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Maja Ma Movie Review: माधुरी दीक्षित की फिल्म को देखकर मजा नहीं आया!

    • मुकेश कुमार गजेंद्र
    • Updated: 11 अक्टूबर, 2022 10:00 PM
  • 11 अक्टूबर, 2022 10:00 PM
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Maja Ma Movie Review in Hindi: समलैंगिक संबंधों पर आधारित फिल्म 'मजा मा' अमेजन प्राइम वीडियो पर स्ट्रीम हो रही है. इसमें एक समलैंगिक महिला किरदार के जरिए पूरे समुदाय की समस्याओं पर प्रकाश डाला गया है. माधुरी दीक्षित ने लेस्बियन महिला का किरदार निभाया है. गजराज राव और ऋत्विक भौमिक अहम रोल में हैं.

सामाजिक सरोकारों के लिए फिल्म इंडस्ट्री हमेशा मुखर रही है. जब लोग समलैंगिकता पर बात करने से परहेज करते थे. इसे समाज में अपराध माना जाता था. लोग इस पर बात करने से डरते थे. उस वक्त भी कई फिल्मों में समलैंगिक संबंधों पर आधारित कहानियां दिखाई गईं. उन फिल्मों का विरोध भी हुआ, लेकिन फिल्म इंडस्ट्री कभी पीछे नहीं हटी. समलैंगिकों के अधिकार की इस लड़ाई में हमेशा उनके साथ रही है. फिल्मों के जरिए लोगों को जागरूक करती रही. ऐसी ही एक फिल्म 'मजा मा' ओटीटी प्लेटफॉर्म अमेजन प्राइम वीडियो पर स्ट्रीम हो रही है. इसमें बॉलीवुड एक्ट्रेस माधुरी दीक्षित ने लेस्बियन महिला का किरदार निभाया है. उनके साथ गजराज राव, ऋत्विक भौमिक, बरखा सिंह, रजित कपूर, शीबा चड्ढा, निनाद कामत, केविन दवे और सिमोन सिंह भी लीड रोल में हैं.

आनंद तिवारी के निर्देशन में बनी फिल्म 'मजा मा' की कहानी सुमित बथेजा ने लिखी है. आनंद तिवारी 'स्लमडॉग मिलियनेयर' जैसी फिल्म और 'बंदिश बैंडिट्स' जैसी वेब सीरीज बना चुके हैं. वहीं, सुमित बथेजा 'लव शव ते चिकन खुराना' और 'जुग जुग जिओ' जैसी फिल्मों की कहानी लिख चुके हैं. आनंद और सुमित के जोड़ी के एक साथ होने के बावजूद फिल्म 'मजा मा' वैसी मजा नहीं दे पा रही है, जैसी कि ट्रेलर देखने के बाद उम्मीद जताई जा रही थी. फिल्म में माधुरी दीक्षित की मौजूदगी एक आस जगाती है, लेकिन अब उनके कंधों में उतना दम नहीं रह गया है कि वो किसी फिल्म को अकेले पार लगा सके. इसके लिए गजराज राव और ऋत्विक भौमिक कलाकारों को अपनी तरह से ज्यादा मेहनत करने की जरूरत थी, लेकिन फिल्म की कहानी कमजोर पड़ने की वजह से वो भी कुछ नहीं कर पाए हैं.

Maja Ma फिल्म की कहानी

फिल्म 'मजा मा' की कहानी एक परफेक्ट महिला की डार्क पास्ट से जुड़ी हुई है. गुजरात की राजधानी अहमदाबाद में रहने वाली पल्लवी...

