर सामने आए हैं. उनकी फिल्मों की भव्यता ने हिंदुस्तान के लोगों का मनमोह लिया था. अब उनकी फिल्म 'आरआरआर' का पूरी दुनिया में जलवा देखने को मिल रहा है. फिल्म को एक से बढ़कर एक उपलब्धि हासिल हो रही है.

फिल्म 'आरआरआर' को मिल रही उपलब्धियों की फेहरिस्त में एक नया नाम बहुत जल्द जुड़ने जा रहा है, जो कि किसी भारतीय फिल्म के लिए सपने जैसा है. जी हां, 'आरआरआर' को प्रतिष्ठित गोल्डन ग्लोब अवॉर्ड्स में नॉमिनेशन मिला है. ये नॉमिनेशन बेस्ट नॉन इंग्लिश फिल्म की कैटेगरी में दिया गया है. अगले साल जनवरी में होने वाले गोल्डन ग्लोब अवॉर्ड्स की इस कैटेगरी के लिए दुनियाभर की पांच फिल्में रेस में होंगी. इसमें 'आरआरआर' का मुकाबला जर्मनी की फिल्म 'ऑल क्वाइट ऑन दी वेस्टर्न फ्रंट', अर्जेंटिना की फिल्म 'अर्जेंटिना 1985', बेल्जियम की फिल्म 'क्लोज' और साउथ कोरिया की फिल्म 'डिसिजन टू लीव' से होना है. चारों ही फिल्में बेहतरीन हैं. इनसे कड़े मुकाबले के बाद यदि 'आरआरआर' अपनी झोली में गोल्डन ग्लोब अवॉर्ड डालने में कामयाब रहती है, तो उसे इसकी सबसे बड़ी कामयाबी मानी जाएगी.

एसएस राजामौली की लोकप्रियता पैन इंडिया की जगह अब पैन वर्ल्ड हो चुकी...

'बाहुबली' जैसी कालजयी फिल्म बनाकर भारतीय सिनेमा की दशा और दिशा बदल देने वाले दिग्गज फिल्म मेकर एसएस राजामौली की फिल्म 'आरआरआर' पूरी दुनिया में धूम मचा रही है. 'आरआरआर' इस की बेहतरीन फिल्मों में से एक है, जिसने बॉक्स ऑफिस पर कमाई के कई नए रिकॉर्ड बना डाले. इस फिल्म को देखने के बाद लोगों को भरोसा हुआ कि भारत में भी वर्ल्ड क्लास की फिल्मों का निर्माण हो सकता है. वरना बॉलीवुड रोमांटिक फिल्मों से आगे बढ़ ही नहीं पा रहा था. लोग रीमेक और बायोपिक देख-देख कर बोर हो चुके थे. ऐसे में राजामौली लोगों के लिए एक नई उम्मीद बनकर सामने आए हैं. उनकी फिल्मों की भव्यता ने हिंदुस्तान के लोगों का मनमोह लिया था. अब उनकी फिल्म 'आरआरआर' का पूरी दुनिया में जलवा देखने को मिल रहा है. फिल्म को एक से बढ़कर एक उपलब्धि हासिल हो रही है.

फिल्म 'आरआरआर' को मिल रही उपलब्धियों की फेहरिस्त में एक नया नाम बहुत जल्द जुड़ने जा रहा है, जो कि किसी भारतीय फिल्म के लिए सपने जैसा है. जी हां, 'आरआरआर' को प्रतिष्ठित गोल्डन ग्लोब अवॉर्ड्स में नॉमिनेशन मिला है. ये नॉमिनेशन बेस्ट नॉन इंग्लिश फिल्म की कैटेगरी में दिया गया है. अगले साल जनवरी में होने वाले गोल्डन ग्लोब अवॉर्ड्स की इस कैटेगरी के लिए दुनियाभर की पांच फिल्में रेस में होंगी. इसमें 'आरआरआर' का मुकाबला जर्मनी की फिल्म 'ऑल क्वाइट ऑन दी वेस्टर्न फ्रंट', अर्जेंटिना की फिल्म 'अर्जेंटिना 1985', बेल्जियम की फिल्म 'क्लोज' और साउथ कोरिया की फिल्म 'डिसिजन टू लीव' से होना है. चारों ही फिल्में बेहतरीन हैं. इनसे कड़े मुकाबले के बाद यदि 'आरआरआर' अपनी झोली में गोल्डन ग्लोब अवॉर्ड डालने में कामयाब रहती है, तो उसे इसकी सबसे बड़ी कामयाबी मानी जाएगी.

