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Pathaan Song Controversy: कट्टरपंथी मौलानाओं की भाषा कबसे बोलने लगे 'संत'?

    • मुकेश कुमार गजेंद्र
    • Updated: 21 दिसम्बर, 2022 09:49 PM
  • 21 दिसम्बर, 2022 09:49 PM
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फिल्म 'पठान' के 'बेशरम रंग' गाने के खिलाफ विरोध की आग अब कट्टरता की हद को पार करती जा रही है. अयोध्या के एक महंत ने कहा है कि यदि उनको शाहरुख खान मिल जाए तो वो उनको जिंदा जला देंगे. उनकी चमड़ी उधेड़ देंगे. हनुमानगढ़ी के एक महंत ने कहा कि जिस थिएटर में ये फिल्म लगेगी उसे फूंक देंगे. ये सारे बयान कुछ 'सर तन से जुदा' जैसे नहीं लगते?

बॉलीवुड के खिलाफ विरोध और बहिष्कार की मुहिम बहुत पहले से चल रही है, लेकिन मामला अब गंभीर होता जा रहा है. विरोध की आग में कुछ लोग और संगठन हिंसा का समर्थन करते हुए दिखाई दे रहे हैं. यहां तक कि आग लगाने और जिंदा जलाने तक की बातें की जा रही हैं. हैरानी इस बात की है कि ऐसे बयान वो लोग दे रहे हैं, जिन्हें अहिंसा की प्रतिमूर्ति माना जाता है. देश और समाज के लोग उनसे सात्विक और शांति पूर्वक जीवन जीने की शिक्षा लेते हैं. जी हां, हम फिल्म 'पठान' का विरोध कर रहे उन संतों-महंतों की बात कर रहे हैं, जो इस फिल्म के विरोध में हिंसक बयान दे रहे हैं. लोगों को हिंसा के लिए उकसा रहे हैं. उनकी भाषा उन कट्टरपंथी मौलानाओं की प्रतिध्वनि कर रही है, जो आए दिन लोगों के सिर कलम करने का बयान देते रहते हैं. सिर जुदा करने वालों के नाम पर करोड़ों के ईनाम रखते रहे हैं.

फिल्म 'पठान' के खिलाफ अयोध्या के तपस्वी छावनी के संत महंत परमहंस दास ने कहा यदि फिल्म जिहादी शाहरुख खान उनको मिल गया तो वो उसे जिंदा जले देंगे. यदि उनको जलाने का साहस किसी और ने किया तो वो उसका मुकदमा खुद लड़ेंगे. दूसरी तरफ अयोध्या के ही हनुमानगढ़ी मंदिर के महंत राजूदास ने कहा कि जिस थिएटर में यह फिल्म लगेगी उसे हम लोग फूंक देंगे. दुष्टों के साथ दुष्टता का आचरण ही करना होगा अब. बॉलीवुड-हॉलीवुड लगातार इस प्रयास में रहता है कि किसी प्रकार से सनातन धर्म, संस्कृति का मजाक उड़ाए. हिंदू देवी-देवताओं का अपमान किया जाए. साधु-संतों का रंग, राष्ट्र का रंग, देश का रंग, सनातन संस्कृति का रंग भगवे का जिस तरह से पठान फिल्म में अपमान किया गया है वो बहुत दुखद है. हम ऐसे किसी भी प्रयास का पुरजोर विरोध करते हैं. इस फिल्म के बहिष्कार की मांग करते हैं.

अयोध्या के एक महंत ने कहा है कि यदि उनको शाहरुख खान मिल जाए तो वो उनको जिंदा जला...