सामाजिक सरोकारों के लिए फिल्म इंडस्ट्री हमेशा मुखर रही है. जब लोग समलैंगिकता पर बात करने से परहेज करते थे. इसे समाज में अपराध माना जाता था. लोग इस पर बात करने से डरते थे. उस वक्त भी कई फिल्मों में समलैंगिक संबंधों पर आधारित कहानियां दिखाई गईं. उन फिल्मों का विरोध भी हुआ, लेकिन फिल्म इंडस्ट्री कभी पीछे नहीं हटी. समलैंगिकों के अधिकार की इस लड़ाई में हमेशा उनके साथ रही है. फिल्मों के जरिए लोगों को जागरूक करती रही. ऐसी ही एक फिल्म 'मजा मा' ओटीटी प्लेटफॉर्म अमेजन प्राइम वीडियो पर स्ट्रीम हो रही है. इसमें बॉलीवुड एक्ट्रेस माधुरी दीक्षित ने लेस्बियन महिला का किरदार निभाया है. उनके साथ गजराज राव, ऋत्विक भौमिक, बरखा सिंह, रजित कपूर, शीबा चड्ढा, निनाद कामत, केविन दवे और सिमोन सिंह भी लीड रोल में हैं.

आनंद तिवारी के निर्देशन में बनी फिल्म 'मजा मा' की कहानी सुमित बथेजा ने लिखी है. आनंद तिवारी 'स्लमडॉग मिलियनेयर' जैसी फिल्म और 'बंदिश बैंडिट्स' जैसी वेब सीरीज बना चुके हैं. वहीं, सुमित बथेजा 'लव शव ते चिकन खुराना' और 'जुग जुग जिओ' जैसी फिल्मों की कहानी लिख चुके हैं. आनंद और सुमित के जोड़ी के एक साथ होने के बावजूद फिल्म 'मजा मा' वैसी मजा नहीं दे पा रही है, जैसी कि ट्रेलर देखने के बाद उम्मीद जताई जा रही थी. फिल्म में माधुरी दीक्षित की मौजूदगी एक आस जगाती है, लेकिन अब उनके कंधों में उतना दम नहीं रह गया है कि वो किसी फिल्म को अकेले पार लगा सके. इसके लिए गजराज राव और ऋत्विक भौमिक कलाकारों को अपनी तरह से ज्यादा मेहनत करने की जरूरत थी, लेकिन फिल्म की कहानी कमजोर पड़ने की वजह से वो भी कुछ नहीं कर पाए हैं.

Maja Ma फिल्म की कहानी

फिल्म 'मजा मा' की कहानी एक परफेक्ट महिला की डार्क पास्ट से जुड़ी हुई है. गुजरात की राजधानी अहमदाबाद में रहने वाली पल्लवी पटेल (माधुरी दीक्षित) डांस एकेडमी चलाती है. उसके परिवार में पति मनोहर (गजराज राव), बेटी तारा (सृष्टि श्रीवास्तव) और बेटा तेजस (ऋत्विक भौमिक) हैं. तेजस अमेरिका में पढ़ाई के बाद नौकरी करता है. वहां ईशा (बरखा सिंह) नामक पंजाबी मूल की एक लड़की से प्यार करने लगता है. ईशा का परिवार बहुत अमीर है. पिता बॉब हंसराज (रजीत कपूर) और पाम (शीबा चड्ढा) को तेजस पसंद नहीं आता है. उनको लगता है कि तेजस उनकी संपत्ति को देखकर उनकी लड़की से प्यार करता है. तेजस की असलीयत जानने के लिए वो लोग उसका लाई डिटेक्टर टेस्ट कराते हैं, जिसमें पास हो जाता है. इसके बाद ईशा के मां-बाप तेजस से अपनी बेटी की शादी करने के लिए तैयार हो जाते हैं.

