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The Kashmir Files को 'जनादेश' बताकर पीयूष मिश्रा लिख रहे हैं कश्मीर पर हैरान करने वाली कहानी!

    • आईचौक
    • Updated: 26 मार्च, 2022 03:20 PM
  • 26 मार्च, 2022 03:20 PM
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पीयूष मिश्रा ने द कश्मीर फाइल्स को जनादेश बताया है और कहा है कि यह फिल्म सिनेमा की धारा बदल देगी. पीयूष मिश्रा खुद कश्मीर में कबाइली हमले की कहानी लिख तरहे हैं.

बॉलीवुड के इतिहास में द कश्मीर फाइल्स एक ऐसी फिल्म बन चुकी है जिसे लंबे वक्त तक इतिहास में याद रखा जाएगा. फिल्म को लेकर जिस तरह का उत्साह और भावनाएं दिखीं आमतौर पर पहले कभी नजर नहीं आईं. नेताओं की तारीफ़/आलोचना को छोड़ दिया जाए तो आमदर्शक एक सुर में फिल्म की तारीफ़ करता दिख रहा है. इसका जबरदस्त असर भी है. माना जा रहा है कि फिल्म की वजह से ही पहली बार देश दुनिया में कश्मीरी आतंकियों के बेइंतहा जुल्म पर बात शुरू हुई है. लोग यकीन नहीं कर पा रहे कि किस तरह लोगों को धार्मिक आधार पर निशाना बनाया गया, हत्याएं हुईं. असंख्य यहूदियों को जिस तरह बर्बर तरीके से मारा गया था, लगभग उसी तरह कश्मीरी पंडितों, सिखों, डोगरा और अन्य गैरमुस्लिम जातियों का नरसंहार 90 के दशक में हुआ.

हालांकि द कश्मीर फाइल्स को झूठ बताने वालों की संख्या भी कुछ कम नहीं. भाजपा विरोधी विपक्षी दलों के तमाम नेता एक सुर में फिल्म का विरोध कर रहे और इसे झूठे तथ्यों पर आधारित फिल्म भी बता रहे हैं. इस बीच द कश्मीर फाइल्स के पक्ष में पीयूष मिश्रा का बयान सामने आया है. उन्होंने ना सिर्फ फिल्म की तारीफ़ की और कहा कि यह फिल्म एक "जनादेश" है जो बॉलीवुड की समूची धारा को बदल देगी.

द कश्मीर फाइल्स के निर्देशक विवेक अग्निहोत्री ने एक सोशल पोस्ट का स्क्रीन शॉट ट्वीट किया है. पोस्ट में पीयूष मिश्रा के हवाले कहा गया है - "एक फिल्म सारा देश देख रहा है. विदेश से लोग चार्टर करके आ रहे हैं. इसका क्या मतलब है. मतलब यह है कि यह जनादेश है. जो इसे नहीं समझ रहे हैं वह किसी और दुनिया में जी रहे हैं. कश्मीर फाइल्स सिनेमा की धारा बदल देगी." कुछ अरब देशों में कश्मीर फाइल्स बैन है.

विवेक अग्निहोत्री का ट्वीट.

उधर, एक दिन पहले जयपुर में एक स्थानीय अखबार से बातचीत में लेखक, अभिनेता और...

बॉलीवुड के इतिहास में द कश्मीर फाइल्स एक ऐसी फिल्म बन चुकी है जिसे लंबे वक्त तक इतिहास में याद रखा जाएगा. फिल्म को लेकर जिस तरह का उत्साह और भावनाएं दिखीं आमतौर पर पहले कभी नजर नहीं आईं. नेताओं की तारीफ़/आलोचना को छोड़ दिया जाए तो आमदर्शक एक सुर में फिल्म की तारीफ़ करता दिख रहा है. इसका जबरदस्त असर भी है. माना जा रहा है कि फिल्म की वजह से ही पहली बार देश दुनिया में कश्मीरी आतंकियों के बेइंतहा जुल्म पर बात शुरू हुई है. लोग यकीन नहीं कर पा रहे कि किस तरह लोगों को धार्मिक आधार पर निशाना बनाया गया, हत्याएं हुईं. असंख्य यहूदियों को जिस तरह बर्बर तरीके से मारा गया था, लगभग उसी तरह कश्मीरी पंडितों, सिखों, डोगरा और अन्य गैरमुस्लिम जातियों का नरसंहार 90 के दशक में हुआ.

हालांकि द कश्मीर फाइल्स को झूठ बताने वालों की संख्या भी कुछ कम नहीं. भाजपा विरोधी विपक्षी दलों के तमाम नेता एक सुर में फिल्म का विरोध कर रहे और इसे झूठे तथ्यों पर आधारित फिल्म भी बता रहे हैं. इस बीच द कश्मीर फाइल्स के पक्ष में पीयूष मिश्रा का बयान सामने आया है. उन्होंने ना सिर्फ फिल्म की तारीफ़ की और कहा कि यह फिल्म एक "जनादेश" है जो बॉलीवुड की समूची धारा को बदल देगी.

द कश्मीर फाइल्स के निर्देशक विवेक अग्निहोत्री ने एक सोशल पोस्ट का स्क्रीन शॉट ट्वीट किया है. पोस्ट में पीयूष मिश्रा के हवाले कहा गया है - "एक फिल्म सारा देश देख रहा है. विदेश से लोग चार्टर करके आ रहे हैं. इसका क्या मतलब है. मतलब यह है कि यह जनादेश है. जो इसे नहीं समझ रहे हैं वह किसी और दुनिया में जी रहे हैं. कश्मीर फाइल्स सिनेमा की धारा बदल देगी." कुछ अरब देशों में कश्मीर फाइल्स बैन है.

