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Madhubala: अधूरी मुहब्बत की मुकम्मल दास्तान है 'बॉलीवुड की वीनस' की असल जिंदगी

    • मुकेश कुमार गजेंद्र
    • Updated: 14 फरवरी, 2021 02:45 PM
  • 14 फरवरी, 2021 02:45 PM
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मधुबाला, जिसके नाम में ही मिठास थी. जिस वैलेंटाइन डे को दुनिया मुहब्बत के दिन के तौर पर मनाती है, उसी दिन मधुबाला का जन्म हुआ था. लेकिन असल ज़िन्दगी में सच्चे प्यार के लिए तरसती रही. चाही तो कलियां लेकिन नसीब में शायद कांटे ही लिखे थे.

'क्यों किसी को वफा के बदले, वफ़ा नहीं मिलती...क्यों किसी को दुआ के बदले, दुआ नहीं मिलती...क्यों किसी को खुशी के बदले, खुशी नहीं मिलती...' फिल्म 'तेरे नाम' में सलमान खान पर फिल्माया गया ये गाना अपने जमाने की मशहूर और खूबसूरत अदाकारा मधुबाला की जिंदगी का सच बयां करता है. मधुबाला सुंदरता का मानदंड बन चुकी थीं. उन्हें जो भी देखता, उनका दीवाना हो जाता था. उनके प्रति दीवानगी आलम ये था कि पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री जुल्फिकार अली भुट्टो तीन बार केवल मधुबाला को 'मुगल-ए-आजम' फिल्म की शूटिंग करते समय देखने आए थे. मधुबाला के दीवाने उनसे बेइंतहा मोहब्बत करते थे. आखिरकार वो पैदा भी तो प्यार के दिन यानि वैलेंटाइन डे को हुई थी. लेकिन हैरानी की बात ये कि जिस मधुबाला से पूरी दुनिया प्रेम करती रही, वो खुद सच्चे प्यार के लिए तरसती रहीं.

आज बॉलीवुड की इस 'मर्लिन मुनरो' का जन्मदिन है. उनका जन्म 14 फरवरी, 1933 को दिल्ली में एक पश्‍तून मुस्लिम परिवार में हुआ था. मधुबाला का बचपन का नाम मुमताज बेगम जहां देहलवी था. वो अपने माता-पिता की पांचवीं संतान थी. उनके अलावा घर में उनके 10 भाई-बहन थे. अपनी पांच बहनों में वो सबसे ज्यादा कमाती थीं. वो इतनी खूबसूरत थीं कि बचपने से ही उन्हें फिल्मों में काम मिलने लगा. बतौर बाल कलाकार साल 1942 में आई फिल्म 'बसंत' से उनके फिल्मी करियर की शुरूआत हो गई थी. उस वक्त उनकी उम्र सिर्फ 9 साल थी. लेकिन बतौर अभिनेत्री उन्होंने साल 1947 में आई फिल्म 'नीलकमल' में काम किया. इसेफिल्ममेकर केदार शर्मा ने बनाई थी. इसके बाद उन्होंने 1947 में 'दिल की रानी' और 1948 में 'अमर प्रेम' में काम किया. इन तीनों ही फिल्मों में बॉलीवुड के शौमैन राज कपूर उनके हीरो थे.

'तेरी महफ़िल में किस्मत आज़मा कर हम भी देखेंगे, घड़ी भर को तेरे नज़दीक आकर हम भी देखेंगे, अजी हां हम भी देखेंगे'...फिल्म मुगल-ए-आज़म के इस गाने में शायद मधुबाला की जिंदगी का सार छिपा हुआ था. उनकी मोहब्बत अपनी...

'क्यों किसी को वफा के बदले, वफ़ा नहीं मिलती...क्यों किसी को दुआ के बदले, दुआ नहीं मिलती...क्यों किसी को खुशी के बदले, खुशी नहीं मिलती...' फिल्म 'तेरे नाम' में सलमान खान पर फिल्माया गया ये गाना अपने जमाने की मशहूर और खूबसूरत अदाकारा मधुबाला की जिंदगी का सच बयां करता है. मधुबाला सुंदरता का मानदंड बन चुकी थीं. उन्हें जो भी देखता, उनका दीवाना हो जाता था. उनके प्रति दीवानगी आलम ये था कि पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री जुल्फिकार अली भुट्टो तीन बार केवल मधुबाला को 'मुगल-ए-आजम' फिल्म की शूटिंग करते समय देखने आए थे. मधुबाला के दीवाने उनसे बेइंतहा मोहब्बत करते थे. आखिरकार वो पैदा भी तो प्यार के दिन यानि वैलेंटाइन डे को हुई थी. लेकिन हैरानी की बात ये कि जिस मधुबाला से पूरी दुनिया प्रेम करती रही, वो खुद सच्चे प्यार के लिए तरसती रहीं.

