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देशभर में हो रही हिंसा पर खान तिकड़ी की चुप्पी पर सवाल क्यों उठ रहे हैं?

    • मुकेश कुमार गजेंद्र
    • Updated: 14 जून, 2022 03:13 PM
  • 14 जून, 2022 03:13 PM
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पैगंबर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी को लेकर पूरे देश में बवाल हो रहा है. बंगाल से लेकर यूपी तक जल रहा है. ऐसी हिंसा के बाद आरोपियों पर जिस तरह से कार्रवाई की जा रही है, उसे लेकर बॉलीवुड की खान तिकड़ी आमिर, शाहरुख और सलमान की चुप्पी कई लोगों को साल रही है. लोग सवाल उठा रहे हैं. उनकी चुप्पी की आखिर क्या वजह है?

बीजेपी से निष्कासित नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल के पैगंबर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी के बाद देश कई राज्यों में जमकर बवाल हो रहा है. पिछले हफ्ते जुमे की नमाज के बाद बड़ी संख्या में लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान हुई हिंसा में कई लोग घायल हो गए. इसके बाद यूपी में योगी आदित्यनाथ की सरकार आरोपियों के घरों पर बुलडोजर चलवा रही हैं. उन्हें गिरफ्तार करके जेल में डाला जा रहा है. इस पर कुछ लोगों को लगता है कि सलमान, शाहरुख और आमिर खान जैसे फिल्मी सितारों को बोलना चाहिए. यहां खान तिकड़ी की चुप्पी लोगों को साल रही है. बिग बॉस फेम अभिनेता कमाल आर खान का तो यहां तक कहना है कि ईद पर फिल्में रिलीज करके मुस्लिमों से देखने की अपील करने वालों को चुप रहते हुए शर्म भी नहीं आती है. वहीं अभिनेता नसीरुद्दीन शाह का कहना है कि यदि वो बोलेंगे तो अपना बहुत कुछ दांव पर लगा देंगे.

किसी भी मुद्दे पर सलमान, आमिर और शाहरुख खान का बोलना जरूरी क्यों है?

आइए सबसे पहले जानते हैं कि नसीरुद्दीन शाह पूरी बात कही क्या है. दरअसल, एक इंटरव्यू में नसीरुद्दीन शाह नूपुर शर्मा द्वारा पैगंबर पर दिए गए विवादित बयान पर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे थे. इस दौरान उन्होंने इस मामले में बॉलीवुड के तीनों खान सलमान, आमिर और शाहरुख की चुप्पी पर अपना दुख भी जताया. लेकिन इसके साथ ये भी कहा कि वो इसकी वजह भी जानते हैं कि उनका बयान क्यों नहीं आ रहा है. शाह ने कहा, "मैं उनके लिए नहीं बोल सकता. मैं उस पोजिशन में नहीं हूं, जिसमें वो हैं. मुझे ऐसा लगता है कि अगर वो बोलेंगे तो अपना बहुत कुछ दांव पर लगा देंगे. लेकिन, फिर पता नहीं वो लोग अपनी अंतरात्मा को कैसे समझाते होंगे. लेकिन, वो लोग शायद इस पोजिशन पर हैं, जहां उनके पास खोने के लिए बहुत कुछ है. जो भी खिलाफ बोलता है, उसको झेलना पड़ता है. सोनू सूद भी इसके उदाहरण है. अगला नंबर मेरा भी हो सकता है."

बीजेपी से निष्कासित नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल के पैगंबर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी के बाद देश कई राज्यों में जमकर बवाल हो रहा है. पिछले हफ्ते जुमे की नमाज के बाद बड़ी संख्या में लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान हुई हिंसा में कई लोग घायल हो गए. इसके बाद यूपी में योगी आदित्यनाथ की सरकार आरोपियों के घरों पर बुलडोजर चलवा रही हैं. उन्हें गिरफ्तार करके जेल में डाला जा रहा है. इस पर कुछ लोगों को लगता है कि सलमान, शाहरुख और आमिर खान जैसे फिल्मी सितारों को बोलना चाहिए. यहां खान तिकड़ी की चुप्पी लोगों को साल रही है. बिग बॉस फेम अभिनेता कमाल आर खान का तो यहां तक कहना है कि ईद पर फिल्में रिलीज करके मुस्लिमों से देखने की अपील करने वालों को चुप रहते हुए शर्म भी नहीं आती है. वहीं अभिनेता नसीरुद्दीन शाह का कहना है कि यदि वो बोलेंगे तो अपना बहुत कुछ दांव पर लगा देंगे.

किसी भी मुद्दे पर सलमान, आमिर और शाहरुख खान का बोलना जरूरी क्यों है?