एसएस राजामौली की लोकप्रियता पैन इंडिया की जगह अब पैन वर्ल्ड हो चुकी है.

गोल्डन ग्लोब अवॉर्ड्स में नॉमिनेशन के लिए 'आरआरआर' के साथ हिंदी फिल्म 'गंगूबाई काठियावाड़ी', कन्नड़ फिल्म 'कांतारा' और भारत की ऑस्कर में ऑफिशियल इंट्री 'छेल्लो शो' भी रेस में थी. लेकिन इन सभी फिल्मों को पीछे छोड़ते हुए 'आरआरआर' ने बाजी मार ली. इसके साथ ही इस फिल्म ने इंडियन फिल्म फेडरनेशन के मेंबर्स के उस निर्णय को भी गलत साबित कर दिया है, जिन्होंने 'आरआरआर' की जगह गुजराती फिल्म 'छेल्लो शो' को भारत की तरफ से ऑस्कर में भेजा है. दुनिया की एक प्रतिष्ठित संस्था ने इस बात पर मुहर लगा दी है कि हिंदुस्तान की इस साल की सर्वश्रेष्ठ फिल्म 'आरआरआर' ही है. इतना ही नहीं इस फिल्म को एक अन्य कैटेगरी में भी गोल्डन ग्लोब अवॉर्ड्स में नॉमिनेशन मिला है. वो बेस्ट ऑरिजन सॉन्ग (नाचो-नाचो) के लिए है. संगीत निर्देशक एमएम करीम के निर्देशन में बने इस गाने के बोल रिया मुखर्जी ने लिखे हैं.

इससे पहले फिल्म 'आरआरआर' को अटलांटा फिल्म क्रिटिक्स सर्कल की तरफ से बेस्ट इंटरनेशनल सिनेमा का अवॉर्ड मिल चुका है. अटलांटा फिल्म क्रिटिक्स सर्कल हर साल दुनिया की बेहतरीन फिल्मों को सम्मानित करता है. इसके अलावा कुछ दिन पहले ही फिल्म के निर्देशक एसएस राजामौली को न्यूयॉर्क फिल्म क्रिटिक्स सर्कल में बेस्ट डायरेक्टर का अवॉर्ड दिया गया था. अमेरिका के जिस न्यूयॉर्क फिल्म क्रिटिक्स सर्कल में राजामौली को सम्मानित किया गया था, वहां उनका मुकाबला हॉलीवुड के कई बड़े निर्देशकों से था. इनमें हॉलीवुड के मशहूर डायरेक्टर स्टीवन स्पीलबर्ग, डैरेन एरोनोफ्सकी, सारा पोली और जीना प्रिंस-बाइटवुड का नाम शामिल है. स्टीवन स्पीलबर्ग को जुरासिक पार्क जैसी बेहतरीन फिल्म के निर्माण के लिए जाना जाता है. ये दोनों सम्मान भारतीय सिनेमा के लिए किसी सपने की तरह हैं, जो अभी तक किसी फिल्म को नहीं मिले हैं.

विदेशी धरती पर इन तमाम सम्मानों से सम्मानित हो रहे फिल्म 'आरआरआर' के मेकर्स का सपना ऑस्कर अवॉर्ड जीतने का है. इंडियन फिल्म फेडरनेशन ने जब इस फिल्म को ऑफिशियली इंडिया की तरफ से नहीं भेजा तो इसके मेकर्स व्यक्तिगत स्तर पर नॉमिनेशन का फैसला लिया गया है. इसके तहत आठ प्रमुख कैटेगरी 1. बेस्ट पिक्चर, 2. ओरिजनल स्क्रीनप्ले (एसएस राजामौली और वी विजयेंद्र प्रसाद), 3. लीड एक्टर (जूनियर एनटीआर और राम चरण), 4. सपोर्टिंग एक्टर (अजय देवगन), 5. सपोर्टिंग एक्ट्रेस (आलिया भट्ट), 6. ओरिजनल सॉन्ग (नातू नातू), 7. ओरिजनल स्कोर (एमएम कीरवानी) और 8. सिनेमैटेग्राफी (केके सेंथिलकुमार) में नॉमिनेट किया गया है. अमेरिका में 'आरआरआर' के डिस्ट्रब्यूटर वैरियंस फिल्म्स के अध्यक्ष डायलन मार्चेटी ने भरोसा दिलाया था कि वो लोग फिल्म के लिए पूरी दुनिया में प्रचार करने जा रहे हैं.

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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