• होम
  • सियासत
  • समाज
  • स्पोर्ट्स
  • सिनेमा
  • सोशल मीडिया
  • इकोनॉमी
  • ह्यूमर
  • टेक्नोलॉजी
  • वीडियो
होम
सिनेमा

Birju Maharaj: इन फिल्मी गानों पर बिरजू महाराज का आशीर्वाद सहज दिख जाता है

    • मुकेश कुमार गजेंद्र
    • Updated: 17 जनवरी, 2022 05:40 PM
  • 17 जनवरी, 2022 03:45 PM
offline
Pandit Birju Maharaj Bollywood Choreography: देश के मशहूर कथक नर्तक बिरजू महाराज का दिल का दौरा पड़ने की वजह से निधन हो गया है. समाज से सिनेमा तक में उनको अहम योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता है. उन्होंने कई बड़ी फिल्मों के लोकप्रिय गानों में नृत्य निर्देशन किया था.

''काहे छेड़, छेड़ मोहे गरवा लगायी, काहे छेड़, छेड़ मोहे; नंद को लाल ऐसो ढीठ, बरबस मोरी लाज लीन्ही; बिंदा शाम मानत नाही, बिंदा शाम मानत नाही, कासे कहू मैं अपने जिया की सुनत नाही मायी, काहे छेड़ छेड़ मोहे''...फिल्म 'देवदास' का ये गाना जुबान पर आते ही जेहन में पंडित बिरजू महाराज का नाम कौंधने लगता है. फिल्म एक्ट्रेस माधुरी दीक्षित पर फिल्माया गया ये गाना आज भी अमर है, जिसकी एक वजह बिरजू महाराज जी भी हैं, जिन्होंने इसे कोरियोग्राफ किया था. मगर अफसोस अब देश के मशहूर कथक नर्तक बिरजू महाराज की इस प्रतिभा का जीवंत दीदार हम सब नहीं कर पाएंगे, क्योंकि दिल का दौरा पड़ने की वजह से उनका निधन हो गया है. 'संगीत नाटक अकादमी', 'कालिदास सम्मान' और 'पद्म विभूषण' जैसे प्रतिष्ठित सम्मानों से विभूषत पंडित जी ने दिल्ली के साकेत अस्पताल में अंतिम सांस ली है.

पंडित बिरजू महाराज का जन्म आज से 83 साल पहले 4 फरवरी 1938 को हुआ था. वो लखनऊ घराने से संबंध रखते थे. इनके पिता का जगन्नाथ महाराज, जो 'लखनऊ घराने' से थे, अच्छन महाराज के नाम से जाने जाते थे. इनके पिता की मृत्यु के बाद इनके चाचा शंभु महाराज और लच्छू महाराज की देखरेख में महाराज की शिक्षा-दीक्षा हुई थी. शंभु और लच्छू महाराज भी जाने-माने कथक नर्तक थे. 'दुखहरण' से 'बृजमोहन नाथ मिश्रा' और बाद में 'पंडित बिरजू महाराज' तक की इस यात्रा के दौरान उन्होंने गोवर्धन लीला, माखन चोरी, मालती-माधव, कुमार संभव और फाग बहार जैसी कई नृत्यावलियों की रचना की थी. इतना ही नहीं उनको तबला, पखावज, ढोलक, नाल और वायलिन जैसे वाद्य यंत्रों के सुरों की भी गहरी समझ थी. उनकी प्रतिभा का इस्तेमाल बॉलीवु़ड ने भी समय-समय पर किया था.

आइए जानते हैं कि बॉलीवुड की फिल्मों और गानों में पंडित बिरजू महाराज का योगदान कैसा रहा है...

''काहे छेड़, छेड़ मोहे गरवा लगायी, काहे छेड़, छेड़ मोहे; नंद को लाल ऐसो ढीठ, बरबस मोरी लाज लीन्ही; बिंदा शाम मानत नाही, बिंदा शाम मानत नाही, कासे कहू मैं अपने जिया की सुनत नाही मायी, काहे छेड़ छेड़ मोहे''...फिल्म 'देवदास' का ये गाना जुबान पर आते ही जेहन में पंडित बिरजू महाराज का नाम कौंधने लगता है. फिल्म एक्ट्रेस माधुरी दीक्षित पर फिल्माया गया ये गाना आज भी अमर है, जिसकी एक वजह बिरजू महाराज जी भी हैं, जिन्होंने इसे कोरियोग्राफ किया था. मगर अफसोस अब देश के मशहूर कथक नर्तक बिरजू महाराज की इस प्रतिभा का जीवंत दीदार हम सब नहीं कर पाएंगे, क्योंकि दिल का दौरा पड़ने की वजह से उनका निधन हो गया है. 'संगीत नाटक अकादमी', 'कालिदास सम्मान' और 'पद्म विभूषण' जैसे प्रतिष्ठित सम्मानों से विभूषत पंडित जी ने दिल्ली के साकेत अस्पताल में अंतिम सांस ली है.

