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पद्मावती फिल्म का ट्रेलर देखिए, पता चल जाएगा कि इसका इंतजार क्‍यों था...

    • श्रुति दीक्षित
    • Updated: 09 अक्टूबर, 2017 02:21 PM
  • 09 अक्टूबर, 2017 02:21 PM
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फिल्‍म पद्मावती का ट्रेलर आ ही गया. इसकी कहानी से जुड़े विवाद को लेकर सांस रोककर बैठे लोग इत्‍मीनान कर सकते हैं. ट्रेलर में खिलजी बने रनवीर का एक भी डायलॉग नहीं है और न ही दीपिका के साथ उनका कोई वैसा सीन...

तो पद्मावती का ट्रेलर आ ही गया... पहले से ही तय था कि पद्मावती का ट्रेलर 9 अक्टूबर दोपहर 13:03 यानी दोपहर 01:03 पर आएगा. ट्रेलर देखकर लगता है कि संजय लीला भंसाली की मेहनत वाकई काम आएगी. ट्रेलर का इंतजार मुझे फिल्म से ज्यादा था. कारण ये है कि इस ट्रेलर से ही साफ हो जाना था कि खिलजी और पद्मावती के किरदार को फिल्म में कैसा दिखाया गया है. करणी सेना द्वारा फिल्म को लेकर जो भी बवाल किया गया है उसकी वजह वह चर्चा थी कि रानी पद्मावती और खिलजी के बीच फिल्म में कोई रिश्ता दिखाया गया है. खैर, ऐसा कुछ ट्रेलर में तो नहीं दिखा.

रानी पद्मावती और रतन सिंह दोनों ही राजपूती शान दिखा रहे हैं.

अगर ट्रेलर की बात की जाए तो लगता है जैसे संजय लीला भंसाली ने बाहुबली की भव्यता को दोहराने की कोशिश की है. खासतौर पर युद्ध के दौरान. फिल्म के विजुअल्स बहुत अच्छे हैं. रानी पद्मावती बनी दीपिका पादुकोण भी राजपूत आन-बान-शान लिए दिख रही है. महाराज रतन सिंह भी अपने किरदार में फिट हैं. हां उनकी जो आवाज है वो उतनी दमदार नहीं लगती. पूरे ट्रेलर में दो ही डायलॉग हैं. जो दोनों ही राजपूत आन-बान और शान को बताते हुए बोले गए हैं. एक राजा रतन सिंह का और एक रानी पद्मावती का, लेकिन बिना कुछ बोले अगर किसी ने इस ट्रेलर में जान डाली है तो वो है अलाउद्दीन खिलजी बने रणवीर सिंह ने.

ये भी पढ़ें- 'पद्मावती' कभी हकीकत थी ही नहीं !

तो पद्मावती का ट्रेलर आ ही गया... पहले से ही तय था कि पद्मावती का ट्रेलर 9 अक्टूबर दोपहर 13:03 यानी दोपहर 01:03 पर आएगा. ट्रेलर देखकर लगता है कि संजय लीला भंसाली की मेहनत वाकई काम आएगी. ट्रेलर का इंतजार मुझे फिल्म से ज्यादा था. कारण ये है कि इस ट्रेलर से ही साफ हो जाना था कि खिलजी और पद्मावती के किरदार को फिल्म में कैसा दिखाया गया है. करणी सेना द्वारा फिल्म को लेकर जो भी बवाल किया गया है उसकी वजह वह चर्चा थी कि रानी पद्मावती और खिलजी के बीच फिल्म में कोई रिश्ता दिखाया गया है. खैर, ऐसा कुछ ट्रेलर में तो नहीं दिखा.

रानी पद्मावती और रतन सिंह दोनों ही राजपूती शान दिखा रहे हैं.

अगर ट्रेलर की बात की जाए तो लगता है जैसे संजय लीला भंसाली ने बाहुबली की भव्यता को दोहराने की कोशिश की है. खासतौर पर युद्ध के दौरान. फिल्म के विजुअल्स बहुत अच्छे हैं. रानी पद्मावती बनी दीपिका पादुकोण भी राजपूत आन-बान-शान लिए दिख रही है. महाराज रतन सिंह भी अपने किरदार में फिट हैं. हां उनकी जो आवाज है वो उतनी दमदार नहीं लगती. पूरे ट्रेलर में दो ही डायलॉग हैं. जो दोनों ही राजपूत आन-बान और शान को बताते हुए बोले गए हैं. एक राजा रतन सिंह का और एक रानी पद्मावती का, लेकिन बिना कुछ बोले अगर किसी ने इस ट्रेलर में जान डाली है तो वो है अलाउद्दीन खिलजी बने रणवीर सिंह ने.

