• होम
  • सियासत
  • समाज
  • स्पोर्ट्स
  • सिनेमा
  • सोशल मीडिया
  • इकोनॉमी
  • ह्यूमर
  • टेक्नोलॉजी
  • वीडियो
होम
सिनेमा

Kya Meri Sonam Gupta Bewafa Hai Review: अपने सवाल का जवाब तो देती है, लेकिन निराश करती है फिल्म

    • मुकेश कुमार गजेंद्र
    • Updated: 11 सितम्बर, 2021 06:16 PM
  • 11 सितम्बर, 2021 06:16 PM
offline
ओटीटी प्लेटफॉर्म जी5 पर फिल्म 'क्या मेरी सोनम गुप्ता बेवफा है?' 10 सितंबर से स्ट्रीम हो रही है. पेन स्टूडियो के डॉ. जयंतीलाल गड़ा द्वारा प्रस्तुत, धवल गड़ा और अक्षय गड़ा द्वारा निर्मित इस फिल्म का निर्देशन सौरभ त्यागी ने किया है. इसमें टीवी एक्ट्रेस सुरभि ज्योति और पंजाबी सिंगर जस्सी गिल अहम रोल में हैं.

साल 2016 के शुरूआत में 'सोनम गुप्ता बेवफा है' लिखे हुए नोट बहुत चर्चा में आए थे. इसे लेकर इंटरनेट पर सनसनी फैल गई थी. किसी दिलजले ने अपनी माशूका को सबक सीखाने के लिए 10 रुपए के नोट पर 'सोनम गुप्ता बेवफा है' लिखकर वायरल कर दिया था. इसी मुद्दे पर 5 साल बाद फिल्म 'क्या मेरी सोनम गुप्ता बेवफा है?' बनी है, जिसमें इसका जवाब तलाशने की कोशिश की गई है कि क्या सचमुच सोनम गुप्ता नामक लड़की ने अपने आशिक से बेवफाई की थी. पेन स्टूडियो के डॉ. जयंतीलाल गड़ा द्वारा प्रस्तुत, धवल गड़ा और अक्षय गड़ा द्वारा निर्मित इस फिल्म का निर्देशन सौरभ त्यागी ने किया है.

ओटीटी प्लेटफॉर्म जी5 पर स्ट्रीम हो रही फिल्म 'क्या मेरी सोनम गुप्ता बेवफा है?' के जरिए टीवी एक्ट्रेस सुरभि ज्योति और पंजाबी सिंगर जस्सी गिल अपना बॉलीवुड डेब्यू कर रहे हैं. इसमें विजय राज, बिजेंद्र कला, अतुल श्रीवास्तव और राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता दिवंगत अभिनेत्री सुरेखा सीकरी भी प्रमुख भूमिकाओं में हैं. फिल्मों में छोटे शहरों के प्यार को एक फिक्स पैटर्न पर दिखाया जाता रहा है. इसमें आशिकनुमा एक लड़का कॉलेज जाती लड़की का पीछा करता है. उस लड़की के कई और दीवाने भी होते हैं, लेकिन एक दिन लड़की पीछा करने वाले लड़के की तरफ हंसकर देख लेती है, तो लड़का समझ लेता है कि 'हंसी तो फंसी'.

फिल्म 'क्या मेरी सोनम गुप्ता बेवफा है?' में टीवी एक्ट्रेस सुरभि ज्योति और पंजाबी सिंगर जस्सी गिल अहम किरदारों में हैं.

ऐसी प्रेम कहानियों में ये भी दिखाया जाता है कि लड़का-लड़की के बीच 'डिस्टेंस रोमांस' होता रहता है. इसी बीच एक दिन लड़की की शादी तय हो जाती है. लड़के के अरमान आंसूओं में बह जाते हैं. इसके बाद वो भी अपना घर बसाने की सोचने लगता है. कुछ इसी तरह फिल्म 'क्या मेरी सोनम गुप्ता बेवफा है?' भी बुनी गई...