पंडित बिरजू महाराज का जन्म आज से 83 साल पहले 4 फरवरी 1938 को हुआ था. वो लखनऊ घराने से संबंध रखते थे. इनके पिता का जगन्नाथ महाराज, जो 'लखनऊ घराने' से थे, अच्छन महाराज के नाम से जाने जाते थे. इनके पिता की मृत्यु के बाद इनके चाचा शंभु महाराज और लच्छू महाराज की देखरेख में महाराज की शिक्षा-दीक्षा हुई थी. शंभु और लच्छू महाराज भी जाने-माने कथक नर्तक थे. 'दुखहरण' से 'बृजमोहन नाथ मिश्रा' और बाद में 'पंडित बिरजू महाराज' तक की इस यात्रा के दौरान उन्होंने गोवर्धन लीला, माखन चोरी, मालती-माधव, कुमार संभव और फाग बहार जैसी कई नृत्यावलियों की रचना की थी. इतना ही नहीं उनको तबला, पखावज, ढोलक, नाल और वायलिन जैसे वाद्य यंत्रों के सुरों की भी गहरी समझ थी. उनकी प्रतिभा का इस्तेमाल बॉलीवु़ड ने भी समय-समय पर किया था.

आइए जानते हैं कि बॉलीवुड की फिल्मों और गानों में पंडित बिरजू महाराज का योगदान कैसा रहा है...

पंडित बिरजू महाराज का समाज से सिनेमा तक में अहम योगदान कभी भी भुलाया नहीं जा सकता है.

1. फिल्म- शतरंज के खिलाड़ी

दिग्गज फिल्म मेकर सत्यजीत रे द्वारा लिखित और निर्देशित मुंशी प्रेमचंद की कहानी पर आधारित फिल्म 'शतरंज के खिलाड़ी' साल 1977 में रिलीज हुई थी. इसे बाद में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अंग्रेजी में डब करके 'द चेस प्लेयर्स' के नाम से रिलीज किया गया था. फिल्म में अमजद खान, रिचर्ड एटनबरो, संजीव कुमार, सईद जाफरी, शबाना आजमी, फारूक शेख, फरीदा जलाल, डेविड अब्राहम और टॉम ऑल्टर अहम किरदारों में हैं. इसमें कथाकार के रूप में अमिताभ बच्चन भी हैं. इस फिल्म के जरिए पंडित बिरजू महाराज ने बतौर संगीत निर्देशक बॉलीवुड में डेब्यू किया था. उन्होंने फिल्म की संगीत रचना की थी और उसके दो गानों पर नृत्य के लिए गायन भी किया था. उन्होंने फिल्म के मशहूर गाने 'आ कान्हा मैं तोसे हारी' (Aa Kanha Main Tause Haari) और 'तड़प तड़प सगरी रैन गुजरी' (Tadap Tadap Sagri rain Gujari) को संगीत और अपनी आवाज दी थी. दोनों ही गाने उस वक्त बहुत ज्यादा मशहूर हुए थे.

सुनिए 'आ कान्हा मैं तोसे हारी'...

2. फिल्म- देवदास

संजय लीला भंसाली द्वारा निर्देशित और भरत शाह द्वारा निर्मित फिल्म 'देवदास' साल 2002 में रिलीज हुई थी. शरत चंद्र चट्टोपाध्याय के उपन्यास पर आधारित इस फिल्म में शाहरुख खान, ऐश्वर्या राय और माधुरी दीक्षित के साथ किरण खेर, स्मिता जयकर और विजयेंद्र घाटगे अहम किरदारों में हैं. फिल्म में शाहरुख, ऐश्वर्या और माधुरी की दमदार अदाकारी के साथ ही इसके संगीत की तारीफ भी बहुत ज्यादा हुई थी. खासकर फिल्म का एक गाना 'काहे छेड़, छेड़ मोहे गरवा लगायी' सबसे ज्यादा मशहूर हुआ था. पंडित बिरजू महाराज ने फिल्म के इसी गाने को कोरियोग्राफ किया था. इस गाने को माधुरी दीक्षित पर फिल्माया गया था. इसलिए माधुरी ने पंडित जी कथक ट्रेनिंग भी ली थी. इस गाने में माधुरी दीक्षित ने बिरजू महाराज के सिखाए डांस को इस कदर किया था कि खुद महाराज ने भी उनकी तारीफ की थी. संजय लीला भंसाली के साथ अपने संबंधों को लेकर एक पंडित जी ने कहा था, ''संजय भाई के पास गजब का सौंदर्य बोध है. वह जानते हैं कि क्या बेहतर है. वह खुद एक प्रशिक्षित ओडिसी नर्तक हैं. फिल्म 'देवदास' के बाद से हमारे संबंध और ज्यादा मजबूत हो गए. हमारा नजरिया मेल खाता है, जो हम दोनों को सर्वश्रेष्ठ देने में मदद करता है.''

