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Paurashpur की वो बिंदास एक्ट्रेस जिन्होंने बदले हैं एंटरटेनमेंट के मायने!

    • बिलाल एम जाफ़री
    • Updated: 29 दिसम्बर, 2020 02:31 PM
  • 29 दिसम्बर, 2020 02:31 PM
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इंटिमेट सीन्स (Sex Intimate Scenes) से भरपूर एकता कपूर की वेब सीरीज Paurashpur (Ekta Kapoor Web Series) 29 दिसंबर को Zee5 Alt Balaji पर रिलीज हो रही है. इस वेब सीरीज की जान महिला पात्रों शिल्पा शिंदे (Shilpa Shinde ) और पॉलोमी दास (Poulomi Das) को माना जा रहा है.

सेक्स और सिनेमा. भारत के मद्देनजर डिबेट बहुत लंबी है और शायद कई कई दिन चल सकती है.नतीजा जो भी निकले लेकिन सिनेमा के जानकारों का एक वर्ग वो भी है जो इस बात से सहमत है कि पर्दे पर सेक्स परोस दो, दर्शक को कन्टेंट से यूं भी कोई मतलब नहीं है. ये बातें भले ही तमाम तरह के सवाल खड़े करें लेकिन जब हम ऑल्ट बालाजी जैसे OTT प्लेटफॉर्म और उसपर जल्द ही शुरू होने वाली इरोटिक वेब सीरीज Paurashpur को देखें तो मिलता है कि वाकई भारतीय दर्शक को सेक्स से बड़ा लगाव है. उसे बस पर्दे पर सेक्स मिल जाए वो जरूरी और ग़ैर जरूरी बातों को नजरअंदाज कर देगा. बस कुछ पल की देर है वेब सीरीज Paurashpura हमारे सामने होगी. सीरीज कैसी रहेगी? क्या इसमें कोई कहानी भी होगी या इसे सिर्फ सेक्स के दम पर ही बेचा जाएगा सवाल तमाम हैं लेकिन जिस चीज पर बात होनी चाहिए वो है इस सीरीज में दिखाई गई महिलाएं. सभ्यता और संस्कृति के ठेकेदार भले ही सीरीज को भारतीय संस्कृति का हनन बता रहे हों लेकिन इस बात में भी कोई शक नहीं है कि इस सीरीज की दो प्रभावशाली महिलाओं यानी शिल्पा शिंदे और पॉलोमी दास ने महिला सशक्तिकरण को नए आयाम दे दिए हैं.

पौरुषपुर में मजबूत भूमिका में हैं शिल्पा शिंदे और पॉलोमी दास

बताते चलें कि ऑल्ट बालाजी की मोस्ट अवेटेड वेब सीरीज Paurashpur में शिल्पा जहां रानी मीरावती का किरदार निभा रही हैं तो एक दासी काला के रूप में पॉलोमी भी अपनी छाप छोड़ती हुई नजर आ रही हैं. जैसा इस सीरीज का ट्रेलर है यदि उसे ध्यान से देखें तो मिलता है कि चाहे वो रानी मीरावती हों या फिर दासी काला दोनों ही Paurashpur की औरतों के हक़ के लिए खड़ी होती हैं और जरूरत पड़ने पर उन अधिकारों के लिए लड़ती भी हैं.

बात पौरुषपुर की औरतों की हो रही है तो हमें कहीं दूर जाने की जरूरत नहीं है. ट्रेलर का जो...

सेक्स और सिनेमा. भारत के मद्देनजर डिबेट बहुत लंबी है और शायद कई कई दिन चल सकती है.नतीजा जो भी निकले लेकिन सिनेमा के जानकारों का एक वर्ग वो भी है जो इस बात से सहमत है कि पर्दे पर सेक्स परोस दो, दर्शक को कन्टेंट से यूं भी कोई मतलब नहीं है. ये बातें भले ही तमाम तरह के सवाल खड़े करें लेकिन जब हम ऑल्ट बालाजी जैसे OTT प्लेटफॉर्म और उसपर जल्द ही शुरू होने वाली इरोटिक वेब सीरीज Paurashpur को देखें तो मिलता है कि वाकई भारतीय दर्शक को सेक्स से बड़ा लगाव है. उसे बस पर्दे पर सेक्स मिल जाए वो जरूरी और ग़ैर जरूरी बातों को नजरअंदाज कर देगा. बस कुछ पल की देर है वेब सीरीज Paurashpura हमारे सामने होगी. सीरीज कैसी रहेगी? क्या इसमें कोई कहानी भी होगी या इसे सिर्फ सेक्स के दम पर ही बेचा जाएगा सवाल तमाम हैं लेकिन जिस चीज पर बात होनी चाहिए वो है इस सीरीज में दिखाई गई महिलाएं. सभ्यता और संस्कृति के ठेकेदार भले ही सीरीज को भारतीय संस्कृति का हनन बता रहे हों लेकिन इस बात में भी कोई शक नहीं है कि इस सीरीज की दो प्रभावशाली महिलाओं यानी शिल्पा शिंदे और पॉलोमी दास ने महिला सशक्तिकरण को नए आयाम दे दिए हैं.