साल 2016 के शुरूआत में 'सोनम गुप्ता बेवफा है' लिखे हुए नोट बहुत चर्चा में आए थे. इसे लेकर इंटरनेट पर सनसनी फैल गई थी. किसी दिलजले ने अपनी माशूका को सबक सीखाने के लिए 10 रुपए के नोट पर 'सोनम गुप्ता बेवफा है' लिखकर वायरल कर दिया था. इसी मुद्दे पर 5 साल बाद फिल्म 'क्या मेरी सोनम गुप्ता बेवफा है?' बनी है, जिसमें इसका जवाब तलाशने की कोशिश की गई है कि क्या सचमुच सोनम गुप्ता नामक लड़की ने अपने आशिक से बेवफाई की थी. पेन स्टूडियो के डॉ. जयंतीलाल गड़ा द्वारा प्रस्तुत, धवल गड़ा और अक्षय गड़ा द्वारा निर्मित इस फिल्म का निर्देशन सौरभ त्यागी ने किया है.

ओटीटी प्लेटफॉर्म जी5 पर स्ट्रीम हो रही फिल्म 'क्या मेरी सोनम गुप्ता बेवफा है?' के जरिए टीवी एक्ट्रेस सुरभि ज्योति और पंजाबी सिंगर जस्सी गिल अपना बॉलीवुड डेब्यू कर रहे हैं. इसमें विजय राज, बिजेंद्र कला, अतुल श्रीवास्तव और राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता दिवंगत अभिनेत्री सुरेखा सीकरी भी प्रमुख भूमिकाओं में हैं. फिल्मों में छोटे शहरों के प्यार को एक फिक्स पैटर्न पर दिखाया जाता रहा है. इसमें आशिकनुमा एक लड़का कॉलेज जाती लड़की का पीछा करता है. उस लड़की के कई और दीवाने भी होते हैं, लेकिन एक दिन लड़की पीछा करने वाले लड़के की तरफ हंसकर देख लेती है, तो लड़का समझ लेता है कि 'हंसी तो फंसी'.

फिल्म 'क्या मेरी सोनम गुप्ता बेवफा है?' में टीवी एक्ट्रेस सुरभि ज्योति और पंजाबी सिंगर जस्सी गिल अहम किरदारों में हैं.

ऐसी प्रेम कहानियों में ये भी दिखाया जाता है कि लड़का-लड़की के बीच 'डिस्टेंस रोमांस' होता रहता है. इसी बीच एक दिन लड़की की शादी तय हो जाती है. लड़के के अरमान आंसूओं में बह जाते हैं. इसके बाद वो भी अपना घर बसाने की सोचने लगता है. कुछ इसी तरह फिल्म 'क्या मेरी सोनम गुप्ता बेवफा है?' भी बुनी गई है. ऐसी कहानी जिस पर न जाने कितनी हिंदी फिल्में बनाई जा चुकी हैं. यही इस फिल्म की सबसे बड़ी कमजोरी भी है. दो घंटे लंबी इस फिल्म के स्क्रीनप्ले के संदर्भ में देखें तो अपना कुछ भी मूल नहीं नजर आता है. एक 'छोटे शहर' पर आधारित फिल्म में सदियों पुराने दृश्य होते हैं, जहां एक मॉडर्न लड़की कौतूहल का विषय होती है.