बॉलीवुड के खिलाफ विरोध और बहिष्कार की मुहिम बहुत पहले से चल रही है, लेकिन मामला अब गंभीर होता जा रहा है. विरोध की आग में कुछ लोग और संगठन हिंसा का समर्थन करते हुए दिखाई दे रहे हैं. यहां तक कि आग लगाने और जिंदा जलाने तक की बातें की जा रही हैं. हैरानी इस बात की है कि ऐसे बयान वो लोग दे रहे हैं, जिन्हें अहिंसा की प्रतिमूर्ति माना जाता है. देश और समाज के लोग उनसे सात्विक और शांति पूर्वक जीवन जीने की शिक्षा लेते हैं. जी हां, हम फिल्म 'पठान' का विरोध कर रहे उन संतों-महंतों की बात कर रहे हैं, जो इस फिल्म के विरोध में हिंसक बयान दे रहे हैं. लोगों को हिंसा के लिए उकसा रहे हैं. उनकी भाषा उन कट्टरपंथी मौलानाओं की प्रतिध्वनि कर रही है, जो आए दिन लोगों के सिर कलम करने का बयान देते रहते हैं. सिर जुदा करने वालों के नाम पर करोड़ों के ईनाम रखते रहे हैं.

फिल्म 'पठान' के खिलाफ अयोध्या के तपस्वी छावनी के संत महंत परमहंस दास ने कहा यदि फिल्म जिहादी शाहरुख खान उनको मिल गया तो वो उसे जिंदा जले देंगे. यदि उनको जलाने का साहस किसी और ने किया तो वो उसका मुकदमा खुद लड़ेंगे. दूसरी तरफ अयोध्या के ही हनुमानगढ़ी मंदिर के महंत राजूदास ने कहा कि जिस थिएटर में यह फिल्म लगेगी उसे हम लोग फूंक देंगे. दुष्टों के साथ दुष्टता का आचरण ही करना होगा अब. बॉलीवुड-हॉलीवुड लगातार इस प्रयास में रहता है कि किसी प्रकार से सनातन धर्म, संस्कृति का मजाक उड़ाए. हिंदू देवी-देवताओं का अपमान किया जाए. साधु-संतों का रंग, राष्ट्र का रंग, देश का रंग, सनातन संस्कृति का रंग भगवे का जिस तरह से पठान फिल्म में अपमान किया गया है वो बहुत दुखद है. हम ऐसे किसी भी प्रयास का पुरजोर विरोध करते हैं. इस फिल्म के बहिष्कार की मांग करते हैं.

अयोध्या के एक महंत ने कहा है कि यदि उनको शाहरुख खान मिल जाए तो वो उनको जिंदा जला देंगे.

इससे पहले अयोध्या के तपस्वी छावनी के संत महंत परमहंस दास ने कहा, ''पठान फिल्म में भगवा का अपमान किया गया है. भगवा हनुमान जी का रंग है. भगवा सूर्य का रंग है. भगवा अग्नि का रंग है. भगवा विश्व शांति का प्रतीक है. सभी सनातन धर्म के मानने वाले आन बान शान है. बॉलीवुड के तीनों खान आमिर खान, शाहरुख खान और सलमान खान गंदगी फैला रहे हैं. लगातार सनातन धर्म को मानने वालों की भावना को आहत कर रहे हैं. इसलिए मैंने आज शाहरुख खान का पोस्टर जलाया है. इसके साथ ही मैं धर्मादेश भी जारी कर रहा हूं किसी भी फिल्म में ये तीनों खान दिखें, उसे बायकॉट करना है. जो भी भगवा का अपमान करेंगा उसका मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा. मेरा आदेश है कि कोई भी इस फिल्म पठान को नहीं देखेगा. शाहरुख खान जिस दिन मुझे मिल गया, चमड़ी उधेड़ कर जिंदा जला दूंगा. मेरे आदमी मुंबई में ढूंढ रहे हैं.''

संत परमहंस इतने पर ही नहीं रुके उन्होंने लोगों को हिंसा के लिए उकसाते हुए कहा, ''यदि कोई मुझसे पहले उस शाहरुख खान को जिंदा जला दे, तो उसके परिवार की आर्थिक मदद करूंगा. उसके मुकदमे का खर्च खुद उठाऊंगा. इसके साथ ही शाहरुख को जलाने से पहले उसकी चमड़ी उधेड़ करके उसको दिखाऊंगा, यदि तुम्हें भगवा से नफरत है तो तुम्हारी धमनियों में बहने वाले रक्त का रंग भी भगवा है. भगवा के बिना किसी का अस्तित्व नहीं हो सकता. शाहरुख खान का मजहब तो इस्लाम है आज तक उन्होंने अपने मजहब पर ना तो कोई वेब सीरीज और ना कोई फिल्म बनाई. मैं चैलेंज करता हूं हलाला पर बनाकर दिखा दे. तीन तलाक पर बनाकर दिखा दे. पैगंबर मोहम्मद की जीवनी पर बना कर दिखा दे. पता नहीं 5 मिनट के अंदर कितने टुकड़े होंगे कोई गिन नहीं पाएगा. इनको पता है हिंदू मानवतावादी है, इसलिए उनका मजाक उड़ाओ.''

