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Debate: नंगापन कानूनन अपराध है, क्या इसे मान्यता मिलनी चाहिए?

    • आईचौक
    • Updated: 27 जुलाई, 2022 02:45 PM
  • 27 जुलाई, 2022 02:04 PM
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एक्टर रणवीर सिंह द्वारा पेपर मैगज़ीन के लिए हुए फोटोशूट को मुंबई पुलिस ने गंभीरता से लिया है. मामले के मद्देनजर रणवीर सिंह पर एफआईआर हुई है. ऐसे में जो बड़ा सवाल हमारे सामने है वो ये कि क्या भारत में नग्नता को लीगल किये जाने की संभावनाएं हैं?

न्यूयॉर्क की Paper Magazine के लिए न्यूड फोटोशूट कराना बॉलीवुड एक्टर रणवीर सिंह को महंगा पड़ा है. मुंबई के एक एनजीओ ने रणवीर के खिलाफ चेंबूर पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज कराई है. रणवीर पर आईपीसी की धारा 292, 293 और 509 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है. इसके अलावा आईटी एक्टर की अलग-अलग धाराओं में केस दर्ज किया गया है. फोटोशूट प्रोफेशनल फ्रंट पर रणवीर के लिए कितना ,फायदेमंद होगा इसका फैसला तो वक़्त करेगा. 

श्याम मंगाराम फाउंडेशन नाम की संस्था ने जो शिकायत पुलिस को दी है उसमें इस बात का भी जिक्र है कि इंटरनेट पर वायरल रणवीर की  तस्वीरें घृणास्पद हैं जो एक समाज के रूप में हमपर नकारात्मक प्रभाव डालती हैं.

अपने न्यूड फोटोशूट से एक्टर रणवीर सिंह ने एक नयी बहस को पंख दे दिए हैं

रणवीर सिंह के फोटोशूट पर बहस

तस्वीरों के वायरल होने के बाद जहां एक तरफ पत्नी दीपिका समेत तमाम बॉलीवुड सेलेब्स रणवीर के 'नग्न अवतार' का समर्थन कर रहे हैं. तो वहीं दूसरी तरफ, ऐसे भी तमाम लोग हैं जो इस फोटोशूट को भौंडापन बता रहे हैं और कह रहे हैं कि रणवीर ने ये फोटोशूट चीप पब्लिसिटी हासिल करने के उद्देश्य से करवाया है. उन्होंने इस फोटोशूट के जरिये देश की सामाजिकता और संस्कृति को बिगाड़ने का प्रयास किया है. फोटोशूट करने से पहले रणवीर की मंशा जो रही हो लेकिन, सोशल मीडिया तो दो धड़े में बंट ही गया है. सारे मंथन से एक ही सवाल खड़ा होता है- जो नंगापन फिलहाल कानूनन अपराध है, क्या इसे मान्यता मिलनी चाहिए?

नग्नता के समर्थकों का तर्क-

लोग जो नग्नता के समर्थन में हैं, मामले के मद्देनजर उनकी दलीलें अलग हैं. ऐसे लोगों का मानना है कि एक लोकतांत्रिक राष्ट्र को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की अनुमति देनी चाहिए. यदि कोई...

न्यूयॉर्क की Paper Magazine के लिए न्यूड फोटोशूट कराना बॉलीवुड एक्टर रणवीर सिंह को महंगा पड़ा है. मुंबई के एक एनजीओ ने रणवीर के खिलाफ चेंबूर पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज कराई है. रणवीर पर आईपीसी की धारा 292, 293 और 509 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है. इसके अलावा आईटी एक्टर की अलग-अलग धाराओं में केस दर्ज किया गया है. फोटोशूट प्रोफेशनल फ्रंट पर रणवीर के लिए कितना ,फायदेमंद होगा इसका फैसला तो वक़्त करेगा. 

श्याम मंगाराम फाउंडेशन नाम की संस्था ने जो शिकायत पुलिस को दी है उसमें इस बात का भी जिक्र है कि इंटरनेट पर वायरल रणवीर की  तस्वीरें घृणास्पद हैं जो एक समाज के रूप में हमपर नकारात्मक प्रभाव डालती हैं.

