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आमिर की फिल्म लाल सिंह चड्ढा देखने के बाद ये 4 आशंकाएं सही साबित हुईं

    • आईचौक
    • Updated: 11 अगस्त, 2022 03:28 PM
  • 11 अगस्त, 2022 03:28 PM
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आमिर खान की लाल सिंह चड्ढा (Laal Singh Chaddha) रिलीज हो गई है. पिछले कई दिनों से फिल्म को लेकर चार आशंकाएं जताई जा रही थीं. सोशल मीडिया रिव्यू तो यही कहते दिख रहे कि आमिर की फिल्म को लेकर जताई गई आशंकाएं सौ प्रतिशत सही हैं.

सीक्रेट सुपरस्टार फेम अद्वैत चंदन के निर्देशन में बनी 'लाल सिंह चड्ढा' सिनेमाघरों में दिखाई जा रही है. आमिर खान, करीना कपूर खान और नागा चैतन्य स्टारर फिल्म असल में हॉलीवुड की क्लासिक में शुमार टॉम हैंक्स और रॉबिन राइट की फॉरेस्ट गंप का आधिकारिक बॉलीवुड रीमेक है. फॉरेस्ट गंप भारत समेत दुनिया में सर्वाधिक देखी और सराही गई फिल्मों में से एक भी है. यही वजह है कि लाल सिंह चड्ढा का ट्रेलर आने के बाद कई लोगों ने आमिर-करीना के लुक और अभिनय को लेकर सवाल उठाए थे.

सोशल मीडिया पर लाल सिंह चड्ढा से जुड़े ट्रेंड मजबूत दिख रहे हैं. वैसे सोशल मीडिया पर आमिर के कुछ पुराने बयानों, हिंदू-मुस्लिम वजहों और मूल फिल्म के साथ रीमेक के कंटेंट को लेकर फिल्म का विरोध किया जा रहा है. रिलीज के बाद सोशल प्लेटफॉर्म्स पर लाल सिंह चड्ढा के यूजर रिव्यू भी आने लगे हैं. अब अगर इन रिव्यूज को देखें तो पिछले कई दिनों से आमिर की फिल्म के खिलाफ जारी विरोध में जो आशंकाएं जताई जा रही थीं वह सही साबित होती दिख रही हैं. आइए जानते हैं कि लाल सिंह चड्ढा के सोशल और क्रिटिक रिव्यू में लोगों की वो चार आशंकाएं क्या थीं जो अब सही लगने लगी हैं.

लाल सिंह चड्ढा में आमिर खान.

#1. फॉरेस्ट गंप का बेहद घटिया रीमेक

लाल सिंह चड्ढा का ट्रेलर आने के बाद कहा जा रहा था कि यह फिल्म फॉरेस्ट गंप का घटिया रीमेक है. कई लोगों ने पहले भी सवाल उठाया था कि बॉलीवुड और आमिर जिस तरह की फ़िल्में बनाते रहे हैं- उसमें यह संभव ही नहीं कि लाल सिंह चड्ढा के रूप में बॉलीवुड फॉरेस्ट गंप की कहानी का रूपांतरण कर सके. राजनीतिक वजहें भी अहम हैं. बॉलीवुड हमेशा से फिल्मों में पॉलिटिकल लाइन पकड़ने से बचता रहा है.  

सोशल मीडिया पर लोग लिख भी रहे हैं कि अब तक बॉलीवुड ने हॉलीवुड से...

सीक्रेट सुपरस्टार फेम अद्वैत चंदन के निर्देशन में बनी 'लाल सिंह चड्ढा' सिनेमाघरों में दिखाई जा रही है. आमिर खान, करीना कपूर खान और नागा चैतन्य स्टारर फिल्म असल में हॉलीवुड की क्लासिक में शुमार टॉम हैंक्स और रॉबिन राइट की फॉरेस्ट गंप का आधिकारिक बॉलीवुड रीमेक है. फॉरेस्ट गंप भारत समेत दुनिया में सर्वाधिक देखी और सराही गई फिल्मों में से एक भी है. यही वजह है कि लाल सिंह चड्ढा का ट्रेलर आने के बाद कई लोगों ने आमिर-करीना के लुक और अभिनय को लेकर सवाल उठाए थे.

सोशल मीडिया पर लाल सिंह चड्ढा से जुड़े ट्रेंड मजबूत दिख रहे हैं. वैसे सोशल मीडिया पर आमिर के कुछ पुराने बयानों, हिंदू-मुस्लिम वजहों और मूल फिल्म के साथ रीमेक के कंटेंट को लेकर फिल्म का विरोध किया जा रहा है. रिलीज के बाद सोशल प्लेटफॉर्म्स पर लाल सिंह चड्ढा के यूजर रिव्यू भी आने लगे हैं. अब अगर इन रिव्यूज को देखें तो पिछले कई दिनों से आमिर की फिल्म के खिलाफ जारी विरोध में जो आशंकाएं जताई जा रही थीं वह सही साबित होती दिख रही हैं. आइए जानते हैं कि लाल सिंह चड्ढा के सोशल और क्रिटिक रिव्यू में लोगों की वो चार आशंकाएं क्या थीं जो अब सही लगने लगी हैं.

लाल सिंह चड्ढा में आमिर खान.

