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Shamshera flopped: एक्टर्स का BPL कार्ड बनवाने, 5 किलो गेहूं के साथ मुआवजा देने की मांग!

    • आईचौक
    • Updated: 27 जुलाई, 2022 04:59 PM
  • 27 जुलाई, 2022 04:59 PM
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शमशेरा का बिजनेस सबूत है कि YRF की फिल्म लोगों के मनोरंजन के काम नहीं आई. हालांकि इसके बहाने लोग मजेदार प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं. कुछ लोगों ने सरकार से मांग भी की कि शमशेरा में काम करने वाले कलाकारों को सरकार अपनी तरफ से मुआवजा देकर मदद करे. कुछ ने कलाकारों का BPL कार्ड बनवाने और प्रतिमाह 5 किलो गेहूं देने की बात भी कही है.

बॉक्स ऑफिस पर शमशेरा की तबाही बॉलीवुड का विरोध करने वालों के लिए फिलहाल मनोरंजन का तमाशा बनकर सामने आई है. रिलीज के बाद जैसे-जैसे हर रोज फिल्म की घटिया बिजनेस की खबरें सामने आ रही हैं- बॉलीवुड, यशराज के बैनर और उनकी फिल्म शमशेरा पर तंज बढ़ते ही जा रहे हैं. सोशल मीडिया ट्रोल्स के लिए तो शमशेरा का डूबना इवेंट बन चुका है. कई सारे ट्रोल्स जोक साझा कर रहे हैं. शमशेरा की नाकामी के बहाने लोगों की रचनात्मकता अलग ही लेवल पर पहुंची नजर आ रही है. यहां तक कि सोशल मीडिया पर कुछ सिरफिरे सरकार से मुआवजा तक देने की मांग कर रहे हैं. मांग भारी है.

शमशेरा से जुड़ी आईचौक की खबरों में पर भी लोगों की तरफ से फिल्म से जुड़े मजाक सामने आ रहे हैं. आइचौक पर एक बहुत मजेदार प्रतिक्रिया दिखी. एक ट्रोल ने फिल्म पर तंज कसते हुए लिखा- "हम इस दुख की घड़ी में शमशेरा फिल्म के कलाकारों के साथ हैं. हम सरकार से अपील करते हैं कि फिल्म के कलाकारों को उचित मुआवजा दिया जाए." मजेदार प्रतिक्रिया पर कई सरे कमेंट आए. इसमें से एक ने तंजभरे अंदाज में प्रतिक्रिया से लगभग सहमति जताते हुए लिखा- "BPL कार्ड बन जाने के बाद प्रतिमाह 5 किलो अनाज की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी." एक और यूजर ने सहमति जताते हुए लिखा- "कलाकारों को प्रतिमाह 5 किलो गेहूं दिया जाए."

शमशेरा को लेकर ऐसी प्रतिक्रियाओं की भरमार है इंटरनेट पर.

BPL सरकार की स्कीम है. इसके तहत गरीबी रेखा के नीचे गुजर बसर करने वाली जनता की पहचान कर सरकार उन्हें जीवन यापन के लिए राशन और तमाम दूसरी सरकारी सुविधाएं देती है. लोगों की तरफ से बीपीएल वाला तंज असल में यह बताने के लिए किया जा रहा है कि अब बॉलीवुड सितारों के सामने लगातार फ्लॉप होने के बाद खाने का संकट खड़ा हो गया है. सिर्फ आइचौक ही नहीं, इंटरनेट पर हर उस जगह जहां शमशेरा...

बॉक्स ऑफिस पर शमशेरा की तबाही बॉलीवुड का विरोध करने वालों के लिए फिलहाल मनोरंजन का तमाशा बनकर सामने आई है. रिलीज के बाद जैसे-जैसे हर रोज फिल्म की घटिया बिजनेस की खबरें सामने आ रही हैं- बॉलीवुड, यशराज के बैनर और उनकी फिल्म शमशेरा पर तंज बढ़ते ही जा रहे हैं. सोशल मीडिया ट्रोल्स के लिए तो शमशेरा का डूबना इवेंट बन चुका है. कई सारे ट्रोल्स जोक साझा कर रहे हैं. शमशेरा की नाकामी के बहाने लोगों की रचनात्मकता अलग ही लेवल पर पहुंची नजर आ रही है. यहां तक कि सोशल मीडिया पर कुछ सिरफिरे सरकार से मुआवजा तक देने की मांग कर रहे हैं. मांग भारी है.