Kya Meri Sonam Gupta Bewafa Hai फिल्म की कहानी

'क्या मेरी सोनम गुप्ता बेवफा है?' फिल्म की कहानी उत्तर प्रदेश के शहर बदायूं से शुरू होकर बरेली में खत्म हो जाती है, जहां एक लड़के और लड़की के बीच प्यार और घृणा के बीज कैसे पनपते हैं, उसे बखूबी दिखाया गया है. फिल्म की शुरूआत अभिनेता विजय राज के वॉयस ओवर से होती है, जिसमें वो दो परिवारों का परिचय कराते हैं. एक परिवार बैंक में काम करने वाले गुप्ता जी का है, तो दूसरा गारमेंट शॉप चलाने वाले पिंटे जी का. गुप्ता जी के घर लड़की (सुरभि ज्योति) पैदा होती है, जिसके बारे में पंडितजी भविष्यवाणी करते हैं कि बड़ी होकर वो देश-दुनिया में नाम रौशन करेगी. पिंटे जी के घर लड़का पैदा होता है, जिसे परिवार का बहुत प्यार मिलता है.

गुप्ता जी बैंक में काम करते हैं, उनका बरेली में तबादला हो जाता है. उनकी बेटी सोनम गुप्ता बड़ी होकर कॉलेज जाने लगती है. आजाद और आधुनिक ख्यालों वाली सोनम के पीछे दीवानों की लाइन लगी होती है, लेकिन वो किसी को भाव नहीं देती. यहां तक कि उसके घर के आसपास मजनुओं की भीड़ मॉर्निंग और इवनिंग वॉक करती नजर आती है. ये देख गुप्ताजी बेचारे हमेशा परेशान रहते हैं. वो चाहते हैं कि बेटी की शादी जल्दी कर दें, लेकिन मां अड़ जाती है, उसे लगता है कि पंडितजी की भविष्यवाणी के मुताबिक बेटी को तो अभी नाम रौशन करना है. इधर, पिंटे जी का बेटा सिंटू (जस्सी गिल) भी जवान है, उसकी शादी के लिए लड़की खोजी जा रही है.

सिंटू की मां (विभा छिब्बर) उसे बहुत मानती है, लेकिन उसे बहू के लिए ऐसी लड़की नहीं मिल पाती, जैसा वो चाहती हैं. लड़की वाले आते तो हैं, लेकिन 12वीं पास सिंटू के बारे में जानने के बाद भाग जाते हैं. मां को लगता है कि बेटे के लिए बड़ा घर और बड़ी दुकान हो जाए, तो उसकी अच्छी शादी हो जाएगी. इसलिए वो भूख हड़ताल पर बैठ जाती है. थक हारकर पिंटे जी (अतुल श्रीवास्तव) इलाके के एक रसूखदार संजीव नागराल (विजय राज) से लोन लेकर बेटे के लिए नया घर लेते हैं. लेकिन सिंटू लव मैरिज करना चाहता है. वो सोनम का दीवाना बन जाता है. सोनम भी उससे प्यार करने का नाटक करने लगती है. उसे पूरी तरह अपने ग्रिप में ले लेती है.

बात सोनम और सिंटू की शादी तक पहुंच जाती है, लेकिन एक दिन अचानक सोनम गायब हो जाती है. वो कई लड़कों से शादी के नाम पर पैसे लेकर चंपत हो जाती है. इससे सिंटू को बहुत आघात पहुंचता है. वो उसे बदनाम करने के लिए नोटों पर सोनम गुप्ता बेवफा है, लिखकर वायरल कर देता है. सोनम गुप्ता की बहुत बेइज्जती होती है. इसकी वजह से उसकी शादी भी टूट जाती है, जो विदेश में रहने वाले लड़के से होने वाली होती है. इधर, सिंटू भी शादी करने का फैसला ले लेता है. लेकिन शादी वाले दिन ही संजीव नागराल अपना पैसा लेने आ धमकता है. पिंटे जी को अगवा कर लेता है. परिवार के पास उन्हें छुड़ाने के पैसे नहीं होते, तो सोनम गुप्ता अपनी जमा-पूंजी लाकर संजीव को दे देती है. ये देखकर सिंटू दंग रह जाता है. उस दिन उसे पता चलता है कि वो बेवफा नहीं है. वो अपने सपनों को पूरा करना चाहती थी.