माना कि गलत बातों का विरोध जायज है. हम सभी दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में रह रहे हैं. हमारा संविधान हमें विरोध का अधिकार देता है. लेकिन विरोध के साथ हिंसा या हिंसक बातों का अधिकार बिल्कुल भी नहीं देता है. धर्म के नाम पर हिंसा का खेल अब बंद होना चाहिए. हम 21वीं सदी में जी रहे हैं. चांद के बाद मंगल पर घर बसाने की सोच रहे हैं. धरती के बाद अंतरिक्ष में नए नए खोज कर रहे हैं. इन सबके बीच धर्म के नाम पर किसी का सिर कलम कर देने, किसी की चमड़ी उधेड़ देने या किसी को जलाने की बात कहना कहां तक जायज है. हम तो उन कट्टरपंथी मौलनाओं का भी विरोध करते हैं, जो जरा जरा सी बात पर किसी सिर कलम करने की बात कहते हैं. किसी की जान लेने की सोचते हैं. हमारे समाज में संत-महात्मा शांति के दूत रहे हैं. उनका तेज तो ऐसा रहा है कि उनके आगे हिंसक इंसान भी शांत हो जाता है.

फिल्म 'पठान' के 'बेशरम रंग' गाने में अभिनेत्री दीपिका पादुकोण के बिकनी के रंग को लेकर चौतरफा विरोध हो रहा है. हिंदू ही नहीं मुस्लिम संगठन भी इस गाने में दिखाई गई अश्लीलता के खिलाफ अपना विरोध जता रहे हैं. हिंदू संगठनों का कहना है कि इस गाने में सनातन धर्म का अपमान किया गया है. बॉलीवुड लगातार हिंदू धर्म के खिलाफ काम कर रहा है. मुस्लिम संगठनों का भी कहना है कि फिल्म के अंदर अश्लीलता फैलाई गई है. इसमें इस्लाम का गलत प्रचार प्रसार किया गया है. इसे लेकर देश के कई राज्यों में सड़क से लेकर सोशल मीडिया तक विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है. फिल्म के पोस्टर जलाए जा रहे हैं. इस पर सियासत भी गरम है. बीजेपी के कई नेताओं ने सामने आकर फिल्म के बायकॉट की बात कहते हुए इसे बैन करने की मांग की है. इन सबके बीच अयोध्या के संतों के विवादित बयानों ने माहौल गरम कर दिया है.

कुछ दिन पहले ही मध्य प्रदेश उलेमा बोर्ड के अध्यक्ष सैयद अनस अली ने कहा था कि हम लोगों से अपील करते हैं कि वो इस फिल्म को ना देखें ना दिखाएं. यह हमारा हक है कि हमारे इस्लाम को, हमारे मजहब को इस तरह से कोई पेश करेगा तो इस पर हम कोई समझौता नहीं करेंगे. कोई इस्लाम को गलत तरीके से पेश करेगा तो यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम हमारे मजहब का सही तरीका पेश कराएं. उन्हें सबक सिखाएं. उन्होंने सेंसर बोर्ड से भी अपील की है कि इस फिल्म को रिलीज न करने दिया जाए. उन्होंने यहां तक कि हज कमेटी से सिफारिश की है कि वो शाहरुख खान को आगे से उमरा पर जाने के लिए भी वीजा ना दें. क्योंकि उन्होंने इस्लाम धर्म का मजाक बनाया है. ऑल इंडिया मुस्लिम त्योहार कमेटी ने भी फिल्म का विरोध किया है. इस संस्था के अध्यक्ष पीरजादा खुर्रम मियां चिश्ती ने कहा कि फिल्म में मुस्लिमों की भावनाओं को भड़काया गया है.


इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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