आज बॉलीवुड की इस 'मर्लिन मुनरो' का जन्मदिन है. उनका जन्म 14 फरवरी, 1933 को दिल्ली में एक पश्‍तून मुस्लिम परिवार में हुआ था. मधुबाला का बचपन का नाम मुमताज बेगम जहां देहलवी था. वो अपने माता-पिता की पांचवीं संतान थी. उनके अलावा घर में उनके 10 भाई-बहन थे. अपनी पांच बहनों में वो सबसे ज्यादा कमाती थीं. वो इतनी खूबसूरत थीं कि बचपने से ही उन्हें फिल्मों में काम मिलने लगा. बतौर बाल कलाकार साल 1942 में आई फिल्म 'बसंत' से उनके फिल्मी करियर की शुरूआत हो गई थी. उस वक्त उनकी उम्र सिर्फ 9 साल थी. लेकिन बतौर अभिनेत्री उन्होंने साल 1947 में आई फिल्म 'नीलकमल' में काम किया. इसेफिल्ममेकर केदार शर्मा ने बनाई थी. इसके बाद उन्होंने 1947 में 'दिल की रानी' और 1948 में 'अमर प्रेम' में काम किया. इन तीनों ही फिल्मों में बॉलीवुड के शौमैन राज कपूर उनके हीरो थे.

'तेरी महफ़िल में किस्मत आज़मा कर हम भी देखेंगे, घड़ी भर को तेरे नज़दीक आकर हम भी देखेंगे, अजी हां हम भी देखेंगे'...फिल्म मुगल-ए-आज़म के इस गाने में शायद मधुबाला की जिंदगी का सार छिपा हुआ था. उनकी मोहब्बत अपनी किस्मत ही आजमाती रही, लेकिन कभी मुकम्मल इश्क नसीब नहीं हुआ. बॉलीवुड की ये वीनस असल ज़िन्दगी में सच्चे प्यार के लिए तरसती रही. रुपहले पर्दे की इस अनारकली ने चाही तो कलियां लेकिन नसीब में उनके शायद कांटे ही लिखे हुए थे. पहले दिलीप कुमार से प्यार हुआ, लेकिन बात शादी से पहले ही खत्म हो गई. उसके बाद उनकी जिंदगी में आए किशोर कुमार. दोनों ने शादी तक कर ली. लगा अब सबकुछ ठीक हो जाएगा. चुलबुला इंसान उनकी जिंदगी में चहचहाट ला देगा. लेकिन शायद किस्मत को कुछ और मंजूर था. बीमार मधुबाला से किशोर कुमार ने भी अपना मुंह फेर लिया.

किशोर कुमार ने दिया था धोखा?

दिलीप कुमार से रिश्ता टूटने के बाद मधुबाला अक्सर बीमार रहने लगी थीं. उनका परिवार उनके इलाज के लिए लंदन ले जाने की तैयारी कर रहा था. उस दौरान किशोर कुमार मधुबाला की जिंदगी में आ गए. उन्होंने उनको प्रपोज किया. दिल से टूटी मधुबाला ने किशोर कुमार को हां कर दिया, लेकिन पिता अत्ताउल्लाह खान चाहते थे कि मधुबाला पहले डॉक्टरों की राय अपना इलाज कराएं. पूरी तरह ठीक होने के बाद ही शादी करें. लेकिन मधुबाला नहीं मानीं, उन्होंने किशोर कुमार से शादी कर ली. 27 साल की उम्र में साल 1960 में दोनों की शादी हो गई. लेकिन किस्मत भी अपना खेल लगातार खेल रही थी. डॉक्टरों ने बताया कि मधुबाला अब ज्यादा दिनों तक नहीं जी पाएंगी. ये किशोर कुमार के लिए बड़ा झटका था. उन्होंने मुंबई के कार्टर रोड में एक बंगला खरीदा. वहां नर्स और ड्राइवर के साथ मधुबाला को अकेला छोड़ दिया.

किशोर कुमार चार महीने में एक बार मधुबाला से मिलने आया करते थे. यहां तक कि उन्होंने मधुबाला का फोन उठाना भी बंद कर दिया था. कभी मधुबाला से बेइंतहा प्यार करने वाले किशोर कुमार बदल गए. उन्होंने मधुबाला को धोखा दे दिया. मधुबाला इस बात से बेहद दुखी थीं कि उनसे कोई भी मिलने नहीं आता था. एक वक्त वह बॉलीवुड की जान थी. हजारों लोग उनके दीवाने थे. लेकिन जब वह बीमार पड़ी और मरने की कगार पर पहुंच गई, तो कोई एक भी उनका हाल जानने नहीं आया. यहां तक कि उनसे प्यार करने वाले भी उन्हें तन्हा अकेला छोड़ गए. जिंदगी से निराश और अपनों से नाराज मधुबाला ने उनदिनों तैयार होना तक छोड़ दिया था. अकेले अपने कमरे में चुपचाप बैठी रहती थी. बीमारी से पहले ही तन्हाई ने उनकी जान ले ली. महज 36 साल की उम्र में वो इस मायावी दुनिया को अलविदा कह गईं.