विवेक अग्निहोत्री का ट्वीट.

उधर, एक दिन पहले जयपुर में एक स्थानीय अखबार से बातचीत में लेखक, अभिनेता और संगीतकार पीयूष ने कहा था- "कश्मीर में जो हुआ है उसे झुठलाया नहीं जा सकता. मैं खुद उस महिला से मिला हूं, जिसे पति के खून से सने चावल खिलाए गए थे. मैंने खुद उसका वीडियो देखा है. फिल्म में दिखाई गई हर एक बात पूरी तरह सच है. फिल को प्रोपगेंडा बताने वालों और विरोध करने वालों से बहस का कोई तुक नहीं है."

कश्मीर पर फिल्म लिख रहे पीयूष मिश्रा, कहानी जान लीजिए

पीयूष मिश्रा ने दावा किया कि उन्होंने तमाम पीड़ितों की आपबीती सुनी है जो आजतक रिपोर्ट ही नहीं हुई हैं. एक्टर के मुताबिक़ घटनाओं के रिपोर्ट नहीं होने का मतलब यह बिल्कुल नहीं है कि सबकुछ झूठ ही है. बॉलीवुड दिग्गज का मानना है कि लोग अब सच देखना चाहते हैं और ऐसी फ़िल्में बनना चाहिए. यहां तक कि गुजरात पर भी फिल्म बनाए जाने की वकालत की. उन्होंने बताया- "मैं खुद कश्मीर में कबाइली हमले को लेकर एक कहानी लिख रहा हूं. इस कहानी में 1947 से 1995 तक की घटनाओं का जिक्र होगा. मैं एक ऐसी बूढ़ी महिला से मिला जो 87 साल की हैं. उन्होंने 1947 के बर्बर कबाइली हमलों को देखा है"

द कश्मीर फाइल्स ने भारतीय सिनेमा को हिला दिया है

पीयूष वाम धारा से निकले आर्टिस्ट हैं. द कश्मीर फाइल्स पर उनके बयान उनके कुछ दोस्तों को परेशान कर सकते हैं. उनमें अनुराग कश्यप भी शामिल हो सकते हैं. लेकिन पीयूष इसलिए भी मशहूर हैं कि किसी का भी लोड नहीं लेते हैं. बेबाक बात करते हैं और अपना नजरिया सामने रखते हैं. फिल्म को पीयूष के सपोर्ट के मायने निकलते हैं. धीरे-धीरे ही सही लेकिन आमिर खान और पीयूष मिश्रा जैसे कलाकारों के बयानों से साफ है कि द कश्मीर फाइल्स को लेकर ना सिर्फ बॉलीवुड बल्कि भारतीय सिनेमा में एक खलबली है. आमतौर पर बॉलीवुड ऐसे विषयों पर फ़िल्में बनाने से बचता रहा है.

पीयूष मिश्रा और अनुपम खेर.

लेकिन पिछले दो तीन साल में तस्वीर बदली-बदली नजर आ रही है. इतिहास के तमाम हिस्सों पर फ़िल्में निर्माण की प्रक्रिया में हैं. हर भाषा में पारंपरिक नजरिए से हटकर फ़िल्में बन रही हैं. आज ही गुजराती भाषा की एक पीरियड ड्रामा 'नयिका देवी' का टीजर आया है. नयिका देवी, तत्कालीन गोवा के एक महामंडलेश्वर की बेटी थीं जिनका विवाह गुजरात के राजा के साथ हुआ था. हालांकि उनके पति की मौत हो गई थी. पति की मौत के बाद उन्होंने सत्ता संभाली. मगर मोहम्मद गोरी की नजर उनकी रियासत पर पड़ी. उसे लगा कि एक विधवा सत्ता चला रही है जिसे आसानी से लूटा और हथियाया जा सकता है. लेकिन जब लालच में गोरी, नयिका के सामने पहुंचा उसे मुंह की खानी पड़ी और शर्मनाक तरीके से खाली हाथ लौटना पड़ा.

अजय देवगन बैटल ऑफ़ बहराइच बना रहे हैं जिसकी कहानी महाराजा सुहेलदेव की है. सुहेलदेव के बारे में कहा जाता है कि उन्होंने अजेय विदेशी मुस्लिम आक्रांताओं के खिलाफ भारतीय इतिहास की सबसे खूंखार जंग लड़ी. सारे आक्रमणकारी सेनापति मारे गए. तमाम को जान बचाकर भागना पड़ा. कहते हैं कि सुहेलदेव का प्रतिरोध इतना बर्बर था कि उनके बाद कई सालों तक आक्रमणकारी भारत पर हमले की हिम्मत नहीं जुटा पाए थे. सम्राट पृथ्वीराज चौहान के जीवन पर बनी अक्षय कुमार की फिल्म जल्द ही रिलीज होने वाली है.

हाल ही में एक और फिल्म अनाउंस हुई है. स्वातंत्र्यवीर सावरकर. यह फिल्म स्वतंत्रता सेनानी और चिंतक वीर सावरकर पर है जिन्हें अंग्रेजों ने काले पानी की सजा दी थी. रणदीप हुड्डा उनकी भूमिका निभा रहे हैं. चर्चा है कि विवेक अग्निहोत्री कंगना को लेकर जल्द ही नया प्रोजेक्ट शुरू करने वाले है. ऐसी फिल्मों की फेहरिस्त बहुत लंबी है जिनके विषय बोल्ड और संवेदनशील हैं. अभी तो फिल्म इंडस्ट्री पर द कश्मीर फाइल्स के बाद का असर देखना बाकी है.

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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