आइए सबसे पहले जानते हैं कि नसीरुद्दीन शाह पूरी बात कही क्या है. दरअसल, एक इंटरव्यू में नसीरुद्दीन शाह नूपुर शर्मा द्वारा पैगंबर पर दिए गए विवादित बयान पर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे थे. इस दौरान उन्होंने इस मामले में बॉलीवुड के तीनों खान सलमान, आमिर और शाहरुख की चुप्पी पर अपना दुख भी जताया. लेकिन इसके साथ ये भी कहा कि वो इसकी वजह भी जानते हैं कि उनका बयान क्यों नहीं आ रहा है. शाह ने कहा, "मैं उनके लिए नहीं बोल सकता. मैं उस पोजिशन में नहीं हूं, जिसमें वो हैं. मुझे ऐसा लगता है कि अगर वो बोलेंगे तो अपना बहुत कुछ दांव पर लगा देंगे. लेकिन, फिर पता नहीं वो लोग अपनी अंतरात्मा को कैसे समझाते होंगे. लेकिन, वो लोग शायद इस पोजिशन पर हैं, जहां उनके पास खोने के लिए बहुत कुछ है. जो भी खिलाफ बोलता है, उसको झेलना पड़ता है. सोनू सूद भी इसके उदाहरण है. अगला नंबर मेरा भी हो सकता है."

नसीरुद्दीन शाह की इन बातों में ये कसक साफ झलक रही है कि इस वक्त खान तिकड़ी बोल क्यों नहीं रही है. तमाम लोगों की तरह शाह भी चाहते हैं कि लाखों लोगों को प्रभावित करने की क्षमता रखने वाले शाहरूख, सलमान और आमिर जैसे सुपरस्टार यदि इस विषय पर बोलेंगे तो उसका प्रभाव जरूर पड़ेगा. लेकिन वो शायद ये भूल गए कि इस वक्त बॉलीवुड खुद अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है. हर तरफ बॉलीवुड के बहिष्कार की बातें हो रही हैं. सोशल मीडिया पर बायकॉट बॉलीवुड ट्रेंड कर रहा है. बॉलीवुड के बड़े-बड़े सुपरस्टार्स की फिल्में बॉक्स ऑफिस पर दम तोड़ रही हैं. ऐसे माहौल में कोई भी कलाकार रिस्क नहीं लेना चाहेंगे. आमिर खान की फिल्म 'लाल सिंह चड्ढा' रिलीज होने वाली है. उसके ट्रेलर लॉन्च पर ही लोगों ने ट्विटर पर जमकर बायकॉट कर दिया, जिसे देखकर आमिर चिंतित जरूर हुए होंगे. क्योंकि चार साल की कड़ी मेहनत के बाद उनकी फिल्म तैयार हुई है.

आमिर की तरह सलमान भी एक अदद हिट फिल्म के लिए तरस रहे हैं. उनकी आखिरी दो फिल्में बुरी तरह फ्लॉप हो चुकी हैं. 'राधे योर मोस्ट वांटेड भाई' और 'अंतिम: द फाइनल ट्रुथ' का बॉक्स ऑफिस पर क्या हश्र हुआ है, ये किसी से छुपा नहीं है. अब तो उनको 'टाइगर 3' से ही उम्मीद बची है, जिसकी शूटिंग खत्म हो चुकी है. बेचारे शाहरुख तो दो साल तक बेरोजगार रहने के बाद किसी तरह से बॉलीवुड में वापसी के लिए कोशिश कर रहे हैं. उनकी तीन फिल्में लाइनअप हैं. 'पठान' की शूटिंग के बाद 'डंकी' की शूट में व्यस्त हैं. आर्यन प्रकरण में भी उन्होंने खुलकर कोई बयान नहीं दिया था. उनका पूरा फोकस केवल अपने बेटे को बचाने में रहा, जिसमें वो सफल भी हुए. ऐसी परिस्थिति में जब तीनों खान अपने में ही बेहाल हैं, वो किसी मुद्दे पर अपनी राय रखकर किसी भी पक्ष को अपने खिलाफ क्यों करना चाहेंगे? हर किसी को अपना धंधा करना है. वो लोग भी वही कर रहे हैं.

अभिनेता कमाल आर खान ने तो खान पर सीधा ही हमला बोल दिया है. उनकी सलमान के साथ दुश्मनी जगजाहिर है. ऐसे में वो सलमान का नाम लिए बिना उन पर हमला बोलने का कोई मौका नहीं छोड़ना चाहते, तो इस बार क्यों चुप रहते. इस मामले पर उन्होंने ट्विटर पर लिखा, ''जब देश में बात इस्लाम, नबी और मुसलमान की होती है, तो ये फेक खान एक्टर्स दुबक जाते हैं. और ईद पर फिल्म रिलीज करके, मुसलमानों होने की दुहाई देकर, मुस्लिमों से फिल्म देखने की भीख मांगते हैं, शरम तो इनको आती नहीं.'' सबको पता है कि ईद पर सलमान की फिल्में ही अक्सर रिलीज होती हैं. आने वाली ईद पर उनकी फिल्म 'कभी ईद कभी दिवाली' रिलीज होने वाली है. ऐसे में मौके पर चौका लगाते हुए कमाल सलमान को घेरने की कोशिश कर रहे हैं. यहां उनका किसी मजहब या उसके मानने वाले लेना-देना नहीं है. अपनी दुश्मनी साधने का मौका भर है. ये पब्लिक है सब जानती है.

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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