प्रेमनाथ को भेजा था गुलाब का फूल

मधुबाला एक बार भी अपनी नजरों से किसी की तरफ देख लेतीं, तो वह शख्स उनका दीवाना हो जाता था. मधुबाला इंतजार नहीं इजहार में यकीन करती थीं. यह कर दिखाया उन्होंने अपनी फिल्म बादल के सेट पर. इस फिल्म में मधुबाला एक्टर प्रेमनाथ के साथ काम रही थी. प्रेमनाथ उनको अच्छे लगने लगे. उन्होंने एक गुलाब और खत लिखकर प्रेमनाथ को भेज दिया. जिस मधुबाला के पीछे लोग पड़े रहते, उसने प्रेम प्रपोजल भेजा तो प्रेमनाथ खुशी से पागल हो गए. दोनों का इश्क परवान चढ़ने लगा. इसी बीच एक फिल्म ताराना में मधुबाला को दिलीप कुमार के साथ काम करने का मौका मिला. शूटिंग के दौरान दोनों नजदीक आने लगे. मधुबाला दिलीप कुमार को दिल दे बैठी. उन्होंने उनको भी एक गुलाब भेजा और कहा कि यदि हां है, तो गुलाब रखिए, वरना इसे मुझे वापस कर दीजिएगा. दिलीप साहब को ये अदा बहुत पसंद आई.

दोनों का प्रेम प्रसंग शुरू हो गया. तभी एक फिल्म 'आन' में तीनों को एक साथ काम करने का मौका मिल गया. प्रेमनाथ, दिलीप कुमार और मधुबाला एक साथ शूटिंग कर रहे थे. उस वक्त मधुबाला प्रेमनाथ और दिलीप कुमार दोनों को ही डेट कर रही थीं. प्रेमनाथ ने दिलीप कुमार ने कहा कि मधुबाला उनसे प्रेम करती है. दरअसल मधुबाला को जोरदार ठहाके लगाने की आदत थी. वह बात बेबात ठहाके लगाती थीं. ठहाकों के कारण कुछ लोगों को ये भ्रम हो जाता था कि वो उन्हें चाहने लगी हैं. मधुबाला अपने सौंदर्य के जादू से परिचित थीं. वह जानबूझकर लोगों को मुगालते में डालती थीं. हालांकि, वो दिलीप कुमार से प्यार करती थीं. दिलीप कुमार भी उनसे शादी करना चाहते थे. लेकिन ऐसा हुआ नहीं. दोनों हमेशा-हमेशा के लिए एक-दूसरे जुदा हो गए. उनकी जुदाई की दो कहानियां कही जाती हैं. दोनों के अपने-अपने मतलब हैं.

क्यों टूटी दिलीप कुमार से सगाई?

मधुबाला के पिता अत्ताउल्लाह खान भी उनकी दिलीप कुमार से इस शर्त पर करना चाहते थे कि विवाह के बाद दिलीप कुमार और मधुबाला केवल उनके द्वारा निर्माण की जाने वाली फिल्मों में काम करेंगे. दिलीप कुमार अपने काम में सौदा नहीं करना चाहते थे. यही वजह है दोनों के बीच दूरी हो गई. मधुबाला पिता का साथ नहीं छोड़ना चाहती थीं. मधुबाला की बहन की मानें तो उनके पिता अताउल्लाह खान की जिद की वजह से उन दोनों को रिश्ता टूट गया था. दिलीप कुमार और मधुबाला बी आर चोपड़ा की फिल्म 'नया दौर' की शूटिंग कर रहे थे. फिल्म के कुछ हिस्सों की शूटिंग के लिए मधुबाला को ग्वालियर जाना था. लेकिन डकैतों का इलाका होने की वजह से पिता लोकेशन बदलने की बात करने लगे. चोपड़ा राजी नहीं हुए. तब अत्ताउल्लाह खान ने मधुबाला को फिल्म छोड़ने और मेकर्स के पैसे लौटाने के लिए कह दिया था.

इधर दिलीप कुमार और मधुबाला की सगाई हो चुकी थी. लिहाजा बीआर चोपड़ा ने दिलीप को मधुबाला से बात करने के लिए भेजा. दिलीप साहब ने मधुबाला को खूब समझाया, लेकिन वे पिता के खिलाफ जाने के लिए राजी नहीं हुईं. नाराज होकर चोपड़ा प्रोडक्शन ने मधुबाला के खिलाफ केस फाइल कर दिया. रिश्ते में दरार आने लगी तो दिलीप कुमार ने मधुबाला के सामने फिल्में छोड़, शादी करने का प्रस्ताव रखा. लेकिन मधुबाला ने कहा कि वे तभी शादी करेंगी जब दिलीप उनके पिता से माफी मांगे. दिलीप कुमार ने इंकार कर दिया. इसके बाद दोनों की राहें हमेशा के लिए जुदा हो गईं. रिश्तों में 'इगो' की ऐसी अहमियत कि प्यार को ही अलविदा कह गए. शायद वह 'एक माफी' दोनों की जिंदगी बदल सकती थी. दूर रहकर दोनों एक-दूसरे को चाहते रहे. आज भी मधुबाला दिलीप साहब की यादों में जिंदा होंगी.



इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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