पौरुषपुर में मजबूत भूमिका में हैं शिल्पा शिंदे और पॉलोमी दास

बताते चलें कि ऑल्ट बालाजी की मोस्ट अवेटेड वेब सीरीज Paurashpur में शिल्पा जहां रानी मीरावती का किरदार निभा रही हैं तो एक दासी काला के रूप में पॉलोमी भी अपनी छाप छोड़ती हुई नजर आ रही हैं. जैसा इस सीरीज का ट्रेलर है यदि उसे ध्यान से देखें तो मिलता है कि चाहे वो रानी मीरावती हों या फिर दासी काला दोनों ही Paurashpur की औरतों के हक़ के लिए खड़ी होती हैं और जरूरत पड़ने पर उन अधिकारों के लिए लड़ती भी हैं.

बात पौरुषपुर की औरतों की हो रही है तो हमें कहीं दूर जाने की जरूरत नहीं है. ट्रेलर का जो वीडियो हमारे सामने है यदि उसपर गौर किया जाए तो पौरुषपुर की महिलाओं को यदि सत्ता में रहना है तो उसके लिए लड़ाई उन्हें खुद लड़नी है. वहीं बात यदि आज़ादी की हो तो वो उन्हें तभी मिल सकती है जब वो पौरुषपुर के राजा के खिलाफ मोर्चा खोलें और राजा को उसकी असल हैसियत बताएं.शुरुआत में हमने बात, रानी मीरावती बनी शिल्पा शिंदे और दासी काला का किरदार निभा रहीं पॉलोमी के मद्देनजर की थी.

तो सीरीज का ट्रेलर देखते हुए ये बताना बहुत ज़रूरी है कि दोनों ही अपने अपने तरीके से पौरुष पुर में व्याप्त पितृसत्ता को चुनौती दे रही हैं. सवाल होगा कैसे तो हमें उन संवादों जैसे 'जिन औरतों पे तूने अत्याचार किया है, वो औरतें तेरे नाश का कारण बनेगी भद्रप्रताप या फिर वो संवाद जिसमें कहा गया कि 'इन आंसुओं को अपने आंचल में संभाल के रखो, बाद में आग लगाने के काम आएंगे वेब सीरीज Paurashpur में महिलाओं के महत्व और उनके रुतबे को बताते हैं.

गौरतलब है कि पौरुषपुर का शुमार हालिया दौर की सबसे चर्चित वेब सीरीज में है. बात अगर कंटेंट की हो तो इसका कंटेंट कुछ ऐसा है जिसने सिनेमा के शौकीनों को दो वर्गों में विभाजित कर दिया है. ध्यान रहे कि एक वर्ग वो है जो अभिव्यक्ति की आजादी और रचनात्मकता के नाम पर इस सीरीज के समर्थन में है तो वहीं दूसरा वर्ग वो है जो इसे भारतीय संस्कृति और धर्म का हनन बताकर इसके कंटेंट को सिरे से खारिज कर रहा है. बात Parashpar के कंटेंट को लेकर हुई है तो हमारे लिए इसकी कहानी पर चर्चा करना भी बहुत जरूरी हो जाता है.

पौरुषपुर zee5 और Alt Balaji पर रिलीज होने वाली एक ओरिजिनल पीरियड ड्रामा सीरीज है. जो कि 29 दिसंबर को रिलीज होने वाली है. कहानी राजा भद्रप्रताप सिंह के इर्द गिर्द घूमती है जो कि एक अय्याश राजा है. राजा का मानना है कि महिलाएं केवल और केवल भोग की वस्तु है जिन्होंने धरती पर जन्म ही पुरुषों की शारीरिक भूख को संतुष्ट करने के लिए लिया है. राजा अपनी सेक्स की चाहत पूरी करने के लिए कई महिलाओं से शादी करता है.

सीरीज प्यार वासना, अय्याशी और बदले पर केंद्रित है. इसमें स्त्री अस्मिता को भी एक बड़े मुद्दे की तरह पेश किया गया है. चूंकि सीरीज का बैकड्रॉप 16 वीं शताब्दी है, दर्शक इसमें महिलाओं के मद्देनजर ऐसी तमाम चीजें देखेंगे जो उनकी कल्पना से परे होगा.

बहरहाल घूम फिरकर बात फिर वहीँ आकर रुक जाती है कि क्या वाक़ई इस सीरीज में दिखाई जाने वाली महिलाएं अपनी कोई विशेष छाप छोड़ने में कामयाब होंगी? या फिर लोग इनकी एक्टिंग ख़ारिज कर इनपर फिल्माएं गए सेक्स सीन ही देखेंगे सवाल तमाम हैं जिनके जवाब वक्त की गर्त में छुपे हैं और उस वक़्त में आने में बस कुछ देर और है. बाकी बात चूंकि महिला किरदारों के  सिलसिले में हुई है तो हम भी बस यही कहकर अपनी बातों को विराम देंगे कि जैसा ट्रेलर है पौरुषपुर की महिलाएं दमदार हैं और हवस के भूखे राजा की ईंट से ईंट बजाने का माद्दा रखती हैं.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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