#1. फॉरेस्ट गंप का बेहद घटिया रीमेक

लाल सिंह चड्ढा का ट्रेलर आने के बाद कहा जा रहा था कि यह फिल्म फॉरेस्ट गंप का घटिया रीमेक है. कई लोगों ने पहले भी सवाल उठाया था कि बॉलीवुड और आमिर जिस तरह की फ़िल्में बनाते रहे हैं- उसमें यह संभव ही नहीं कि लाल सिंह चड्ढा के रूप में बॉलीवुड फॉरेस्ट गंप की कहानी का रूपांतरण कर सके. राजनीतिक वजहें भी अहम हैं. बॉलीवुड हमेशा से फिल्मों में पॉलिटिकल लाइन पकड़ने से बचता रहा है.  

सोशल मीडिया पर लोग लिख भी रहे हैं कि अब तक बॉलीवुड ने हॉलीवुड से प्रेरित होकर जितनी भी फ़िल्में बनाई हैं आमिर की लाल सिंह चड्ढा उनमें सबसे घटिया और सस्ती कॉपी है. इसे हिंदी फॉरेस्ट गंप भी नहीं कहा जा सकता. कुछ ने कहा कि अच्छा होता कि आमिर कहानी बनाने का राइट खरीदकर इसे लाल सिंह चड्ढा की तरह ही बनाते और बेंचते. तब शायद फिल्म में दिख रही कुछेक अच्छी चीजें किल्क करतीं और उन्हें फायदा मिल सकता था. लेकिन फॉरेस्ट गंप की लीगेसी भुनाने के चक्कर में उन्होंने बॉलीवुड के हिसाब से "क्रिएटिव ब्लंडर" कर दिया.

#2. आमिर-करीना की एक्टिंग शर्मनाक

कंटेंट के आधार पर आमिर-करीना और टॉम हैंक्स-रॉबिन राइट के अभिनय की भी तुलना की जा रही थी. सोशल मीडिया पर लोग खासे भड़के नजर आ रहे हैं. लोगों ने लिखा- आमिर ने फॉरेस्ट के किरदार को लाल सिंह के रूप में बेहद मजाकिया तरीके से लिया है. मूल फिल्म में टॉम हैंक्स की शारीरिक भाषा सहज थी. लेकिन लाल सिंह के रूप में आमिर की शारीरिक भाषा साफ़ बुनावट समेटे दिख रही है. कई बार तो चिढ़ सी होती है. सोशल मीडिया पर अभिनय को नापसंद करने वालों ने लिखा- लगता है अब आमिर के पास करने को कुछ बचा ही नहीं. वे बॉलीवुड की फ़ॉर्मूला एक्टिंग का दोहराव कर रहे हैं. कुछ लोगों ने यहां तक लिखा- करीना, रॉबिन राइट के किरदार को छूने की कोशिश भी करती नहीं दिखती जो फॉरेस्ट गंप की जान है.

#3. फिल्म की लंबाई सिनेमाघर में झेलने जैसा

रिलीज से पहले लोग लाल सिंह चड्ढा की लंबाई पर भी सवाल उठा रहे थे. कुछ प्रतिक्रियाओं में कहा जा रहा कि सिनेमाघर में एक कमजोर कहानी को 2 घंटा 44 मिनट देखना यातनापूर्ण है. फिल्म में कई चीजों को निकाल दिया जाता तो भला इससे कहानी पर क्या फर्क पड़ता. बल्कि फिल्म की अवधि कम होने से दर्शकों को राहत ही मिलती. कुछ दर्शकों ने लिखा- अगर कहानी चुस्त और मनोरंजक होती तो दर्शकों को लंबी चौड़ी फिल्म देखने में असहजता नहीं होती.

#4. कहानी में भारत की यात्रा नहीं दिखती

लाल सिंह चड्ढा के आने से पहले दर्शक इन बिंदुओं पर भी सवाल उठा रहे थे कि आमिर अपनी फिल्म में फॉरेस्ट गंप जैसी कहानी और संदर्भ जोड़ ही नहीं सकते. कुछ लोगों ने राजनीतिक वजहें बताई और कुछ लोगों ने बॉलीवुड का अपना रवैया. लोगों के मुताबिक़ बॉलीवुड में राजनीतिक सामजिक आलोचनाओं की ताकत ही नहीं है.

अब लाल सिंह चड्ढा को देखने के बाद लोगों की आशंकाएं सही साबित हो रही हैं. फॉरेस्ट गंप में एक व्यक्ति के साथ राष्ट्र के रूप में अमेरिका की भी कहानी है. मूल फ़िल्म में तथ्य और तार्किकता के साथ उसे रखा भी गया है. लेकिन लाल सिंह चड्ढा में एक राष्ट्र के रूप में भारत की वैसी स्पष्ट यात्रा नजर नहीं आती.

वैसे सोशल मीडिया पर उन ट्रोल समीक्षाओं की भी कमी नहीं जिसे हिंदू मुस्लिम, देशभक्त देश द्रोही वजहों से सही और गलत बताया जा रहा है.

आमिर की तारीफ़ करने वालों के इन दावों का क्या ही कहा जाए?

लाल सिंह चड्ढा की तारीफ़ करने वालों की भी कमी नहीं है. आमिर की फिल्म रिलीज होने के बाद ट्विटर पर उनके प्रशंसक एक ट्रेंड लीड कर रहे हैं. ट्रेंड है- #BetterThanTheOriginal जिसमें आमिर की फिल्म को मूल फिल्म से भी बेहतरीन बताया जा रहा है. ट्रेंड पर कई सारे ट्वीट हैं. हालांकि आलोचना करने वाले यहां भी कम नहीं. वे कहते नजर आ रहे हैं कि लाल सिंह चड्ढा को फॉरेस्ट गंप से बेहतर बताना खुद अपनी तारीफ़ करने के अलावा कुछ भी नहीं है.

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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