• होम
  • सियासत
  • समाज
  • स्पोर्ट्स
  • सिनेमा
  • सोशल मीडिया
  • इकोनॉमी
  • ह्यूमर
  • टेक्नोलॉजी
  • वीडियो
होम
सिनेमा

पुष्‍पा की कामयाबी से अतिउत्साहित साऊथ के सिनेमा वाले गलती नहीं करने जा रहे हैं?

    • मुकेश कुमार गजेंद्र
    • Updated: 25 जनवरी, 2022 11:05 PM
  • 25 जनवरी, 2022 11:05 PM
offline
Hindi Dubbed South Movies: अल्लू अर्जुन और रश्मिका मंदाना की फिल्म 'पुष्पा' पैन इंडिया लोकप्रियता को देखते हुए साउथ की कई पुरानी फिल्मों को हिंदी में डब करके रिलीज करने की तैयारी हो रही है. लेकिन साल या दो साल पहले रिलीज हुई इन फिल्मों को हिंदी में डब करके परोसना कहीं खतरनाक न साबित हो जाए?

कोरोना काल में फिल्म 'पुष्पा: द राइज' ने बॉक्स ऑफिस पर शानदार प्रदर्शन किया है. इससे साफ जाहिर होता है कि ये फिल्म लोगों को बहुत पसंद आई है. इसके साथ ही लोगों ने साउथ सिनेमा के सुपरस्टार अल्लू अर्जुन की अदाकारी को भी खूब पसंद किया है. तभी तो उनको 'बाहुबली' प्रभास के बाद अब पैन इंडिया सुपरस्टार कहा जाने लगा है. यही वजह है कि उनकी लोकप्रियता को भुनाने के लिए उनकी तेलुगू फिल्म 'अला वैकुंठपुरमलो' को हिंदी में डब करके ओटीटी और टीवी पर रिलीज किया जा रहा है.

हालांकि, इसे पहले 26 जनवरी को सिनेमाघरों में रिलीज किया जाना था, लेकिन हिंदी रीमेक फिल्म 'शहजादा' के मेकर्स की आपत्ति के बाद फिल्म को थियेटर में रिलीज नहीं किया गया. डायरेक्टर त्रिविक्रम श्रीनिवास के निर्देशन में बनी ये फिल्म वैसे साल 2020 में तेलुगू भाषा में सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है. इतना ही नहीं 100 करोड़ बजट में बनी इस ब्लॉकबस्टर फिल्म ने 270 करोड़ रुपए का बॉक्स ऑफिस कलेक्शन भी किया था.

ये अच्छी बात है कि फिल्म 'पुष्पा: द राइज' को हिंदी में रिलीज करने वाली कंपनी गोल्डमाइंस टेलीफिल्म्स के मुखिया मनीष शाह ने मुनाफा कमाने के लिए साउथ की कई पुरानी फिल्मों के हिंदी राइट्स फटाफट खरीद लिए. उनको 'पुष्पा' से करीब 40 करोड़ रुपए का फायदा हुआ था, इसलिए उन्होंने सबसे अल्लू अर्जुन की ब्लॉकबस्टर फिल्म 'अला वैकुंठपुरमलो' को हिंदी में डब करके रिलीज करने का ऐलान कर दिया. लेकिन वो शायद भूल गए कि इस फिल्म के हिंदी रीमेक राइट्स पहले ही गीता आर्ट्स और टी-सीरिज ने खरीद लिए हैं.

इसी पर फिल्म 'शहजादा' बन रही है, जिसमें कार्तिक आर्यन और कृति सेनन लीड रोल में हैं. इतना ही नहीं लोकप्रियता के नाम पर बासी, पुरानी, पहले रिलीज हो चुकी साउथ की फिल्मों को हिंदी में डब करके सिनेमाघरों में रिलीज किए जाने की इस परंपरा की शुरूआत करना बॉलीवुड, कॉलीवुड और मॉलीवुड सहित हर फिल्म इंडस्ट्री के लिए खतरनाक साबित हो सकता है, क्योंकि ज्यादा मुनाफा कमाना घाटे का सौदा बन सकता है.