शमशेरा से जुड़ी आईचौक की खबरों में पर भी लोगों की तरफ से फिल्म से जुड़े मजाक सामने आ रहे हैं. आइचौक पर एक बहुत मजेदार प्रतिक्रिया दिखी. एक ट्रोल ने फिल्म पर तंज कसते हुए लिखा- "हम इस दुख की घड़ी में शमशेरा फिल्म के कलाकारों के साथ हैं. हम सरकार से अपील करते हैं कि फिल्म के कलाकारों को उचित मुआवजा दिया जाए." मजेदार प्रतिक्रिया पर कई सरे कमेंट आए. इसमें से एक ने तंजभरे अंदाज में प्रतिक्रिया से लगभग सहमति जताते हुए लिखा- "BPL कार्ड बन जाने के बाद प्रतिमाह 5 किलो अनाज की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी." एक और यूजर ने सहमति जताते हुए लिखा- "कलाकारों को प्रतिमाह 5 किलो गेहूं दिया जाए."

शमशेरा को लेकर ऐसी प्रतिक्रियाओं की भरमार है इंटरनेट पर.

BPL सरकार की स्कीम है. इसके तहत गरीबी रेखा के नीचे गुजर बसर करने वाली जनता की पहचान कर सरकार उन्हें जीवन यापन के लिए राशन और तमाम दूसरी सरकारी सुविधाएं देती है. लोगों की तरफ से बीपीएल वाला तंज असल में यह बताने के लिए किया जा रहा है कि अब बॉलीवुड सितारों के सामने लगातार फ्लॉप होने के बाद खाने का संकट खड़ा हो गया है. सिर्फ आइचौक ही नहीं, इंटरनेट पर हर उस जगह जहां शमशेरा को लेकर कोई बात हो रही है- लगभग इसी तरह के तंजभरे कमेंट देखने को मिल रहे हैं. इनमें बॉलीवुड की फिल्मों को आगे भी शमशेरा की तरह ही फ्लॉप कराने की बातें हैं.

कांग्रेस और बॉलीवुड में कोई फर्क नहीं, दोनों खात्मे की ओर

इन कमेंट्स से पता चलता है कि असल में आम दर्शकों के मन में बॉलीवुड फिल्मों को लेकर किस कदर गुस्सा और घृणा ने घर किया हुआ है. लोग सरेआम शेरशाह या बॉलीवुड की तमाम फिल्मों को ना देखने की अपील कर रहे हैं और लगातार लोगों को समझाते दिख रहे हैं कि बॉलीवुड फिल्मों पर पैसा बर्बाद करने की बजाए दक्षिण या हॉलीवुड की फिल्मों को देखी जाए. दक्षिण और हॉलीवुड की फिल्मों में कम से कम मनोरंजन के साथ दर्शकों के सीखने समझने के लिए तमाम चीजें होती हैं. बॉलीवुड की फिल्मों में समय और पैसे की बर्बादी के अलावा और कुछ भी नजर नहीं आता.

एक यूजर ने यहां तक लिखा कि बॉलीवुड फिल्म मेकर्स के साथ यही होना चाहिए. ये पता नहीं किस दुनिया में हैं. बताएंगे कि कहानी भारतीय दर्शकों के लिए है. लेकिन अपनी बेसिर पैर की मनगढ़ंत कहानी के जरिए भारतीयों को ही आपस में लड़वाने की बातें दिखाई जाती हैं. बॉलीवुड वाले खाएंगे देश का और फायदा विदेशियों को पहुंचाना चाहते हैं. एक यूजर्स ने तो यहां तक कहा कि कांग्रेस और बॉलीवुड एक-दूसरे के पूरक हैं. कांग्रेस जैसे-जैसे ख़त्म हो रही है उसका बनाया बॉलीवुड भी अपनी मौत के करीब पहुंचता जा रहा है. दोनों का अंत तय दिख तरह है.

शमशेरा है तो पीरियड ड्रामा मगर मेकर्स ने जमकर वाणी कपूर से अंग प्रदर्शन करवाया है.

लगातार चार फ्लॉप ने यशराज फिल्म्स की कमर तोड़ दी है

शमशेरा को बॉलीवुड के सबसे बड़े बैनर्स में शुमार यशराज फिल्म्स ने बनाया है. यह पीरियड ड्रामा है और इसमें रणबीर कपूर, संजय दत्त और वाणी कपूर अहम भूमिकाओं में नजर आ रहे हैं. फिल्म का निर्देशन करण मल्होत्रा ने किया है.  शमशेरा ने पहले तीन दिन में मात्र 31.75 करोड़ रुपये कमाए हैं. जबकि फिल्म चार हजार से ज्यादा स्क्रीन्स पर रिलीज की गई थी. बॉक्स ऑफिस पर शमशेरा के रूप में यशराज फिल्म्स को लगातार चौथा झटका लगा है. इससे पहले बैनर की तीन फ़िल्में- बंटी और बबली 2, जयेश भाई जोरदार और सम्राट पृथ्वीराज बुरी तरह फ्लॉप साबित हुई थीं. सभी फ़िल्में बड़े बजट और स्टारकास्ट की थीं. कहने की बात नहीं कि चार बड़ी फिल्मों के डूब जाने की वजह से यशराज फिल्म्स की कमर ही टूट गई होगी.

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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