• होम
  • सियासत
  • समाज
  • स्पोर्ट्स
  • सिनेमा
  • सोशल मीडिया
  • इकोनॉमी
  • ह्यूमर
  • टेक्नोलॉजी
  • वीडियो
होम
सिनेमा

कंगना-ऋतिक कॉन्ट्रोवर्सी में नया ज़हर घोल दिया गया है...

    • शिवांगी ठाकुर
    • Updated: 08 अक्टूबर, 2017 04:08 PM
  • 08 अक्टूबर, 2017 04:08 PM
offline
कंगना रनौत से रिलेशनशिप को लेकर बीती रात ऋतिक रोशन ने पहली बार अपना मुंह खोला. लेकिन ऐसा करने से क्या वाकई उन्हें फायदा हुआ?

कंगना रनौट और ऋतिक रौशन, आज ये दो नाम गॉसिप मॉंगर्स की लिस्ट में सबसे ऊपर हैं. ये पूरी कॉन्ट्रोवर्सी दो शब्दों को लेकर शुरू हुई थी और वो शब्द थे 'silly ex'. खैर अब ये 'silly ex' शब्द भी इस कॉन्ट्रोवर्सी के बाद दो भागों में बंट गया है. दो लोग केवल 'ex' रह गए हैं और बाकी पूरी दुनिया इनकी कॉन्ट्रोवर्सी के चलते 'silly'.

कंगना-ऋतिक मामले में कौन सच बोल रहा है और कौन झूठ ये तो ऊपरवाला ही जानता है. लेकिन जनता अब धीरे धीरे कुछ बातों को समझ गयी है. पहले छुप-छुप कर इस कॉन्ट्रवर्सी पर बोलने वाले ये दोनों स्टार्स अब जनता के सामने आकर बोलने लगे हैं. माना कि ये दोनों ही एक्टर हैं और एक्टिंग के मामले में इनका कोई सानी नहीं. लेकिन रील लाइफ से हटकर रियल लाइफ की इस कॉन्ट्रोवर्सी में भी ये दोनों स्टार्स जमकर एक्टिंग कर रहे हैं.

ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि इस मामले पर कंगना और ऋतिक दोनों ने ही अपने-अपने इंटरव्यू दिए हैं और इंटरव्यू के बाद सभी की ओर से अब प्रतिक्रियाएं भी आने लगी हैं. लेकिन अब लगता है जैसे इस मामले में कंगना कहीं बाज़ी तो नहीं मार ले गयी? ऐसा हम नहीं, लोग कह रहे हैं. कंगना और ऋतिक के इंटरव्यू को अगर अलग-अलग देखा जाए और उसका आंकलन किया जाए, तो ये साफ दिखाई देता है कि दोनों अपने-अपने इंटरव्यू में एक निपुण कलाकार की तरह बयानबाज़ी कर रहे हैं.

लेकिन ऋतिक के इंटरव्यू पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं, जो कि कंगना के इंटरव्यू पर खड़े नहीं हुए थे. ऋतिक आखिरकार जब इतने समय बाद कैमरे पर इस मामले पर बोलने आये तो आखिर क्यों उन्होंने सभी सवालों के जवाब बेबाकी से नही दिए? क्या ऋतिक के पास ये सुनहरा मौका नहीं था जब वो अपना पक्ष बेबाकी से सबके सामने रख सकते थे? क्या ऋतिक का ये इंटरव्यू इस बात का प्रतीक है कि या तो ऋतिक डरे हुए हैं या फिर कुछ छुपा रहे हैं? हो सकता है कंगना भी इस मामले में झूठ बोल रही हो. लेकिन जिस बेबाकी से कंगना ने अपने इंटरव्यू में अपना पक्ष रखा है उससे साफ जाहिर है कि कंगना यूंही नेशनल अवार्ड नहीं ले गयी.

कंगना रनौट और ऋतिक रौशन, आज ये दो नाम गॉसिप मॉंगर्स की लिस्ट में सबसे ऊपर हैं. ये पूरी कॉन्ट्रोवर्सी दो शब्दों को लेकर शुरू हुई थी और वो शब्द थे 'silly ex'. खैर अब ये 'silly ex' शब्द भी इस कॉन्ट्रोवर्सी के बाद दो भागों में बंट गया है. दो लोग केवल 'ex' रह गए हैं और बाकी पूरी दुनिया इनकी कॉन्ट्रोवर्सी के चलते 'silly'.

कंगना-ऋतिक मामले में कौन सच बोल रहा है और कौन झूठ ये तो ऊपरवाला ही जानता है. लेकिन जनता अब धीरे धीरे कुछ बातों को समझ गयी है. पहले छुप-छुप कर इस कॉन्ट्रवर्सी पर बोलने वाले ये दोनों स्टार्स अब जनता के सामने आकर बोलने लगे हैं. माना कि ये दोनों ही एक्टर हैं और एक्टिंग के मामले में इनका कोई सानी नहीं. लेकिन रील लाइफ से हटकर रियल लाइफ की इस कॉन्ट्रोवर्सी में भी ये दोनों स्टार्स जमकर एक्टिंग कर रहे हैं.

ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि इस मामले पर कंगना और ऋतिक दोनों ने ही अपने-अपने इंटरव्यू दिए हैं और इंटरव्यू के बाद सभी की ओर से अब प्रतिक्रियाएं भी आने लगी हैं. लेकिन अब लगता है जैसे इस मामले में कंगना कहीं बाज़ी तो नहीं मार ले गयी? ऐसा हम नहीं, लोग कह रहे हैं. कंगना और ऋतिक के इंटरव्यू को अगर अलग-अलग देखा जाए और उसका आंकलन किया जाए, तो ये साफ दिखाई देता है कि दोनों अपने-अपने इंटरव्यू में एक निपुण कलाकार की तरह बयानबाज़ी कर रहे हैं.