अपने न्यूड फोटोशूट से एक्टर रणवीर सिंह ने एक नयी बहस को पंख दे दिए हैं

रणवीर सिंह के फोटोशूट पर बहस

तस्वीरों के वायरल होने के बाद जहां एक तरफ पत्नी दीपिका समेत तमाम बॉलीवुड सेलेब्स रणवीर के 'नग्न अवतार' का समर्थन कर रहे हैं. तो वहीं दूसरी तरफ, ऐसे भी तमाम लोग हैं जो इस फोटोशूट को भौंडापन बता रहे हैं और कह रहे हैं कि रणवीर ने ये फोटोशूट चीप पब्लिसिटी हासिल करने के उद्देश्य से करवाया है. उन्होंने इस फोटोशूट के जरिये देश की सामाजिकता और संस्कृति को बिगाड़ने का प्रयास किया है. फोटोशूट करने से पहले रणवीर की मंशा जो रही हो लेकिन, सोशल मीडिया तो दो धड़े में बंट ही गया है. सारे मंथन से एक ही सवाल खड़ा होता है- जो नंगापन फिलहाल कानूनन अपराध है, क्या इसे मान्यता मिलनी चाहिए?

नग्नता के समर्थकों का तर्क-

लोग जो नग्नता के समर्थन में हैं, मामले के मद्देनजर उनकी दलीलें अलग हैं. ऐसे लोगों का मानना है कि एक लोकतांत्रिक राष्ट्र को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की अनुमति देनी चाहिए. यदि कोई निर्वस्त्र रहना चाहे, तो इसकी भी अनुमति होनी चाहिए, हां, कानून-व्यवस्था  की चुनौती उभरे, तो उसके भी उचित इंतजाम होने चाहिए. कुछ लोगों ने नागा साधुओं के भी उदाहरण दिए, कि हमारे समाज में तो नग्नता की पहले से अनुमति है. ऐसे में यदि ये लीगल हो जाता है तो इसमें कोई बुराई हरगिज़ नहीं है.

जो नग्नता के विरोधी हैं-

भारत में नग्नता के विरोधी इस बात को बल दे रहे हैं कि सबसे पहले हमें सेक्स एजुकेशन की तरफ गंभीर होना चाहिए. यदि भारत में नग्नता को लीगल कर दिया जाता है तो इससे महिलाओं पर होने वाले अपराधों में वृद्धि होगी.

कुछ लोगों ने नग्नता का दार्शनिक ढंग से भी विरोध किया. कि नग्नता से महिला और पुरुषों के बीच की कशिश शेष नहीं रहेगी, और एक समय आएगा जब लोग विपरीत लिंग के प्रति आकर्षण खो देंगे. ठिठौली करने वाले तो ये भी कह गए कि कल्‍पना कीजिये आउट-ऑफ-शेप या फिर पेट निकले भारतीय यदि सड़कों पर नंगे घूमेंगे तो कितना भयानक सीन होगा?

अभी भारतीय इतनी परिपक्व नहीं हैं कि ऐसी स्वतंत्रता को संभाल सकें. कहा ये भी जा रहा है कि आप कानून बना सकते हैं, लेकिन लोगों की मानसिकता नहीं बदल सकते. इससे सड़कों पर अफरातफरी मच जाएगी.

ऊपर हम दोनों ही लोगों, यानी भारत में नग्नता के पक्षधरों और विरोधियों दोनों के ही तर्क देख चुके हैं. अब खुद जनता इस बात का फैसला करे कि क्या भारत जैसे देश में नग्नता को लीगल किया जाना चाहिए या फिर नहीं. साथ ही जनता ये भी बताए कि क्या अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नामपर ऐसी तस्वीरों को इग्नोर करना वक़्त की ज़रुरत है?  

नग्नता को लेकर क्या कहता है कानून?

आईपीसी की धारा 292- अश्लील पुस्तकों आदि जैसी सामग्री की बिक्री करने पर 2 साल तक जेल और 2000 रुपये तक जुर्माने का प्रावधान है. यही अपराध दोहराने पर 5 साल की जेल और 5000 रुपये जुर्माना हो सकता है.

आईपीसी की धारा 293- युवाओं को अश्लील वस्तुओं की बिक्री आदि के लिए 3 साल तक की कैद और 2000 रुपये तक के जुर्माने के साथ दंडित किये जाने का प्रावधान है. यही अपराध दोहराने पर 7 साल तक जेल और जुर्माने को 5000 रुपये तक बढ़ाया जा सकता है.

आईपीसी की धारा 294- अश्लील कृत्यों और गीतों के लिए तीन जेल तक की सजा मुक़र्रर की गयी है, साथ ही अर्थदंड भी लगाया जा सकता है.

सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 67- इलेक्ट्रॉनिक रूप में अश्लीलता/नग्नता के लिए 5 साल तक की कैद और 1 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है. दोबारा यही दोष सिद्ध होने पर इसे 10 साल तक की कैद और 2 लाख रुपए तक के जुर्माने में परिवर्तित किया जा सकता है.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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