• होम
  • सियासत
  • समाज
  • स्पोर्ट्स
  • सिनेमा
  • सोशल मीडिया
  • इकोनॉमी
  • ह्यूमर
  • टेक्नोलॉजी
  • वीडियो
होम
सिनेमा

क्या भारत से पाकिस्तानी एक्टर्स को वापस भेज देना चाहिए?

    • शुभम गुप्ता
    • Updated: 22 सितम्बर, 2016 04:02 PM
  • 22 सितम्बर, 2016 04:02 PM
offline
सबसे बड़ा सवाल ये है कि देश में क्या अभिनेताओं की कमी है जो बॉलीवुड को पाकिस्तान से एक्टर बुलाने पड़ते हैं?

बॉलीवुड के एक पत्रकार सौम्यदिप्ता बैनर्जी ने पाकिस्तानी एक्टर फवाद खान को एक खुला पत्र लिखा और उन्हें पाकिस्तान वापस लौट जाने को कहा है. उनका कहना है कि देश में इतना बड़ा आतंकी हमला हो गया है और फवाद खान की ओर से एक छोटी सी प्रतिक्रिया भी नहीं आई है. कम से कम दुख ही जता देते. खैर पत्रकार का पक्ष भी अपनी जगह सही है.

बॉलीवुड में आज ऐसे कई एक्टर हैं जो आज भारत में ही अपना आशियाना बना चुके हैं. फवाद खान ने 2014 में ही सोनम कपुर के साथ फिल्म 'खूबसूरत' से बॉलीवुड में कदम रखा. उसके बाद फवाद करण जौहर के पसंदीदा अभिनेता बने और अपने प्रोडक्शन की फिल्म 'कपूर एंड संस' में अहम रोल दिया. हाल ही में रणबीर कपूर की आने वाली फिल्म 'ऐ दिल है मुश्किल' में भी फवाद खान का अहम रोल है.

 

मगर सबसे बड़ा सवाल ये है कि देश में क्या अभिनेताओं की कमी है जो बॉलीवुड को पाकिस्तान से एक्टर बुलाने पड़ते हैं? पाकिस्तान का तो ऐसा है कि गाना है तो भारत आना है, एक्टर बनना है तो भारत आना है. माना कि कला का कोई धर्म, देश नहीं होता मगर कोई भी कला देश से बड़ी भी नहीं हो सकती. एक ओर पाकिस्तान से आए आतंकियों की वजह से हमारे जवान शहीद हो रहे हैं और दूसरी तरफ इन पाकिस्तानी अभिनेताओं को भारत में तवज्जो दी जा रही है.

ये भी पढ़ें- अदनान सामी को अपनाया तो पाक हिंदुओं के लिए दरवाजे बंद क्यों?

ऐसा नहीं है कि पाकिस्तान से सिर्फ फवाद ही...

बॉलीवुड के एक पत्रकार सौम्यदिप्ता बैनर्जी ने पाकिस्तानी एक्टर फवाद खान को एक खुला पत्र लिखा और उन्हें पाकिस्तान वापस लौट जाने को कहा है. उनका कहना है कि देश में इतना बड़ा आतंकी हमला हो गया है और फवाद खान की ओर से एक छोटी सी प्रतिक्रिया भी नहीं आई है. कम से कम दुख ही जता देते. खैर पत्रकार का पक्ष भी अपनी जगह सही है.

बॉलीवुड में आज ऐसे कई एक्टर हैं जो आज भारत में ही अपना आशियाना बना चुके हैं. फवाद खान ने 2014 में ही सोनम कपुर के साथ फिल्म 'खूबसूरत' से बॉलीवुड में कदम रखा. उसके बाद फवाद करण जौहर के पसंदीदा अभिनेता बने और अपने प्रोडक्शन की फिल्म 'कपूर एंड संस' में अहम रोल दिया. हाल ही में रणबीर कपूर की आने वाली फिल्म 'ऐ दिल है मुश्किल' में भी फवाद खान का अहम रोल है.

 

मगर सबसे बड़ा सवाल ये है कि देश में क्या अभिनेताओं की कमी है जो बॉलीवुड को पाकिस्तान से एक्टर बुलाने पड़ते हैं? पाकिस्तान का तो ऐसा है कि गाना है तो भारत आना है, एक्टर बनना है तो भारत आना है. माना कि कला का कोई धर्म, देश नहीं होता मगर कोई भी कला देश से बड़ी भी नहीं हो सकती. एक ओर पाकिस्तान से आए आतंकियों की वजह से हमारे जवान शहीद हो रहे हैं और दूसरी तरफ इन पाकिस्तानी अभिनेताओं को भारत में तवज्जो दी जा रही है.

ये भी पढ़ें- अदनान सामी को अपनाया तो पाक हिंदुओं के लिए दरवाजे बंद क्यों?

ऐसा नहीं है कि पाकिस्तान से सिर्फ फवाद ही बॉलीवुड में काम करते हों. 2010 में अली जफर ने फिल्म 'तेरे बिन लादेन' से बॉलीवुड में डेब्यू किया था. उसके बाद से ये महाशय भारत में ही काम कर रहे हैं. 

 

बिपाशा बासु की फिल्म 'क्रिएचर' से शुरुआत करने वाले मिकाल ज़ुल्फिकर भी अब भारत में ही सेटल हो गए हैं. इसके अलावा पाकिस्तानी सिंगर आतिफ असलम और राहत फतेह अली खान भी भारत में ही अपना ठिकाना बनाए हुए हैं.

मगर सबसे बड़ी बात ये है कि इनमें से किसी ने भी, न तो कभी 26/11 हमले की बात की और न ही कभी इन पर दुख जताया. 18 सिंतबर को जब उरी में हमला हुआ तब भी इनमें से किसी भी कलाकार ने कोई दुख नहीं जताया. 160 अक्षरों वाला एक ट्वीट भी इनसे नहीं हुआ.

ये भी पढ़ें- अदनान सामी के बाद आफरीदी बनेंगे भारतीय नागरिक!

तो कैसे भारतीय इन पाकिस्तानी कलाकारों को सहें. या तो ये भी अदनान सामी की तरह भारत की नागरिकता लेकर भारतीय ही बन जाएं. मगर ये भी सब के बस का नहीं है. वैसे भी मैंने पहले ही कहा कि कला से बड़ा देश और देशप्रेम होता है. तो ये बात इन पाकिस्तानी कलाकारों पर भी लागू होती है. ये भी तो अपने मुल्क से उतना ही प्रेम करते होंगे जितना की हम करते हैं.

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

ये भी पढ़ें

Read more!

संबंधि‍त ख़बरें

  • offline
    सत्तर के दशक की जिंदगी का दस्‍तावेज़ है बासु चटर्जी की फिल्‍में
  • offline
    Angutho Review: राजस्थानी सिनेमा को अमीरस पिलाती 'अंगुठो'
  • offline
    Akshay Kumar के अच्छे दिन आ गए, ये तीन बातें तो शुभ संकेत ही हैं!
  • offline
    आजादी का ये सप्ताह भारतीय सिनेमा के इतिहास में दर्ज हो गया है!
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.

Read :

  • Facebook
  • Twitter

what is Ichowk :

  • About
  • Team
  • Contact
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.
▲