कोरोना काल में फिल्म 'पुष्पा: द राइज' ने बॉक्स ऑफिस पर शानदार प्रदर्शन किया है. इससे साफ जाहिर होता है कि ये फिल्म लोगों को बहुत पसंद आई है. इसके साथ ही लोगों ने साउथ सिनेमा के सुपरस्टार अल्लू अर्जुन की अदाकारी को भी खूब पसंद किया है. तभी तो उनको 'बाहुबली' प्रभास के बाद अब पैन इंडिया सुपरस्टार कहा जाने लगा है. यही वजह है कि उनकी लोकप्रियता को भुनाने के लिए उनकी तेलुगू फिल्म 'अला वैकुंठपुरमलो' को हिंदी में डब करके ओटीटी और टीवी पर रिलीज किया जा रहा है.

हालांकि, इसे पहले 26 जनवरी को सिनेमाघरों में रिलीज किया जाना था, लेकिन हिंदी रीमेक फिल्म 'शहजादा' के मेकर्स की आपत्ति के बाद फिल्म को थियेटर में रिलीज नहीं किया गया. डायरेक्टर त्रिविक्रम श्रीनिवास के निर्देशन में बनी ये फिल्म वैसे साल 2020 में तेलुगू भाषा में सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है. इतना ही नहीं 100 करोड़ बजट में बनी इस ब्लॉकबस्टर फिल्म ने 270 करोड़ रुपए का बॉक्स ऑफिस कलेक्शन भी किया था.

ये अच्छी बात है कि फिल्म 'पुष्पा: द राइज' को हिंदी में रिलीज करने वाली कंपनी गोल्डमाइंस टेलीफिल्म्स के मुखिया मनीष शाह ने मुनाफा कमाने के लिए साउथ की कई पुरानी फिल्मों के हिंदी राइट्स फटाफट खरीद लिए. उनको 'पुष्पा' से करीब 40 करोड़ रुपए का फायदा हुआ था, इसलिए उन्होंने सबसे अल्लू अर्जुन की ब्लॉकबस्टर फिल्म 'अला वैकुंठपुरमलो' को हिंदी में डब करके रिलीज करने का ऐलान कर दिया. लेकिन वो शायद भूल गए कि इस फिल्म के हिंदी रीमेक राइट्स पहले ही गीता आर्ट्स और टी-सीरिज ने खरीद लिए हैं.

इसी पर फिल्म 'शहजादा' बन रही है, जिसमें कार्तिक आर्यन और कृति सेनन लीड रोल में हैं. इतना ही नहीं लोकप्रियता के नाम पर बासी, पुरानी, पहले रिलीज हो चुकी साउथ की फिल्मों को हिंदी में डब करके सिनेमाघरों में रिलीज किए जाने की इस परंपरा की शुरूआत करना बॉलीवुड, कॉलीवुड और मॉलीवुड सहित हर फिल्म इंडस्ट्री के लिए खतरनाक साबित हो सकता है, क्योंकि ज्यादा मुनाफा कमाना घाटे का सौदा बन सकता है.

कोरोना काल में आर्थिक नुकसान झेल चुकी फिल्म इंडस्ट्री के हाथ अब जादू की छड़ी लग चुकी है.

कबीरदास जी ने भी कहा है, ''अति का भला न बोलना अति की भली न चुप अति का भला न बरसना अति की भली न धूप'' यानी अति हर चीज की बुरी होती है. यह भी सच कहा गया है, ''अति सर्वत्र वर्जयेत्''. अति करने से हमेशा बचना चाहिए, क्योंकि इसका परिणाम हमेशा घातक होता है. इसलिए साउथ की पुरानी फिल्मों को हिंदी में डब करके रिलीज किया जाना घाटे का सौदा बन सकता है, जिसका पहला कारण ये है कि लाभ कामने की प्रतिस्पर्धा में बहुत सारी साउथ की फिल्में एक साथ हिंदी में डब होकर रिलीज होने लगेंगी. इससे लोगों का मन भर जाएगा. वर्तमान में ही देख लीजिए. इस वक्त करीब पांच बड़े बैनर की फिल्मों को हिंदी में डब करके रिलीज किए जाने की योजना बन चुकी है.

इनमें तेलुगू एक्शन ड्रामा फिल्म 'अला वैकुंठपुरमलो' के अलावा साल 2019 में रिलीज तमिल एक्शन-ड्रामा फिल्म 'विश्वासम' है, जिसे शिवा ने लिखा और निर्देशित किया है. साल 2017 में रिलीज हुई तमिल एक्शन थ्रिलर फिल्म 'मेर्सल' है, जिसको एटली ने निर्देशित किया है. साल 2018 में रिलीज हुई तेलुगू फिल्म 'रंगस्थलम' है, जिसे सुकुमार ने निर्देशित किया है. ये सभी फिल्में इसी साल हिंदी में डब करके सिनेमाघरों में रिलीज की जाने वाली हैं.

