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RRR के अलावा भारत के दो और Oscar nomination, बस चर्चा नहीं हो रही है!

    • बिलाल एम जाफ़री
    • Updated: 24 जनवरी, 2023 09:28 PM
  • 24 जनवरी, 2023 09:28 PM
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साल 2023 के ऑस्कर्स में सिर्फ RRR के गाने नाटू-नाटू का जलवा नहीं है. भारत से गयी दो और फ़िल्में हैं जिनके आगे विदेशी ज्यूरी नतमस्तक हो गयी है. हम जिन दो फिल्मों की बात कर रहे हैं उनमें से एक All That Breathes डाक्यूमेंट्री फीचर केटेगरी में नॉमिनेट हुई है. जबकि दूसरी फिल्म The Elephant Whisperers को डाक्यूमेंट्री शॉर्ट केटेगरी में नॉमिनेट किया गया है.

Oscars 2023 : 24 जनवरी 2022 आगे आने वाले समय में जब भी इस तारीख को याद किया जाएगा भारतीय सिनेमा को सुखद अनुभूति होगी. ऑस्कर्स 2023 में भारतीय फिल्मों ने तमाम तरह के मिथक तोड़ दिए हैं. पहले गोल्डन ग्लोब फिर क्रिटिक्स चॉइस अवार्ड जीतने के बाद एसएस राजामौली की फिल्म RRR के गाने नाटू-नाटू ने ऑस्कर्स की Best Original Song केटेगरी में जगह बना ली है. ये बात जगजाहिर है कि राजामौली की RRR को लेकर चर्चाओं का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है. जैसे विश्व के बड़े बड़े फिल्म निर्माता और निर्देशकों ने फिल्म और फिल्म के गाने नाटू-नाटू की शान में कसीदे पढ़े हैं. हमें तब बिलकुल भी हैरत में नहीं आना चाहिए जब हम ये सुनें कि ऑस्कर्स 2023 में बेस्ट ओरिजिनल सॉन्ग का ख़िताब RRR ने अपने नाम किया है. लेकिन क्या आप को पता है कि साल 2023 के ऑस्कर्स में सिर्फ RRR के गाने नाटू-नाटू का जलवा नहीं है. भारत से गयी दो और फ़िल्में हैं जिनके आगे विदेशी ज्यूरी नतमस्तक हो गयी है. भले ही इन दो फिल्मों को लेकर कोई खास परिचर्चा नहीं हुई है लेकिन चाहे वो थीम हो, चाहे प्लॉट हो या फिल्म के पीछे का संदेश इन दो फिल्मों में ऐसा बहुत कुछ है जो सिनेमा का उसपर भी भारतीय सिनेमा का सबसे खूबसूरत रंग है.

सिर्फ RRRनहीं डीओ और फ़िल्में हैं जिन्होंने ऑस्कर्स में भारतीय सिनेमा का डंका बजाया है

हम जिन दो फिल्मों की बात कर रहे हैं उनमें से एक All That Breathes डाक्यूमेंट्री फीचर केटेगरी में नॉमिनेट हुई है. जबकि दूसरी फिल्म The Elephant Whisperers को डाक्यूमेंट्री शॉर्ट केटेगरी में नॉमिनेट किया गया है. तो आइये जानें कि, आखिर इन दो फिल्मों में ऐसा क्या है? जिसने दुनिया भर के फिल्म फेस्टिवल्स में न केवल भारत का परचम बुलंद किया है. बल्कि ये भी बताया है कि जब बात क्वॉलिटी सिनेमा की...

Oscars 2023 : 24 जनवरी 2022 आगे आने वाले समय में जब भी इस तारीख को याद किया जाएगा भारतीय सिनेमा को सुखद अनुभूति होगी. ऑस्कर्स 2023 में भारतीय फिल्मों ने तमाम तरह के मिथक तोड़ दिए हैं. पहले गोल्डन ग्लोब फिर क्रिटिक्स चॉइस अवार्ड जीतने के बाद एसएस राजामौली की फिल्म RRR के गाने नाटू-नाटू ने ऑस्कर्स की Best Original Song केटेगरी में जगह बना ली है. ये बात जगजाहिर है कि राजामौली की RRR को लेकर चर्चाओं का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है. जैसे विश्व के बड़े बड़े फिल्म निर्माता और निर्देशकों ने फिल्म और फिल्म के गाने नाटू-नाटू की शान में कसीदे पढ़े हैं. हमें तब बिलकुल भी हैरत में नहीं आना चाहिए जब हम ये सुनें कि ऑस्कर्स 2023 में बेस्ट ओरिजिनल सॉन्ग का ख़िताब RRR ने अपने नाम किया है. लेकिन क्या आप को पता है कि साल 2023 के ऑस्कर्स में सिर्फ RRR के गाने नाटू-नाटू का जलवा नहीं है. भारत से गयी दो और फ़िल्में हैं जिनके आगे विदेशी ज्यूरी नतमस्तक हो गयी है. भले ही इन दो फिल्मों को लेकर कोई खास परिचर्चा नहीं हुई है लेकिन चाहे वो थीम हो, चाहे प्लॉट हो या फिल्म के पीछे का संदेश इन दो फिल्मों में ऐसा बहुत कुछ है जो सिनेमा का उसपर भी भारतीय सिनेमा का सबसे खूबसूरत रंग है.