सुनिए 'काहे छेड़, छेड़ मोहे गरवा लगायी'...

3. फिल्म- डेढ़ इश्किया

साल 2014 में रिलीज हुई डार्क कॉमेडी ड्रामा फिल्म 'डेढ़ इश्किया' का निर्देशन अभिषेक चौबे किया है. इस फिल्म में माधुरी दीक्षित, अरशद वारसी, नसीरुद्दीन शाह और हुमा कुरैशी मुख्य भूमिका में नजर आए थे. फिल्म 'इश्किया' के इस सीक्वल में गुलजार ने गीत लिखे थे, जिसे विशाल भारद्वाज ने संगीत दिया था. इसके एक गाने को पंडित बिरजू महाराज ने कोरियोग्राफ किया था. 'जगावे सारी रैना' (Jagaave saari raina) गाने के लिए दूसरी बार माधुरी दीक्षित और पंडित जी एक साथ आए थे. इस गाने को रेखा भारद्वाज ने गाया था, लेकिन बोल पंडित जी के थे. पंडित जी माधुरी दीक्षित के साथ काम करने में बहुत आनंद आता था. एक बार एक इंटरव्यू में भी उन्होंने कहा था, ''वैसे तो बॉलीवुड में कई बेहतरीन डांसर हैं, लेकिन मेरी पसंदीदा माधुरी दीक्षित रही हैं. वह एक प्रशिक्षित कथक नृत्यांगना हैं और उन पर ईश्वर की स्वाभाविक कृपा है. उनके साथ काम करके हर बार आनंद आता है.'' माधुरी भी खुद को पंडित जी की पाठशाला की भाग्यशाली छात्रा मानती हैं.

सुनिए 'जगावे सारी रैना'...

4. फिल्म- विश्वरूपम

साल 2013 में रिलीज हुई स्पाई एक्शन थ्रिलर फिल्म 'विश्वरूपम' सुपरस्टार कमल हासन द्वारा निर्देशित और निर्मित है. इसकी कहानी कमल हसन, चकरी तोलेटी और अतुल तिवारी ने लिखी है. फिल्म में कमल हासन के साथ राहुल बोस, शेखर कपूर, पूजा कुमार, एंड्रिया जेरेमिया और जयदीप अहलावत अहम रोल में हैं. फिल्म में शंकर-एहसान-लॉय ने म्यूजिक दिया है. इसके तमिल वर्जन के गाने वैरामुथु और हासन ने लिखे हैं, तो हिंदी वर्जन के गाने जावेद अख्तर ने लिखे हैं. इस फिल्म के गानों की कोरियोग्राफी पंडित बिरजू महाराज ने की थी. फिल्म में बेस्ट कोरियोग्राफी के लिए उनको पहली बार नेशनल फिल्म अवॉर्ड मिला था.

सुनिए फिल्म विश्वरूपम का ये गाना nnai Kaanadhu Naan...

5. फिल्म- बाजीराव मस्तानी

साल 2015 में रिलीज हुए फिल्म 'बाजीराव मस्तानी' का संजय लीला भंसाली ने किया था. भंसाली फिल्म और इरोज इंटरनेशनल के बैनर तले बनी इस फिल्म में रणवीर सिंह, दीपिका पादुकोण और प्रियंका चोपड़ा के साथ ही तन्वी आज़मी, वैभव तत्ववादी और मिलिंद सोमन जैसे कलाकार अहम रोल में हैं. नागनाथ एस इनामदार के मराठी काल्पनिक उपन्यास 'राऊ' पर आधारित फिल्म बाजीराव मस्तानी में मराठा पेशवा बाजीराव प्रथम और उनकी दूसरी पत्नी मस्तानी की कहानी को दिखाया गया हैं. इस फिल्म के एक गाने 'मोहे रंग दो लाल' का नृत्य-निर्देशन पंडित बिरजू महाराज ने किया था. इसके लिए उनको सर्वश्रेष्ठ नृत्य निर्देशन का फिल्म फेयर पुरस्कार मिला था.

सुनिए 'मोहे रंग दो लाल'...






इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

ये भी पढ़ें

Read more!

संबंधि‍त ख़बरें

  • offline
    सत्तर के दशक की जिंदगी का दस्‍तावेज़ है बासु चटर्जी की फिल्‍में
  • offline
    Angutho Review: राजस्थानी सिनेमा को अमीरस पिलाती 'अंगुठो'
  • offline
    Akshay Kumar के अच्छे दिन आ गए, ये तीन बातें तो शुभ संकेत ही हैं!
  • offline
    आजादी का ये सप्ताह भारतीय सिनेमा के इतिहास में दर्ज हो गया है!
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.

Read :

  • Facebook
  • Twitter

what is Ichowk :

  • About
  • Team
  • Contact
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.
▲