लेकिन ऋतिक के इंटरव्यू पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं, जो कि कंगना के इंटरव्यू पर खड़े नहीं हुए थे. ऋतिक आखिरकार जब इतने समय बाद कैमरे पर इस मामले पर बोलने आये तो आखिर क्यों उन्होंने सभी सवालों के जवाब बेबाकी से नही दिए? क्या ऋतिक के पास ये सुनहरा मौका नहीं था जब वो अपना पक्ष बेबाकी से सबके सामने रख सकते थे? क्या ऋतिक का ये इंटरव्यू इस बात का प्रतीक है कि या तो ऋतिक डरे हुए हैं या फिर कुछ छुपा रहे हैं? हो सकता है कंगना भी इस मामले में झूठ बोल रही हो. लेकिन जिस बेबाकी से कंगना ने अपने इंटरव्यू में अपना पक्ष रखा है उससे साफ जाहिर है कि कंगना यूंही नेशनल अवार्ड नहीं ले गयी.

कंगना ने बाजी मार ली...

ऋतिक चाहते तो वो भी इस इंटरव्यू में बेहतरीन अदाकारी का उदाहरण दे सकते थे और कंगना से बेहतर परफॉर्म कर सकते थे पर उन्होंने ऐसा नहीं किया. तो क्या ऋतिक sympathy game खेलना चाह रहे थे? अगर हां, तो यकीन मानिए ऋतिक इस मामले में भी फेल साबित हुये हैं. ऋतिक के इंटरव्यू के बाद ना सिर्फ बॉलीवुड कवर करने वाले पत्रकार बल्कि आम जनता भी यही कह रही है कि काश ऋतिक ने ये इंटरव्यू दिया ही नहीं होता. तब शायद इतनी निराशा ना होती.

ऋतिक अपना पक्ष रखने में विफल रहे. ऋतिक खुद इतने कंफ्यूज दिखाई दिए कि वो ना खुद अपनी बातें समझ पाये और ना लोगों को समझा पाए. खैर बातें तो कंगना की भी लोगों को समझ नहीं आई कि वो झूठ कह रही हैं या सही. लेकिन कंगना इस इंटरव्यू कला में बाज़ी मार ले गयी. ऐसा मैं नहीं, ऐसा लोग कह रहे हैं.

जी हां, सोशल मीडिया के अलावा भी लोग इस दुनिया मे रहते हैं और सभी चीज़ों को अपनी पारखी नज़रों से देखते हैं. और उन्हीं पारखी नज़रों वाले लोगों से जब इस मुद्दे पर बात की गई तो ये साफ हुआ कि झूठ के इस इंटरव्यू के खेल में कंगना बाज़ी मार ले गयी. ऋतिक चाहते तो बहुत कुछ कह सकते थे. आखिरकार कंप्लेंट तो उन्हीं की तरफ से की गई है फिर 'साँच को आंच कैसा?'

लेकिन ऋतिक के इंटरव्यू से आंच तो छोड़िए, माचिस की तीली भर आग भी नहीं लग पाई. दूसरी ओर कंगना के इंटरव्यू में ज्वालामुखी फूट रहा था. अब चाहे जो हो लेकिन दुनिया समझ गयी है ऋतिक कि या तो आप सच बोलो, या फिर झूठ भी ऐसा बोलो की सच लगे. लेकिन यकीन मानिए ऋतिक आप ये दोनों नहीं कर पाए.

आशा करती हूं अगली बार जब आप इंटरव्यू देंगे तो अपना होमवर्क पूरा करके आएंगे और आप इस तरह फेल नहीं होंगे. आपका फेल होना किसी और के लिए पास होना है और वो भी बिना किसी प्रयास के. साथ ही अब कुछ पत्रकारों के लिए ये कॉन्ट्रोवर्सी लगभग खत्म हो चुकी है. क्योंकि हमने आंक लिया है कि कौन सच्चा है और कौन झूठा. अब ये आप दोनों सोचिए कि हमने किसे सच्चा माना है और किसे झूठा... आखिर हम भी तो पिछले कुछ सालों से ये गेस करते आये हैं कि कंगना और ऋतिक के बीच आखिर कौन सच्चा है और कौन झूठा... तो अब आपकी बारी... keep guessing!

ये भी पढ़ें-

कंगना का नाम लिए बिना ऋतिक ने नया बम फेंक दिया है...

कंगना के मामले में ऋतिक से बड़ी अपराधी सुजैन हैं

जानिए कंगना में ही दम है या 'सिमरन' में भी...

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

ये भी पढ़ें

Read more!

संबंधि‍त ख़बरें

  • offline
    सत्तर के दशक की जिंदगी का दस्‍तावेज़ है बासु चटर्जी की फिल्‍में
  • offline
    Angutho Review: राजस्थानी सिनेमा को अमीरस पिलाती 'अंगुठो'
  • offline
    Akshay Kumar के अच्छे दिन आ गए, ये तीन बातें तो शुभ संकेत ही हैं!
  • offline
    आजादी का ये सप्ताह भारतीय सिनेमा के इतिहास में दर्ज हो गया है!
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.

Read :

  • Facebook
  • Twitter

what is Ichowk :

  • About
  • Team
  • Contact
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.
▲