सिर्फ RRRनहीं डीओ और फ़िल्में हैं जिन्होंने ऑस्कर्स में भारतीय सिनेमा का डंका बजाया है

हम जिन दो फिल्मों की बात कर रहे हैं उनमें से एक All That Breathes डाक्यूमेंट्री फीचर केटेगरी में नॉमिनेट हुई है. जबकि दूसरी फिल्म The Elephant Whisperers को डाक्यूमेंट्री शॉर्ट केटेगरी में नॉमिनेट किया गया है. तो आइये जानें कि, आखिर इन दो फिल्मों में ऐसा क्या है? जिसने दुनिया भर के फिल्म फेस्टिवल्स में न केवल भारत का परचम बुलंद किया है. बल्कि ये भी बताया है कि जब बात क्वॉलिटी सिनेमा की होगी भारतीय फ़िल्में और भारतीय निर्देशक भी किसी से कम नहीं हैं.

All That Breathes

शौनक सेन की ‘ऑल दैट ब्रीथ्स’ अपने आप में एक बेहद अनूठी कहानी है. जो दिल्ली के दो भाइयों नदीम और सऊद के इर्द गिर्द घूमती है. दिल्ली की आबो हवा कैसी है? इस जानकारी को रोज हम ख़बरों में देखते हैं ऐसी परिस्थितियों में नदीम और सऊद माइग्रेंट ब्लैक काइट्स को बचाने या ये कहें कि उनके संरक्षण में अपनी जान लगा देते हैं. इस फिल्म के आने से पहले शायद ही कभी किसी फिल्म मेकर ने ये सोचा हो कि चीलों का भी संरक्षण हो सकता है उन पर भी फिल्म बन सकती है.

जब आप इस डाक्यूमेंट्री को देखेंगे तो पाएंगे कि दिल्ली जैसे एक ऐसे शहर में जहां भारी भीड़ है. तारों का जाल है. आसमान में उड़ती पतंगे हैं किसी भी पर्यावरण के प्रेमी के लिए चील जैसी चीज को बचाना आसान नहीं होगा. फिल्म का हर एक शॉट विषय पर निर्देशक की पैनी नजर को दर्शाता है.

ऑल दैट ब्रीथ्स, जिस तरह की फिल्म है. इससे न केवल पर्यावरण संरक्षण का बड़ा मैसेज मिलता है बल्कि इस बात का भी एहसास होता है कि पर्यावरण के प्रति और उसमें रह रहे जीव जंतुओं के प्रति हमारी जिम्मेदारी क्या है. बाकी इस फिल्म ने कांस समेत कई महत्वपूर्ण फिल्म फेस्टिवल्स में अपना लोहा मनवाया है इसलिए यदि ये फिल्म ऑस्कर्स जीत जाती है तो हमें आश्चर्य में बिलकुल नहीं आना चाहिए.

The Elephant Whisperers

शॉर्ट स्ट्रीमिंग डॉक्यूमेंट्री द एलीफेंट व्हिस्पर्स दक्षिण भारत में रह रहे एक कपल और एक अनाथ हाथी, रघु के साथ उनकी बॉन्डिंग की कहानी है. कार्तिकी गोंजाल्विस के निर्देशन में बनी द एलीफेंट व्हिस्पर्स का निर्माण गुनीत मोंगा और अचिन जैन ने किया है. जैसे आप इस शॉर्ट डाक्यूमेंट्री को देखेंगे आपको एहसास होगा कि एक जानवर की भी भावनाएं और संवेदनाएं हैं.

फिल्म जहां एक तरफ हाथियों और अन्य जीवित प्राणियों के साथ हमारे संबंध को बेहतर ढंग से समझाने में मददगार साबित होगी तो वहीं दूसरी तरफ इस फिल्म को भी देखते हुए आपको इस बात का एहसास होगा की एक इंसान के रूप में हमारे लिए पर्यावरण और उसके संरक्षण की क्या अहमियत है.

फिल्म ओटीटी प्लेटफॉर्म नेटफ्लिक्स पर मौजूद है. और इसे हर उस इंसान को देखना चाहिए जो प्रकृति प्रेमी है और इस बात को समझता है कि वास्तविक सुंदरता तभी है जब हम अपने आस पास रह रहे जानवरों से तालमेल बैठा कर रह पाएं. बाकी इस फिल्म को उन लोगों को भी देखना चाहिए जो भारतीय सिनेमा के तहत इस शिकायत को करते हैं कि यहां निर्देशक न तो अच्छी फिल्म बना पाता है और न ही सिनेमेटोग्राफर उसे शूट कर पाता है. द एलीफेंट व्हिस्पर्स जिस तरह बनी है, हमें पूरा यकीन है कि वो ऑस्कर्स का प्रतिष्ठित पुरस्कार जीतेगी.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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