इसका दूसरा सबसे कारण ये है कि पैन इंडिया लेवल पर बनने वाली फिल्मों की तैयारी अलग तरीके से की जाती है. इसलिए उनका मुकाबला हिंदी डब फिल्में कभी नहीं कर सकती हैं. यदि आप ध्यान से देखेंगे तो पैन इंडिया रिलीज होने वाली ज्यादातर फिल्मों में साउथ और नॉर्थ दोनों ही जगहों के कलाकारों को शामिल किया जाता है. ताकि ऑडिएंश अपने स्टार के जरिए भी फिल्म से कनेक्ट कर सके. उदाहरण के लिए एसएस राजामौली की फिल्म 'आरआरआर' में साउथ के सुपरस्टार्स जूनियर एनटीआर और राम चरण के साथ बॉलीवुड एक्ट्रेस आलिया भट्ट और एक्टर अजय देवगन नजर आने वाले हैं. फिल्म 'आदिपुरुष' में प्रभास के साथ कृति सैनन और सैफ अली खान, फिल्म 'लाइगर' में विजय देवरकोंडा और राम्या कृष्णा के साथ अनन्या पांडे नजर आएंगी.

ऐसे ही हालिया रिलीज फिल्म 'अतरंगी रे' में अक्षय कुमार और सारा अली खान के साथ साउथ सुपरस्टार धनुष अहम रोल में नजर आए थे. इस तरह दर्शकों को पैन इंडिया स्तर पर नए फॉर्मूले से बनी फिल्में देखने को मिल रही हैं. ये फिल्में एक साथ सभी भाषाओं जैसे हिंदी, तमिल, तेलुगू, कन्नड और मलयालम में रिलीज हो रही हैं. इनकी मेकिंग भी उसी तरह से की जा रही है.

हिंदी फिल्मों में म्युजिक का अहम रोल होता है. बॉलीवुड में तो म्युजिक के बिना फिल्मों की कल्पना भी नहीं की जा सकती है. साउथ सिनेमा की फिल्में लंबे समय बाद हिंदी में डब करते समय सबसे बड़ी समस्या गानों के डबिंग के वक्त होती है. यही वजह है कि ज्यादातर गाने हटा दिए जाते हैं या फिर बेसिर पैर की हिंदी लिरिक्स और धुन के साथ गानों को डब कर दिया जाता है. यह दर्शकों के लिए एक बहुत ही खराब अनुभव होता है. वहीं पैन इंडिया फिल्में जिन्हें अलग-अलग भाषाओं में रिलीज करना होता है, तो उसके म्युजिक की तैयारी हर भाषा के हिसाब से अलग-अलग की जाती है.

इसके लिए हर भाषा की फिल्म इंडस्ट्री से गायक, गीतकार और कई बार संगीतकार भी अलग-अलग लिए जाते हैं, जो फिल्म के हिसाब से अपनी भाषा में गाना तैयार करते हैं. उदाहरण के लिए फिल्म पुष्पा का आइटम सॉन्ग 'ओ अंतवा ओ ओ अंतवा' को ही ले लीजिए, जिसे साउथ की एक्ट्रेस सामंथा रूथ प्रभु पर फिल्माया गया है. इसे हिंदी, तमिल और तेलुगू में अलग-अलग तैयार किया गया है. तेलुगू में उसका बोल 'ओ अंतवा ओ ओ अंतवा' है, तो हिंदी में 'ऊ ऊ बोलेगा साला' है. इसे तेलुगू में इंद्रावती चौहान ने गया है, तो हिंदी में कनिका कपूर ने आवाज दी है.

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

ये भी पढ़ें

Read more!

संबंधि‍त ख़बरें

  • offline
    सत्तर के दशक की जिंदगी का दस्‍तावेज़ है बासु चटर्जी की फिल्‍में
  • offline
    Angutho Review: राजस्थानी सिनेमा को अमीरस पिलाती 'अंगुठो'
  • offline
    Akshay Kumar के अच्छे दिन आ गए, ये तीन बातें तो शुभ संकेत ही हैं!
  • offline
    आजादी का ये सप्ताह भारतीय सिनेमा के इतिहास में दर्ज हो गया है!
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.

Read :

  • Facebook
  • Twitter

what is Ichowk :

  • About
  • Team
  • Contact
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.
▲