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दीपिका का लुक बहुत ही अच्छा है

रणवीर के चेहरे पर जो बात है वो फिल्म देखने के लिए मजबूर कर देगी. एक हीरो किस हद तक विलेन दिख सकता है ये कोई रणवीर से पूछे. मतलब कमाल का लुक. विजुअल्स के साथ-साथ रणवीर सिंह वाकई इतने खिलजी लग रहे हैं कि ऑरिजनल को भी कॉम्‍प्‍लेक्‍स दे दें.

इस सीन में खिलजी की सवारी उसके दास उठा कर ला रहे हैं

इस ट्रेलर में अलग-अलग सीन में खिलजी की सनक, उसकी ताकत, उसका गुस्सा और गुरूर सब दिखा दिया गया. कुर्सी पर बैठे खिलजी को कई मर्द उठा कर ला रहे हैं और वो खुद एक फूल की खुश्बू का आनंद ले रहा है. खिलजी समलैंगिक था और शायद ये सीन उसी खूबी को दर्शा रहा है.

रानी पद्मावती और राजा रतन सिंह के रोल में दीपिका और शाहिद जंच रहे हैं, लेकिन वाकई इस फिल्म में शायद शाहिद और दीपिका का रोल खिलजी के आगे फीका पड़ जाए.

ये भी पढ़ें- काश ! एक फिल्म खिलजी और काफूर के प्यार पर बनती...

राजा रतन सिंह लुक के हिसाब से तो काफी रॉयल लग रहे हैं.,

आखिर क्यों 13:03 पर आया ट्रेलर...

इस ट्रेलर के 13:03 पर आने का कारण ये है कि अलाउद्दीन खिलजी ने 1303 में चितौड़ का किला जीता था. लड़ाई 8 महीनों तक चली थी और इसका कारण थीं रानी पद्मावती. खिलजी को सिर्फ चितौड़ का किला हासिल नहीं करना था बल्कि उसे रानी पद्मावती चाहिए थी.

फिल्म के सेट को भव्य बनाया गया है.

कौन था अलाउद्दीन खिलजी...

वह ख़िलजी वंश के संस्थापक जलालुद्दीन ख़िलजी का भतीजा और दामाद था. अलाउद्दीन ख़िलजी ने राज्य को पाने की चाह में अपने चाचा जलालुद्दीन की हत्या 22 अक्टूबर, 1296 को कर दी और दिल्ली में स्थित बलबन के लाल महल में अपनी ताजपोशी करवाई. मलिक मोहम्‍मद जायसी के लिखे ग्रंथ 'पद्मावत' में खिलजी के बारे में वर्णन कुछ यूं है -

चित्तौड़गढ़ को लूटने वाला अलाउद्दीन खिलजी राजसी सुंदरी रानी पद्मिनी को पाने के लिए कुछ भी करने के लिए तैयार था इसलिए उसने चित्तौड़ पर हमला कर दिया. रानी पद्मिनी ने आग में कूदकर जान दे दी, लेकिन अपनी आन-बान पर आँच नहीं आने दी. खिलजी ने एक योजना बनाकर महाराणा रतन सिंह के पास संधि करने का प्रस्ताव भिजवाया और कहा कि मैं मित्रता का इच्छुक हूं और मैंने रानी पद्मावती कि बड़ी तारीफ़ सुनी है मैं सिर्फ उन्‍हें देखना चाहता हूं. कुछ गिने चुने सिपाहियों के साथ एक मित्र के नाते चित्तौड़गढ़ में प्रवेश करना चाहता हूं. इससे मेरी बात भी रह जाएगी और आपकी भी, लेकिन इसके पीछे खिलजी की एक गहरी चाल थी.

रतन सिंह ने ये बात मान ली और उसी चाल के चलते खिलजी ने रतन सिंह को कब्जे में कर लिया और शर्त रखी कि जब तक रानी उसके पड़ाव में नहीं आएगी तब तक वो रतन सिंह को नहीं छोड़ेगा. रानी ने इसपर एक चाल चली और कहा कि जब तक वो राजा रतन सिंह से नहीं मिलेंगी. अपनी और दासियों की डोली में सैनिक भरकर भेज दिए. खिलजी के पड़ाव में जाते ही उन्होंने हमला कर दिया और इससे गुस्साए खिलजी ने चितौड़ किले पर चढ़ाई कर दी. कई दिनों तक घेराव किया गया जिससे राजपूती किले में खाने-पीने की भी कमी हो गई. लोगों ने खिलजी से संधी करने की कोशिश की और ये रानी पद्मावती को पसंद नहीं आया और इसी कारण उन्होंने और किले के अंदर मौजूद 16000 क्षत्रीय औरतों ने जौहर किया और आग में कूदकर अपनी जान दे दी.

फिल्‍म पद्मावती का ट्रेलर...


इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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