Kya Meri Sonam Gupta Bewafa Hai फिल्म की समीक्षा

निर्देशक सौरभ त्यागी छोटे शहरों की प्रेम कहानियों के आकर्षण और रिश्तों की बारीकियों को उजागर करने में विफल रहे हैं. हालांकि, बरेली में पले-बढ़े और मुंबई में रहने वाले सौरभ इससे पहले फिल्म 'मजहबी लड्डू' के जरिए अपनी प्रतिभा साबित कर चुके हैं, लेकिन इस फिल्म में उनसे उम्मीदें ज्यादा थीं. फिल्म का छायांकन भी उम्दा नहीं है. अस्पष्ट मास्टर शॉट्स और परिवेश प्रकाश व्यवस्था के साथ बिल्कुल भी आधुनिक नहीं दिखता. जो न तो इमोशन को हाईलाइट करता है और न ही किसी तरह से इसे ऊपर उठाता है. फिल्म की कहानी की तरह म्यूजिक भी पुराना ही है. इसमें साल 1956 के मशहूर ट्रैक 'लेके पहला पहला प्यार' को रिक्रिएट किया गया है, जो फिल्म 'सीआईडी' से लिया गया है. इस शमशाद बेगम, मोहम्मद रफी और आशा भोंसले ने गाया है, बोल मजरूह सुल्तानपुरी ने लिखे हैं. इस फिल्म में इसे जस्सी गिल ने गाया है.

जहां तक कलाकारों की परफॉर्मेंस की बात है, तो जस्सी गिल और सुरभि ज्योति ने अच्छा काम किया है. हालांकि, मुझे सुरभि में कहीं-कहीं सोनाक्षी सिन्हा की झलक दिखी है. कई बार ऐसा होता है कि हम अपने चहेते सितारों की नकल करने लगते हैं. ऐसे में अपनी मौलिकता खोने का डर है. एकता कपूर के टीवी सीरियल नागिन से मशहूर हुईं सुरभि की ये डेब्यू फिल्म है, उनको अभी लंबा सफर तय करना है, इसलिए नेचुरल एक्टिंग पर ध्यान देना चाहिए. इसके अलावा गुप्ता जी के किरदार में बिजेंद्र कला और पिंटे जी के किरदार में अतुल श्रीवास्तव खूब जमे हैं. बाहुबली दबंग की भूमिका के साथ विजय राज ने न्याय किया है. दादी की भूमिका निभाने वाली सुरेखा सीकरी की ये आखिरी फिल्म थी. तबियत खराब होने के बावजूद वो स्क्रीन पर जब भी दिखती हैं, अलग छाप छोड़ती हैं. हालांकि, उनका रोल कम है.

कुल मिलाकर, फिल्म 'क्या मेरी सोनम गुप्ता बेवफा है?' एक औसत दर्जे की फिल्म है. इसे एक बार देखा जा सकता है. बीच-बीच में बोरियत होती है, लेकिन कहीं-कहीं उत्सुकता भी जगाती है. फिल्म में एंटरटेनमेंट के साथ कुछ सोशल मैसेज देने की भी कोशिश की गई है.

iChowk.in रेटिंग:- 5 में से 2 स्टार


इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

ये भी पढ़ें

Read more!

संबंधि‍त ख़बरें

  • offline
    सत्तर के दशक की जिंदगी का दस्‍तावेज़ है बासु चटर्जी की फिल्‍में
  • offline
    Angutho Review: राजस्थानी सिनेमा को अमीरस पिलाती 'अंगुठो'
  • offline
    Akshay Kumar के अच्छे दिन आ गए, ये तीन बातें तो शुभ संकेत ही हैं!
  • offline
    आजादी का ये सप्ताह भारतीय सिनेमा के इतिहास में दर्ज हो गया है!
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.

Read :

  • Facebook
  • Twitter

what is Ichowk :

  • About
  • Team
  • Contact
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.
▲