ईशा का परिवार तेजस के परिवार से मिलने गुजरात आता है. तेजस के पिता मनोहर (गजराज राव) अपनी सोसाइटी का चेयरमैन हैं, तो वहीं पल्लवी सोसाइटी में बहुत मशहूर है. तेजस की शादीशुदा बहन अपने ससुराल से दूर समलैंगिकों के जीवन पर पीएचडी करने के लिए मायके में रह रही है. वह एलजीबीटीक्यूआईए प्लस समुदाय के लोगों के हक के लिए आवाज भी उठाती है. एक दिन पल्लवी का एक वीडियो वायरल हो जाता है, जिसमें वह अपनी बेटी से गुस्से में कहते हुए दिखाई देती है कि वह लेस्बियन है. इसके बाद सबकुछ उसके खिलाफ हो जाता है. सोसाइटी के लोग उसके परिवार को इग्नोर करने लगते हैं. यहां तक मनोहर को चेयरमैन का पद छोड़ने के लिए दबाव बनाने लगते हैं. ईशा-तेजस की शादी खतरे में पड़ जाती है. क्या पल्लवी की वजह से दोनों की शादी टूट जाएगी? जानने के लिए फिल्म देखनी होगी.

Maja Ma फिल्म की समीक्षा

आनंद तिवारी का निर्देशन अच्छा है. सेटिंग भी बहुत प्रामाणिक है, जो कि फिल्म को एक अच्छा स्पर्श देती है. अपने कुशल निर्देशन के जरिए आनंद कहानी के अनुरूप किरदारों को स्थापित करने में सफल दिखते हैं. कुछ दृश्यों को अच्छी तरह से निष्पादित किया गया है, जैसे कि तेजस का लाई-डिटेक्टर टेस्ट, पटेल परिवार में हंसराज परिवार का पहला दिन, तेजस का अपनी मां को लेकर तांत्रिक के पास ईलाज के लिए लेकर जाना, मनोहर का शक्तिवर्धन दवा खरीदने के लिए मेडिकल शॉप पर जाना. लेकिन जब ओवरऑल इम्पैक्ट की बात की जाएगी, तो यही कहा जा सकता है कि फिल्म औसत दर्जे की बन पड़ी है. लव स्टोरी के साथ समलैंगिकता जैसे संवेदनशील विषय को साधने की कोशिश जरूर की गई है, लेकिन सफलता नहीं मिली है. इसके लिए काफी हद सुमित बथेजा भी जिम्मेदार है, जिन्होंने फिल्म की पटकथा लिखी है.

कलाकारों की परफॉर्मेंस की जहां तक बात है तो माधुरी दीक्षित हमेशा की तरह ग्रेसफुल लगी हैं. फिल्म में अपने किरदार के हिसाब से उन्होंने शानदार परफॉर्मेंस दिया है. वो अपने कठिन किरदार को भी संवेदनशीलता से संभालती है और इसे निश्चित रूप से पसंद किया जाएगा. गजराज राव हमेशा की तरह भरोसेमंद हैं. उसका स्क्रीन टाइम पहले हाफ में सीमित है लेकिन वह बाद में चमकता है. ऋत्विक भौमिक डैशिंग दिखते हैं और संतुलित अभिनय प्रदर्शन किए हैं. बरखा सिंह एक बड़ी छाप छोड़ती है. सृष्टि श्रीवास्तव ने आत्मविश्वास से भरा काम किया है. रजित कपूर और शीबा चड्ढा जरूरत के मुताबिक परफॉर्म करते दिखते हैं, लेकिन उनके संवाद किरदार की चमक कम कर देते हैं. सिमोन सिंह (कंचन) प्यारी है, हालांकि उनके किरदार ने थोड़ा निराश किया है. मल्हार ठाकर, कविन दवे और श्रुता रावत ने भी अपने किरदार के साथ इंसाफ किया है.

कुल मिलाकर, ये कहा जा सकता है कि 'मजा मा' एक बेहतरीन फैमिली फिल्म हो सकती है, लेकिन पटकथा की खामी की वजह से एक औसत फिल्म बन पड़ी है. यदि आप माधुरी दीक्षित के जबरा फैन हैं, उनकी अदाकारी के साथ उनका डांस देखना चाहते हैं, तो आप इस फिल्म को एक बार देख सकते हैं.


इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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